ताजमहल पर निबंध | Hindi essay on Taj Mahal

SHARE:

ताजमहल पर निबंध Hindi essay on Taj Mahal essay taj mahal par nibandh ताजमहल पर निबंध लेखन हिंदी taj mahal in hindi Taj Mahal par nibandh hindi men

ताजमहल पर निबंध इन हिंदी


ताजमहल पर निबंध ताजमहल पर निबंध हिंदी ताजमहल पर निबंध इन हिंदी essay on taj mahal in hindi taj mahal hindi essay taj mahal par nibandh taj mahal par nibandh hindi mein taj mahal par essay hindi mai ताजमहल पर निबंध हिंदी में ताजमहल पर निबंध लेखन हिंदी में Few lines about Taj Mahal in Hindi हिंदी भाषा में ताजमहल पर निबंध essay on taj mahal in hindi Taj Mahal par nibandh hindi men Hindi essay on Taj Mahal - ताजमहल भारत की ही नहीं ,संसार भर का लोकप्रिय आकर्षण केंद्र है। कला संस्कृति के अखंड प्रेमी शाहजहाँ ने इस भवन को अपनी प्रिय बेगम मुमताज की याद में बनवाया था। इसका निर्माण संगमरमर के श्वेत पत्थरों से किया गया। 

ताजमहल का निर्माण 

ताजमहल के निर्माण में जो जन धन श्रम लगा ,उसके आंकड़ें चौंका देने वाले हैं। इसका निर्माण सत्रह वर्ष की अवधी में हुआ तथा बीस हज़ार श्रमिक कारीगरों ने अपने जी तोड़ परिश्रम से इसे बनाया। इसके अद्वितीय शिल्प तथा तकनीक के लिए विदेश के भी कई इंजीनियरिंग को आमंत्रित किया गया। संगमरमर के श्वेत पत्थरों तथा संगमूसा के काले पत्थरों से निर्मित इस महल पर उस समय सात करोड़ रुपये खर्च हुए थे। 

ताजमहल का सौन्दर्य 

ताजमहल पर निबंध | Hindi essay on Taj Mahal
ताजमहल
ताजमहल यमुना के किनारे पर स्थित है। इसकी वास्तुकला संसार भर में बेजोड़ है। इसका प्रवेश द्वार लाल पत्थर का बना हुआ है ,जिस पर कुरान की आयतें खुदी हुई है। यमुना के किनारे की एक तरफ को छोड़कर शेष तीनों दिशाओं में सुंदर ,व्यवस्थित उपवन है जिन पर बैठकर दर्शक ताजमहल की सुन्दरता को नयन भरकर निहारते हैं। महल के प्रवेश द्वार से आगे चलकर मार्ग में दोनों ओर वृक्षों की कतारें हैं और जल के फव्वारे हैं ,जो सहज ही अपनी झीनी -झीनी फुहारों से पर्यटकों को आनंदित कर देते हैं। वहीँ निर्मल जल के सरोवर हैं ,जिनमें सुंदर सुवर्णमय मछलियाँ तैरती रहती हैं। उन्ही सरोवरों के सामने सीमेंट के बड़े बड़े बैंच हैं ,जिन पर बैठकर सरोवर और महल दोनों ही अनुपम सौन्दर्य को निहारा जा सकता है।
 

समाधियाँ और गुम्बद 

ताजमहल का सपूर्ण भवन जिस धरती पर अवस्थित है ,उसके नीचे संगमरमर का विशाल चबूतरा है ,जिसके चारों कोनों पर श्वेत पत्थरों की ऊँची - ऊँची चार मीनारें हैं। इन मीनारों के ठीक मध्य ताजमहल का गुम्बद है ,जिसकी ऊँचाई लगभग २८० फुट है। यह गुम्बद विश्व का सबसे ऊँचा और भव्य है। इसके चारों ओर कुरआन की आयतें खुदी हुई है। मीनारों पर भी पच्चीकारी का महीन काम हुआ है।

ताजमहल प्रेम का प्रतिक  

मुख्य गुम्बद के नीचे शाहजहाँ और मुमताज की प्रतिक समाधियाँ हैं। वास्तविक समाधियाँ नीचे के तहखाने में हैं ,जहाँ घोर अन्धकार छाया रहता है। दर्शक मोमबत्ती या माचिस की तीली की सहायता से उनके दर्शन कर पाते हैं। सुनते हैं कि प्रथम वर्षा जब होती है ,तो पानी की कुछ बूँदे समाधि के ठीक ऊपर गिरती है ,मानों वर्षा उनके अखंड प्रेम को श्रधांजलि प्रस्तुत कर रही हो। चंद्रमा की श्वेत चांदनी में ताजमहल का गौर सौन्दर्य और निखर उठता है। इस प्रकार ताजमहल जहाँ अखंड प्रेम का प्रतीक है ,वहां मुगलीय कला का उत्कृष्ट नमूना भी है। 


COMMENTS

Leave a Reply

You may also like this -

Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका