रिश्ते नाते सम्बन्धों की उम्र निर्धारित होती

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रिश्ते नाते सम्बन्धों की उम्र निर्धारित होती रिश्ते नाते सम्बन्धी सदा एक जैसे नहीं होते आज जो भाई है वो पहले वाला भाई नहीं है आज जो बहन है वो अपने

रिश्ते नाते सम्बन्धों की उम्र निर्धारित होती


रिश्ते नाते सम्बन्धों की उम्र निर्धारित होती 
रिश्ते नाते सम्बन्धी सदा एक जैसे नहीं होते 
आज जो भाई है वो पहले वाला भाई नहीं है 
आज जो बहन है वो अपने आप में मगन है!

रिश्ते नाते सम्बन्धों की उम्र निर्धारित होती
रिश्ते नाते की सरगर्मी बढ़ती औ घटने लगती
कल जो साला था बहन से मिलवाने वाला था  
वो भी अब किसी और का बहनोई हो गया है  
आगे कुछ और रिश्ते नाते संबंध होने वाला है!

रिश्तेदारी की जिम्मेदारी तभी समाप्त हो जाती 
जैसे ही रिश्तेदारी होती,आगे चलती या घिसटती
कुछ रिश्ते नाते रिश्वत सा होते मतलब से चलते 
कुछ रिश्तेदार रिश्वतखोर, कुछ साफ सुथरे होते! 

अकेले में बैठ स्वयं से एक सवाल करना होता
हमारे नहीं होने पर किस पर असर पड़ना होता
जिसे असर पड़ना उसके लिए जीन मरना होता 
बाकी रिश्ते को अपने हाल पर छोड़ देना होता!
 
जबतक छोटे भाई बहनों को जरूरत थी तुम्हारी 
तुम राम बनते रहे बिना सोचे कि वे लखन बने 
या बनके विभीषण तुम्हें रावण प्रचारित करते थे
ये सच है अग्रज का एहसान नींव सा नहीं दिखते! 

अग्रज अकेले आते भाई बहनों के भाई बन ना आते 
मगर एक युवा जोड़ी को माँ पिता होने का दर्जा देते 
छोटे भाई बहन बड़े भाई बहन के भाई बहन हो आते 
पर माँ का दूध पिता की गोद से अग्रज वंचित होते!

किसी का वर्तमान देखकर भूत भविष्य नहीं आँको 
पीछे देखो आगे देखो किसी के ह्रदय में भी झाँको 
अभी जो पुत्र पुत्री है, वो पूर्व के पिता माँ हो सकते 
आत्मा की गहराई में देखो जहाँ आत्मीयता होती! 

कोई किसी से धन सम्पत्ति के आकर्षण में जुड़ते 
अगर समर्थ हो तो दान दें कर्मफल का निदान ये 
कोई किसी के चित्त चरित्र हृदय आत्मा से मिलते 
उसे धन से न तोलो उसके विरुद्ध कभी न बोलो! 

हर कोई पूर्व इच्छा वासना कामना से जन्म पाते  
नजदीकी रिश्ते नाते मित्र कुटुम्ब से सम्बंध बनाते
बहुत ऐसे रिश्ते होते जो पूर्व जन्म के दुश्मन होते 
अपने इर्द-गिर्द देखो कुछ रिश्ते मन को नहीं भाते!

रिश्ते के हरपक्ष को देखे बिना टीका टिप्पणी ना करो
वाणी की तीव्रता तीर से अधिक होती जिसे समझ लो
धन ही नहीं सम्मान प्राप्ति का भी ऋण चुकाना होता 
जिसने तेरा पैर छुआ उसके बड़ों के चरण छूना होता!  

जिसने तुझे सम्मान दिया उनका अपमान नहीं करना 
नहीं तो भविष्य में तुझे आत्मग्लानि से होगा गुजरना 
कोई परिस्थितिवश धार्मिक कर्मकांड नहीं निभा पाता 
उन्हें सरेआम बेइज्जत नहीं करना मजबूरी पूछ लेना! 

अक्सर सम्बन्ध अति उत्साह व मिथ्या दंभ से टूटता 
ज्ञानी का बड़े के आगे ज्ञान बाँचना शेखी बघारने जैसा 
ऐसे व्यक्ति बड़ों को मान नहीं देता छोटे को दुत्कारता 
सच्चा ज्ञानी मर्यादित रहता व्यर्थ प्रवचन नहीं सुनाता! 

रिश्ते नाते की उम्र निर्धारित होती, झटके में टूट जाती 
किसी के साथ विश्वासघात ना करना होगी बड़ी बर्बादी 
अवैध प्राप्ति की चाह में मंसूबा बनाते उम्र गुजर जाती 
जितना जल्द हो बुरे इरादे तुरंत छोड़ दो होगी तरक्की!


- विनय कुमार विनायक

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