Kale Megha Pani De काले मेघा पानी दे kale megha pani de dharmveer bharti kale megha pani de काले मेघा पानी दे summary kale megha pani de dharmveer bharti kale megha pani de dharamveer bharti kale megha pani de summary kale megha paani de poem kale megha pani de class 12 kale megha pani de question answer kale megha pani de lyrics kale megha pani to barsao song kale megha pani de summary kale megha pani de question answer kale megha pani de hindi poem pahalwan ki dholak solutions class 12 hindi chapters summary usha class 12 kaale megha paani de ncert solutions class 12 hindi poems summary काले मेघा पानी दे धर्मवीर भारती kale megha pani de dharmveer bharti Kale Megha Pani De काले मेघा पानी दे
Kale Megha Pani De
काले मेघा पानी दे धर्मवीर भारती
Kale Megha Pani De काले मेघा पानी दे kale megha pani de dharmveer bharti kale megha pani de summary काले मेघा पानी दे summary - काले मेघा पानी दे धर्मवीर भारती संस्मरण में लोक प्रचलित विश्वास और विज्ञानं के द्वन्द का सुन्दर चित्रण किया गया है .विज्ञान का अपना तर्क है और विश्वास का अपना सामर्थ्य है .आषाढ़ का पहला पखवाड़ा बीत जाने के बाद भी खेती और बहुकाज प्रयोग के लिए पानी न हो ,तो जीवन चुनैतियों का घर जाता है और उन चुनौतियों का निराकरण विज्ञानं न कर पाए ,तो उत्सव धर्मी भारतीय समाज चुप नहीं बैठता है .वह किसी जुगाड़ में लगा रहता है ,प्रपंच रचता है और हर कीमत पर जीवित रहने के लिए अशिक्षा और बेबसी की भीतर से उपाय और काट की खोज करता है .
काले मेघा पानी दे पाठ के प्रारंभ में आषाढ़ का पहला पखवाड़ा बीत जाने पर भी वर्षा न होने पर लोग परेशान होते हैं .बादल का कहीं नामोनिशान न हो ,कुएँ सूखने लगते ,नलों से भी पानी न आते हो .जहाँ जुताई करनी हो,वहां की मिट्टी सुखकर पपड़ी बन कर जमीन फटने लगती .मवेशियों को भी पानी बिन प्यासा रहना पड़ता .जब सब हर प्रकार के पूजा पाठ कथा विधान करके लोग हार जाते ,तो अंतिम उपाय के उपाय के रूप में निकलती - इन्दर सेना .इन्दर सेना दस से सोलह वर्ष के बच्चों की टोली थी .वे सिर्फ एक लंगोटी पहनकर घर - घर गंगा मैया की जयकार लगा कर गीत गाती जाती -
काले मेघा पानी दे
गगरी फूटी बैल पियासा
पानी दे ,गुड़धानी दे
काले मेघा पानी दे.
इस प्रकार उछलते कूदते द्वार - द्वार पर पानी माँगते .जब पानी की भारी कमी हो - तब भी लोग सहेज कर रखे पानी को इन बच्चों को सर से पैर तक तर दिया जाता .ये लोग भीगे बदन मिट्टी में लोट जाते और कीचड में लथपथ हो जाते थे .
लेखक भी इन्दर सेना के बच्चों का समवयस्क था .वह आर्यसमाजी संसार और कुमार सुधार सभा का उपमंत्री होने के कारण इन समाज - रीतिरिवाजों का विरोध करता था .लेखक की जीजी पुराने विचारों का मानती था .लेखक भी उनसे बहुत स्नेह रखता था .वे सभी रीति रिवाजों ,तीज त्योहारों ,पूजा -अनुष्ठानों को लेखक के हाथों पूरा करवाती थी ,ताकि लेखक को पुण्य लाभ मिले .
जब लेखक इन्दर सेना पर पानी फेंकने की घटना का विरोध करता था ,तो जीजी बड़े प्यार से लेखक को समझाती है .वे समझाती है की यह पानी की बर्बादी नहीं है ,बल्कि दान है .बिना त्याग के दान नहीं होता है .यह इंद्र भगवान् को अर्घ्य चढाने से वर्षा होती है .जिस वस्तु की हमें अधिक आवश्यकता हो ,वही ही दान कर देने से फल मिलता है .किसान भी अधिक अनाज पाने के लिए पाँच - छह सेर गेंहू खेतों में बोता है ,ताकि उसे तीस चालीस मन गेहूं मिले .इस प्रकार त्याग भावना से दिया गया दान ही फलीभूत होता है .महात्मा गाँधी भी यही करते है .
लेखक कहता है कि इस घटना को पचास वर्ष से ज्यादा हो गए हैं .लेकिन आज हमारे देश की स्थिति कैसी है ? हम हर क्षेत्र में सिर्फ माँग करते हैं - त्याग का कहीं नामोनिशान नहीं हैं .हर क्षेत्र में बुराई खोज निकालते हैं और स्वयं के अन्दर के भष्टाचार को दूर नहीं करते हैं .अतः ग्रामीण जनता के उदाहरण से हमें काम होना चाहिए और अपनी अराजक स्थिति को दूर करना चाहिए .
Kale Megha Pani De dharmveer bharti काले मेघा पानी दे class 12 question answer ncert solutions पाठ के साथ -
प्र.१.लोगों ने लड़कों की टोली को मेढक - मंडली नाम किस आधार पर दिया ? यह टोली अपने आपको इन्दर सेना कहकर क्यों बुलाती थी ?
उ.१. प्रस्तुत पाठ में गाँव के लड़के जो की नंग धडंग रहते थे .वे उछलते - कूदते ,शोरगुल करते गली में कीचड -कांदा करते थे .उन्हें मेंढक - मंडली का नाम दिया गया था .वे दस - बारह बरस से सोलह - अट्ठारह बरस के लड़कों की टोली हुआ करती थी .वे सिर्फ एक लंगोटी पहनकर घर - घर में जयकारा लगाकर पानी माँगी करती थे .वे स्वयं को इन्दर सेना कहा करती थी .वर्षा के स्वामी हैं इंद्र और ये इंद्र की सेना का स्वरुप धरकर लोगों से पानी माँगते थे ,जिससे इंद्र सुख होकर पानी बरसाए .
प्र.२. जीजी ने इन्दर सेना पर पानी फेंके जाने को किस तरह सही ठहराया ?
उ.२. लेखक जीजी पुराने विचारों की महिला थी .वे दान - पुण्य में बड़ा विश्वास करती थी .उनका मानना था कि कुछ पाने के लिए हमें दान करना पड़ता है .बिना त्याग किये आप उस वस्तु को प्राप्त वही कर सकते हैं जिससे आप चाहते हैं .त्याग भावना से ही दान फलीभूत होता है .जिस वस्तु की जरुरत हो वही दान करने से हमें मिलता है .इन्दर सेना को पानी देने से हमारे पास पानी और आता है .किसान भी पाँच - छः सेर गेहूं खेत में बोता है जिससे उसे तीस - चालीस मन गेंहूँ मिल सके .इस प्रकार त्याग से हमारी इच्छाओं की पूर्ति होती हैं .
प्र.३.पानी दे ,गुणधानी दे मेघों से पानी के साथ - साथ गुणधानी की माँग क्यों की रही हैं ?
उ.३. गाँव में नंग धडंग बच्चे इन्दर सेना बनकर गाँवों में गीत गाती जा रही हैं .काले मेघा पानी दे ,पानी दे ,गुणधानी दे. इस प्रकार गुणधानी गुण और अनाज के मिश्रण से बनता है .बच्चे चने की दाल और गुड़ मिलाकर भी बड़े चाव से खाते हैं .गुणदानी मांगलिक अवसरों पर बांटा जाता है .अतः अच्छी वर्षा की कामना करते हुए बच्चे इंद्र से कहते हैं कि वर्षा अच्छी हो जिससे बच्चों को गुणधानी खाने को मिले .
प्र.४. गगरी फूटी बैल पियासा इन्दर सेना के इस खेल्गीत में बैलों में बैलों के प्यासा रहने की बात क्यों मुखरित हुई है ?
उ.४. इन्दर सेना के गीत में गगरी फूटी बैल पियासा का अर्थ यह है कि वर्षा न होने से पानी भरने वाली गगरी फूटी रह जाती है .बैल प्यासा रह जाता है .बैल के न होने से कृषि आधारित ग्रामीण व्यवस्था पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता हैं .अतः खेती न होने से लोग भुखमरी का शिकार होंगे .अतः इन्दर सेना भगवान् से प्रार्थना करती है कि खूब वर्षा हो जिससे बैल भी प्यासा न रहे और गगरी भी भर जाए .
प्र.५. इन्दर सेना सबसे पहले गंगा मैया क्यों बोलती हैं ? नदियों का भारतीय सामाजिक ,सांस्कृतिक परिवेश में क्या महत्व हैं ?
उ.५. इन्दर सेना द्वारा गंगा मैया की जयकार इसीलिए लगायी जाती है क्योंकि हर शुभकार्य में गंगा जल द्वारा शुरुआत की जाती है .गंगा नदी को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है .अतः वर्षा ऐसी हो कि उनके अगल - बगल गंगा नदी जैसी ही पानी उपलब्ध रहे और पानी की कमी कभी न हो .
नदियों को भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व दिया जाता है .नदियों को माँ माना जाता है .नदियों से ही हमें पेयजल मिलता है .हमारे खेल - खलिहान उपजाऊ होते हैं .नदी किराने ही देश के प्रमुख नगर बसे हैं जैसे अयोध्या ,काशी ,बनारस ,दिल्ली ,अहमदाबाद आदि .अतः मानव ,नदियों का कृतज्ञ रहता है .नदी जीवन दायिनी मानी जाती है .
प्र.६. रिश्तों में हमारी भावना - शक्ति का बंट जाना विश्वासों के जंगल में सत्य की राह खोजती हमारी बुद्धि की शक्ति कमजोर करती है .पाठ में जीजी के प्रति लेखक की भावना के सन्दर्भ में इस कथन के औचित्य की समीक्षा कीजिये .
उ.६. रिश्तों में हमारे भक्ति बंट जाती है .विश्वासों के जंगल में सत्य की राह खोजनी हमारी बुद्धि की शक्ति को कमजोर करती है .लेखक को जीजी पुराने विचारों को महिला है .वह हर प्रकार के धार्मिक क्रिया कलाप लेखक से करवाती है ,जिससे लेखक को पुण्य लाभ हो .विश्वास की भी एक रचनात्मक भूमिका हो सकती है . आपातकाल में निराशा दूर करने या अधीरता को थामने अथवा विभक्त जन चेतना को जोड़ने के अर्थ .अब सवाल रह जाता है कि बारिश के लिए किये जाने वाले उक्त भोले प्रयन्त किस कोटि के अंतर्गत हैं ?लेखक ने कोई निर्णय नहीं दिया है .पर एक बात एक स्पस्ट होती है कि जीजी की संतुष्टि और अपने प्रति उनका सद्भाव बचाए रखने के लिए वह उन पर रीति - रिवाजों को उपरी तौर पर ही सही ,अपनाने को बचपन में बाध्य बना रहता था .
वास्तव में विश्वास ख़त्म होने पर रिश्ते समाप्त हो जाते हैं और समाज में विखराव पैदा हो जाता है .इस प्रकार इन्दर सेना के द्वारा ही ग्रामीण संस्कृति में भाई चारा बना हुआ है .
Keywords -
काले मेघा पानी दे summary
kale megha pani de dharmveer bharti
kale megha pani de dharamveer bharti
kale megha pani de summary
kale megha paani de poem
kale megha pani de class 12
kale megha pani de question answer
kale megha pani de lyrics
kale megha pani to barsao song
kale megha pani de summary
kale megha pani de question answer
kale megha pani de hindi poem
pahalwan ki dholak solutions
class 12 hindi chapters summary
usha class 12
kaale megha paani de ncert solutions
class 12 hindi poems summary
काले मेघा पानी दे धर्मवीर भारती
kale megha pani de dharmveer bharti
Kale Megha Pani De काले मेघा पानी दे
Mst
जवाब देंहटाएं