हिंदी भाषा कम्प्यूटिंग का परिचय

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हिंदी भाषा कम्प्यूटिंग का परिचय आज कम्प्यूटर ने विश्व की कार्य प्रणाली एवं व्यवहार-प्रणाली में आमूल-चूल परिवर्तन कर दिया है। कम्प्यूटर के द्वारा लगभग

हिंदी भाषा कम्प्यूटिंग का परिचय


ज कम्प्यूटर ने विश्व की कार्य प्रणाली एवं व्यवहार-प्रणाली में आमूल-चूल परिवर्तन कर दिया है। कम्प्यूटर के द्वारा लगभग मानव की सारी समस्याओं का सन्तोषजनक हल प्राप्त हो जाता है। कम्प्यूटर आज हमारे दैनिक जीवन में इस प्रकार प्रविष्टं हो चुका है कि उसके बिना सामान्य जीवन जीना दुष्कर प्रतीत होता है। पदे-पदे कम्प्यूटर की आवश्यकता का अनुभव होता है और कम्प्यूटर के द्वारा दुरूह से दुरूह कार्य भी अत्यल्प समय में समुचित रीति से सम्पन्न हो जता है। कम्प्यूटर का बहु-आयामी उपयोग मानव जीवन की गति को तीव्रतर बना रहा है। आज इसके द्वारा न केवल गणना एवं परिकलन का कार्य अपितु पुस्तकों का प्रकाशन, पेंटिंग, डिजाइनिंग, पत्र-लेखन, पत्राचार, संचार, उत्खनन आदि-इत्यादि कार्य कम समय में सहजतापूर्वक सम्पन्न हो जाते हैं। 

शुरुआती दौर में कम्प्यूटर केवल गणना एवं परिकलन के सहयोगी यन्त्र के रूप में देखा जाता था, किन्तु कालान्तर में वैज्ञानिक प्रगति के साथ-साथ इसकी क्षमता एवं दूसरे कार्य क्षेत्र का व्यापक प्रसार हुआ और आज इसने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अपनी पहुँच बना लिया है। प्रारम्भ में कम्प्यूटर के प्रति आम आदमी का दृष्टिकोण बहुत अच्छा नहीं था, लोग मानते थे कि कम्प्यूटर मानव के श्रम को महत्त्वहीन बनाने वाला है। जिस कार्य को सम्पन्न करने में कई लोगों को रोजगार मिलता था अर्थात् जो कार्य मानव द्वारा किया जाता था वह कार्य कम्प्यूटर करके मानव श्रम की महत्ता को घटाता है, साथ ही अन्यान्य लोगों को अकर्मण्य तर्कणाशक्तिहीन बनाता है। इसी विचार से प्रेरित होकर एक प्रसिद्ध शायर ने लिखा था कि- कम्प्यूटर ने छीन ली याददास्त आदमी की ,लो देखते ही देखते ये भी हुनर गया । किन्तु, वैज्ञानिक प्रगति के वर्तमान युग में यह मान्यता बिल्कुल निराधार सिद्ध हो चुकी है। आज सब लोग मानने लगे हैं कि कम्प्यूटर ने मानव श्रम की महत्ता को बहुगुणित कर दिया है और अनेकानेक असम्भव आयामों को भी सम्भव एवं सहज साकार कर दिया है।
 
पहले कम्प्यूटर पर केवल अंग्रेजी सॉफ्टवेयर ही था, किन्तु बाद में हिन्दी में भी इसका विकास हो गया, जिससे हिन्दी में आलेखन, मुद्रण एवं अंकगणितीय संगणन कार्य अत्यन्त सुगम हो गया है। कम्प्यूटर के मुख्यतः दो भाग होते हैं- 
  • हार्डवेयर 
  • साफ्टवेयर । 
हिंदी भाषा कम्प्यूटिंग का परिचय
कम्प्यूटर का समस्त बाहरी हिस्सा अर्थात् जो कुछ हमें बाहर से दिखायी पड़ता है, उसे हार्डवेयर कहा जाता है, यथा - सी. पी. यू.(Central Processing Unit), मानीटर, प्रिंटर,की-बोर्ड आदि तथा कम्यूटर का पूरा का पूरा आन्तरिक भाग जिसमें सारे कार्यक्रम भरे होते हैं और जिसके निर्देश पर कम्प्यूटर की कार्य-प्रणाली निर्धारित होती है, उसे हम साफ्टवेयर कहते हैं। हार्डवेयर यदि कम्प्यूटर का शरीर है तो साफ्टवेयर उसका मस्तिष्क। वर्तमान समय में न केवल कार्यप्रणाली सम्बन्धी आधुनातन तकनीकों का विकास हुआ है, अपितु उसका आकार-प्रकार भी बदलता जा रहा है।पहले कम्प्यूटर के लिए अपेक्षाकृत अधिक स्थान अर्थात् एक बड़े कमरे की आवश्यकता होती थी, किन्तु आज ऐसा नहीं है। आज कम्प्यूटर पढ़ने की टेबल पर आ जाता है। यहीं तक नहीं आज लैपटॉप ब्रीफकेश में आ जाता है। इससे भी आगे पामटाप को हथेली पर रखकर काम किया जा सकता है और उसे पाकेट में रखा जा सकता है।
 
कम्प्यूटर के कार्यक्षेत्र में मानव-जीवन की समस्त आवश्यकताएँ सिमटती चली जा रही हैं। घर का बजट, बैंक का एकाउण्ट आदि कार्यों का सम्पादन कम्प्यूटर सहजतापूर्वक कर सकता है। इण्टरनेट के द्वारा घर बैठे-बैठे दुनिया के किसी कोने की कोई भी सूचना पायी जा सकती है, किसी भी प्रकार की खरीददारी की जा सकती है. बैंकों के खातों का विवरण जाना जा सकता है, ड्राफ्ट बनवाया जा सकता है, रेलवे, हवाईजहाज का टिकट लिया जा सकता है, व्यवसाय सम्बन्धी अन्यान्य जानकारियाँ प्राप्त की जा सकती हैं, ई-मेल के द्वारा दुनिया के किसी कोने में तत्काल पत्र भेजा जा सकता है, गोपनीय दस्तावेजों एवं सूचनाओं को सुरक्षित रखा जा सकता है। इसी तरह अन्यान्य श्रम साध्य एवं समयसाध्य कार्यों को तत्काल कम्प्यूटर के द्वारा निपटाया जा सकता है।
 
कम्प्यूटर के बहुआयामी कार्य-क्षेत्र ने आज भाषा को भी अपने अन्दर समेट लिया है। वर्तमान समय में इण्टरनेट के द्वारा एक भाषा का दूसरी भाषा में त्वरित अनुवाद संभव है। यह भाषाविदों के लिए वरदान सिद्ध हो रहा है। बिना किसी श्रम के सहजतापूर्वक एक भाषा की सामग्री को दूसरी भाषा में अनुवाद करके वे उसे पढ़ सकते हैं। इतना ही नहीं अनेक भाषाओं एवं सभ्यताओं, सम्प्रदायों के अति दुर्लभ ग्रंथों को इण्टरनेट के द्वारा देखा-पढ़ा जा सकता है। लेख, प्रोजेक्ट आदि को इसके द्वारा तैयार किया जा सकता है। अतः भाषा के क्षेत्र में भी कम्प्यूटर ने क्रान्ति ला दी है। साफ्टवेयर ही कम्प्यूटर का मास्तिष्क होता है, जिसके प्रमुख तीन हिस्से होते हैं -

(i) आपरेटिंग सिस्टम 
(ii) अनुप्रयोगात्मक सिस्टम 
(ii) सुरक्षात्मक सिस्टम।
 
मानीटर, की-बोर्ड, प्रिन्टर, माउस आदि के संचालन हेतु आपरेटिंग सिस्टम साफ्टवेयर की आवश्यकता पड़ती है। वर्तमान समय में एम. एस. डॉस (Micro Soft Disc Operating systam) सबसे अधिक उपयोगी आपरेटिंग सिस्टम है। इसके अतिरिक्त अन्यान्य साफ्टवेयर भी उपलब्ध हैं। पत्र, पाठ आदि लिखकर वांछित अक्षरों का स्वरूप देना, खाता, पता, सूची तैयार करना, डिजाइनिंग करना आदि के लिए अनुप्रयोगात्मक साफ्टवेयर है।सुरक्षात्मक साफ्टवेयरों के द्वारा मुख्य रूप से वाइरस 'लगने से कम्प्यूटर को बचाया जा सकता है। सुलिपि एवं लिपि जैसे कई भारतीय भाषाओं के साफ्टवेयर भी उपलब्ध हैं।

कम्प्यूटर के द्वारा मुख्यतः दो प्रकार के कार्यों का सम्पादन होता है - 
(i) शब्द संसाधन (Word Processing) 
(ii) आँकड़ा संसाधन (Database Processing) ।
 
शब्द संसाधन के द्वारा शोध-प्रबन्ध, शोध आलेख आदि को तैयार करना, पुस्तकों की पाण्डुलिपि लिपिबद्ध करना, विविध प्रकार के कार्यालयीय एवं व्यक्तिगत पत्र, टिप्पणी, प्रतिवेदन, परिपत्र, आदेश-निर्देश, बैनर आदि तैयार करना, वर्तनी देखना, उसे शुद्ध करना, उपयुक्त शब्दों का चयन करना, शब्दकोश सम्बन्धी जानकारी की जा सकती है। शब्द संसाधन अत्यन्त उपयोगी कार्य है। यह एक प्रकार का अनुप्रयोगात्मक साफ्टवेयर है। इसी प्रकार आँकड़ा संसाधन के द्वारा अनेक प्रकार की सूची का निर्माण किया जा सकता है। परीक्षाओं के परिणाम तैयार किये जा सकते हैं, बीमा प्रीमियम से जुड़ी सूची बनाने और विविध प्रकार के आँकड़ों को सुरक्षित रखने एवं उन्हें विश्लेषित करने का कार्य किया जा सकता है, इसके अलावा इसके द्वारा बजट बनाया जा सकता है एवं एकाउण्ट का विवरण रखा जा सकता है। 

वर्तमान समय में कम्प्यूटरों पर द्विभाषिक शब्द-संसाधन उपलब्ध हैं, जिसमें दो लिपियों को एक ही फाण्ट्स में मिश्रित करने के लिए विशेष फाण्ट्स एवं द्विभाषिक रूप से इसके प्रयोग की सुविधा है। इसके अतिरिक्त अनेक ऐसे साफ्टवेयर निर्मित हो चुके हैं, जिनके द्वारा हिन्दी भाषा में हर कार्य को सहजता एवं सुगमतापूर्वक सम्पन्न किया जा सकता है। हिन्दी के साफ्टवेयर पैकेजों का अनुवाद के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान है, किसी समय कम्प्यूटर पर हिन्दी में काम करना दुरूह था, किन्तु आज हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषाओं में कम्प्यूटर पर कार्य करना अत्यन्त सहज है। 

हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषाओं में शब्द-संसाधनों की उपलब्धता से हिन्दी का प्रकाशन व्यवसाय बड़ी तीव्रता से बढ़ रहा है। अंग्रेजी एवं हिन्दी के द्विभाषिक शब्द-संसाधन द्विभाषिक रूप में कार्य करने के लिए अत्यन्त उपयोगी हैं। इस तरह के अनेक साफ्टवेयर अधुनातन क्षमताओं से युक्त होकर उपलब्ध हैं जो भाषा कम्प्यूटिंग के क्षेत्र में हलचल पैदा कर दिये हैं । एक लिपि से दूसरी लिपि में लिप्यन्तरण, वर्तनीशोधन एवं शब्दकोश जैसे साफ्टवेयर के द्वारा भाषा कम्प्यूटिंग का क्षेत्र दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।

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