अंग्रेजों के आने से पहले अरबी तुर्की आक्रांताओं से भारत की हो चुकी थी पूरी तरह से दुर्दशा और बर्बादी व्यापारी अंग्रेजों ने गुलाम खिलजी तुगलक सैयद लोद
अरबी तुर्की आक्रांताओं के बाद ‘अंग्रेज राज सुख साज सजे सब भारी’
अंग्रेजों के आने से पहले अरबी तुर्की आक्रांताओं से
भारत की हो चुकी थी पूरी तरह से दुर्दशा और बर्बादी
व्यापारी अंग्रेजों ने गुलाम खिलजी तुगलक सैयद लोदी मुगल
और उनके भारतीय मनसबदारों की बर्बरता से राहत दिलाई थी!
अंग्रेज बिना मारकाट के व्यवसायी बनकर आए
भारत सोने की चिड़िया थी, अंग्रेज सोने चाँदी हीरा लूट कर चले गए
अंग्रेजों ने मंदिर मूर्ति नहीं तोड़े ना ही स्त्री अपहरण बलात्कार किए
बल्कि अंग्रेजों ने मठ मंदिर को संरक्षित किए हेरिटेज/धरोहर कहकर!
हिन्दी निर्माता कवि भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने अठारह सौ अस्सी ई में
टूटी फूटी नवजात हिन्दी में अंग्रेजी राज पर बात कही अति न्यारी
“अंग्रेज राज सुख साज सजे सब भारी
पै धन विदेश चलि जात इहै अति ख्वारी”
तबतक संस्कृत टूटकर अपभ्रंश हो चुकी पर कोई राष्ट्रभाषा नहीं उभरी
जिससे भारतेन्दु ने लिखी ‘निज भाषा उन्नति अहै सब उन्नति को मूल’
भारत में सब भिन्न अति ताही सों उत्पात
विविध देस मतहू विविध भाषा विविध लखात’
इस कारण अठारह सौ सत्तावन ई के गदर में कोई देशी नायक ना मिला
मुगल आक्रांता मूल के बहादुर शाह जफर को हिन्दुओं ने नायक बनाया!
धर्म देखकर नारी से बलात्कार और स्त्री बेचने की परंपरा कहाँ से आई?
मुहम्मद कासिम, मुहम्मद गजनबी, गोरी, अरबी तुर्की आक्रांताओं ने लाई
गजनबी ने दो दीनार में बेची थी लाखों हिन्दू बेटियाँ गजनी के बाजार में
आज भी वहाँ अंकित ‘दुख्तरे हिन्द नीलामे दो दीनार’ गजनी के मीनार में!
सती प्रथा कैसे आई? किस कारण आई? किसने लाई?
क्या नहीं हिन्दुओं ने अरब तुर्क आक्रांताओं से डरकर खुद अपनाई?
अंग्रेजों ने इस कुप्रथा से हिन्दुओं को कानून बनाकर मुक्ति दिलाई!
बाल विवाह से मुक्ति, विधवा विवाह का कानून किसने बनाया?
किसी आक्रांता सुल्तान बादशाह ने नहीं, अंग्रेजों ने हिन्दू के हित में
डाक तार रेल जहाज वायुयान बंदूक रायफल टैंक बम अंग्रेज ने बनाए
सारे पश्चिमी वैज्ञानिक संसाधन अंग्रेजों ने भारत में पहले पहल लाए!
हिन्दुओं के हजारों मठ मंदिर मूर्तियाँ किसने तोड़े? क्या अंग्रेजों ने?
नहीं, आक्रांता मुहम्मद बिन कासिम,मुहम्मद गजनबी,गोरी के गुलाम
कुतुबुद्दीन ऐबक स्थापित सल्तनत व बर्बर मुगल बाबर औरंगजेब ने!
पहली बार मु कासिम ने सिंध में साम्ब निर्मित सूर्य मंदिर लूटे थे
गजनवी ने सोमनाथ मंदिर तोड़े, ऐबक ने दिल्ली में सत्ताईस मंदिर
तोड़ बनाए कुब्बत उल इस्लाम, अजमेर में अढाई दिन का झोपड़ा,
बाबर ने राम जन्मभूमि, औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर तोड़ा!
लाखों लाख हिन्दू ललनाओं से बलात्कार किसने किया? अंग्रेजों ने
या मुहम्मद कासिम मुहम्मद गजनवी गोरी खिलजी तुगलक सैयद
मुगल आक्रांताओं और धर्मांतरित हिन्दू मूल के भटके जिहादियों ने?
अंग्रेजों के साथ सेना नहीं थी
भारतीय देशी रेजिमेंट की सेनाओं ने पहन ली अंग्रेजी सेना की वर्दी
रियासतों के जमींदार जागीरदार थे बडे ही क्रूर कर संग्राहक मतलबी
महार रेजिमेंट की सेना ने स्त्री बलात्कार की पहली घटना अंजाम दी!
जलियांवाला बाग में गोली चलवाने वाले डायर के सैनिक कौन थे?
क्या नहीं लालची गद्दार हिन्दू और धर्मांतरित स्वदेशी मुस्लिम?
भगत सिंह को फाँसी देने वाला जल्लाद कौन? अंग्रेज नहीं पंजाबी!
आजादी के पूर्व नोआखाली में लाखों हिन्दुओं का दंगाई कौन थे?
हिन्दू से मुस्लिम बने पूंजा भाई का बेटा मुहम्मद अली जिन्ना थे,
नालंदा विक्रमशिला उदंतपुरी विश्वविद्यालय को किसने जलाए थे?
किसी अंग्रेज ने नहीं मुहम्मद गोरी के गुलाम बख्तियार खिलजी ने
अंग्रेजों ने राष्ट्रभाषा हीन देश में मैकाले की अंग्रेजी शिक्षा नीति लाई
हिन्दुओं ने अबूझ कठिन अरबी फारसी उर्दू भाषा लिपि से पिंड छुड़ाई
आज भी उत्तर दक्षिण पूर्व पश्चिम औ’ विश्व को अंग्रेजी ही जोड़ रखी!
अठारह सौ सत्तावन ई से उन्नीस सौ ई तक भारतेन्दु युग कहलाया
नौ सितंबर उन्नीस सौ पचास ई में जन्मे पचासी ई में जग छोड़ गए
भारतेन्दु पितामह थे आधुनिक हिन्दी के सब विधा विकसित कर गए
भारतेन्दु ने एक राष्ट्रभाषा विहीन अंग्रेजी भारत की स्थिति बतलाई
‘अंग्रेजी पढि के जदपि सब गुण होत प्रवीन
पै निज भाषा ज्ञान बिन रहत हीन के हीन’
तबतक मैथिलीशरण गुप्त ब्रजभाषा छोड़ हिन्दी संवारने नहीं आए थे
जयशंकर प्रसाद व्रज व प्रेमचंद उर्दू छोड़ हिन्दी समृद्ध नहीं बनाए थे!
धर्मांतरण हेतु हिन्दू पर जजिया कर किसने लगाए? इस्लामी लुटेरे ने,
युवा क्रांतिकारियों की फाँसी रुकवाने की वकालत किसने नहीं की थी?
महान हिन्दू बैरिस्टर काका बापू ने जो विदेशियों से बहुत फीस लेकर
विदेशों में वर्षों वकालत कर आए, अंग्रेजभक्त कांग्रेसी सेफ्टीभाल्व हुए,
अंग्रेजों के गोलमेज पर बैठ देश की समस्या नहीं क्रांतिकारी हिंसा पर
गोल-गोल बातें कर भगतसिंह सुखदेव राजगुरु जैसे सपूत बचा न सके!
अंग्रेजी काल में न्यायपालिका साक्ष्य पर आधारित निष्पक्ष होती थी
सजायाफ्ता अपराधी को मृत्युदंड माफी अपील वकील की व्यवस्था थी
अंग्रेजी अदालत में सल्तनत व बादशाहत की तरह निरंकुशता नहीं थी,
अंग्रेज आने के पहले इस्लामी शासक बिना अदालती कार्रवाई किए ही
धर्म देखकर निर्दोष हिन्दुओं को चीरफाड़ कर,बोटी-बोटीकर मार देते थे!
जहांगीर द्वारा निरपराध गुरु अर्जुनदेव को गर्म तवा पर बिठाकर मारना
इस्लाम नहीं कबूलने पर औरंगजेब द्वारा गुरु तेगबहादुर का सिर काटना
गुरु गोविन्द सिंह के दो मासूम साहिबजादों को जिंदा दीवार में चिनवाना
बंदाबहादुर को आरी से चीर देना,गोकुल सिंह जाट को बोटी-बोटी कर देना
ऐसे लाखों उदाहरण है क्रूर इस्लामी शासकों द्वारा हिन्दुओं से बर्बरता का!
अंग्रेज तो भारत छोड़ गए, सत्ता उन काले अंग्रेज कांग्रेस को सौंप कर
जिन्होंने कश्मीर में अलगाववादी धारा तीन सौ सत्तर व पैंतीस ए लगाए
मुस्लिम वक्फ बोर्ड, अल्पसंख्यक बील, मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड बनाए
अल्पसंख्यक मंत्रालय विश्वविद्यालय पाकिस्तान और बांग्ला देश बनवाए
देश बाँटे पाक बनाए लाखों हिन्दू कटाए,लाखों बांग्लादेशी रोहिंग्या बसाए!
कांग्रेस तब भी अंग्रेज ए ओ ह्यूम द्वारा गठित अंग्रेजों की सेफ्टीभाल्व थी
कांग्रेस अल्पसंख्यक हितरक्षक बहुसंख्यक हिन्दू को कहती हिंसक आज भी
कांग्रेस पार्टी आज विदेशी धर्म मजहब रक्त नस्ल की घोर वंशवादी हो चुकी
कांग्रेस में बडे-बडे नेताओं की पूछ नहीं,कांग्रेस सच नहीं हो गई झूठी फरेबी
कांग्रेस जैसी जितनी वंशवादी पार्टी वे लोकतंत्र विरोधी बेटा बेटी की हितवादी !
- विनय कुमार विनायक


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