Hudhud हुदहुद

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Hudhud  हुदहुद

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हुदहुद पाठ का सारांश

हुदहुद पाठ या कहानी हुदहुद पक्षी के बारे में है | इस कहानी के माध्यम से, हुदहुद को कलगी (ताज) कैसे मिली ? इस बारे में रोचक दृष्टांत देखने को मिलता है | प्रस्तुत कहानी के अनुसार, एक बार सुलेमान नाम के बादशाह आकाश में चलने वाले उड़नखटोले पर बैठे कहीं जा रहे थे | बहुत गर्मी थी | धूप से वह परेशान हो रहे थे | उन्होंने आकाश में उड़ने वाले गिद्धों से कहा कि अपने पंखों से तुमलोग मेरे सिर पर छाया कर दो | पर गिद्धों ने ऐसा करने से मना कर दिया | उन्होंने बहाना बनाते हुए कहा --- " हम तो इतने छोटे-छोटे हैं | हमारी गर्दन पर पंख भी नहीं है | हम छाया कैसे कर सकते हैं !" 

बादशाह सुलेमान आगे बढ़ गए | सुलेमान की भेंट हुदहुदों के मुखिया से हुई | सुलेमान ने उससे भी मदद माँगी |
Hudhud हुदहुद
Hudhud हुदहुद 
वह चतुर था | मदद करने के लिए तुरन्त तैयार हो गया | तत्पश्चात्, उसने अपने दल के सभी हुदहुदों को इकट्ठा करके बादशाह सुलेमान के ऊपर छाया कर दी | बादशाह सुलेमान हुदहुदों से बहुत प्रसन्न हुए | उन्होंने कहा --- " मैं तुम्हारी कोई इच्छा पूरी करूँगा | बताओ, तुम्हारी क्या इच्छा है ?" इसपर, हुदहुदों के मुखिया ने कहा --- " महाराज, मैं अपने सभी साथियों से सलाह करने के बाद अपनी इच्छा बताऊँगा |"

हुदहुदों के मुखिया ने अपने साथियों से सलाह करने के बाद कहा --- " महाराज ! यह वरदान दीजिए कि हमारे सिर पर आज से सोने की कलगी निकल आए |" बादशाह सुलेमान हँसे और बोले --- " मुखिया, इसका फल क्या होगा, यह तुमने सोच लिया है ?" तभी हुदहुदों के मुखिया बोला कि जी महाराज, हमने सोच लिया है | तत्पश्चात्, बादशाह सुलेमान ने प्रार्थना स्वीकार कर ली | सभी हुदहुदों के सिर पर सोने की कलगी निकल आई | लोगों ने जैसे देखा तीर से उन्हें मार-मारकर सोना इकट्ठा करने लगे | परिणाम यह निकला कि हुदहुदों की संख्या कम होने लगी | 

मुखिया घबराकर सुलेमान के पास पहुँचा और बोला --- " इस सोने की कलगी के कारण तो हमारा वंश ही समाप्त हो जाएगा |" इसपर, सुलेमान ने कहा --- " मैंने तो शुरू में ही तुम्हें चेतावनी दी थी | ठीक है, आज से तुम्हारे सिर का ताज सोने का नहीं, सुंदर परों का हुआ करेगा |" तभी से हुदहुदों के सिर पर यह ताज (कलगी) शोभा पा रहा है | 

हुदहुद एक बहुत ही सुंदर पक्षी है | इसके शरीर का सबसे सुदंर भाग इसके सिर की कलगी होती है | हुदहुद का सारा शरीर रंग-बिरंगा और चटकीला होता है | पंख काले-काले होते हैं जिन पर मोटी सफेद धारियाँ बनी होती हैं | गर्दन का अगला हिस्सा बादामी रंग का होता है | चोटी भी बादामी रंग की होती है, मगर उसके सिरे काले और सफेद होते हैं | दुम का भीतरी हिस्सा सफेद और बाहरी हिस्सा काले रंग का होता है | चोंच पतली, लंबी तथा तीखी होती है | इस चोंच से यह आसानी से ज़मीन के भीतर छिपे हुए कीड़े-मकोड़ों को ढूँढ़ निकालता है | इसकी चोंच नाखून काटने वाली ‘नहरनी’ से बहुत मिलती है और इसीलिए कहीं-कहीं इसे ‘हजामिन’ चिड़िया के नाम से भी पुकारते हैं | 

हुदहुद हमारे देश के सभी भागों में पाए जाते हैं | बोलते समय यह तीन बार ‘हुप-हुप-हुप’ सा कुछ कहता है, इसीलिए इसे अंग्रेजी में ‘हूप ऊ’ कहा जाता है | हिंदी में इसे हुदहुद कहते हैं | दूब में कीड़ा ढूँढ़ने के कारण हमारे देश में कहीं-कहीं इसे 'पदुबया' भी कहते हैं और सुंदर कलगी की वजह से कुछ देशों में लोग इसे ‘शाह सुलेमान’ कहकर पुकारते हैं | मादा हुदहुद तीन से दस तक अंडे देती है | जब तक बच्चे अंडे से बाहर नहीं निकल जाते, वह अंडों पर बैठी रहती है, हटती नहीं | नर वहीं भोजन लाकर उसे खिला जाता है | पर दोनों में से कोई भी घोंसले की सफाई नहीं करता | 

संसार के विख्यात पक्षियों में से एक है यह हुदहुद | यह अपनी सुंदरता के लिए तो मशहूर है, पर इसे पालतू नहीं बनाया जा सकता और न ही इसकी बोली में मिठास है...|| 

हुदहुद कहानी का उद्देश्य 

हुदहुद कहानी से हमें दो तरह की शिक्षा मिलती है -
  1. प्रथम, हमें गिद्धों की तरह किसी भी काम में कभी बहाना नहीं करना चाहिए | 
  2. दूसरा, हुदहुद की तरह ज्यादा लालच पालना भी किसी संकट से कम नहीं है | 

हुदहुद पाठ का प्रश्न उत्तर


प्रश्न-1 हुदहुद को कहीं ‘हजामिन’ चिड़िया और कहीं ‘पदुबया’ के नाम से पुकारते हैं | क्यों ?

उत्तर- हुदहुद की चोंच नाखून काटने वाली ‘नहरनी’ से बहुत मिलती है | इसीलिए कहीं-कहीं इसे ‘हजामिन’ चिड़िया के नाम से भी पुकारते हैं | दूब में कीड़ा ढूँढ़ने के कारण हमारे देश में कहीं-कहीं इसे 'पदुबया' भी कहते हैं | 

प्रश्न-2 हुदहुद की चोंच पतली, लंबी और तीखी होती है |  इस बात को ध्यान में रखकर बताओ --- 

• वे कैसा भोजन खाते होंगे ?
• चोंच से वे क्या-क्या काम ले सकते होंगे ?

उत्तर- • हुदहुद छोटे कीड़े-मकोड़े खाते होंगे, जो जमीन के अंदर छिपे होते हैं | 

• हुदहुद अपनी लंबी और नुकीली चोंच जमीन पर  मारता होगा और अन्दर छिपे कीड़े-मकोड़े को   खाता होगा | इसी प्रकार हुदहुद खेती के लिए किसान का साथी भी कहलाता है | दुश्मनों से अपनी सुरक्षा भी वे इसी चोंच से करते होंगे | 

प्रश्न-3 अगर तुम्हें हुदहुद को पहचानने में किसी की मदद करनी है तो तुम उसे कौन-सी बातें बताओगे ? चार-पाँच वाक्यों में लिखो | 

उत्तर- अगर हमें हुदहुद को पहचानने में किसी की मदद करनी है तो उसे निम्नलिखित बातें बताऊँगा --- 

• हुदहुद के सिर पर कलगी (ताज) होती है | 
• हुदहुद का सारा शरीर रंग-बिरंगा और चटकीला  होता है | 
• पंख काले होते हैं जिन पर मोटी-सफेद धारियाँ बनी होती हैं और इसकी चोंच पतली, लंबी और  तीखी होती है | 
• बोलते समय यह तीन बार ‘हुप-हुप-हुप’ सा कुछ  कहता है | 

प्रश्न-4 यूनी ने आसमानी रंग की कमीज़ पहनी है | ‘आसमानी’ रंग का नाम कैसे बना होगा ? सोचो | ऐसे ही कुछ और रंगों के नाम लिखो जो किसी चीज़ के नाम पर पड़े हैं | (संकेत- फल, सब्ज़ी, पत्तों आदि के नामों पर)

उत्तर- आसमानी रंग का नाम आसमान के रंग पर पड़ा होगा | ऐसे ही कुछ और रंगों के नाम, जो किसी चीज़ के नाम पर पड़े हैं, निम्नलिखित हैं --- 

• बैंगनी - (बैंगन के नाम पर) 
• नारंगी - (नारंगी या संतरा के नाम पर) 
• जामुनी - (जामुन के नाम पर) 

प्रश्न-5 गिद्धों ने बादशाह सुलेमान से क्या बहाना बनाया था ? 

उत्तर- गिद्धों ने बादशाह सुलेमान से बहाना बनाया था कि --- "हम तो इतने छोटे-छोटे हैं | हमारी गर्दन पर पंख भी नहीं है | हम छाया कैसे कर सकते हैं !" 


हुदहुद पाठ का शब्दार्थ 


• चतुर -             होशियार, चालाक
• भेंट -               मुलाकात
• फौरन -            तुरंत
• उड़नखटोला -    आकाश में उड़नेवाला खटोला
• परामर्श -          सलाह
• वंश -               कुल, खानदान
• शोभा -            सुन्दरता, खूबसूरती
• विख्यात -         प्रसिद्ध, मशहूर
• चौकन्ना -          सतर्क
• चटकीला -        चटक रंग वाला
• तीखी -            नुकीली |


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