हिंदी साहित्य में शोध शोध की परिभाषा शोध का महत्व शोध प्रक्रिया के प्रमुख चरण शोध प्रविधि के प्रकार साहित्य समीक्षा शोध के प्रकार महत्व एवं उद्देश्य
हिंदी साहित्य में शोध
हिंदी साहित्य में शोध शोध शब्द अंग्रेजी के Research के पर्याय के रूप में प्रयोग होता है। जिसका आशय होता है - नए उद्देश्यों को प्राप्त करना। शोध उस प्रक्रिया अथवा कार्य का नाम है जिसमें बोधपूर्वक प्रयत्न से तथ्यों का संकलन कर सूक्ष्मग्राही एवं विवेचक बुद्धि से उसका अवलोकन - विलेषण करके नए तथ्यों या सिद्धांतों का उद्घाटन किया जाता है। विषय विशेष के बारे में बोधपूर्ण तथ्यात्मक एवं यथा संभव प्रभूत सामग्री संकलित कर सूक्ष्मतर विश्लेषण विवेचन और नए तथ्यों व सिद्धान्तों के निर्माण की बोध पूर्वक क्रिया ही शोध है।शोध के लिए हिंदी में प्रयुक्त अन्य पर्याय है - अनुसंधान ,गवेषणा ,खोज ,अन्वेषण ,मीमांसा ,अनुशीलन , परिशीलन ,आलोचना आदि।
शोध की परिभाषा
- आचार्य विमलमोहन शर्मा के अनुसार - शोध नए तथ्यों की खोज ही नहीं उसकी तर्कसम्मत व्याख्या है।
- डॉ.नगेन्द्र के अनुसार - अनेकता में एकता की सिद्धि का ही सत्य है। इसी का अर्थ है आत्मा का साक्षात्कार। अतः शोध का यह रूप सत्य की उपलब्धि अथवा आत्मा के साक्षात्कार के अधिक से अधिक निकट है। "
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि विषय विशेष के बारे में बोधपूर्ण तथ्य के अन्वेषण एवं यथासंभव प्रभूत सामग्री संकलित कर सूक्ष्मतर विश्लेषण -विवेचन और नए तथ्यों ,नए सिधान्तों के उद्घाटन की प्रक्रिया अथवा कार्य शोध कहलाता है।
शोध का महत्व
शैक्षणिक संस्थानों को शोध से जोड़ने के कारण शोध का महत्व बहुत बढ़ा है। शोध के निम्नलिखित महत्व हैं -
- शोध जिज्ञासा मूलक प्रवृत्ति की संतुष्टि करता है।
- ज्ञान के उन्नयन में सहायक है।
- शोध सामाजिक विकास में सहायक है।
- शोध से व्यक्तित्व का बौद्धिक विकास होता है।
- शोध पूर्वाग्रहों के निदान और निवारण में सहायक होता है।
- शोध ज्ञान के विविध पक्षों में गहनता और सूक्ष्मता प्रदान करता है।
- शोध अनेक नवीन कार्य विधियों और उत्पादों को विकसित करता है।
- शोध से व्यावहारिक समस्याओं का समाधान होता है।
शोध प्रक्रिया के प्रमुख चरण
शोध एक क्रमिक प्रक्रिया है। इसमें निश्चित एवं उपयोगी चरणों को एक व्यवस्थित प्रक्रिया शामिल होती है। इसीलिए इसे वैज्ञानिक प्रक्रिया भी कहा जाता है। इसके प्रमुख अंग है -
- विषय निर्धारण
- शोध समस्या
- सम्बंधित साहित्य का व्यापक सर्वेक्षण
- परिकल्पना का निर्माण
- शोध की रुपरेखा
- तथ्यों का संकलन
- परिकल्पना की जाँच
- तथ्यों का विश्लेषण एवं व्याख्या
- शोध प्रतिवेदन तैयार करना।
शोध प्रविधि के प्रकार
वेस्ट एवं काहन के अनुसार शोध की विधियों को निम्नलिखित तीन भागों में बाँटा जा सकता है -
- ऐतिहासिक शोध विधि
- वर्णनात्मक / विवरणात्मक शोध विधि
- प्रयोगात्मक शोध विधि
- ऐतिहासिक शोध विधि - इतिहास प्राच्ययुगीन घटनाओं का क्रमबद्ध एवं विश्वसनीय विवरण प्रस्तुत करता है। इसके द्वारा वस्तु ,विचार ,घटना और समाज के विगत जीवन आदि का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है।
- वर्णनात्मक /विवरणात्मक शोध प्रविधि - इसमें समाज की वर्तमान स्थिति का वर्णन एवं विश्लेषण किया जाता है। इसमें व्यवहार के माध्यम से व्यवहार और गुणों की माप को दर्शाया जाता है।
- प्रयोगात्मक शोध प्रविधि - शोध की यह एक उन्नत विधि है। इसमें शोधकर्ता स्वतंत्र चर एवं आश्रित चर के द्वारा कार्य कारण संबंधों का अध्ययन करता है।
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