आज ज्ञान बाँटने नहीं ज्ञान छाँटने और समेटने का दौर है आज ज्ञान बाँटने नहीं ज्ञान छाँटने और समेटने का दौर है आज थोक के भाव में इंटरनेट पर ज्ञान परोस
आज ज्ञान बाँटने नहीं ज्ञान छाँटने और समेटने का दौर है
आज ज्ञान बाँटने नहीं
ज्ञान छाँटने और समेटने का दौर है
आज थोक के भाव में
इंटरनेट पर ज्ञान परोसा जा रहा है!
हर ज्ञान पर भरोसा नहीं किया जा सकता
हर ज्ञान से भविष्य व चरित्र निर्माण नहीं होता
कौन सा ज्ञान किस उम्र वाले के लिए जरूरी
इसका प्रबंधन व नियंत्रण मोबाइल धारक के हाथ में ही!
आज मोबाइल एक आवश्यक मजबूरी है
जिसे हर किसी के हाथ में थमा दिया जाता
खासकर बाहर रह रहे, पढ़ाई कर रहे बच्चों के हाथ में
इस आशंका के साथ कि कहीं भटक नहीं जाए बच्चे
इस आश्वस्ति में कि जरूरी जानकारी खोज लेंगे बच्चे
मगर सच में भटक रहे बच्चे,रास्ते से नहीं,लक्ष्य गंतव्य से!
आज हर देश की सरकार का तख्ता पलट रहे बच्चे
कही धर्म मजहब कही आरक्षण कही इंटरनेट बंद के नाम
हर मसला पर बच्चों को बहला फुसला कर अराजक तत्व
अपनी सियासत चमकाने के लिए इस्तेमाल कर रहे
हर जाति धर्म तबके के कम उम्र के बच्चे रोड पर मर रहे!
ऐसा है कि मोबाइल इंटरनेट में हर ज्ञान अपडेट होता
मगर संभावना है अवांक्षित ज्ञान से अपसेट हो जाने का
अब बच्चों का भविष्य पूरी तरह से निर्भर नहीं होता
माँ पिता गुरु के ज्ञान अनुशासन प्रवर्जना व संस्कार पर
अक्सर बच्चों को मोबाइल देकर चिंतित होनेवाले माँ पिता
अपने बचपन के दिनों के कटु अनुभव के शिकार होते!
मगर माँ पिता अपने अच्छे बुरे अनुभव के रिमोट के सहारे
बच्चों के ध्यान को अवांक्षित ज्ञान के चैनल से हटा सकते
माँ पिता अपने जाति समाज मजहब की बुराई से वाकिफ होते
मगर अपनी उन बुराइयों को हमेशा छिपाने की राजनीति करते!
इस स्थिति से बच्चों के बचपन को बचाना है
तो आवश्यक है ज्ञान अर्जित करनेवाले बच्चों को घरेलू हिंसा
जातिवादी दुर्भावना धार्मिक पाखंड मजहबी षड़यंत्र से दूर रखना
सभी माँ पिता को मालूम है हर धर्म के खान पान रहन सहन
वस्त्र लिवास पोशाक धार्मिक विश्वास में भेदभाव पाखण्ड होता!
बच्चे जबतक सोचने समझने निर्णय लेने के काबिल नहीं होते
तबतक मत थोपो निज धार्मिक आस्था भाषा वेशभूषा कट्टरता
वर्णा मारे जाएंगे जहाँ उनके जैसे सोच विचार के लोग नहीं होंगे
ज्ञात हो एक धर्म मजहब के ज्ञान से मनुष्य निर्माण नहीं होता!
ऐसी वेषभूषा त्यागने की बात करो जिससे कोई लाभ नहीं हो
ऐसे लिवास पहनने और मजहबी रंग रुप गढ़ने के क्या फायदे?
जो पहचान बता मरने मारने का खतरा पैदा करने के होते वायदे
धार्मिक पहचान झूठी मजहबी शान दिखाना ठीक नहीं जीने के कायदे!
क्या आज आम नागरिक श्रद्धालु नागा साधु सा नग्न रह सकते?
दिगंबर मुनि सा अहिंसा दर्शाने के लिए स्नान करना त्याग सकते?
इस आशंका में कि इससे देह के इर्दगिर्द सूक्ष्म जीव की हिंसा होगी?
जीवाणु विषाणु वाइरस मक्खी मच्छर मर जाए तो जीव हत्या होगी?
अति त्याग वृति दिखाने के लिए बाल दाढ़ी नोच केश विमोचन करे,
बीमार पडे तो चिकित्सा नहीं कराये, असमय मृत्यु स्वीकार कर ले?
किसी धार्मिक महापुरुष ने नहीं कहा स्वहित में दुःख लो या दो,
बुद्ध ने कहा इस संसार में दुःख है दुःख कारण निवारण मुक्ति,
तीर्थंकर का अर्थ संसार के दुःख सागर से पार उतारनेवाले ज्ञानी
सारे तीर्थंकर राजपुरुष थे आदिनाथ ने राज किए बांकी थे त्यागी!
ये ग्रहण त्याग रीति दृढ़ नहीं ये तीर्थंकरों के समय सापेक्ष मत
पार्श्वनाथ ने वस्त्र धारण व महावीर ने वस्त्र त्याग की बात की
अब दिगंबर होने का नहीं वक्त, ये वस्त्र धर्म का है बाह्य तत्व,
मजहब अजब गजब सजधज गुलामी सिजदा पाबोस पद पूजक!
किसी सियासी हस्ती ने राजनीतिक विस्तारवादी नीति के तहत
अपने वक्त व समझ के अनुसार खुद का खुदा सबपे दिया थोप
खुद गढे ईश्वर अल्लाह खुदा का मसीहा बनकर दे दिया आदेश
काम छोड़कर याद करो उन्हें बार-बार एक स्थान में होकर एकत्र
कौन रब सिखलाता है गैर अनुयायी के प्रति घृणा द्वेष नफरत?
अति अहिंसा या अति हिंसा कोई धर्म रीती नहीं मानसिक विकृति
या क्षुद्र राजनीति जिसमें दूर देश के लोग लगते मित्र, शत्रु पड़ोसी,
धर्म श्रेष्ठ सनातन गुणधर्म,बशर्ते त्याग दो गुण स्वभाव जातिवादी
छोड़ो विदेशी मत मजहब गुलामी, जो धर्मांतरितों की नहीं संस्कृति,
मत कहो दीवान को अधनंगा फकीर,सूटबूटकोटधारी को दलितवादी!
आज इतिहास जानने के लिए खोजो नहीं रोमिला थापर इरफान हबीब
इंटरनेट पर उपलब्ध इतिहास वेद आगम निगम बाइबिल कुरान हदीस
पंथी पादरी मौलवी शास्त्र जलानेवाले शातिर का जयकारा लगाना क्या?
तर्कशील हो पढ़ो तुलना करो क्या अच्छा क्या बुरा किसी से पूछना क्या?
- विनय कुमार विनायक


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