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जब मुझे साँप ने काटा
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जब मुझे साँप ने काटा कहानी का सारांश
जब मुझको साँप ने काटा कहानी में लेखक ने अपने बचपन के दिनों को याद किया है। वे लिखते हैं कि बचपन में एक दिन उन्होंने अहाते में एक छोटा सा साँप रेंगते हुए देखा। वह भागा और नारियल की खोल में छिप गया ,तो लेखक ने पत्थर का एक टुकड़ा उठा कर नारियल का खोल बंद कर दिया और उसे लेकर अपनी नानी के पास गया। नानी को बताया कि उसने सांप को पकड़ा है ,तो नानी चीखने - पुकारने लगी। यह सुनकर नाना अन्दर दौड़े आये। उन्होंने लेखक के हाथ से नारियल छीन कर फेंक दिया और नन्हा सांप रेंगता हुआ झाडी में गायब हो गया। नाना ने कहा कि अब सांप के पास कभी मत जाना। सांप खतरनाक होता है।
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जब मुझे साँप ने काटा |
उसी दिन लेखक एक बर्र को पकड़ने की कोशिश कर रहा था और उसने काट खाया। लेखक दर्द से कराहने लगा। नानी ने सोचा कि उसे साँप ने काटा है और जल्दी से नाना ने देखा कि जहाँ बर्र ने काटा है ,वहां नीला निशान पड़ गया है। नाना ने तुरंत लेखक को गोद में उठाया और चल पड़े। बाग़ और धान के खेतों को पार करते हुए ,वह दूर एक झोपड़ी के सामने रुके। झोपडी के अन्दर से एक बूढा आदमी निकला। वह सांप के काटने का मन्त्र जानता था। नाना ने बताया कि बच्चे को सांप ने काट लिया है ,इसीलिए झाड फूँक कर दो। बूढा झोपड़ी में ले गया और पीतल के बर्तन में पानी लाया और मंत्र पढने लगा। बूढ़े ने लेखक को चुप रहने की हिदायत दी थी। नाना कसकर पकड़े हुए थे। मंत्र पढ़े जा रहे थे। लेखक चाह रहा था कि वह बूढ़े आदमी को बता दे कि सांप ने नहीं ,बल्कि बर्र ने काटा है ,लेकिन बोलने की हिम्मत नहीं हुई। कुछ समय उँगली का दर्द दूर हो गया। बूढा आदमी बर्तन के पानी से उँगली धोयी और लेखक को पानी पीने को दिया। बूढा नाना से बोला कि बच्चा अब खतरे से बाहर है। इसे बहुत जहरीले सांप ने काटा है। सभी लोगों ने बूढ़े को उसके अद्भूत इलाज के लिए धन्यवाद दिया। नाना ने बूढ़े के लिए बहुत सी चीज़ें भेट में भेजी।
जब मुझे साँप ने काटा कहानी के प्रश्न उत्तर
कहानी की बात
प्र. नाना मुझे झाड़-फूँक वाले आदमी के पास क्यों ले गए ?
उ. नाना पुराने विचारों वाले व्यक्ति थे। उन्हें तंत्र -मन्त्र पर अधिक विश्वास था। वे अपनी नाती से बहुत प्यार करते थे। यही बात है कि उन्होंने बिना लेखक से बता किये तुरंत भागते हुए तांत्रिक के पास दौड़ पड़े।
प्र.मैं बूढ़े आदमी को क्या बताना चाहता था ?
उ. लेखक ,बूढ़े आदमी को बताना चाहता था कि साँप ने नहीं बल्कि बर्र ने काटा है।
प्र.जब साँप नारियल के खोल में घुस गया तो मैंने क्या किया था? मैंने ऐसा क्यों किया होगा?
उ. साँप ,जब नारियल के खोल में घुस गया था ,तो लेखक ने उसका मुंह पत्थर से ठक दिया और वह अपनी नानी को बहादुरी दिखाने के लिए वह नारियल का खोल लेकर खड़ा हो गया।
प्र.क्या बूढ़े आदमी ने सचमुच मेरा इलाज कर दिया था? तुम ऐसा क्यों सोचते हो ?
उ. बूढ़े आदमी ने लेखक का इलाज नहीं किया था क्योंकि उसको साँप ने काटा ही नहीं था। उसने लेखक के नाना - नानी और गाँव वालों के भ्रम का इलाज जरुर किया था ,क्योंकि वे लोग डरे हुए थे।
प्र.मुझे असल में साँप ने नही काटा था | फिर मैंने कहानी का नाम जब मुझको साँप ने काटा क्यों रखा है ? तुम इससे भी अच्छा कोई नाम सोचकर बताओ |
उ. लेखक को भले ही साँप ने न काटा हो ,लेकिन पूरी कहानी सांप के काटने के आस -पास ही घूमती है। नाना - नानी साँप से डरने के कारण सीधे बच्चे को लेकर तांत्रिक के पास गए। कहानी को और भी नाम दिए जा सकते हैं। जैसे - काटे बर्र ,इलाज हो साँप का , अंधविश्वास ,तांत्रिक की शक्ति आदि।
उई माँ
प्र.कहानी में लड़के को बर्र काट लेती है| बर्र का डंक होता है| कुछ और कीड़ों (जन्तुओं) का नाम लिखो जो डंक मारते हैं?
उ. बिच्छु ,मधुमक्खी, मच्छर ,ततैया आदि।
तुम्हारी बात
प्र.क्या तुमने कभी सांप देखा है? तुमने साँप कहाँ देखा? उसे देखकर तुम्हे कैसा लगा?
उ. मैंने भी साँप को देखा है। मेरे घर के पास जंगल है। मैंने उसे जाते हुए देखा था। वह बहुत ही काला और लम्बा था। मैं साँप को देखकर बहुत डर गया था।
क्या समझे।
नीचे लिखे वाक्यों का मतलब बताओ-
प्र.साँप पास की झाड़ी में गायब हो गया |
उ. साँप पास की झाडी में चला गया।
प्र.वह चट मुझे गोद में उठाकर भागे|
उ. वह तुरंत मुझे गोद में लेकर भागे।
प्र.अब बच्चा खतरे से बाहर है |
उ. अब बच्चे का स्वास्थ्य ठीक है।
प्र. नाना ने उसके लिए बहुत-सी चीज़े भेंट में भेजीं |
उ. नाना ने उनके लिए बहुत सारे उपहार भिजवाये।
जब मुझे साँप ने काटा कहानी के कठिन शब्द शब्दार्थ
रेंगते - जमीन पर घिसटते हुए।
नन्हा - छोटा सा
खबरदार - सावधान
बर्र - ततैया
निशान - चिन्ह
झोपड़ी - घास-फूस का घर
उदास - दुःख
जहरीले - जिसमें बहुत जहर हो
अद्भूत - बहुत अच्छा
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