हर अंधेरे के बाद सूरज नया उग आए

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कभी हवाएं उल्टी चलीं, कभी तूफान उठे, सपनों के पीछे भागते, जब पैर थक कर रुके। तब याद रखना एक सत्य, जो समय सिखलाए, हर अंधेरे के बाद, सूरज नया उग आ

उठ, चल, मंज़िल तुझको बुलाए


ब रात घनेरी छाए, और सपने डगमगाए,  
तू हार न मान, ऐ मुसाफिर, मन में ज्योत जगाए।  
हर कदम पर कांटे बिछे, राहें मुश्किल आए,  
पर तू रुकना मत, मेरे दोस्त, मंज़िल तुझको बुलाए।  

उठ, चल, मंज़िल तुझको बुलाए
कभी हवाएं उल्टी चलीं, कभी तूफान उठे,  
सपनों के पीछे भागते, जब पैर थक कर रुके।  
तब याद रखना एक सत्य, जो समय सिखलाए,  
हर अंधेरे के बाद, सूरज नया उग आए।  

नन्हा बीज जो मिट्टी में, चुपके से पड़ा रहा,  
नन्हा सा सपना मन में, तूने भी तो बोया था।  
धैर्य की धूप, मेहनत का जल, जब तू उसको देगा,  
विश्वास के पंख लगाकर, सपना तेरा उड़ेगा।  

क्या डर है उन नज़रों का, जो तुझको रोकेंगी,  
क्या डर है उन बातों का, जो तुझको तोकेंगी।  
तू है अपनी कहानी का, खुद ही नायक सच्चा,  
हर बाधा को चुनौती दे, बन जा तू वो कच्चा।  

जब मन में संशय उठे, और हौसले डगमगाए,  
अपने दिल की गहराई में, तू एक ज्योत जलाए।  
वो ज्योत है तेरी शक्ति, वो ज्योत है तेरा बल,  
उसके दम पर तू कर देगा, असंभव को भी संभव।  

ज़िंदगी है एक पहेली, हर पल नया इम्तिहान,  
कभी हंसी, कभी आंसुओं का, बनता है कारवां।  
पर तू न रुक, न थम, न कभी हार मान,  
तेरे भीतर है वो शक्ति, जो बनाए तुझको महान।  

उठ, मेरे दोस्त, अब समय है, सपनों को सच करने का,  
हर डर को पीछे छोड़, बस मंज़िल को पाने का।  
तेरे कदमों की आहट से, दुनिया बदलेगी रंग,  
तू चल पड़, ये वक्त है, गीत नया गाने का।


विश्लेषण और प्रेरणा-
यह कविता जीवन के संघर्षों, आशा, और आत्मविश्वास को दर्शाती है। प्रत्येक छंद एक प्रेरक संदेश देता है, जो आपको चुनौतियों का सामना करने और सपनों को हकीकत में बदलने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह सरल भाषा में लिखी गई है, लेकिन इसकी भावनाएं गहरी और प्रेरणादायक हैं।

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