सर्कस का आँखों देखा वर्णन Essay on Circus in Hindi सर्कस पर निबंध सर्कस का मैदान सर्कस में रोमांचक कारनामे का प्रदर्शन सर्कस मुख्य उद्देश्य मनोरंजन
सर्कस पर निबंध
सर्कस का आँखों देखा वर्णन Essay on Circus in Hindi - प्राचीन काल से मानव आमोद-प्रमोद का शौकीन है। यह मानव-जीवन का अविभाज्य एवं अभिन्न अंग है। यह हमारे जीवन को स्फूर्ति प्रदान करने वाले पौष्टिक तत्व एवं आहार के समान है। इसके अभाव में जीवन बोझिल और उबाऊ बन कर रह जाता है। इसी कारण मानव ने जिन साधनों का अपने मनोरंजन के लिए चयन किया है, उनमें सर्कस भी एक है। सर्कस में मनोरंजन, साहस एवं रोमांच तीनों का समन्वय होता है। इसमें हम अपने जैसे मानव को सजीव रूप में दुर्दान्त पशुओं के साथ अथवा अकेले ही रोमांच, साहस एवं वीरता का प्रदर्शन करते हुए देखते हैं। ऐसे ही एक रोमांचक सर्कस को देखने का अवसर हमें गत वर्ष मिला।
सर्कस का मैदान
गत वर्ष अक्टूबर के महीने में हम सभी मित्र अपने-अपने परिवारों के साथ मध्याह्न 2 बजे रामलीला के मैदान में पहुँचे। सर्कस पूरे मैदान में फैला हुआ था। चारों ओर ऊँची दीवार उसके अन्दर जानवरों के पिंजरे तथा निवास आदि थे। प्रवेश द्वार के पास एक टिकट-घर से टिकट लेकर हम विशाल, ऊँचे और बड़े तम्बू के अन्दर पहुँचे। एक विशाल गोलाकार घेरे के चारों ओर कुर्सियाँ लगी थी। वहाँ सामान्य (General), मध्यम (Middle) तथा प्रथम (First) तथा अति महत्वपूर्ण (V.Imp.) वर्ग थे। प्रथम वर्ग के लिए सोफे और गद्देदार कुर्सियाँ थी। सबसे अन्त में ऊँचे स्थान पर सामान्य कुर्सियाँ तथा लम्बी बैंच थी। हमने प्रथम वर्ग में अपना-अपना स्थान ग्रहण किया।
सर्कस में रोमांचक कारनामे का प्रदर्शन
शीघ्र ही सम्पूर्ण पण्डाल भर गया। चारों ओर मचने वाला शोर अचानक शान्त हो गया। सर्कस के प्रबन्धक द्वारा हार्दिक स्वागत के बाद घण्टी बजी और सर्कस आरम्भ हुआ। सबसे पहले लड़ते-झगड़ते हुए जोकर घेरे में आये। वे एक-दूसरे से मजाक में झगड़ने लगे। उनके जाते ही एक युवक एक पहिए की, बिना हैण्डिल तथा बिना ब्रेक वाली साइकिल चलाता हुआ आया। इसके बाद ऊँचे झूलों पर युवक-युवतियों ने अपने शरीर की फुर्ती, साहस और रोमांचक कारनामों का प्रदर्शन किया। वे ऊँचे झूलों पर झूलते, एक से दूसरे झूले तक जाते, बीच में झूले को छोड़ नया झूला पकड़ते, उनकी शारीरिक कुशलता देखने योग्य थी। कुछ युवा कलाकारों ने विभिन्न प्रकार के व्यायाम का प्रदर्शन किया।
सर्कस का मुख्य उद्देश्य मनोरंजन
पशुओं का प्रदर्शन भी उल्लेखनीय था। हाथी ने फुटबाल के खेल का प्रदर्शन किया। शेर ने अपने रिंग मास्टर के संकेत पर कई प्रकार के करतब दिखाये। भालू ने मास्टर जी के समान बच्चों को पढ़ाया। बन्दरों ने उछल-कूद कर अनेक करतब दिखाये। सबसे अधिक रोमांचक था तोप के मुँह से आग और गोले के साथ आदमी का निकलना, जोकर द्वारा गीत गाना, व्यक्ति द्वारा बिना हैण्डिल, ब्रेक तथा एक पहिए की साइकिल चलाना और एक व्यक्ति द्वारा अपने शरीर पर तख्ता रखकर उस पर से जीप को निकालना आदि। अन्त सर्कस के खत्म होते ही हम कल्पना से वास्तविक दुनिया में वापस आये और घर चल में दिये ।
अत: स्पष्ट है कि सर्कस में वीरता, साहस, रोमांच, शारीरिक चुस्ती-फुर्ती आदि देखने योग्य होती है। इसके साथ ही सर्कस का मुख्य उद्देश्य मनोरंजन है।
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