प्रतिबिंब - प्रेरक कथाएं एवं कहानियां लेखिका प्रेरणा सिंह, हिंदीकुंज से अपने लेखनी के शुरुआती दिनों से जुड़ी हुई हैं। पहली बार जब उन्होनें गुब्बारे
प्रतिबिंब - प्रेरक कथाएं एवं कहानियां
लेखिका प्रेरणा सिंह, हिंदीकुंज से अपने लेखनी के शुरुआती दिनों से जुड़ी हुई हैं। पहली बार जब उन्होनें ' गुब्बारे वाला बच्चा ' कहानी साझा कि तो वो हमारे पाठकों को बेहद पसंद आई और तब से हीं वो अक्सर अपनी लेखनी हमारे वेबसाइट पर साझा करते रह्ती थी। हाल में हिंदीकुंज पर जन्माष्टमी के अवसर पर उनकी कविता प्रकाशित हुई ।
प्रेरणा सिंह का परिचय
लेखिका ने Amity University से Bio informatics में मास्टर्स किया है पर बचपन से हीं हिंदी उपन्यासों को पढ़ने के कारण वो लेखनी से भी जुड़ी रहीं हैं। लगभग दो वर्षों से वो विभिन्न पटलो पे लिखते आ रहीं हैं और कई प्रतियोगिता में उन्हें सम्मान पत्र से सामन्नित किया गया है जैसे - नारी सम्मान, सफ़र ए जज्बात, कृष्णचन्द सम्मान इत्यादी। यहीं से उनकी लेखनी निखरती गई और फिर पाठकों की संख्या में वृध्दि देखते हुए उन्होनें पुस्तक के क्षेत्र में कदम रखा।एक पुस्तक ' आखिरी मुलाकात ' में सह- लेखिका के रूप में उन्होनें पाठकों के बीच अपनी जगह बनाई।
प्रेरणादायक पुस्तक
अमेज़न.इन पर प्रकाशित उनकी प्रथम पुस्तक लेखिका के तौर पर पढ़ना ऐसा था जैसे कोरोना से निकल कुछ अच्छा सोचने को मजबूर किया गया हो। " प्रतिबिंब •••प्रेरक कथाये एवं कहनियाँ " नामानुसार बहुत हीं प्रेरणादायक है। कहानियों का कविताओं के साथ जो तारतम्य बैठाया गया है वो दिल कि गहराईयो तक उतर जाता है। पाठकों को हृदयस्पर्शी कहानियों से बांधने की कला लेखिका को खूब आती है। एक तरफ इसमें गाँव का अपनापन है तो दूसरी ओर जीवनसाथी के रिश्ते की डोर। ' माँ का मह्त्व है जो आज बच्चों को एहसास दिलाने के लिये सटिक और मर्मस्पर्शी है,वहीं ' सही को गलत से मात ' में शिक्षक द्वारा अपने कर्तव्यबोध को जागृत करने की एक नवीनतम रचना है । लगभग हर वर्ग और पहलू को छूने का कौशल लेखिका को अलग रचनाकार के रूप में प्रेषित कर रहा है। कविताएँ नारियों के लिये विशेषतः लिखी गई हैं जो हर वर्ग को पढ़ना चाहिए। नारी जीवन को भी लेखिका ने बखूबी कविताओं के माध्यम से दिखाने की कोशिश की है।
लेखिका अपनी ब्लॉग और Youtube channel के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगों से जुड़ने में प्रयासरत हैं। जैसा की प्रेरणा जी की सोच है -
दिल का कोई हिस्सा जो छू लिया,
समझो कविता ने मेरी तुममें खुद को जी लिया।
लिखूँ ऐसा की मजबूर हो जाएँ सोचने को,
ढूंढ़े उन सवालों को जिनके जवाब मन में छुपा था दिया।
पुस्तक का लिंक नीचे प्राप्त करें। ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी।
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लेखिका " प्रेरणा सिंह " को हम सब की शुभकामनायें।
BLOG - प्रेरणास्रोत
Youtube Channel- Inspiring life
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