हिंदी साहित्य का इतिहास

SHARE:

हिंदी साहित्य का इतिहास Hindi Sahitya Ka Itihas हिंदी साहित्य का इतिहास Hindi Sahitya Ka Itihas हिन्दी साहित्य का इतिहास - हिंदी भाषा की उत्पत्ति ग्यारहवीं शताब्दी के आस - पास स्वीकार किया जाता है .हिंदी साहित्य का इतिहास से सम्बंधित प्रश्नों को सम्मलित किया गया है ,जो कि विद्यार्थी वर्ग के लिए बहुत ही उपयोगी है . हिंदी साहित्य का इतिहास से सम्बंधित प्रश्न निम्नलिखित हैं

हिंदी साहित्य का इतिहास 
Hindi Sahitya Ka Itihas


हिंदी साहित्य का इतिहास Hindi Sahitya Ka Itihas हिन्दी साहित्य का इतिहास - हिंदी भाषा की उत्पत्ति ग्यारहवीं शताब्दी के आस - पास स्वीकार किया जाता है .हिंदी साहित्य के प्रारंभ के विषय में विद्वानों के तीन प्रकार के मत है .शिवसिंह सेंगर ,मिश्रबंधु तथा आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने अपभ्रंश को ही पुरानी हिंदी मान कर
हिंदी साहित्य का इतिहास
हिंदी साहित्य का इतिहास
सातवीं सदी से हिंदी साहित्य का प्रारम्भ मान लिया है .सम्पूर्ण अपभ्रंश काव्य को हिदी साहित्य में स्थान देने के पश्चात उन्होंने १०५० से १३७५ संवत् तक हिंदी का प्रारंभिक युग स्वीकार किया है और इसे वीरगाथा काल नाम दिया है .डॉ.धीरेन्द्र वर्मा ,डॉ.रामकुमार तह अन्य विद्वानों ने हिंदी का प्रारम्भ दसवीं शताब्दी से मानने का आग्रह किया है .जिन रचनाओं को आधार मानकर उन्होंने वह आग्रह किया था , वे सब बाद की लिखी सिद्ध हो चुकी है . तीसरे वर्ग के विद्वानों में डॉ.उदयनारायण तिवारी तथा डॉ.नामवर सिंह जैसे विद्वान आते हैं जिन्होंने अपभ्रंश को निश्चित रूप से हिंदी से भिन्न माना है और हिंदी साहित्य का इतिहास चौदहवीं शताब्दी से प्रारंभ करने का आग्रह किया है .आचार्य द्विवेदी ने अपभ्रंश को हिंदी से अलग मानते हुए भी हिंदी साहित्य ,उद्भव और विकास ग्रन्थ में हिंदी साहित्य के आदिकाल को १००० ईस्वी से प्रारम्भ मान लिया है . 

सुप्रसिद्ध भाषा वैज्ञानिक डॉ० हरदेव बाहरी के शब्दों में -हिन्दी साहित्य का इतिहास वस्तुतः वैदिक काल से आरम्भ होता है। यह कहना ही ठीक होगा कि वैदिक भाषा ही हिन्दी है। इस भाषा का दुर्भाग्य रहा है कि युग-युग में इसका नाम परिवर्तित होता रहा है। कभी 'वैदिक', कभी 'संस्कृत', कभी 'प्राकृत', कभी 'अपभ्रंश' और अब - हिन्दी।

अपभ्रंश के श्रेष्ठ साहित्य को गिनने का लालच हिंदी के विद्वान नहीं छोड़ पाए .ऐसा करने से हिंदी का जन्म सातवीं ईस्वी में सिद्ध हो जाता है और हिंदी सभी आर्य भाषाओँ की बड़ी बहन सिद्ध हो जाती है .हिंदी का साहित्य भी पुराना और समृद्ध सिद्ध हो जाता है .लिपि की समानता रहने से ऐसा करना आसान भी था . 

हिंदीकुंज.कॉम में हिंदी साहित्य का इतिहास से सम्बंधित प्रश्नों को सम्मलित किया गया है ,जो कि विद्यार्थी वर्ग के लिए बहुत ही उपयोगी है . हिंदी साहित्य का इतिहास से सम्बंधित प्रश्न निम्नलिखित हैं - 



COMMENTS

Leave a Reply: 8
  1. बहुत अच्छी जानकारियां है

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत खूब... बहुत अच्छी जानकारी साँझा की है आपने शुक्रिया

    जवाब देंहटाएं
  3. साहित्यिक जानकारी के लिए बहुत अच्छी वेबसाइट

    जवाब देंहटाएं
  4. साहित्य से जुड़ी रोचक जानकारी यहां पर उपलब्ध है जो हिन्दी को प्रसारित करने का एक अच्छा प्रयास है।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत जी ज्ञानवर्धक ब्लॉग हिंदी के लिए

    जवाब देंहटाएं
आपकी मूल्यवान टिप्पणियाँ हमें उत्साह और सबल प्रदान करती हैं, आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है !
टिप्पणी के सामान्य नियम -
१. अपनी टिप्पणी में सभ्य भाषा का प्रयोग करें .
२. किसी की भावनाओं को आहत करने वाली टिप्पणी न करें .
३. अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .

You may also like this -

Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका