समाज में पुलिस की भूमिका Agar desh me police na hoti to essay अगर देश में पुलिस न हो तो निबंध अगर देश में पुलिस न हो तो हिंदी निबंध kis desh me ek bhi
अगर देश में पुलिस न हो तो
समाज में पुलिस की भूमिका Agar desh me police na hoti to essay अगर देश में पुलिस न हो तो निबंध अगर देश में पुलिस न हो तो हिंदी निबंध kis desh me ek bhi police nahi hai If there were no Police Essay in Hindi - आधुनिक वातावरण में पुलिस के बिना किसी राज्य की कल्पना नहीं की जा सकती है। बिना पुलिस के जंगल क़ानून ही सवर्त्र लागू हो जाएगा। भय नाम की कोई चीज़ नहीं रहेगी। अतः हम कह सकते हैं कि पुलिस की भूमिका अहम् है। पुलिस के बिना अपराध व आतंकवाद रेगिस्तान की तरह आगे बढ़ते हैं। चोरी ,डकैती व अन्य अपराध पुलिस के सामने निरंतर कम होते जा रहे हैं। पुलिस अपने कर्तव्य पालन के कारण सबकी प्रिय होती जा रही है। अपराधियों के लिए कठोर व्यवहार अपनाने वाली पुलिस सज्जन से सज्न्नता का व्यवहार करती है।
समाज में पुलिस की भूमिका
हमारे वर्तमान जीवन में पुलिस का बड़ा महत्व है। देश और समाज की सुरक्षा और शांति के लिए पुलिस की सेवाएँ आवश्यक ही नहीं ,अनिवार्य भी है। इस दशा में पुलिस के अभाव की कल्पना विचित्र एवं असंगत सी अवश्य लगती है।
![]() |
अगर देश में पुलिस न हो |
पुलिस लोगों के जानमाल की रक्षा करती है। आजकल चोर ,डाकू ,शराबी ,जुवारी आदि की कमी नहीं है। इन समाज विरोधी तत्वों से लोगों को बचाना पुलिस का फ़र्ज़ है। जो लोग कायदे कानूनों का उलंघन करते हैं उन्हें पुलिस पकडती है। अगर पुलिस न होती तो चोर उचक्के का ही राज हो जाता। फिर तो शराब की बोतलों की धूम मच जाती। पुलिस के न रहने पर डाकू दिन रात लोगों ,घरों ,दुकानों और बैंको को लूटते रहते। लोग बात -बात में हत्या में उतारू हो जाते। इस प्रकार पुलिस के न रहने पर से समाज में बड़ी अव्यवस्था फ़ैल जाती ,जिससे भले आदमियों के लिए जीना भी मुश्किल हो जाता।
जीवन सुरक्षित व शांतिमय
बड़े बड़े जुलुस ,सभा या मेलों के समय पुलिस की सेवाएँ विशेष रूप से प्राप्त होती है। दुर्घटना में भी पुलिस लोगों क बड़ी सहायता करती है। साधारण लडाई झगड़ों को निपटाने का काम भी पुलिस ही करती है। पुलिस इन सेवाओं से हमारा जीवन अधिक सुरक्षित और शांतिमय बना रहता है। अगर पुलिस न होती तो समाज को पलभर के लिए भी सुख चैन नसीब नहीं होता।
पुलिस व्यवस्था का नकारात्मक पक्ष
पुलिस के अभाव का एक लाभदायक पहलू भी है। यदि पुलिस न होती तो उस पर खर्च होने वाले देश के लाखों रुपये बच जाते। तब वे रुपये सार्वजनिक कार्यों के लिए खर्च हो पाते। सदा चोर डाकुओं का भय बना रहने के कारण लोग अधिक सावधान रहते ,बहादुर बनते और अपने जान - माल की रक्षा के उपाय स्वयं करते।
लेकिन थोड़े से लाभों से पुलिस का महत्व घटता नहीं। अब भी मनुष्य की पशुता का पूरा नाश नहीं हुआ है। इस परिश्थिति में अगर पुलिस न होती तो हमारा व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन अशांत और असुरक्षित बन जाता। फिर तो हम कभी चैन की साँस न ले पाते। सच तो यह है कि पुलिस हमारे जीवन का एक अंग बन गयी है। उसके अभाव या अनुपस्थिति की कल्पना ही नहीं कर सकते है।
विडियो के रूप में देखें -
COMMENTS