हिन्दी और समकालीन मीडिया की भाषा

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हिन्दी और समकालीन मीडिया की भाषा भाषा अभिव्यक्ति का सशक्त एवं सर्वोत्तम माध्यम है। मानव जीवन में भाषा का एक महत्वपूर्ण स्थान है। भाषा किसी भी व्यक्ति-विशेष, समुदाय विशेष की उस अमूल्य निधि का नाम है जिसके द्वारा वह अपने विचारों का आदान-प्रदान करता है।

हिन्दी और समकालीन मीडिया की भाषा


भाषा अभिव्यक्ति का सशक्त एवं सर्वोत्तम माध्यम है। मानव जीवन में भाषा का एक महत्वपूर्ण स्थान है। भाषा किसी भी व्यक्ति-विशेष, समुदाय विशेष की उस अमूल्य निधि का नाम है जिसके द्वारा वह अपने विचारों का आदान-प्रदान करता है। भाषा में इतनी शक्ति होती है की वह एक समाज-विशेष के निर्माण में अहम भूमिका अदा करती है। हिन्दी के वरिष्ठ नक़्क़ाद (आलोचक) प्रो.मैनेजर पांडेय लिखते हैं कि "कोई भी समाज भाषा के बिना न बन सकता है और न चल सकता है। सच्चे अर्थों में समाज तब बनता है जब उसके सदस्य आपस में संवाद करते हों।" जहाँ एक ओर महर्षि पतंजलि भाषा को "व्यक्ता वाचि वर्णा येषां त इमे व्यक्त्वाचं" कहकर संबोधित करते हैं तो वहीं दूसरी ओर मध्यकालीन कवि, संत, समाज-सुधारक कबीरदास भाषा को बहता नीर कहते हैं--संसकिरत है कूप जल, भाखा बहता नीर।" बहरहाल।

हिन्दुस्तान दुनिया का एक मात्र ऐसा मुल्क़ है जो विशाल और बहुभाषा-भाषी होने के साथ ही साथ साझा-संस्कृति का सबसे बड़ा वाहक भी है। जिसके विषय में कभी अल्लामा इक़बाल ने कहा था--"सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा" और छायावादी कवि, नाटककार 'जयशंकर प्रसाद' ने कहा था---"अरुण यह मधुमय देश हमारा/जहाँ पहुँच अनजान क्षितिज को मिलता एक सहारा।" यहाँ विभिन्न धर्म और जाति के लोग निवास करते हैं। हिन्दुस्तान के भिन्न-भिन्न समुदायों में भाषा के अनेक रूप-रंग और स्तर पाएं जाते हैं। गाँव हो या शहर लोग अपनी-अपनी बोलियों में ज़िंदगी जीते हैं, सपने देखते हैं, रोते हैं, खुश होते हैं और गाते हैं–दीदावर चाहिए।

हिन्दुस्तान में जो ज़बान सबसे ज़्यादा बोली और पढ़ी जाती है वह हिंदी है, जो मृणालिनी घुले के शब्दों में "सुंदर
हिन्दी
है, मनोरम है, मीठी है, सरल है। ओजस्विनी है ओर अनूठी है। यूँ तो हिंदुस्तान में कई भाषाएँ हैं, किन्तु "राष्ट्र के माथे की बिंदी है ये हिंदी। (मृणालिनी घुले)। हिंदी हिंदुस्तान की राजभाषा है जो हमारी राष्ट्रीयता का प्रतीक है। 'महात्मा गांधी' ने सन् १९१६ ई0 में कांग्रेस के लखनऊ अधिवेशन में हिन्दी में भाषण दिया और कहा- हिंदी का प्रश्न मेरे लिए स्वराज्य के प्रश्न से कम नहीं है। "सन् २०११ ई0 की जनगणना के अनुसार हिन्दुस्तान की जनसंख्या १२१ करोड़ है। जिसमें आधे लोग हिंदी बोलते और समझते हैं। यूनेस्को के अनुसार विश्व के लगभग १३७ देशों में हिंदी भाषा किसी न किसी रूप में जीवित तरीके से मौजूद है। विश्व के लगभग १५३ विश्वविद्यालयों में हिंदी विभाग के अंग के रूप में हिन्दी की पढ़ाई होती है। वस्तुत: कुल १२७ देशों में भारतीय मूल के लोग रहते हैं। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के द्वारा ३० देशों के विश्वविद्यालयों में हिंदी शिक्षक का पद सृजित किया गया है। इस प्रकार समूचे विश्व में हिन्दी बोलने, समझने वालों की संख्या एक सौ दस करोड़ से अधिक है। (सुभाष शर्मा : अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी : आजकल पत्रिका)। बहरहाल।

यदि 'मीडिया' की बात करें तो हम पाते हैं कि मीडिया शब्द का प्रचलन विगत दो-चार दशकों से हो रहा है। हिंदी के संदर्भ में मीडिया शब्द की अवधारणा कोई ज़्यादा पुरानी नहीं है, किन्तु अंग्रेजी में मीडिया शब्द का इतिहास लगभग तिरानवे-चौरानवे वर्ष का है। अपने प्रारम्भिक दौर में हिंदी में मीडिया शब्द रेडियो और टी.वी. जैसे इलैक्ट्रानिक माध्यमों के साथ शुरू हुआ था और फिर मीडिया के लिए-न्यू मीडिया, नाउ मीडिया, वेब मीडिया, साइबर मीडिया तथा डिजिटल मीडिया जैसे शब्दों का प्रचलन समय के साथ-साथ होता चला गया।

यहाँ हम समकालीन मीडिया की भाषा पर बात करने के लिए उसको क्रमश: दो भागों में बाटेंगे- सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया।

१) सोशल मीडिया : - इक्कीसवीं शताब्दी में अंतर्जाल (इंटरनेट) और कंप्यूटर-मोबाइल का बोल-बाला है,  सर्वत्र इनकी धूम-सी मची है और इनकी समय के साथ मांग और बढ़ रही है। आज शायद ही कोई व्यक्ति इनसे अछूता होगा। जैसे ही सोशल मीडिया शब्द हमारे सामने आता है, वैसे ही हमारे मानसिक पटल पर , फेसबुक, ट्विटर, वी-चैट और व्हाट्सएप्प आदि का नाम उभर आता है। हम में से बहुत सारे लोग ऐसे होंगे जो सुबह उठते ही सूर्य नमस्कार की जगह सोशल मीडिया को नमस्कार करते होंगे अर्थात सुबह सोकर उठते ही ऑनलाइन हो जाते होंगे। एक बात स्पष्ट कर दूं कि ऐसा कहकर मैं यह नहीं कह रहा हूँ की हमें इन सबका प्रयोग नहीं करना चाहिए या सुबह ही ऑनलाइन नहीं हो जाना चाहिए। मेरा ऐसा कहने का तात्पर्य यह है कि गौर किया जाना चाहिए की सोशल मीडिया पर हम हिंदी भाषा के नाम पर देवनागरी लिपि की उपेक्षा करके (जिसको लेकर हिन्दुस्तान में एक लंबा आंदोलन चला) यूनिकोड की सुविधा होने के बावजूद रोमन लिपि में जिस भाषा को लिखते हैं उसका रूप-स्वरूप क्या है ? यदि कहा जाए की सोशल मीडिया में प्रयुक्त की जाने वाली अधिकाँश हिंदी, हिंदी न होकर हिंगलिश या हिंग्लिशिया हो गई है तो ऐसा कहना ग़लत न होगा। मैं अपनी इस बात को प्रमाण के साथ कह रहा हूँ, व्हाट्स एप्प से एक उदाहरण देखिए : -
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Mujhe nhi rhna tmhare sath
Break up krna h
                                      Kyu kya hua
                                      Mene kya kiya
Tm bahut gande ho
Mujhe manate nhi

                                     Kyu tum kya diwali ho
                                     Jo manaunga

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२) प्रिंट मीडिया :-  प्रिंट मीडिया से आशय-पत्रिका, समाचार-पत्र आदि से है। प्रसिद्ध शायर-कवि अकबर इलाहाबदी ने क्या खूब कहा है--"खींचों न कमानों को, न तलवार निकालो/ जब तोप मुक़ाबिल हो, तो अखबार निकालो।" खैर ; छापेखाने का आविष्कार विश्व में एक ऐतिहासिक घटना है, जिसके कारण खबरों के आदान-प्रदान में तेजी आई, जिसने मानव समुदाय को बहुत दूर तक प्रभावित किया। प्रिंट मीडिया ने विभिन्न आंदोलनों, क्रान्तियों में विशेष भूमिका अदा की है। हिंदी में पहला अखबार 'उदंत मार्तंड' सन् १८२६ ई. में कलकत्ता (अब कोलकाता) से प्रकाशित हुआ। बात करें समकालीन प्रिंट मीडिया की भाषा पर तो उसके लिए यहाँ हिंदी के कई प्रमुख समाचार-पत्रों से कुछ उदाहरण लिए गए हैं। जो इस प्रकार हैं-

१) "जब भी ट्रेंड, स्टाइल और फैशन की बात होती है...ऐसा ही एक फैशन शो हाल ही में राजीव बिल्ला ने आर्गनाइज़ किया। इस इवेंट में प्रोफ़ेशनल मॉडल्स के साथ-साथ फ्रैशर्स को भी पार्टिसिपेट करने का मौका दिया गया। इस मौके पर राजीव ने शहर के कई सोशलाइट को इनवाइट किया।"

२) "जो लोग अपनी हेल्थ और फिटनेस को लेकर ज़्यादा जागरूक हैं ; उनके लिए ये एक अच्छा प्लेटफार्म साबित हो सकता है। यह एक तरह की फिटनेस कम्यूनिटी है... यहाँ पर सर्टिफाइड कोच को हायर करने की सुविधा भी है।"

विभिन्न हिंदी समकालीन समाचार-पत्रों में लिखित कुछ शीर्षक---
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● अधिक समय तक चलने वाला प्रीमियम क्वालिटी साबुन।

● पॉलिटिक्स हो या बॉलीवुड इस देश में नेपोटिज्म हर जगह है।

● छात्र संघ पोल में नो पॉलिटिक्स।

● फैशन विद स्टाइल फेस्ट।

● समर नाइट्स में मिड नाइट मज़ा।

● सेलिब्रिटी ब्यूटी फंडा।

● रियल लाइफ़ सिस्टर को मिला रीयल ब्रदर।

● पेश है कफ़ स्पेशलिस्ट।

● कॉटन को ऐसे करें कैरी।

सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया (समाचार-पत्र) में आज जिस हिंदी को धड़ल्ले से हिंग्लिशिया बनाकर और हिंदी में अंग्रेजी के शब्दों को प्रस्तुत करके समाज में परोसा जा रहा है, यह आज की हिंदी के लिए बहुत ही हानिकारक और विडम्बना पूर्ण स्थिति है, और न सिर्फ हिंदी के लिए बल्कि हिंदी के समाचार-पत्रों के लिए भी क्योंकि आज भी दूर गाँव-देहात में बहुत सारे लोग ऐसे मौजूद है जिनकी सुबह अखबार के बिना अधूरी होती है। समस्या उस वर्ग के लोगों के लिए है जिनकों हिंदी के बीच में आए अंग्रेज़ी भाषा के शब्द उलझन में डाल देते हैं। हिंदी का एक प्रमुख अखबार कई बार "नूराकुश्ती" शब्द का प्रयोग करता है जिससे बहुत सारे लोग अपरिचित हैं। यदि समय पर ही हमने इस ओर ध्यान न दिया तो स्थिति और भयावह हो सकती है। अत:  आधुनिक हिंदी कवि केदारनाथ सिंह के शब्दों में उनकी 'मातृभाषा' शीर्षक कविता को उद्धृत करते हुए अंत में केवल इतना ही कहूँगा की यहाँ हिंदी और समकालीन मीडिया की भाषा को समझने का प्रयासभर है, यह कोई अंतिम निष्कर्ष नहीं है।

जैसे चींटियाँ लौटती हैं
बिलों में
कठफोड़वा लौटता है
काठ के पास
वायुयान लौटते हैं एक के बाद एक
लाल आसमान में डैने पसारे हुए
हवाई-अड्डे की ओर

ओ मेरी भाषा
मैं लौटता हूँ तुम में
जब चुप रहते-रहते
अकड़ जाती है मेरी जीभ
दुखने लगती है
मेरी आत्मा


- आमिर विद्यार्थी
भारतीय भाषा केंद्र, जेएनयू, नई दिल्ली

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1,3,NCERT Solutions for class 12 Humanities Hindi Antral Bhag 2,4,NCERT Solutions Hindi Class 11 Antra Bhag 1,19,NCERT Vasant Bhag 3 For Class 8,12,NCERT/CBSE Class 9 Hindi book Sanchayan,6,Nootan Gunjan Hindi Pathmala Class 8,18,Notifications,5,nutan-gunjan-hindi-pathmala-6-solutions,17,nutan-gunjan-hindi-pathmala-7-solutions,18,political-science-notes-hindi,1,question paper,19,quizzes,8,raag-darbari-shrilal-shukla,3,Rimjhim Class 3,14,samvad-lekhan-in-hindi,6,Sankshipt Budhcharit,5,Shayari In Hindi,16,skandagupta-natak-jaishankar-prasad,6,sponsored news,10,suraj-ka-satvan-ghoda-dharmveer-bharti,3,Syllabus,7,top-classic-hindi-stories,48,UP Board Class 10 Hindi,4,Vasant Bhag - 2 Textbook In Hindi For Class - 7,11,vitaan-hindi-pathmala-8-solutions,16,VITAN BHAG-2,5,vocabulary,19,
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