Do Gauraiya भीष्म साहनी | Ncert Class 8 Hindi Durva Chapter 2

SHARE:

Do Gauraiya भीष्म साहनी Ncert Class 8 Hindi Durva Chapter 2 दो गौरैया कहानी सारांश Do Gauraiya Question Answer ncert solutions for class 8 hindi durva

दो गौरैया भीष्म साहनी



दो गौरैया भीष्म साहनी ncert class 8 hindi durva chapter 2 ncert solutions for class 8 hindi durva chapter 2 दो गौरैया कहानी सारांश दो गौरैया NCERT Book Class 8 Hindi Durva Chapter 2 दो गौरेया Class 8 Hindi Durva Chapter 2 दो गौरेया Do Gauraiya Question Answer Do Gauraiya Ncert Class 8 Hindi Durva Chapter 2 

                      

दो गौरैया कहानी का सारांश 


प्रस्तुत पाठ या कहानी दो गौरैया के लेखक भीष्म साहनी जी हैं | प्रस्तुत पाठ या कहानी के अनुसार, लेखक के घर में उनके अलावा उनके माँ-पिताजी भी रहते हैं | उनके पिताजी का कहना है कि उनका घर मानो सराय (मुसाफ़िर खाना) बन गया है | वे तो जैसे अपने ही घर में मेहमान हैं | घर के मालिक तो कोई और ही हैं | लेखक के घर के आँगन में आम का पेड़ है | विभिन्न प्रकार के पक्षियों का उस पेड़ पर आना-जाना लगा रहता है | लेखक के पिताजी कहते हैं कि जो भी पक्षी पहाड़ियों-घाटियों पर से उड़ता हुआ दिल्ली पहुँचता है, वह सीधा हमारे घर पर पहुँच जाता है, जैसे वे पक्षी हमारे घर का पता लिखवाकर लाए हों | उन पक्षियों में कभी तोते, कभी कौवे और कभी तरह-तरह की गौरैया होते हैं | सारे पक्षी ऐसा शोर मचाते हैं कि मानो ऐसा लगता है जैसे कानों के पर्दे फट जाएँ, लेकिन उनकी शोर सुनकर लोग कहते हैं कि पक्षी गा रहे हैं ! 

लेखक के घर के अंदर भी कुछ ऐसा ही हाल है | चूहे रात-भर एक कमरे से दूसरे कमरे की दौड़ लगाते रहते हैं | बिल्ली घर में रहती तो नहीं पर घर उसे भी बहुत पसंद है और वह कभी-कभी मन आया तो अंदर आकर दूध पी जाती है | शाम होते ही दो-तीन चमगादड़ नज़र आने लगते हैं | घर में कबूतरों की तादाद भी है | दिन-भर ‘गुटर-गूँ, गुटर-गूँ’ का संगीत सुनाई देता रहता है | और तो और घर में छिपकलियाँ भी, बर्रे भी हैं | चींटियों की तो जैसे फ़ौज ही छावनी डाले हुए है | 

एक दिन दो गौरैया लेखक के घर के अंदर घुस आईं, जिसे देखकर लेखक के पिताजी बोले कि वे मकान का निरीक्षण कर रही हैं कि उनके रहने योग्य है या नहीं | दोनों गौरैया कभी किसी रोशनदान पर जा बैठतीं, तो कभी खिड़की पर | तत्पश्चात् जैसे आईं थीं वैसे ही उड़ भी गईं | दो दिन बाद पुनः घर के बैठक की छत में लगे पंखे के गोले में उन्होंने अपना बिछावन बिछा लिया था और सामान भी ले आईं थीं और मजे से दोनों बैठी गाना गा रही थीं | इसका मतलब दोनों गौरैया को लेखक का घर पसंद आया था | 
Do Gauraiya भीष्म साहनी Ncert Class 8 Hindi Durva Chapter 2
दो गौरैया भीष्म साहनी 

लेखक की माँ और उनके पिताजी दोनों सोफे पर बैठकर गौरैया की ओर देखे जा रहे थे | जब लेखक की माँ बोलीं कि "अब तो ये नहीं उड़ेंगी | पहले इन्हें उड़ा भी देते, तो उड़ जातीं | अब तो इन्होंने यहाँ घोंसला बना लिया है |" तभी लेखक के पिताजी गुस्सा भाव में बोलते हैं कि "देखता हूँ ये कैसे यहाँ रहती हैं ! गौरैया मेरे आगे क्या चीज है ! मैं अभी इन्हें बाहर करता हूँ |" इतने में लेखक की माँ ने व्यंग्य करते हुए कहा कि "छोड़ो जी, चूहों को तो निकाल नहीं पाए, अब चिड़ियों को निकालेंगे !" तभी लेखक के पिताजी तुरन्त उठ खड़े हुए और पंखे के नीचे जाकर जोर से ताली बजाई और मुँह से ‘श-----शू’ कहा, बाँहें झुलाईं, फिर खड़े-खड़े कूदने लगे, कभी बाहें झुलाते, कभी ‘श---शू’ करते | लेखक की माँ को मजाक सूझा | वह हँसकर बोली, चिड़ियाँ एक दूसरी से पूछ रही हैं कि यह आदमी कौन है और नाच क्यों रहा है ? इतने में लेखक के पिताजी को और भी ज्यादा गुस्सा आ गया और वह पहले से भी ज्यादा ऊँचा कूदने लगे | गौरैया घोंसले में से निकलकर दूसरे पंखे के डैने पर जा बैठीं | मानो उन्हें पिताजी का नाचना जैसे बहुत पसंद आ रहा था | माँ फिर हँसने लगीं, "ये निकलेंगी नहीं, जी | अब इन्होंने अंडे दे दिए होंगे |" 


लेखक के पिताजी गौरैया को घर से बाहर निकालने पर अड़ गए थे | एक बार तो उन्होंने लाठी ऊँची उठाकर पंखे के गोले को ठकोरा | ‘चीं-चीं’ करती गौरैया उड़कर पर्दे के डंडे पर जा बैठी | लेखक की माँ पुनः हँसकर बोली "इतनी तकलीफ़ करने की क्या जरूरत थी | पंखा चला देते तो ये उड़ जातीं |"  लेखक के पिताजी ने फिर लाठी उठाई और गौरैयों पर टूट पड़े | एक बार तो लाठी लेखक की माँ के सिर पर लगते-लगते बची | चीं-चीं करती चिड़ियाँ एक जगह से दूसरी जगह जा बैठतीं | अंततः दोनों किचन की ओर खुलने वाले दरवाज़े में से बाहर निकल गईं | लेखक की माँ तालियाँ बजाने लगीं और पिताजी ने लाठी दीवार पर टिकाकर छाती फैलाए कुर्सी पर बैठे गए | लेखक के पिताजी की हर बार कोशिश असफल हो जाती थी और गौरैया किसी न किसी रास्ते से घर के अंदर आ ही जाते थे | इसलिए लेखक की माँ गम्भीरतापूर्वक बोली कि "देखो-जी, चिड़ियों को मत निकालो" "अब तो इन्होंने अंडे भी दे दिए होंगे | अब ये यहाँ से नहीं जाएँगी |" तभी पिताजी बोले कि क्या मतलब ? मैं कालीन बरबाद करवा लूँ ? तत्पश्चात् वे कुर्सी पर चढ़कर रोशनदान में कपड़ा ठूँस दिया और फिर लाठी झुलाकर एक बार फिर चिड़ियों को खदेड़ दिया | दोनों पिछले आँगन की दीवार पर जा बैठीं | 

लेखक कहते हैं कि रात हो गई थी | हम खाना खाकर सो गए थे | जाने से पहले मैंने आँगन में झाँककर देखा, चिड़ियाँ वहाँ पर नहीं थीं | मैंने समझ लिया कि उन्हें अक्ल आ गई होगी | अपनी हार मानकर किसी दूसरी जगह चली गई होंगी | लेकिन दूसरे दिन इतवार को जब लेखक और उसके परिवार वाले देखे तो गौरैया फिर से वहाँ मौजूद थीं और मजे से बैठी मल्हार गा रही थीं | 

लेखक के पिताजी जब परेशान हो उठे तो वे कहने लगे कि गौरैयों का घोंसला नोचकर निकाल देंगे | वे लाठी का सिरा घास के तिनकों के ऊपर रखकर वहीं रखे-रखे घुमाने लगे | इससे घोंसले के लंबे-लंबे तिनके लाठी के सिरे के साथ लिपटने लगे | वे लिपटते गए, लिपटते गए, और घोंसला लाठी के इर्द-गिर्द खिंचता चला आने लगा | तभी अचानक जोर की आवाज़ आई  "चीं-चीं, चीं-चीं " | लेखक के पिताजी के हाथ अचानक रुक गए | यह क्या ? क्या गौरैयाँ लौट आईं हैं ? तभी लेखक ने झट से बाहर की ओर देखा तो दोनों गौरैयाँ बाहर दीवार पर गुमसुम बैठी नज़र आ रही थीं | इतने में पंखे के गोले के ऊपर से नन्हीं-नन्हीं गौरैयाँ सिर निकाले नीचे की ओर देख रही थीं और चीं-चीं किए जा रही थीं | मानो वे नन्हीं गौरैयाँ अपने माँ-बाप को तलाश रहे हों | तत्पश्चात्, लेखक के पिताजी घोंसले के तिनकों में से लाठी निकालकर उन्होंने लाठी को एक ओर रख दिया और चुपचाप कुर्सी पर आकर बैठ गए | इस बीच लेखक की माँ कुर्सी पर से उठकर सभी दरवाजे खोल देती है | नन्हीं चिड़ियाँ की आवाज़ सुनकर उनके माँ-बाप झट-से उड़कर अंदर आ गए और चीं-चीं करते उनसे जा मिले और उनकी नन्हीं-नन्हीं चोंचों में चुग्गा डालने लगे | कमरे में फिर से शोर होने लगा था | परंतु, इस बार लेखक के पिताजी उन चिड़ियों की ओर देख-देखकर केवल मुसकरा रहे थे...|| 

---------------------------------------------------------


दो गौरैया कहानी Do Gauraiya Question Answer के प्रश्न उत्तर


प्रश्न-1 दोनों गौरैयों को पिताजी जब घर से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे थे तो माँ क्यों मदद नहीं कर रही थी ? बस, वह हँसती क्यों जा रही थी ?

उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, दोनों गौरैयों को पिताजी जब घर से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे थे तो माँ मजाक स्वरूप हँसती जा रही थी क्योंकि पिताजी कभी ताली बजाकर, कभी बाहें झुलाकर, कभी श-शू की आवाज़ करके गौरैयों को उड़ा रहे थे | गौरैया घोंसले से सिर निकाल कर झाँकती चीं-चीं करती फिर घोसले में चली जाती | यह सब देखकर माँ मजाक उड़ाते हुए हँसने लगती | 

प्रश्न-2 देखो जी, चिड़ियों को मत निकालो | माँ ने पिताजी से गंभीरता से यह क्यों कहा ? 

उत्तर- 
प्रस्तुत पाठ के अनुसार, देखो जी, 'चिड़ियों को मत निकालो |' --- माँ ने पिताजी से गंभीरता से यह इसलिए कहा क्योंकि उन्हें ऐसा लगता था कि चिड़ियों ने अब तक अंडे भी दे दिए होंगे | माँ की दृष्टि में किसी भी प्राणी को परेशान करना तथा उसका घर उजाड़ना गलत होता है |

प्रश्न-3 “किसी को सचमुच बाहर निकालना हो तो उसका घर तोड़ देना चाहिए,” पिताजी ने गुस्से में ऐसा क्यों कहा ? क्या पिताजी के इस कथन से माँ सहमत थी ? क्या तुम सहमत हो ? अगर नहीं तो क्यों ?

उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, “किसी को सचमुच बाहर निकालना हो तो उसका घर तोड़ देना चाहिए,” पिताजी ने गुस्से में ऐसा इसलिए कहा क्योंकि चिड़िया के बार-बार आने व तिनके बिखेरने से पिताजी परेशान थे | पिताजी के इस कथन से माँ सहमत नहीं थी | हम भी सहमत नहीं हैं, क्योंकि माँ का कहना था कि किसी को निकालने के लिए उसका घर तोड़ देना ठीक नहीं | उसमें उसके अंडे या बच्चे भी रहते हैं, जो मर भी सकते हैं | 

भीष्म साहनी
भीष्म साहनी

प्रश्न-4 
कमरे में फिर से शोर होने पर भी पिताजी अबकी बार गौरैया की तरफ़ देखकर मुसकुराते क्यों रहे ? 

उत्तर- 
प्रस्तुत पाठ के अनुसार, कमरे में फिर से शोर होने पर भी पिताजी अबकी बार गौरैया की तरफ़ देखकर मुसकुराते इसलिए रहे क्योंकि जब अंडों में से निकलते बच्चे को चीं-चीं की आवाज़ करते सुने तो उनके दिल में भी दया का भाव जाग गया | क्योंकि अब उन्हें पता चल गया था कि बच्चे होने के बाद थोड़े दिन में वे बच्चों को लेकर खुद ही उड़ जाएँगी | 

प्रश्न-5 इस कहानी के शुरू में कई पशु-पक्षियों की चर्चा की गई है | कहानी में वे ऐसे कुछ काम करते हैं जैसे मनुष्य करते हैं | उनको ढूँढ़कर तालिका पूरी करो --- 

उ. 
निम्नलिखित उत्तर हैं - 
क. पक्षी --- घर का पता लिखवाकर लाए हैं | 
(ख) बूढ़ा चूहा --- अंगीठी के पीछे बैठता है शायद सर्दी लग रही है | 
(ग) बिल्ली --- फिर आऊँगी कह कर चली जाती है | 
(घ)चमगादड़ --- पंख फौज़ ही छावनी डाले हुए हैं | 
(ङ)चींटियाँ --- इनकी फौज़ ही छावनी डाले हुए हैं | 


प्रश्न-6 नीचे दिए गए वाक्य को पढ़ो --- 

“जब हम लोग नीचे उतरकर आए, तब वे फिर से मौजूद थीं और मज़े से बैठी मल्हार गा रही थीं |”
(क) अब तुम पता करो कि मल्हार क्या होता है ? इस काम में तुम बड़ों की सहायता भी ले सकते हो | 
(ख) बताओ कि क्या सचमुच चिड़ियाँ ‘मल्हार’ गा सकती हैं ? 
(ग) बताओ की कहानी में चिड़ियों द्वारा मल्हार गाने की बात क्यों कही गई है ? 

उत्तर- निम्नलिखित उत्तर हैं - 

(क) मल्हार एक प्रकार का गीत है, जो सावन के महीने में अथवा वर्षा ऋतु में गाया जाता है | 
(ख) नहीं, सचमुच का चिड़ियाँ मल्हार नहीं गा सकती हैं | 
(ग) प्रस्तुत पाठ या कहानी में चिड़ियाँ चीं-चीं चों- चों करके शोर मचाती रहती है, इसलिए व्यंग्यपूर्वक कहा गया है कि ये मल्हार गा रही हैं | 


प्रश्न-7 “माँ खिलखिलाकर हँस दीं |” इस वाक्य में ‘खिलखिलाकर’ शब्द बता रहा है कि माँ कैसे हँसी थीं | इसी प्रकार नीचे दिए गए रेखांकित शब्दों पर भी ध्यान दो | इन शब्दों से एक-एक वाक्य बनाओ | 

(क) पिताजी ने झिड़ककर कहा, “तू खड़ा क्या देख रहा है?”
(ख) “आज दरवाज़े बंद रखो,” उन्होंने हुक्म दिया।
(ग) “देखो जी, चिड़ियों को मत निकालो,” माँ ने अबकी बार गंभीरता से कहा।
(घ) “किसी को सचमुच बाहर निकालना हो, तो उसका घर तोड़ देना चाहिए,” उन्होंने गुस्से में कहा।

उत्तर- 
(क) उसने झिड़ककर बच्चे को पैसे देने से इनकार कर दिया | 

(ख) पिता ने बेटे को दरवाज़ा बंद करने का हुक्म दिया | 
(ग) बढ़ती उम्र के साथ रोहन में भी गम्भीरता आ गई है | 
(घ) रुख़सार बहुत गुस्से में रहती है | 


प्रश्न-8 “पिताजी बोले, क्या मतलब ? मैं कालीन बरबाद करवा लूँ ?” ऊपर दिए गए वाक्य पर ध्यान दो और बताओ कि --- 
(क) पिताजी ने यह बात किससे कही ? 
(ख) उन्होंने यह बात क्यों कही ? 
(ग) गौरैयों के आने से कालीन कैसे बरबाद होता ? 


उत्तर- 
(क) पिताजी ने यह बात माँ से कही | 
(ख) उन्होंने यह बात इसलिए कही क्योंकि गौरैया घोंसला बनाने के लिए जो तिनके या घास-पुश लाती थी वे कालीन पर गिरते थे,जिससे कालीन गंदा होता था | 
(ग) गौरैयों के आने से कालीन पर तिनके या घास- पुश गिर जाते थे जिस वजह से कालीन खराब हो जाता था | 


प्रश्न-9 अब तुम भी इन शब्दों को समझो और उनसे वाक्य बनाओ | 

1. सुख - सूख

(क)- दुःख के बाद सुख के दिन भी आते हैं | 
(ख)- कपड़ा सूख गया है | 

2. धुल - धूल

(क)- कपड़े की गंदगी धुल गई | 
(ख)- सड़क पर धूल बहुत है 

3. सुना - सूना

(क)- मैंने सुना है कि उमेश की शादी हो गई है | 
(ख)- घर में बहुत सूना सा लग रहा है | 

---------------------------------------------------------


दो गौरैया पाठ से संबंधित शब्दार्थ 


• सराय - मुसाफिर खाना, यात्रियों के लिए कुछ समय रुकने की जगह 
• निरीक्षण - जाँच 
• डेरा - रहने की जगह, पड़ाव 
• शोर - हल्ला, कोलाहल 
• धमा-चौकड़ी - उछल-कूद 
• अक्ल - बुद्धि 
• हुक्म - आदेश 
• उबल पड़ना - गुस्साना 
• बिछावन - बिस्तर 
• रोशनदान - कमरे के अंदर रौशनी आने के लिए बनी खिड़की 
• थिगलियाँ - छेद बंद करने के लिए टाँका गया कपड़े का टुकड़ा, पैबंद 
• कसरत - व्यायाम 
• अँगीठी - आग रखने का बरतन 
• छावनी - जहाँ सेना या पुलिस रहती हो, शिविर  | 


COMMENTS

Leave a Reply
नाम

अंग्रेज़ी हिन्दी शब्दकोश,3,अकबर इलाहाबादी,11,अकबर बीरबल के किस्से,62,अज्ञेय,35,अटल बिहारी वाजपेयी,1,अदम गोंडवी,3,अनंतमूर्ति,3,अनौपचारिक पत्र,16,अन्तोन चेख़व,2,अमीर खुसरो,7,अमृत राय,1,अमृतलाल नागर,1,अमृता प्रीतम,5,अयोध्यासिंह उपाध्याय "हरिऔध",6,अली सरदार जाफ़री,3,अष्टछाप,3,असगर वज़ाहत,11,आनंदमठ,4,आरती,11,आर्थिक लेख,7,आषाढ़ का एक दिन,17,इक़बाल,2,इब्ने इंशा,27,इस्मत चुगताई,3,उपेन्द्रनाथ अश्क,1,उर्दू साहित्‍य,179,उर्दू हिंदी शब्दकोश,1,उषा प्रियंवदा,2,एकांकी संचय,7,औपचारिक पत्र,32,कक्षा 10 हिन्दी स्पर्श भाग 2,17,कबीर के दोहे,19,कबीर के पद,1,कबीरदास,15,कमलेश्वर,6,कविता,1413,कहानी लेखन हिंदी,13,कहानी सुनो,2,काका हाथरसी,4,कामायनी,5,काव्य मंजरी,11,काव्यशास्त्र,4,काशीनाथ सिंह,1,कुंज वीथि,12,कुँवर नारायण,1,कुबेरनाथ राय,2,कुर्रतुल-ऐन-हैदर,1,कृष्णा सोबती,2,केदारनाथ अग्रवाल,3,केशवदास,4,कैफ़ी आज़मी,4,क्षेत्रपाल शर्मा,52,खलील जिब्रान,3,ग़ज़ल,138,गजानन माधव "मुक्तिबोध",14,गीतांजलि,1,गोदान,6,गोपाल सिंह नेपाली,1,गोपालदास नीरज,10,गोरख पाण्डेय,3,गोरा,2,घनानंद,2,चन्द्रधर शर्मा गुलेरी,2,चमरासुर उपन्यास,7,चाणक्य नीति,5,चित्र शृंखला,1,चुटकुले जोक्स,15,छायावाद,6,जगदीश्वर चतुर्वेदी,17,जयशंकर प्रसाद,30,जातक कथाएँ,10,जीवन परिचय,72,ज़ेन कहानियाँ,2,जैनेन्द्र कुमार,5,जोश मलीहाबादी,2,ज़ौक़,4,तुलसीदास,25,तेलानीराम के किस्से,7,त्रिलोचन,3,दाग़ देहलवी,5,दादी माँ की कहानियाँ,1,दुष्यंत कुमार,7,देव,1,देवी नागरानी,23,धर्मवीर भारती,6,नज़ीर अकबराबादी,3,नव कहानी,2,नवगीत,1,नागार्जुन,23,नाटक,1,निराला,35,निर्मल वर्मा,2,निर्मला,38,नेत्रा देशपाण्डेय,3,पंचतंत्र की कहानियां,42,पत्र लेखन,174,परशुराम की प्रतीक्षा,3,पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र',4,पाण्डेय बेचन शर्मा,1,पुस्तक समीक्षा,133,प्रयोजनमूलक हिंदी,24,प्रेमचंद,40,प्रेमचंद की कहानियाँ,91,प्रेरक कहानी,16,फणीश्वर नाथ रेणु,4,फ़िराक़ गोरखपुरी,9,फ़ैज़ अहमद फ़ैज़,24,बच्चों की कहानियां,86,बदीउज़्ज़माँ,1,बहादुर शाह ज़फ़र,6,बाल कहानियाँ,14,बाल दिवस,3,बालकृष्ण शर्मा 'नवीन',1,बिहारी,5,बैताल पचीसी,2,बोधिसत्व,7,भक्ति साहित्य,138,भगवतीचरण वर्मा,7,भवानीप्रसाद मिश्र,3,भारतीय कहानियाँ,61,भारतीय व्यंग्य चित्रकार,7,भारतीय शिक्षा का इतिहास,3,भारतेन्दु हरिश्चन्द्र,10,भाषा विज्ञान,13,भीष्म साहनी,7,भैरव प्रसाद गुप्त,2,मंगल ज्ञानानुभाव,22,मजरूह सुल्तानपुरी,1,मधुशाला,7,मनोज सिंह,16,मन्नू भंडारी,5,मलिक मुहम्मद जायसी,4,महादेवी वर्मा,19,महावीरप्रसाद द्विवेदी,2,महीप सिंह,1,महेंद्र भटनागर,73,माखनलाल चतुर्वेदी,3,मिर्ज़ा गालिब,39,मीर तक़ी 'मीर',20,मीरा बाई के पद,22,मुल्ला नसरुद्दीन,6,मुहावरे,4,मैथिलीशरण गुप्त,11,मैला आँचल,4,मोहन राकेश,11,यशपाल,14,रंगराज अयंगर,43,रघुवीर सहाय,5,रणजीत कुमार,29,रवीन्द्रनाथ ठाकुर,22,रसखान,11,रांगेय राघव,2,राजकमल चौधरी,1,राजनीतिक लेख,20,राजभाषा हिंदी,66,राजिन्दर सिंह बेदी,1,राजीव कुमार थेपड़ा,4,रामचंद्र शुक्ल,2,रामधारी सिंह दिनकर,25,रामप्रसाद 'बिस्मिल',1,रामविलास शर्मा,8,राही मासूम रजा,8,राहुल सांकृत्यायन,2,रीतिकाल,3,रैदास,2,लघु कथा,118,लोकगीत,1,वरदान,11,विचार मंथन,60,विज्ञान,1,विदेशी कहानियाँ,33,विद्यापति,6,विविध जानकारी,1,विष्णु प्रभाकर,1,वृंदावनलाल वर्मा,1,वैज्ञानिक लेख,7,शमशेर बहादुर सिंह,5,शमोएल अहमद,5,शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय,1,शरद जोशी,3,शिक्षाशास्त्र,6,शिवमंगल सिंह सुमन,5,शुभकामना,1,शेख चिल्ली की कहानी,1,शैक्षणिक लेख,53,शैलेश मटियानी,2,श्यामसुन्दर दास,1,श्रीकांत वर्मा,1,श्रीलाल शुक्ल,1,संयुक्त राष्ट्र संघ,1,संस्मरण,28,सआदत हसन मंटो,10,सतरंगी बातें,33,सन्देश,39,समसामयिक हिंदी लेख,222,समीक्षा,1,सर्वेश्वरदयाल सक्सेना,19,सारा आकाश,17,साहित्य सागर,22,साहित्यिक लेख,70,साहिर लुधियानवी,5,सिंह और सियार,1,सुदर्शन,3,सुदामा पाण्डेय "धूमिल",9,सुभद्राकुमारी चौहान,7,सुमित्रानंदन पन्त,20,सूरदास,15,सूरदास के पद,21,स्त्री विमर्श,10,हजारी प्रसाद द्विवेदी,2,हरिवंशराय बच्चन,28,हरिशंकर परसाई,24,हिंदी कथाकार,12,हिंदी निबंध,349,हिंदी लेख,504,हिंदी व्यंग्य लेख,4,हिंदी समाचार,164,हिंदीकुंज सहयोग,1,हिन्दी,7,हिन्दी टूल,4,हिन्दी आलोचक,7,हिन्दी कहानी,32,हिन्दी गद्यकार,4,हिन्दी दिवस,86,हिन्दी वर्णमाला,3,हिन्दी व्याकरण,45,हिन्दी संख्याएँ,1,हिन्दी साहित्य,9,हिन्दी साहित्य का इतिहास,21,हिन्दीकुंज विडियो,11,aaroh bhag 2,14,astrology,1,Attaullah Khan,2,baccho ke liye hindi kavita,70,Beauty Tips Hindi,3,bhasha-vigyan,1,Class 10 Hindi Kritika कृतिका Bhag 2,5,Class 11 Hindi Antral NCERT Solution,3,Class 9 Hindi Kshitij क्षितिज भाग 1,17,Class 9 Hindi Sparsh,15,English Grammar in Hindi,3,formal-letter-in-hindi-format,143,Godan by Premchand,6,hindi ebooks,5,Hindi Ekanki,18,hindi essay,341,hindi grammar,52,Hindi Sahitya Ka Itihas,102,hindi stories,656,hindi-gadya-sahitya,7,hindi-kavita-ki-vyakhya,15,ICSE Hindi Gadya Sankalan,11,icse-bhasha-sanchay-8-solutions,18,informal-letter-in-hindi-format,59,jyotish-astrology,14,kavyagat-visheshta,22,Kshitij Bhag 2,10,lok-sabha-in-hindi,18,love-letter-hindi,3,mb,72,motivational books,10,naya raasta icse,9,NCERT Class 10 Hindi Sanchayan संचयन Bhag 2,3,NCERT Class 11 Hindi Aroh आरोह भाग-1,20,ncert class 6 hindi vasant bhag 1,14,NCERT Class 9 Hindi Kritika कृतिका Bhag 1,5,NCERT Hindi Rimjhim Class 2,13,NCERT Rimjhim Class 4,14,ncert rimjhim class 5,19,NCERT Solutions Class 7 Hindi Durva,12,NCERT Solutions Class 8 Hindi Durva,17,NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan वितान भाग 1,3,NCERT Solutions for class 12 Humanities Hindi Antral Bhag 2,4,NCERT Solutions Hindi Class 11 Antra Bhag 1,19,NCERT Vasant Bhag 3 For Class 8,12,NCERT/CBSE Class 9 Hindi book Sanchayan,6,Nootan Gunjan Hindi Pathmala Class 8,18,Notifications,5,nutan-gunjan-hindi-pathmala-6-solutions,17,nutan-gunjan-hindi-pathmala-7-solutions,18,political-science-notes-hindi,1,question paper,19,quizzes,8,Rimjhim Class 3,14,Sankshipt Budhcharit,5,Shayari In Hindi,16,sponsored news,10,Syllabus,7,top-classic-hindi-stories,39,UP Board Class 10 Hindi,4,Vasant Bhag - 2 Textbook In Hindi For Class - 7,11,vitaan-hindi-pathmala-8-solutions,16,VITAN BHAG-2,5,vocabulary,19,
ltr
item
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika: Do Gauraiya भीष्म साहनी | Ncert Class 8 Hindi Durva Chapter 2
Do Gauraiya भीष्म साहनी | Ncert Class 8 Hindi Durva Chapter 2
Do Gauraiya भीष्म साहनी Ncert Class 8 Hindi Durva Chapter 2 दो गौरैया कहानी सारांश Do Gauraiya Question Answer ncert solutions for class 8 hindi durva
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgoyBbKTGRDUDpJXiTe9S-DqA66sMVjYgM6wVT0-1na3bDu_wihN82_nwqCZszetdOO_Q1Y66Kmyxzhc1ac0OjPzkpenvTSosMGOMzFQbu-uNtFTblC7GcF4joptt4K9BGdFrf2eKE8Nt2l/s320/do+gauraiya.jpg
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgoyBbKTGRDUDpJXiTe9S-DqA66sMVjYgM6wVT0-1na3bDu_wihN82_nwqCZszetdOO_Q1Y66Kmyxzhc1ac0OjPzkpenvTSosMGOMzFQbu-uNtFTblC7GcF4joptt4K9BGdFrf2eKE8Nt2l/s72-c/do+gauraiya.jpg
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika
https://www.hindikunj.com/2021/04/do-gauraiya-ncert-class-8-hindi-durva.html
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/2021/04/do-gauraiya-ncert-class-8-hindi-durva.html
true
6755820785026826471
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका