शैक्षिक प्रशासन का अर्थ एवं परिभाषा शैक्षिक प्रशासन शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐसा प्रक्रियात्मक ढांचा है जो शैक्षिक संस्थानों के संचालन, प्रबंधन और वि
शैक्षिक प्रशासन का अर्थ एवं परिभाषा
शैक्षिक प्रशासन शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐसा प्रक्रियात्मक ढांचा है जो शैक्षिक संस्थानों के संचालन, प्रबंधन और विकास को सुनिश्चित करता है। इसका मुख्य उद्देश्य शिक्षा के लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से प्राप्त करना, संसाधनों का समुचित उपयोग करना और शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया को सुचारु रूप से संचालित करना है। शैक्षिक प्रशासन वह कला और विज्ञान है जो शैक्षिक संगठनों के मानव, भौतिक और वित्तीय संसाधनों का समन्वय और नियोजन करता है ताकि शिक्षा प्रणाली के उद्देश्य पूरे हो सकें।यह प्रक्रिया नीति निर्माण, योजना, संगठन, निर्देशन, समन्वय, नियंत्रण और मूल्यांकन जैसे कार्यों को समाहित करती है।
बहुत से लोग जो प्रशासन को एक राजनीतिक प्रक्रिया समझते हैं, शैक्षिक या शिक्षा प्रशासन का अर्थ शिक्षा विभाग द्वारा शासकीय नियन्त्रण से लगाते हैं। उनके अनुसार, "केन्द्रीय सरकार, राज्य सरकारों एवं स्थानीय निकायों के शिक्षा विभागों द्वारा शिक्षा प्रक्रिया पर जो नियन्त्रण व नियमन लगाये जाते हैं, उसे शिक्षा प्रशासन कहते हैं। " किन्तु शिक्षा प्रशासन का यह बहुत ही संकुचित अर्थ है। कुछ लोग शिक्षा प्रशासन को विद्यालय प्रशासन भी कहते हैं। परन्तु वास्तव में विद्यालय प्रशासन एवं शिक्षा प्रशासन पर्यायवाची नहीं हैं। जब हम शिक्षा प्रशासन की बात करते हैं तो हमारा ध्यान शिक्षा प्रक्रिया और उसके उद्देश्यों शिक्षा सम्बन्धी नीति, नीति का संचालन आदि के ऊपर जाता है और जब हम विद्यालय प्रशासन की बात करते हैं तो हमारा ध्यान किसी शैक्षिक संस्था के प्रबन्ध पर जाता है। सर्वश्री गौड़ एवं शर्मा ने दोनों के अर्थ व अन्तर को स्पष्ट करते हुए लिखा है, “शिक्षा प्रशासन अपना प्रमुख ध्यान शिक्षा पर केन्द्रित करता है जबकि विद्यालय प्रशासन किसी विद्यालय या कॉलेज के संगठनात्मक पहलू पर केन्द्रित करता है शिक्षा प्रशासन का सम्बन्ध शैक्षिक नीतियों, शैक्षिक नियोजन, निर्देशन, समन्वय एवं शैक्षिक कार्यक्रम के परिनिरीक्षण से है। शैक्षिक प्रशासन प्रकृति में विद्यालय प्रशासन से अधिक गत्यात्मक है और इस प्रकार वह एक व्यापक है।"
शैक्षिक प्रशासन की परिभाषा
शैक्षिक प्रशासन को विभिन्न विद्वानों ने निम्न प्रकार परिभाषित किया है-
- "शैक्षिक प्रशासन भौतिक साधनों एवं मानवीय सम्बन्धों तथा सभी प्रकार से लोगों के साथ काम करने के प्रबन्ध से सम्बन्धित है। वास्तव में शैक्षिक प्रशासन अजीवित वस्तुओं की अपेक्षा मनुष्य से अधिक सम्बन्धित है। " - मुकर्जी
- "शैक्षिक प्रशासन उपयुक्त बालकों को उपयुक्त शिक्षकों द्वारा समुचित शिक्षा प्राप्त करने के योग्य बनाता है जिससे वे उपलब्ध आर्थिक साधनों का उपयोग करके अपने प्रशिक्षण से सर्वोत्तम को प्राप्त करने में समर्थ हो सके। " - बैलफोर ग्राहम
- "शैक्षिक प्रशासन का अर्थ एक ऐसे प्रशासन से है, जो समाज एवं व्यक्ति की आवश्यकतानुसार शिक्षा की व्यवस्था कर, एक ओर व्यक्ति को न केवल आत्मनिर्भर बना सके, वरन् उसे समाजोपयोगी नागरिक के रूप में भी विकसित कर सकें।" - नई राष्ट्रीय शिक्षानीति, 1988
शैक्षिक प्रशासन का व्यापक या वास्तविक अर्थ
शाब्दिक अर्थ में शिक्षा प्रशासन का तात्पर्य बालकों के सर्वांगीण विकास की व्यवस्था करने से है। यह शिक्षा प्रशासन का एक प्रकार से संक्षिप्त अर्थ है। शिक्षा प्रशासन का संकुचित अर्थ एक ओर मात्र बाह्य प्रशासन पर बल देता है तथा दूसरी ओर केवल आन्तरिक प्रशासन को ही प्रधान मानता है।
अर्थात् शिक्षा प्रशासन को विद्यालय प्रशासन का पर्यायवाची माना है। वस्तुतः शिक्षा प्रशासन की प्रक्रिया बहुत व्यापक है। इसमें उपर्युक्त दोनों भागों बाह्य तथा आन्तरिक प्रशासन दोनों को शामिल किया जाता है। शिक्षा का बाह्य प्रशासन उस प्रभाव एवं आदेश की ओर संकेत करता है जो कि उच्च स्तर की शक्तियों अर्थात् केन्द्रीय एवं राजकीय सरकारों द्वारा दिये जाते हैं। बाह्य प्रशासन शिक्षा सम्बन्धी अनेक नियमों का प्रादुर्भाव करके पाठ्यक्रम व पाठ्य पुस्तकों का निर्धारण करता है। इसके अलावा वह विद्यालय भवनों के निर्माण, खेल के मैदानों के निर्माण आदि में सहायता करता है। इनसाइक्लोपीडिया ऑफ एजूकेशन रिसर्च में शैक्षिक प्रशासन की परिभाषा इस तरह दी गई है -
"शैक्षिक प्रशासन वह प्रक्रिया है, जिसके द्वारा कार्यकर्त्ताओं के प्रयासों में सामंजस्य स्थापित किया जाता है तथा उपयुक्त सामग्री को इस प्रकार प्रयोग में लाया जाता है कि जिससे मानवीय गुणों का विकास प्रभावशाली ढंग से हो। यह प्रक्रिया केवल बालकों या नवयुवकों के विकास से ही सम्बन्धित नहीं है बल्कि इसमें प्रौढ़ों एवं कार्यकर्त्ताओं के विकास को भी महत्व दिया जाता है।"
शैक्षिक प्रशासन का विश्लेषणात्मक अर्थ
उपर्युक्त शब्दों में शैक्षिक प्रशासन का संकुचित व्यापक व शाब्दिक अर्थ प्रस्तुत किया गया है जिससे विद्यार्थियों को शैक्षिक प्रशासन का अर्थ स्पष्ट हो गया होगा। अब हम उसे और अधिक स्पष्ट करने के लिए उसके अर्थ सम्बन्धी तत्त्वों का विश्लेषण करते हुए उन पर संक्षेप में प्रकाश डाल रहे हैं। जो इस प्रकार हैं-
- शैक्षिक प्रशासन में कला का विज्ञान दोनों का समावेश है - इस सम्बन्ध में के. सी. मलैया ने कहा है कि, “शैक्षिक प्रशासन विज्ञान तथा कला दोनों हैं। कला इसलिए है क्योंकि इसमें कौशल सावधानी तथा विधि आवश्यक है, किसी भी क्षेत्र में प्रशासन बिना कौशल प्राप्तं हुए, बिना सावधानी अपनाये, बिना किसी विधि के अवलम्बन के सम्भव नहीं है, इसी कौशल सावधानी तथा विधि में प्रशासन करने की कला दिखाई देती है। विज्ञान इसलिए क्योंकि प्रशासकीय कला के लिए मनुष्यों के स्वभाव, रुचियों, कार्य करने की विधियों, समूह मनोविज्ञान, आपसी मतभेद आदि के सम्बन्ध में ज्ञान विज्ञान से ही सहायता प्राप्त होती है। इस प्रकार शैक्षिक प्रशासन को केवल कला या विज्ञान ही कहल उचित नहीं, उसमें तो दोनों ही समान रूप से विद्यमान हैं।
- शैक्षिक प्रशासन साध्य न होकर साधन है— शैक्षिक प्रशासन स्वयं साध्य न होकर शैक्षिक उद्देश्यों की पूर्ति का साधन होता है। अतः शैक्षिक प्रशासकों से आशा की जाती है कि वे अपने कार्यों द्वारा शैक्षिक उद्देश्यों की अधिकाधिक पूर्ति करें। यदि शैक्षिक प्रशासन शिक्षा के मुख्य उद्देश्य बालकों के व्यक्तित्व का सम्पूर्ण विकास की पूर्ति करने में सफल नहीं होता है तो वह निरर्थक समझा जाता है।
- शैक्षिक प्रशासन मौलिक रूप में लोकतन्त्रीय प्रक्रिया है—शैक्षिक प्रशासन 'लोकतन्त्रीय सिद्धान्ता, आदर्शों-समता स्वतन्त्रता, विश्व-बन्धुत्व, मानव व्यक्तित्व का आदर, स्वशासन व्यक्तिगत विचारों का सम्मान, शान्ति की विजय, अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा पर निर्भर है। हम देखते हैं कि किस तरह शैक्षिक प्रशासन में केन्द्रीय सरकार राजकीय सरकारें, स्थानीय निकाय एवं निजी संस्थायें सभी अपना योगदान देती हैं। किस प्रकार प्रधानाध्यापक, अध्यापक, शिक्षक एवं अभिभावक विद्यालय-क्रियाओं को सफल बनाने में एक-दूसरे को सहयोग देते हैं। किस प्रकार बिना जाति, वंश, धर्म, लिंग आदि पर ध्यान दिये सभी बालकों को समान रूप से शिक्षा दी जाती है। ये सभी बातें लोकतन्त्रीय प्रशासन की द्योतक हैं।
- शैक्षिक प्रशासन एक गत्यात्मक प्रक्रिया है—शैक्षिक प्रशासन एक गत्यात्मक व विकासशील प्रक्रिया है। यह सदैव देश-विदेश की संस्कृति, इतिहास, राजनीतिक संगठन एवं सामाजिक व्यवस्था से प्रभावित होती रहती है। वर्तमान समय में विज्ञान के क्षेत्र में क्रान्तिकारी परिवर्तन होने से शैक्षिक प्रशासन के स्वरूप में भारी परिवर्तन हो गया। उदाहरणार्थ —मध्यकालीन एकतन्त्रीय व कुलीन तन्त्रीय शासन में शिक्षा प्रशासन केन्द्रीकृत था, किन्तु आज के लोकतन्त्रीय शासन में शिक्षा प्रशासन का विकेन्द्रीकरण हो गया है।
- शैक्षिक प्रशासन एक व्यापक प्रक्रिया है—यह एक अति व्यापक प्रक्रिया है। इसमें उन सभी क्रियाओं का समावेश होता है, जो शैक्षिक प्रक्रिया के नियोजन, संगठन, संचालन, समन्वय, सामंजस्य व नियन्त्रण से सम्बन्धित है। इसका सम्बन्ध न केवल भौतिक तत्त्वों से होता है, बल्कि यह शैक्षिक प्रक्रिया के अन्य तत्त्वों-पाठ्यक्रम, शिक्षण प्रक्रिया, शिक्षण सिद्धान्त आदि सभी से सम्बन्धित होता है। इस क्षेत्र के अन्तर्गत वाह्य एवं आन्तरिक दोनों प्रकार के प्रशासन का समावेश किया जाता है।
- यह बाल केन्द्रित प्रक्रिया है— यद्यपि यह शैक्षिक प्रक्रिया पर बल देता है। वेतन सेवा की दशाओं, सत्र की अवधि का निर्धारण आदि से इसी प्रकार की अन्य समस्याओं के सम्बन्धों में निर्णय देता है। आन्तरिक प्रशासन का तात्पर्य उस व्यवस्था से है, जो किसी विद्यालय का नेता एवं प्रधानाध्यापक, व्यवस्थापक, शिक्षक एवं छात्रों की सहायता से विद्यालय के प्रतिदिन के कार्यक्रम एवं क्रियाओं के संचालन हेतु करता है।
प्रशासकों को अब डिजिटल शिक्षा, समावेशी शिक्षा, और पर्यावरणीय स्थिरता जैसे मुद्दों पर भी ध्यान देना पड़ता है। इस प्रकार, शैक्षिक प्रशासन एक ऐसी प्रक्रिया है जो शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता, समानता और प्रभावशीलता को सुनिश्चित करने के लिए निरंतर विकास और अनुकूलन की मांग करती है। यह न केवल शैक्षिक संस्थानों के सुचारु संचालन को सुनिश्चित करता है, बल्कि समाज के समग्र विकास में भी योगदान देता है।


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