शोध का अर्थ एवं परिभाषा | शोध के प्रकार महत्व एवं उद्देश्य

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शोध का अर्थ एवं परिभाषा | शोध के प्रकार महत्व एवं उद्देश्य शोध शब्द का अर्थ है खोज करना, पता लगाना या अनुसंधान करना। यह एक व्यवस्थित और वैज्ञानिक प्र

शोध का अर्थ एवं परिभाषा | शोध के प्रकार महत्व एवं उद्देश्य


शोध शब्द का अर्थ है खोज करना, पता लगाना या अनुसंधान करना। यह एक व्यवस्थित और वैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से हम नए ज्ञान को प्राप्त करते हैं, समस्याओं का समाधान करते हैं और मानव समझ को आगे बढ़ाते हैं।

शोध का अर्थ 

शोध उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसमें शोधपूर्वक प्रयत्न से तथ्यों का संकलन कर सूक्ष्मग्राही बुद्धि से उनका निरीक्षण विश्लेषण करके नए तथ्यों को ज्ञात किया जाता है। वस्तुतः “अज्ञान वस्तुओं, तथ्यों व सिद्धान्तों के निर्माण की बोधपूर्वक क्रिया ही शोध है।" 

शोध की परिभाषा

विभिन्न भारतीय-पाश्चात्य विद्वानों ने शोध की परिभाषा प्रस्तुत की है। कुछ परिभाषाएँ निम्नवत हैं- 
  • डॉ. दशरथ सिंह के अनुसार- "सामान्यतया शोध ज्ञान के अज्ञात और अपरिचित तथ्यों के आविष्कार की वैज्ञानिक प्रक्रिया है। शोध के लिए तथ्यों के आंकलन और मूल्यांकन के साथ ही नए ज्ञान और नई दृष्टि के योग की आवश्यकता होती है।"
  • डॉ. आर. खण्डेलवाल के अनुसार- “एक शब्द में शोध का चरम उद्देश्य मनुष्य को स्वरूप, सन्तुलित, सुखद और गतिशील बनाना है ।" 
  • डॉ. विमल मोहन वर्मा के अनुसार- “शोध नए तथ्यों की खोज ही नहीं उसकी तर्कसंगत व्याख्या है।"
  • डॉ. नगेन्द्र के अनुसार- "अनेकता में एकता की सिद्धि ही सत्य है- इसी का अर्थ है- आत्मा का साक्षात्कार। अतः शोध का यह रूप सत्य की उपलब्धि अथवा आत्मा के साक्षात्कार के अधिक-से-अधिक निकट है।"
  • रैडमैन और मोरी के अनुसार- "नवीन ज्ञान की प्राप्ति के व्यवस्थित प्रयत्न को हम शोध कहते हैं।" 
  • समन्वित रूप से 'डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी जी ने शोध का व्यापक विवेचन-विश्लेषण करते हुए कहा है कि, “रिसर्च में 'रि' उपसर्ग उतना पुनर्थक नहीं है जितना पौनः पुनीक अभिनिवेश और गम्भीर प्रयत्न का द्योतक है। स्थूल अर्थों में वह नवीन और विस्तृत तथ्यों का अनुसन्धान है, जिसको अंग्रेजी में 'डिस्कवरी ऑफ फैक्ट्स' कहते हैं और सूक्ष्म अर्थ में वह ज्ञात-साहित्य के पुनर्मूल्यांकन और नई व्याख्याओं का सूचक है।" 

साहित्य में शोध के प्रकार 

साहित्य में शोध मुख्यतः दो प्रकार से किया जाता है- 
1. प्रारम्भिक साहित्य सर्वेक्षण- प्रारम्भिक साहित्य सर्वेक्षण शोध कार्य प्रारम्भ करने के पहले शोध समस्या के चयन तथा उसे परिभाषित करने के लिए किया जाता है। इस साहित्य सर्वेक्षण का एक प्रमुख उद्देश्य यह पता करना होता है कि आगे शोध में कौन-कौन सहायक संसाधन होंगे। 
2. व्यापक साहित्य सर्वेक्षण- व्यापक साहित्य सर्वेक्षण शोध प्रक्रिया का एक चरण होता है। इसमें सम्बन्धित साहित्य का व्यापक अध्ययन किया जाता है। सम्बन्धित साहित्य का व्यापक सर्वेक्षण शोध का प्रारूप के निर्माण तथा डाटा/तथ्य संकलन के कार्य के पहले किया जाता है। 

साहित्य सर्वेक्षण के स्रोत 

1. पाठ्य पुस्तक और अन्य ग्रन्थ । 
2. पत्रिकाएँ एवं समाचार-पत्र । 
3. शोधपत्र । 
4. इण्टरनेट । 
5. सम्मेलन / सेमिनार में पढ़े गए आलेख । 
6. ऑडियो-वीडियो। 
7. शोध प्रबन्ध (Theses and Dissertations)। 
8. साक्षात्कार ( Interviews) । 
9. हस्तलेख अथवा अप्रकाशित पाण्डुलिपि । 


शोध के उपयोग व महत्व

शोध, मानव जिज्ञासा और समझ की ज्वलंत लौ है, जो हमें अज्ञात के अंधकार को भेदने और ज्ञान के अनमोल रत्नों को उजागर करने में सक्षम बनाता है। यह प्रगति का वाहक है, जो समाज को बेहतर बनाने और जीवन के हर पहलू में समृद्धि लाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

शोध का अर्थ एवं परिभाषा | शोध के प्रकार महत्व एवं उद्देश्य



शोध के महत्व को निम्नलिखित बिंदुओं द्वारा समझा जा सकता है:

1. ज्ञान की वृद्धि: शोध, ज्ञान के भंडार में निरंतर वृद्धि का स्रोत है। यह हमें प्रकृति, विज्ञान, इतिहास, समाज और मानवता के बारे में नई जानकारियां प्रदान करता है। शोध के माध्यम से हम नवीन खोजें करते हैं, नई अवधारणाओं को विकसित करते हैं और पुरानी धारणाओं को चुनौती देते हैं।

2. समस्या समाधान: शोध, जटिल समस्याओं का समाधान खोजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह हमें बीमारियों का इलाज करने, पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करने, सामाजिक अन्याय को दूर करने और जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए नए तरीके खोजने में मदद करता है।

3. प्रौद्योगिकी का विकास:शोध, प्रौद्योगिकी के विकास और प्रगति का आधार है। यह हमें नए उपकरण, मशीनें और प्रणालियां विकसित करने में मदद करता है जो हमारे जीवन को आसान, अधिक कुशल और सुरक्षित बनाते हैं।

4. आर्थिक विकास: शोध, आर्थिक विकास और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। यह नए उद्योगों और अवसरों को जन्म देता है, रोजगार पैदा करता है और जीवन स्तर को बेहतर बनाने में योगदान देता है।

5. शिक्षा और कौशल विकास: शोध, शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देता है। यह हमें नई जानकारी और ज्ञान प्रदान करता है, जो हमें बेहतर निर्णय लेने और अधिक उत्पादक बनने में मदद करता है।

6. सामाजिक परिवर्तन: शोध, सामाजिक परिवर्तन और सुधार को प्रेरित करता है। यह हमें सामाजिक मुद्दों और चुनौतियों को समझने और उनका समाधान खोजने में मदद करता है।

निष्कर्ष:
शोध, मानव प्रगति और समृद्धि के लिए अनिवार्य है। यह ज्ञान, प्रौद्योगिकी, अर्थव्यवस्था, शिक्षा और समाज को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

शोध न केवल वैज्ञानिकों और विद्वानों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज के हर सदस्य को प्रभावित करता है। यह हमें एक बेहतर भविष्य बनाने और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक समृद्ध विरासत छोड़ने में मदद करता है।

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