विद्या भंडारी के काव्य संग्रह 'स्त्री स्लेट पर लिखा शब्द नहीं' का हुआ लोकार्पण

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विद्या भंडारी के काव्य संग्रह 'स्त्री स्लेट पर लिखा शब्द नहीं' का हुआ लोकार्पण हिन्दी अकादमी के अपने सभागार में हुए इस कार्यक्रम में नगर के कई साहित्य

विद्या भंडारी के काव्य संग्रह 'स्त्री स्लेट पर लिखा शब्द नहीं' का हुआ लोकार्पण


कोलकाता । पश्चिमबंग हिंदी अकादमी, सूचना एवं संस्कृति विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा 'काव्य सरिता' आयोजित की गई, जिसमें प्रधान अतिथि के तौर पर उपस्थित थीं - साहित्यकार डॉ वसुंधरा मिश्र तथा बतौर कवि उपस्थित थे- सर्वश्री लखबीर सिंह निर्दोष, विद्या भंडारी,अमित कुमार अम्बष्ट आमिली, मौसमी प्रसाद, रमाकांत सिन्हा, तथा अनामिका सिंह। सर्वप्रथम अकादमी की सदस्य रचना सरन ने सभी का स्वागत किया और फिर  अकादमी के वरिष्ठ सदस्य तथा काव्य सरिता के संयोजक रावेल पुष्प के काव्यात्मक संचालन में कवियों ने विभिन्न रंगों की अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं।कार्यक्रम का शुभारंभ रमाकांत सिन्हा की सुमधुर सरस्वती वंदना के साथ हुआ।

विद्या भंडारी के काव्य संग्रह 'स्त्री स्लेट पर लिखा शब्द नहीं' का हुआ लोकार्पण
इस अवसर पर अमित कुमार अम्बष्ट आमिली ने 'दाग अच्छे हैं' कविता सुनाते हुए मजबूरी में माँ को बहुत से गलत कार्य करने पड़ते हैं, भावों को व्यक्त किया और सफेदपोशों की कलई भी खोली। मौसमी प्रसाद ने जीवन के संघर्षों से रूबरू होते हुए जीवन में करने वाले प्रयत्न और खुद से खुद को प्यार करने की बहुत सुंदर कविता सुनाई। वरिष्ठतम कवि लखबीर सिंह निर्दोष ने अपनी चिरपरिचित कविता 'घूमूं घाटी घाटी', खंडकाव्य के अंश और हृदय वृंदावन सुनाकर सभी का मन मोह लिया।अनामिका सिंह ने देश की राजनीति, स्त्री के प्रति सहायक बनने से संबंधित कई यथार्थ जानकारियों को साझा किया। रमाकांत सिन्हा ने सकारात्मक सोच लिए स्वस्थ काॅमेडी द्वारा कुमार विश्वास की तर्ज पर गीत और गज़ल सुनाई जिसे श्रोताओं ने खूब पसंद किया ।

इस मौके पर वरिष्ठ कवयित्री विद्या भंडारी की नवीनतम कविता पुस्तक 'स्त्री स्लेट पर लिखा शब्द नहीं' का लोकार्पण किया गया, जिसमें उपस्थित कवियों के अतिरिक्त राष्ट्रीय साहित्य संस्था रचनाकार तथा शब्दाक्षर के प्रतिष्ठाता सुरेश चौधरी तथा रविप्रताप सिंह भी शामिल रहे।विद्या भंडारी ने अपना वक्तव्य रखते हुए कुछ कविताएं 'शब्द', 'लौटता कुछ भी नहीं', 'स्त्री और पौरूष' आदि बहुत ही महत्वपूर्ण कविताओं का पाठ किया, साथ ही कविता का जीवन में महत्व भी बताया। 

प्रधान अतिथि डॉ वसुंधरा मिश्र ने शास्त्रों में निहित कविता को एक सुन्दर युवती की तरह बताते हुए ‘शब्दार्थो सहितौ काव्यम्' की व्याख्या की और भावनाओं का व्यष्टि से समष्टि से जुड़ने की बात कही। कविता मनुष्य के अपने आसपास की बात है और मन की गहराई से जुड़ी हुई है।डॉ मिश्र ने 'स्त्री को नए रंग दो स्त्री को नए स्वर दो' सुना कर अपनी भावनाओं को सभी से साझा किया।इस अवसर पर पश्चिम बंग हिंदी अकादमी के अध्यक्ष विवेक गुप्त ने सभी को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई देते हुए बंगाल अपडेट चैनल को साक्षात्कार देते हुए कहा कि अकादमी के वरिष्ठ सदस्य रावेल पुष्प हिंदी की निस्वार्थ सेवा करने वाले एक मजबूत स्तम्भ हैं।

हिन्दी अकादमी के अपने सभागार में हुए इस कार्यक्रम में नगर के कई साहित्यकार तथा साहित्य प्रेमी उपस्थित थे।अंत में अकादमी के प्रशासनिक अधिकारी उत्पल पाल ने सभी को धन्यवाद दिया।



- रावेल पुष्प वरिष्ठ पत्रकार कोलकाता.
9434198898.

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