तितली पर निबंध | Essay On Butterfly In Hindi

SHARE:

तितली पर निबंध Essay On Butterfly In Hindi तितली रानी पर निबंध easy essay on butterfly in hindi butterfly for kids तितली पर पांच वाक्य Titli par niba

तितली पर निबंध


तितली पर निबंध तितली रानी पर निबंध तितली पर निबंध हिंदी में short essay on butterfly in hindi hindi essay on butterfly easy essay on butterfly in hindi how to write essay on butterfly in hindi Titli par nibandh 10 simple lines on butterfly easy essay on butterfly in hindi तितली पर पांच वाक्य butterfly in hindi about butterfly for kids - तितली पतंग श्रेणी का प्राणी है। पतंगों में तितली सबसे सुन्दर होती है। इसके शरीर में एक भी हड्डी नहीं होती है। खेतों एवं बगीचों में फूलों पर मंडराते हुए इसे सहज ही देखा जा सकता है। तितली का शरीर तीन भागों में बंटा हुआ होता है। पहला सर ,उसके बाद छाती और अंत में पेट होता है। सिर में दो सूंड होती है। तितली के पंख रंग बिरंगे होते हैं। इसकी सुन्दरता इंद्र धनुष को भी मात करती है ,इसके पंख छाती से लगे रहते हैं। छाती में ही इसकी ६ टाँगे भी होती है। किसी फूल की टहनी या जमीन पर बैठते समय वह उन्ही टांगों का सहारा लेती है। इसके मुंह में एक नली होती है ,जिसके द्वारा वह फूलों का रस चूसती है। 

तितली की उत्पत्ति 

तितली पर निबंध | Essay On Butterfly In Hindi
तितली पहले बरगद या पलास के पेड़ पर अंडे देती है। कुछ दिनों के बाद अंडे में से एक कीड़ा निकलता है जिसे शुक कीट कहते हैं। ये कीड़ें पेड़ों का रस चूसकर जीते हैं और इस अवस्था में तीन चार बार अपना चमड़ा बदलते हैं। फिर ये अपने मुंह की लार से अपना सारा शरीर ढक लेते हैं। इसी से तितली की उत्पत्ति होती है। इस प्रकार पतंगे के तितली में बदलने तक इसकी चार अवस्थाएँ होती है। 

तितली का स्वभाव 

तितली अधिक देर तक एक ही स्थान पर रहना पसंद नहीं करती है। यह एक फूल से दूसरे फूल तक उड़ती और फूलों का रस चूसती रहती है। इसे सूरज की किरणों से बहुत प्रेम होता है। इसीलिए यह सूरज की रौशनी में इधर - उधर उडती देखी जाती है। कोई कोई तितली बहुत दिनों तक जीती है और कोई तो पैदा होने के थोड़े दिनों बाद ही मर जाती है। रात्री की अपेक्षा यह दिन में अधिक सक्रीय रहती है। 

तितली आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण 

फूलों का रसपान करके ही यह जीवित रहती है और यही इसका प्रधान भोजन भी है। तितली का शरीर पर बैठना शुभ माना जाता है। यह परागण की क्रिया करके पौधों में फल एवं बीजों की उत्पत्ति में सहायक होती है। यह आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। 


विडियो के रूप में देखें - 



COMMENTS

Leave a Reply: 1
आपकी मूल्यवान टिप्पणियाँ हमें उत्साह और सबल प्रदान करती हैं, आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है !
टिप्पणी के सामान्य नियम -
१. अपनी टिप्पणी में सभ्य भाषा का प्रयोग करें .
२. किसी की भावनाओं को आहत करने वाली टिप्पणी न करें .
३. अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .

You may also like this -

Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका