चिट्ठियों में यूरोप Chitthiyon Mein Europe | Ncert Class 8 Hindi Durva Solutions

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चिट्ठियों में यूरोप सारांश Chitthiyon Mein Europe Ncert Class 8 Hindi Durva Solutions question answer चिट्ठियों में यूरोप पाठ के प्रश्न chapter 3 उत्त

चिट्ठियों में यूरोप सोमदत्त



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चिट्ठियों में यूरोप पाठ का सारांश 


प्रस्तुत पाठ या पत्र चिट्ठियों में यूरोप के लेखक सोमदत्त जी हैं | इस पत्र के माध्यम से लेखक यूरोप के तात्कालीन वातावरण या परिवेश को भारत में रह रहे अपने परिवार वालों से साझा करने का प्रयास किया है | लेखक पत्र के आरम्भ में अपने प्यार भरे सम्बोधन में कहते हैं --- प्रिय नीलू, शेरू, ककू, पूत्रक और तुम सबकी मम्मी को ख़ूब प्यार | 

तत्पश्चात्, लेखक अपनी बातें लिखना शुरू कर देते हैं | वास्तव में देखा जाए तो जब लेखक चिट्ठी लिख रहे हैं, तब
चिट्ठियों में यूरोप Chitthiyon Mein Europe | Ncert Class 8 Hindi Durva Solutions
चिट्ठियों में यूरोप
उन्हें यूरोप में रहते हुए एक सप्ताह ही हुआ है | आगे वे यूरोप में बसंत के आगमन की बात लिखते हैं | तत्पश्चात् वे कहते हैं कि आज इतवार है, इसलिए एक बजे खाना खाकर आए और लिखने बैठ गए | इसके बाद लेखक यूरोप के खाने की तुलना भारतीय व्यंजन से करते हुए लिखते हैं कि आज हमने जो खाना खाया वह योगर्ट से शुरू हुआ | आइसक्रीम कप जैसा बड़े कप में रोज सूप होता है | उसमें सफेद सेम जैसी यहाँ की बीन पतली और लम्बी होती है | इसके बाद फिर आइसक्रीम खाना होता है | यही प्रक्रिया रोज सुबह-शाम चलते हैं | तत्पश्चात् लेखक चिट्ठी में अपने परिवार को सम्बोधित करते हुए लिखते हैं कि एक ही चीज खाते-खाते ऊब गया हूँ | कभी-कभी चावल होता है, जो स्टयू (करी) के साथ खाया जाता है | लेखक कहते हैं कि यहाँ सेवइयाँ पानी में उबली सूप में रहती हैं | 


लेखक यूरोप के भौगोलिक वातावरण का उल्लेख करते हुए लिखते हैं कि शहर के बीच 'दूना' नामक नदी बहती है | नक्शे में देखने पर मिल जाएगी | 'नेविसाद' शहर भी मिल जाएगा | लेखक कहते हैं कि जब रोज बाजार से गुजरता हूँ तो बच्चों को देखकर तुम लोगों की याद आ जाती है | आगे लेखक लिखते हैं कि जो नदी है, उसमें बड़े-बड़े यात्री जहाज चलते हैं | यहाँ पर फुटबॉल बहुत खेला जाता है | बाजार में 20-20 मंजिल, 10-10 मंजिल बिल्डिंगें हैं | लेखक लिखते हैं कि यहाँ इस शहर में हजारों वर्षों पहले आए भारतीयों की संतानें हैं, जो अब यूरोपीय मालूम होते हैं | पत्र लिखने के दिन के बाद आने वाले दिन (भविष्य काल) की योजना को बताते हुए लेखक लिखते हैं कि कल हमलोग यूनिवर्सिटी की बस से शहर से बाहर एक पॉल्ट्री फार्म देखने जाएंगे | 

अंत में लेखक अपने परिवार को सप्रेम संबोधित करते हुए लिखते हैं कि आगे का हाल बाद की चिट्ठी में लिखकर भेजेंगे | तुम लोग गौतम से एरोग्राम मंगाकर हमको चिट्टी लिखना | तुम सबको मेरा प्यार | अच्छे से रहना ताकि माँ को कोई तकलीफ न हो | तुम्हारा पापा...|| 

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चिट्ठियों में यूरोप पाठ के प्रश्न उत्तर


प्रश्न-1 इस पत्र का लेखक किस शहर/देश की यात्रा पर गया था ? 

उत्तर- इस पत्र का लेखक यूरोप के यूगोस्लाविया, नेविसाद शहर की यात्रा पर गया था | 

प्रश्न-2 उस देश में कौन-कौन से खेल-खेले जाते हैं ? वहाँ कौन-सा खेल सबसे अधिक लोकप्रिय है ? 

उत्तर- 
प्रस्तुत पत्र के अनुसार, उस देश में फुटबाल, टेबल-टेनिस, स्केटिंग इत्यादि खेल खेले जाते हैं | वहाँ फुटबाल का खेल सबसे अधिक लोकप्रिय है | 

प्रश्न-3 उस देश के कुछ खाद्य पदार्थों के नाम बताओ | 

उत्तर- प्रस्तुत पत्र के अनुसार, उस देश के कुछ खाद्य पदार्थ --- योगर्ट, सूप, सफ़ेद सेम, आइसक्रीम, चावल, स्ट्यू (करी), चिल्ले जैसी मिठाई जिसमें खट्टी बेरी का गूदा भरा हुआ होता है, सेवइयाँ उबली सूप में, ब्रेड बटर मार्मलेट आदि हैं | 

प्रश्न-4 लेखक ने यह क्यों कहा कि “अच्छे से रहना ताकि माँ को तकलीफ़ न हो ?" 

उत्तर- 
लेखक अपने घर-परिवार, बच्चों से बहुत दूर था | स्वाभाविक रूप से बच्चे बदमाशी करते रहते हैं | चूँकि माँ बच्चों के साथ घर पर अकेली थी | इसलिए लेखक ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि “अच्छे से रहना ताकि माँ को तकलीफ़ न हो" | 

प्रश्न-5 'एरोग्राम’ किसे कहते हैं ? 

उत्तर- 
‘एरोग्राम’ एक प्रकार का पत्र होता है, जिसमें अपनी बात लिखकर विदेश भेजा जाता है | 

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चिट्ठियों में यूरोप पाठ से संबंधित शब्दार्थ 


• हफ़्ता - सप्ताह 
• उकताहट - बेचैनी, अधीरता 
• फर्लांग - दूरी का एक माप 
• पचासेक - लगभग पचास (संख्या) 
• विद्या जैसा पेड़ - पत्र लेखक का संकेत मोरपंखी की ओर है | 
• चिल्ला - खाने की चीज़ 
• खरा सिका - खूब अच्छी तरह सिका हुआ, करारा 
• बरबटी - एक पतली लम्बी फली 
• योगर्ट - दही जैसा खाने का एक पदार्थ | 


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