पानी और धूप कविता Pani Aur Dhoop NCERT Class 7 Hindi Durva

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पानी और धूप  सुभद्राकुमारी चौहान


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पानी और धूप कविता का भावार्थ

अभी अभी थी धूप, बरसने
लगा कहाँ से यह पानी
किसने फोड़ घड़े बादल के
की है इतनी शैतानी।
सूरज ने क्यों बंद कर दिया
पानी और धूप कविता Pani Aur Dhoop NCERT Class 7 Hindi Durva
पानी और धूप कविता 
अपने घर का दरवाजा

उसकी माँ ने भी क्या उसको
बुला लिया कहकर आजा।
जोर-जोर से गरज रहे हैं
बादल हैं किसके काका
किसको डाँट रहे है, किसने
कहना नहीं सुना माँ का।
बिजली के आँगन में अम्माँ
चलती है कितनी तलवार
कैसी चमक रही है फिर भी
क्यों खाली जाते हैं वार।
क्या अब तक तलवार चलाना
माँ वे सीख नहीं पाए
इसीलिए क्या आज सीखने
आसमान पर हैं आए।
एक बार भी माँ यदि मुझको
बिजली के घर जाने दो
उसके बच्चों को तलवार
चलाना सिखला आने दो।

व्याख्या - प्रस्तुत कविता में कवियत्री सुभद्राकुमारी चौहान जी ने पानी और धूप के माध्यम से माँ और बेटी के संवाद का वर्णन किया है। बेटी अपनी माँ से पूछती है कि अभी अभी तो धूप निकली थी ,तो फिर कैसे यह पानी बरसने लगा। यह कौन घड़े - भर भर के पानी उड़ेल कर बदमाशी कर रहा है। बच्ची अपनी माँ से कहती है कि सूरज ने भी क्यों निकलना बंद कर दिया है। लगता है कि उसने घर का दरवाजा बंद कर दिया है और उसकी माँ ने उसे बुलाया है। बादल भी जोर - जोर से गरज रहे हैं। बादल का गरजना देखकर ऐसा प्रतीत होता है ,जैसे जो बच्चे माँ का कहना नहीं मानते ,उनको काका डाँटते है। बच्ची अपनी माँ से बिजली के बारे में पूछती है कि जैसे बिजली आसमान से तलवार चला रही हो। बिजली चमक के साथ तलवार चला रही है ,फिर भी उसके वार खाली जा रहे हैं। बच्ची माँ से कहती है कि बिजली इतने दिन से तलवार चला रही है ,फिर भी उसे तलवार चलाना क्यों नहीं आया। बच्ची आसमान में जाकर बिजली के बच्चों को तलवार चलाना सीखाना चाहती है क्योंकि बिजली के बच्चों का हर वार खाली जा रहा है। 

खुश होकर तब बिजली देगी
मुझे चमकती सी तलवार
तब माँ कोई कर न सकेगा
अपने ऊपर अत्याचार . 
पुलिसमैन अपने काका को
फिर न पकड़ने आएँगे।
देखेंगे तलवार दूर से ही
वे सब डर जाएँगे।
अगर चाहती हो माँ काका
जाएँ अब न जेलखाना
तो फिर बिजली के घर मुझको
तुम जल्दी से पहुँचाना।
काका जेल न जाएँगे अब
तुझे मँगा दूँगी तलवार
पर बिजली के घर जाने का
अब मत करना कभी विचार .

व्याख्या - प्रस्तुत कविता में बच्ची अपनी माँ की आज्ञा से बिजली के बच्चों को आसमान जाकर तलवार सीखाना चाहती है। बिजली इस कार्य से खुश होकर उसे एक नयी चमकती हुई तलवार भेंट करेगी ,जिससे बच्ची के परिवार वालों पर कोई अत्याचार नहीं कर पायेगा। बच्ची के काका को जो पुलिस मैंन पकड़ने आते हैं वे अब तलवार को देखकर दूर से ही भाग जायेंगे। बच्ची कहती है कि यदि माँ तुम चाहती हो कि काका जेलखाना न जाए तो मुझे जल्दी से बिजली के घर पहुंचा दो। इस प्रकार माँ ,बच्ची की बातों को सुनकर कहती है कि काका तुम्हारे जेल नहीं जायेंगे और मैं तुम्हारे लिए एक नयी तलवार मंगा दूँगी। इसीलिए तुम बिजली के घर जाने का विचार त्याग दो। 

पानी और धूप कविता के प्रश्न उत्तर


कविता के अनुसार 

क. सूरज को उसकी माँ ने क्यों बुला लिया ?
क. सूरज को उसकी माँ ने इसीलिए बुला लिया क्योंकि बाहर बादल घड़े भर भर के पानी बरसा रहा था। 

ख.बादल काका जोर जोर से क्यों डांट रहे हैं ?
ख. बादल काका जोर जोर से डांट इसीलिए रहे हैं क्योंकि बच्चे बाहर खेल रहे हैं। 

ग. बिजली के बच्चों के वार खाली क्यों जा रहे हैं ?
ग. बिजली के बच्चों के वार खाली इसीलिए जा रहे हैं क्योकि उन्हें तलवार चलाना नहीं आता था। 

घ. लड़की बिजली के घर क्यों जाना चाहती है ?
घ.लड़की बिजली के घर इसीलिए जाना चाहती है क्योंकि वह बिजली के बच्चों को तलवार सीखाना चाहती है। इस प्रशिक्षण से बिजली खुश होकर उसे नयी चमचमाती तलवार भेंट करेगी। जिसे लेकर बच्ची पुलिसवाले से काका को कैदखाने से छुड़ाएगी। इस प्रकार लड़की काका को बचाने के लिए बिजली के घर जाना चाहती है। 

ङ. बिजली के घर में तलवार चलाना कौन सीख रहा है ?
बिजली के घर में तलवार ,बिजली के बच्चे चलाना सीख रहे हैं। 

७. आजादी की बात 
"तब माँ कोई कर न सकेगा 
अपने उपर अत्याचार 
कविता की इस पंक्ति में किस अत्याचार की बात की जा रही है ? वे किस तरह के अत्याचार करते थे ?

उ. कविता की इस पंक्ति में कवियत्री देशवासियों पर अत्याचार की बात बता रही हैं। जो देशवासी, देश की स्वतंत्रता की लडाई लड़ते थे ,उन पर सरकार द्वारा पुलिस के माध्यम से अत्याचार करवाए जाते थे। आजादी के मतवालों पर अनेकानेक अत्याचार होते थे। इसीलिए बच्ची बिजली की तलवार लेकर ,अपने परिवार वालों को अत्याचार से बचाना चाहती है। 


पानी और धूप कविता के शब्दार्थ 

शैतानी - शरारत 
वार - चोट करना ,प्रहार 
अत्याचार - जुल्म 
काका - चाचा 

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