नारियल के पेड़ पर निबंध | Coconut Tree Essay Hindi

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नारियल के पेड़ पर निबंध Coconut Tree Essay Hindi coconut tree Benefits Uses Of Coconut advantages of coconut lines on Coconut tree in Hindi गरी से तेल

नारियल के पेड़ पर निबंध


नारियल के पेड़ पर निबंध coconut tree essay essay on coconut tree Benefits And Uses Of Coconut Tree essay on coconut in hindi advantages of coconut lines on Coconut tree in Hindi top 10 facts about coconut tree - नारियल ताड़ और खजूर की जाति का वृक्ष है। इस वृक्ष में डाल या टहनियाँ नहीं होती है ,केवल सिरे पर लम्बे लम्बे कुछ पत्ते ही इधर - इधर बिखरे दिख पड़ते हैं। तना तीस - चालीस हाथ तक लम्बा होता है ,नारियल के तने में चारों ओर नीचे से ऊपर तक उभरे घेरे दिखलाई पड़ते हैं ,जिनसे नारियल की आयु आँकी जाती है। तने में जहाँ से पत्ते निकलते हैं ,ठीक उसी जगह फल भी लगते हैं। 

नारियल का प्राप्ति स्थान 

नारियल के पेड़ पर निबंध | Coconut Tree Essay Hindi
समुन्द्र के किनारे नमक युक्त मिटटी में उगने वाले नारियल के पेड़ों में अधिक फल उगते हैं। यही कारण है कि बम्बई ,मद्रास ,उड़ीसा ,लंका और दक्षिणी पूर्वी बंगाल में ये बहुतायत से पाए जाते हैं। जिस जमीन में नमक का हिस्सा होता ही नहीं है ,वहां के नारियल एकदम नहीं पलते हैं। उनके फलने के लिए नमक की खाद देनी पड़ती है। 
नारियल का पेड़ लगाना बहुत ही आसान है। एक सूखा फल जमीन में गाड़ देने से वर्षा आरम्भ होते ही उसमें से पत्ते निकल आते हैं। दो वर्ष के भीतर तना दिखाई देने लगता है। फिर लम्बे - लम्बे पत्ते निकलकर चारों तरफ छा जाते हैं। पत्ते पककर गिरते रहते हैं और तना बढ़ने लगता है। 

नारियल का फल 

लगभग दस वर्ष के बाद नारियल के पेड़ में फल लगने लगते हैं। कच्चे नारियल को डाभ कहते हैं जिसके भीतर स्वादिष्ट जल रहता है। एक एक गुच्छे में लगभग पचीस तीस फल लगते हैं। 

नारियल का उपयोग

नारियल एक ऐसा वृक्ष है जिसकी जड़ें ,पत्तियां ,पत्तियां के डंठल ,उसकी नसें ,फल और रेशे सभी चीज़ें हमारे किसी न किसी काम में अवश्य आ जाती है। डाभ का जल अपचय या पेट की बीमारी को दूर करता है ,उसकी मलाई में चीनी ,गुड़ और तिल मिलाकर उससे खाने की तरह - तरह की स्वादिष्ट चीज़ें तैयार की जाती है। इसके तेल को सर में लगाने तथा खाने की तरह - तरह की चीज़ों के बनाने में भी प्रयोग किया जाता है। 

सूखे नारियल के रेशें से रस्सी ,बिछौने की गद्दी ,चटाईयां ,पायदान आदि चीज़ें बनती है। नारियल के खोपड़े से हुक्के ,प्याले ,प्यालियाँ और पानी के बर्तन बनाये जाते हैं। इसकी गरी से तेल निकालते हैं। नारियल की लकड़ी से धरनी ,बल्ले और शहतीर बनाये जाते हैं ,जिनसे मकान बनाने में बड़ी सहायता मिलती है। 

मांगलिक कार्यों में भी नारियल का महत्वपूर्ण स्थान है।  साथ ही मेवे के रूप में इसकी गरी की प्रधानता दी गयी है। ऐसे उपयोगी वृक्ष की वृद्धि के लिए हमें जी - जान से कोशिश करनी चाहिए। 


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