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टिपटिपवा कहानी
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टिपटिपवा कहानी का सारांश
टिपटिपवा कहानी उत्तर प्रदेश की लोककथा पर आधारित है जो कि गिरिजा रानी अस्थाना जी द्वारा लिखी गयी है। कहानी में एक बुढ़िया का वर्णन है ,जो अपने पोते को रोज रात को सोते समय कहानी सुनाती हैं। एक दिन गाँव में बहुत मूसलाधार बारिश हुई। ऐसी बारिश पहले कभी नहीं हुई थी। बुढ़िया की झोपड़ी में भी पानी जगह जगह से टपक रहा था। ऐसी बारिश देखकर बुढ़िया बहुत परेशान हो गयी थी। ऐसी स्थिति में भी पोता कहानी सुनने के लिए मचल रहा था। दादी ने कहा कि कहानी क्या सुनाएँ ! पहले इस टिपटिपवा से जान बचे। पोते ने पूछा कि क्या टिपटिपवा ,शेर बाघ से भी बड़ा है। दादी ने कहा कि टिपटिपवा का डर शेर बाघ से भी बड़ा है।
संयोग से बारिश से बचने के लिए एक बाघ बुढ़िया की झोपड़ी के पीछे बैठा था। वह जब दादी की बात सुना तो बहुत डर गया और वहां से जान बचाकर भाग जाने में भी अपनी भलाई समझी।
उसी गाँव में एक धोबी रहता था ,जिसका गधा सुबह से गायब था। उसकी पत्नी ने सलाह दी कि जाकर पंडित जी
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टिपटिपवा कहानी |
धोबी निराश होकर एक तालाब के पास पहुँचा। तालाब के किनारे ऊँची - ऊँची घास उगी थी। टिपटिपवा के डर के मारे बाघ घास में छिपा था। धोबी को अँधेरे में कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। उसने तुरंत बाघ पर लट्ठ बरसाने शुरू कर दिए। बाघ ने मन ही मन सोचा कि यह धोबी ही टिपटिपवा है। उसने मुझे खोज लिया। अब यदि जान बचानी है ,तो जो कहे ,उसकी बात मान लो। धोबी बाघ को ही गधा समझकर ,उसका पकड़कर अपने घर के बाहर खूंटे में जाकर बाँध दिया।
सुबह जब गाँव वालों ने देखा कि धोबी के घर के बाहर बाघ बंधा हुआ है ,तो वे दंग रह गए।
टिपटिपवा के प्रश्न उत्तर
कौन किससे परेशान ?
प्र. इस कहानी में लगता है सभी परेशान थे। बताओ कौन-किससे परेशान था?
उ. दादी - बारिश की बूंदों से परेशान थी।
पोता - दादी द्वारा कहानी न सुनाने से परेशान था।
धोबी - अपने गधा के गायब हो जाने से परेशान था।
पंडित जी - घर में पानी घुस आया था ,इसीलिए वे परेशान थे।
मतलब बताओ -
नीचे कहानी में से कुछ वाक्य दिए गए हैं। इन्हें अपने शब्दों में लिखो।
प्र. टिपटिपवा कौन-सी बला है?
उ. यह कौन सी परेशानी है टिपटिपवा
प्र.पत्नी की बात धोबी को जँच गई।
उ. धोबी को पत्नी की बात समझ में आ गयी।
प्र.बाघ बिना चूँ-चपड़ किए भीगी बिल्ली बना धोबी के पीछे-पीछे चल दिया।
उ. बाघ बिना किसी विरोध के चुपचाप धोबी के पीछे - पीछे चल दिया।
प्र.ज़रा पोथी बाँच कर बताइए वह कहाँ है?
उ. जरा आप पत्रा में देखकर बताएँ कि गधा कहाँ है।
याद करो तो
प्र.पोता दादी की गोद में कहानी सुनने के लिए मचल रहा था। तुम किन-किन चीज़ों के लिए मचलते हो?
उ. मैं भी दादाजी के साथ बाहर घूमने के लिए मचलता हूँ। दादाजी जब भी बाहर जाते थे। तो मेरे लिए ढेर सारी टोफियाँ ले आते थे। मेरी छोटी बहन और मैं दोनों छिना - झपटी करने लगते कि कौन पहले खायेगा। इस क्रम में दादाजी ,हम दोनों के झगड़ें को मिटाकर सुलह करा देते।
कौन है टिपटिपवा !
प्र.हाँ बचवा, न शेरवा के डर, न बघवा के डर। डर त डर, टिपटिपवा के डर।
तुम्हारे घर की बोली में इस बात को कैसे कहेंगे?
उ. मेरे घर में कहेंगे कि बेटे ! न शेर का डर है ,न बाघ का। डर तो इस टिपटिप पानी का है।
प्र.कहानी में टिपटिपवा कौन था? तुम किस-किस को टिपटिपवा कहोगे?
उ. इस कहानी में टिपटिपवा ,झोपड़ी में गिरने वाला पानी का था। मैं तो धोबी को टिपटिपवा मानूंगा ,जो कि अपने लट्ठ हाथ में लेकर भयंकर बाघ को भी काबू कर लिया।
बारिश
प्र. यह कहानी एक ऐसे दिन की है जब मूसलाधार बारिश हो रही थी। अगर मूसलाधार बारिश की बजाए बूँदा-बाँदी होती, तो क्या होता? यदि उस रात बूँदा-बाँदी होती तो
उ. यदि उस रात बूंदाबांदी नहीं हुई होती तो दादी की झोपड़ी में पानी नहीं टपकता और वे अपने पोते को कहानी सुनाती। बाघ भी बारिश के कारण झोपड़ी के पास न आता और धोबी द्वारा पकड़े जाने से बच जाता। पंडित जी के घर पर भी बरसात का पानी भरता। धोबी का गधा भी नहीं हराता। इस प्रकार यदि भारी बारिश नहीं होती तो कहानी पूरी नहीं होती।
खूँटा
प्र.धोबी ने बाघ को खूँटे से बाँध दिया। सोचो और बताओ, खूँटे से क्या-क्या बाँधा जाता है?
उ.खूंटे से जानवर बांधा जाता है। जानवरों में गधा ,गाय ,बैल ,भैस ,घोडा ,हाथी व खच्चर आदि बांधे जाते हैं।
प्र. एक से ज्यादा -
उ.एक कहानी - सभी कहानियाँ
एक तितली - कई तितलियाँ
एक सेब - दस सेब
एक चूड़ी - ढेरों चूडियाँ
एक खिड़की - चार खिड़कियाँ
टिपटिपवा कहानी के कठिन शब्द शब्दार्थ
पोता - नाती
मूसलाधार - बहुत तेज़
मुसीबत - कष्ट
धोबी - कपड़े धोने वाला
पोथी बाँचकर - पत्रा देखकर
किस्मत - भाग्य
परेशान - कष्ट
खूँटे - जानवर बाँधने के लिए लकड़ी जमीन में गड़ी हुई।
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