लाटी कहानी की समीक्षा सारांश उद्देश्य प्रश्न उत्तर | Lati Kahani Shivani

SHARE:

लाटी कहानी की समीक्षा सारांश उद्देश्य प्रश्न उत्तर Lati Kahani Shivani lati kahani class 12th लाटी कहानी कथा लेखिका शिवानी की एक घटनाप्रधान कहानी

लाटी कहानी की समीक्षा


लाटी कहानी लाटी कहानी का सारांश Lati kahani ka saransh लाटी कहानी का सारांश लाटी कहानी Lati kahani ka saransh Lati kahani class 12th hindi up board 2024 शिवानी जी की यादगार कहानियां लाटी कहानी शिवानी लाटी कहानी का उद्देश्य lati kahani short mein lati kahani class 12th - महिला त्रासदी पर आधारित कहानी लाटी ,लेखिका शिवानी द्वारा लिखित एक घटनाप्रधान मार्मिक कहानी है, इसमें बताया गया है कि किस प्रकार सोलह वर्षीया एक खूबसूरत किशोरी ससुराल में सास-ननद के तानों और अत्यधिक काम के बोझ तले दबकर क्षयरोग का शिकार हो जाती है। कहानी तत्त्वों के आधार पर लाटी की समीक्षा इस प्रकार है- 

शीर्षक एवं कथानक

लाटी के जीवन की त्रासदपूर्ण व्यथा को कहानी का शीर्षक अभिव्यक्त करने में समर्थ है। कहानी का कथानक एकमात्र उसी पर केन्द्रित है; अतः सब प्रकार से 'लाटी' शीर्षक सार्थक है। अत्यन्त संक्षिप्त यह शीर्षक सारगर्भित और कहानी की मूलभावना पर केन्द्रित है। इसलिए शीर्षक सभी विशेषताओं पर खरा उतरता है। 

लाटी कहानी की समीक्षा सारांश उद्देश्य प्रश्न उत्तर | Lati Kahani Shivani
मध्यवर्गीय पहाड़ी परिवार से सम्बन्धित कहानी 'लाटी' का कथानक यद्यपि बहुत विस्तृत नहीं है, किन्तु इसके कथानक को मानवीय संवेदना का विस्तार अत्यधिक गम्भीर बना देता है। कथानक में उस नई-नवेली दुल्हन बानो के जीवन की त्रासदी को दर्शाया गया है, जिसका पति कप्तान जोशी विवाह के तीसरे दिन ही युद्धभूमि में उसे छोड़कर चला जाता है और घर लौटता है दो साल बाद। बानो ने इन दो सालों में सात-सात ननदों के ताने सुने, भतीजों तक के कपड़े धोए और ससुर के होज बुने। पाँच-पाँच सेर उड़द पीसकर उनकी बड़ियाँ बनाईं। उसके हृदय को बेधने में सास और चचिया सास के व्यंग्य-बाणों ने भी कोई कोर-कसर न रख छोड़ी। सौलह वर्षीया बानो इस ताड़ना और संत्रासभरी जिन्दगी के कारण क्षयरोग का शिकार हो गयी। उसे गोठिया सैनेटोरियम में पहुँचा दिया गया। जब कप्तान को घर आकर पता चलता है कि गोठिया सैनेटोरियम में बानो भर्ती है तो बिना कोई क्षण गँवाए वह अपनी बानो के पास पहुँचकर उसकी जी-जान से सेवा करता है, किन्तु बानो के जीवन में सुख नहीं लिखा था। उसे एक दिन सैनेटोरियम छोड़कर चले जाने की नोटिस मिल गयी। मतलब साफ था कि मौत उसके अत्यधिक समीप पहुँच चुकी है और वह एक-दो दिन की ही मेहमान है। उसे कप्तान घर वापस नहीं लाता, अपितु भुवाली में ही किराये का एक कमरा ले लेता है। बानो मृत्यु को सन्निकट जानकर रात्रि में घर छोड़कर आत्महत्या करने के लिए नदी में कूद जाती है। नदी किनारे कप्तान को जब उसकी साड़ी मिली तो वह उसे मरा जानकर घर लौट आया। उसका एक साल के भीतर दूसरा विवाह हो गया।
 
बानो को एक सन्त बचा लेता है और उसकी चिकित्सा से बानो का क्षयरोग ठीक हो जाता है, किन्तु उसकी आवाज और स्मृति दोनों चली जाती है। अभिशप्त जीवन जीने के लिए वह विवश है। कप्तान से मेजर बने जोशी की भेंट एक दिन भुवाली में चाय की दुकान पर अचानक ही लाटी से होती है। यही गूँगी और स्मृति खो चुकी विक्षिप्त लाटी बानो है। जोशी उसे पहचान जाता है, किन्तु पत्नी प्रभा के होते उसे स्वीकार करने का साहस नहीं कर पाता और लाटी उसे पहचान ही नहीं पाती। दुर्भाग्यग्रस्त लाटी वैष्णवी टोली के साथ वहाँ से चली जाती है। कहानी लाटी का कथानक एक अभागी महिला के जीवन की कारुणिक कथा है। लेखिका ने महिला जीवन की इस त्रासदी को कथानक के माध्यम से दिखाने का प्रयत्न किया है कि महिला ही महिला के शोषण का मुख्य कारण है। 

कथोपकथन अथवा संवाद

कहानी में कथोपकथन अथवा संवादों की भरमार नहीं है। कहानी में जो भी कथोपकथन हैं, वे सभी अत्यन्त प्रभावपूर्ण, भावात्मक, कथानक को गतिशील बनानेवाले, पात्रों के चरित्र पर प्रकाश डालनेवाले और रोचक हैं। नेपाली भाभी का यह भावपूर्ण संवाद कितना मार्मिक बन पड़ा है- 

'प्रौढ़ा नेपाली भाभी की सदाबहार हँसी से खिलखिलाती आँखें छलक उठतीं-"शाबास है, कप्तान बेटा, तुझे देखकर मेरी छातियों में दूध उतर आता है। कैसी सेवा कर रहा है तू, और एक हमारे हैं कुतिया के जने! मिले तो मूँछें उखाड़कर हरामी के मुँह में ठूंस दूँ।' 

कहानी के संवाद संक्षिप्त, सरल, स्वाभाविक, सारगर्भित, स्पष्ट, सार्थक हैं। पात्रों के चरित्र के अनुसार वे अत्यन्त सटीक बन पड़े हैं। कप्तान जोशी और बानो के प्रथम-मिलन के इन संवादों की यह बानगी देखिए-

'क्या नाम है तुम्हारा?' उसकी तीखी ठुड्डी उठाकर कप्तान ने पूछा था। 
'बानो।' उसके पहले होंठ हिलकर रह गये। 
'राम-राम, मुसलमानी नाम।' कप्तान ने हँसकर छेड़ दिया। 
'सब यही कहते हैं, मैं क्या करूँ?' बानो की आँखें छलक उठीं। 

पात्र और चरित्र चित्रण 

कहानी में यद्यपि अनेक पात्र हैं, किन्तु बानो (लाटी), कप्तान जोशी, नेपाली भाभी, प्रभा और वैष्णवी इसके मुख्य पात्र हैं। इनमें कथा का नायक कप्तान जोशी और नायिका लाटी है। लाटी और कप्तान के चरित्र को कथाकार ने विशेष रूप से सँवारा है। कथा-लेखिका ने दोनों के ही चरित्र का अंकन अत्यन्त भावपूर्ण एवं मानवीयता के धरातल पर किया है। सभी के मना करने पर भी कप्तान जोशी अपनी क्षय रोग से ग्रस्त पत्नी बानो का साथ नहीं छोड़ता तो बानो भी उसे और अधिक पीड़ा न पहुँचाकर स्वयं के बन्धन से मुक्त करने के उद्देश्य से आत्महत्या के लिए नदी में छलाँग लगा देती है। लेखिका ने कप्तान हृदय के द्वन्द्व का चित्रण अत्यन्त कुशलता से किया है। नेपाली भाभी की मृत्यु के समय उसके हृदय की पीड़ा का अनुभव देखने को मिलता है। कप्तान को भाभी की मृत्यु यह सन्देश देती है कि अब बानो की साँसें भी बहुत अधिक नहीं बची हैं। वह विचलित हो उठता है, किन्तु बानो पर अपनी पीड़ा को व्यक्त होने नहीं देता। मेजर जोशी को लेखिका ने कहानी के अन्त में भी द्वन्द्वग्रस्त दिखाया है कि वह पत्नी प्रभा की उपस्थिति में चाहकर भी लाटी से नहीं कह पाता-"मेरी बानो, बन्नी, बन्नू।" लेखिका का लाटी को कथा के अन्त में गूँगी और विक्षिप्त दिखाने का विशेष प्रयोजन है। ऐसा यदि वह न करती तो मेजर जोशी लाटी और प्रभा को अप्रिय परिस्थिति का सामना करना पड़ता। लाटी की पीड़ा तब शायद ननदों और सास की प्रताड़ना एवं क्षयरोग की विभीषिका से भी अधिक गहरी होती। लेखिका ने नेपाली भाभी के चरित्र के द्वारा महिलाओं के प्रति पुरुषों की उपेक्षा को दर्शाने के साथ-साथ हास्य-व्यंग्य का पुट भी कथा में दिया है। उसके चरित्र के माध्यम से उसने कथानक को भी गतिशील बनाया है। 'लाटी' का परिचय देने के लिए वैष्णवी के चरित्र की सृष्टि की गयी है। अतः कहा जा सकता है कि पात्र और चरित्र-चित्रण की दृष्टि से लाटी एक सफल कहानी है। 

देश काल और वातावरण

लाटी कहानी में देश-काल और वातावरण का सर्वत्र ध्यान रखा गया है। लेखिका की दृष्टि से एक क्षण के लिए भी वातावरण ओझल नहीं हो पाया है। पहाड़ी वातावरण को साकार करने के लिए लेखिका ने 'बुडज्यू', 'तिथांण' आदि आँचलिक शब्दों का प्रयोग किया है। कप्तान का बानो से कहा गया पहाड़ी नामों से युक्त यह संवाद भी पहाड़ी वातावरण को साकार कर देता है-"पहाड़ी नाम भी कोई नाम होते हैं भला, सरुली, परुली, रमा, खष्टी।" भुवाली के गोठिया सैनेटोरियम का यह चित्र भी वहाँ के वातावरण को हमारी आँखों के सामने साकार कर देता है- 

"लम्बे देवदारों का झुरमुट झुक-झुककर गोठिया सैनेटोरिया की बलैया-सी ले रहा था। काँच की खिड़कियों पर सूरज की आड़ी-तिरछी किरणें मरीजों के क्लांत चेहरों पर पड़कर उन्हें उठा देती थीं। मौत की नगरी के मुसाफिरों के रोग-जीर्ण पीले चेहरे सुबह की मीठी धूप में क्षणभर को खिल उठते ।" 

इस प्रकार कहानी की पृष्ठभूमि के पहाड़ी परिदृश्य और सैनेटोरियम के वातावरण को लेखिका साकार करने में पूर्ण सफल हुई है। 

भाषा शैली 

प्रस्तुत कहानी में सरल, स्वाभाविक और सामान्य बोलचाल की भाषा का प्रयोग किया गया है। पहाड़ी शब्दावली का प्रयोग भी पहाड़ी वातावरण को साकार करने के लिए यथावश्यक हुआ है। नेपाली भाभी का पहाड़ी शब्दावली से युक्त यह स्वाभाविक संवाद यहाँ द्रष्टव्य है-"हैं हमारे 'बुडज्यू' आधी कुमाऊँ के छत्रपति पर बहू तिथांण (श्मशान) को जा रही है तो उनकी बला से! दुम उठाकर जिसे देखो, वही बदजात नर से मादा निकला।"

कहानी में लेखिका शिवानी का पूर्वाग्रह किसी भाषा-विशेष के शब्दों के प्रति देखने को नहीं मिलता। अरबी-फारसी, अंग्रेजी, उर्दू, तत्सम, तद्भव, आँचलिक और देशज आदि सभी प्रकार के शब्दों का प्रयोग कहानी में किया गया है। 

आधुनिक सभ्य समाज की हिंग्लिश भाषा का यह उदाहरण भी आकर्षक बन पड़ा है-"चलो डार्लिंग, पहाड़ का इंटीरियर घूमा जाए। भुवाली चलें..... इसी दुकान में आज एकदम पहाड़ी स्टाइल से कलई के गिलास में चाय पिएँगे हनी।" कथा-लेखिका ने शैली के रूप में चित्रात्मक, हास्य व्यंग्यात्मक, वर्णनात्मक और सूत्रात्मक शैलियों का प्रयोग किया है। इस प्रकार भाषा-शैली की दृष्टि से लाटी एक प्रभावपूर्ण कहानी है।

उद्देश्य

पति के बिना मध्यमवर्गीय समाज में अकेली रहनेवाली पत्नी के जीवन की त्रासद को दिखाना कहानी का उद्देश्य रहा है। यह भी सन्देश लेखिका ने दिया है कि आज महिला ही महिला के शोषण में लगी है, अतः उन्हें अपने दृष्टिकोण में परिवर्तन करते हुए उनके साथ सहयोग करते हुए अपनी उन्नति के मार्ग को प्रशस्त करना चाहिए। एक उद्देश्य लेखिका का यह भी है कि यदि क्षयरोग जैसे असाध्य रोग में परिजनों का सहयोग एवं सहानुभूति रोगी को मिले तो व्यक्ति को मृत्यु से बचाया भी जा सकता है। एक दिन लम्बी-चौड़ी देहवाली नेपाली भाभी अचानक दम तोड़ देती है किन्तु रुई के फाये जैसी बानो का क्षयरोग बाल भी बाँका न कर सका। 


लाटी कहानी का सारांश Lati Kahani ka Saransh in Hindi

लाटी कहानी कथा लेखिका शिवानी की एक घटनाप्रधान कहानी है।कथावस्तु कहानी के नायक कप्तान के जीवन में घटी एक मार्मिक घटना से ग्रहण की गयी है। घटना के अनुसार अपनी बीमार पत्नी 'बानो' से कथानायक कप्तान जोशी अत्यधिक प्रेम करते हैं। जब बानो टी0 बी0 की मरीज होने के कारण जिन्दगी से निराश हो जाती है तो नदी में डूबकर आत्महत्या करने का प्रयास करती है। कप्तान यह यकीन कर लेता है कि बानो डूबकर मर गई, किन्तु वही बानो लाटी बनकर बाद में उसे मिलती है। अपने अतीत की कोई बात उसे याद नहीं है।कथा-लेखिका ने संक्षिप्त-सी कथावस्तु को अपनी प्रतिभा से ऐसे मार्मिक कलेवर में पिरोया है कि मन के सभी तार बज उठते हैं।
 
गोठिया सैनेटोरियम के तीन नम्बर के बँगले में कप्तान जोशी अपनी टी0बी0 की मरीज पत्नी बानो के साथ दुगुना किराया देकर रहता था। उसे 'बानो' से अत्यधिक प्रेम था। अपनी पत्नी 'बानो' को देख वह सहज भाव से मुस्करा देता और उसे प्रसन्न करने की पूरी कोशिश करता है। पत्नी के पलंग के पास बँगले के बरामदे में वह दिनभर कुर्सी डाले बैठा रहता, कभी अपने हाथों से टेम्परेचर चार्ट भरता और कभी समय देख-देखकर दवाइयाँ देता। कप्तान अपनी पत्नी की ऐसी घातक बीमारी पर भी बड़े यत्न और स्नेह से सेवा करता था। विवाह के दो वर्ष बाद ही 'बानों' को भयंकर बीमारी (तपेदिक) हो गई। माता-पिता के पत्र उसके पास आते कि यह भयंकर बीमारी है, तुम उससे बचकर रहो। माँ ने रो-रोकर पत्र लिखा कि मेरे दस-बीस बेटे नहीं तुम अकेले हो। इन बातों का कोई असर कप्तान पर नहीं हुआ। बानो की सेवा-शुश्रूषा में उसने कोई कमी नहीं रखी।
 
सैनेटोरियम में ही भर्ती क्षयरोगिणी नेपाली भाभी खुले मन से कप्तान की प्रशंसा करती है। वह कहती है कि एक मेरा पति है, जो पी के धुत रहता है और सालभर से देखने भी नहीं आया है। वह कप्तान से कहती है शाबाश कप्तान बेटा, तुझे देखकर मेरी छातियों में दूध उतर आता है। 

कप्तान को 'बानो' से विवाह के ठीक तीसरे दिन बाद बसरा जाना पड़ा। उसे बानो को छोड़कर जाना असहनीय था। पहली मुलाकात में उसने बानो से उसका नाम पूछा था, और उसने अपना नाम बानो बताया तो मजाक में कप्तान ने कहा कि यह तो मुसलमानी नाम है। बानो की आँखें यह सुनकर जब छलक उठीं तो कप्तान बोला मैं तो तुम्हें छेड़ रहा था-कितना प्यारा नाम है। सोलह वर्षीया खिलौने-सी बहू बानो को कप्तान बहुत अधिक प्यार करता था। दो वर्ष बाद कप्तान वापस आता है, बानो इस बीच सात-सात ननदों के ताने सुने, ससुर के होज बने, भतीजों के कपड़े धोये, पहाड़-सी नुकीली छतों पर पाँच-पाँचा उड़द पीसकर बड़ियाँ बना डालीं। उससे कहा गया कि जापानियों ने तेरे पति को कैद कर लिया है, वह अब कभी नहीं लौटेगा। उसके अन्तर्मन को सास और चचिया सास के व्यंग्य-बाण भेद देते, वह घुलती चली गई और एक दिन क्षय-रोग से पीड़ित होकर चारपाई पकड़ ली।
 
युद्ध से लौटकर बानो को देखने दूसरे ही दिन कप्तान वापस आया तो घरवालों के चेहरे लटक गए। बानो को एक प्राइवेट बरामदे में लेटी देखकर कप्तान के होश उड़ गए। बानो दो वर्ष में घिसकर और भी बच्ची बन गई थी। कप्तान को देखकर उसकी आँखों से आँसू टपकने लगे। उसकी नाजुक हालत देखकर अन्त में डॉक्टर ने कप्तान को नोटिस दे दिया, कल ही कमरा खाली करके मरीज को घर ले जाइए। बानो से उसने कहा घर नहीं, दूसरी जगह चलेंगे। सुबह उठा तो बानो पलंग पर नहीं थी। बानो डूबकर की साड़ी दूसरे दिन नदी के घाट पर मिली। कप्तान को जब लाश भी न मिली तो उसने समझ लिया कि बानो नदी में मर गई। एक साल में ही कप्तान का दूसरा विवाह हो जाता है, उसकी पत्नी प्रभा ने दो बेटे और एक बेटी उसे दिए। अब कप्तान मेजर हो गया। जब लाटी के रूप में वैष्णवी के साथ 'बानो' मेजर को मिलती है तो मेजर उसे पहचान लेता है, लेकिन लाटी बोल नहीं पाती है और न ही उसे अपना अतीत याद है। कहानी का अन्त यहीं पर होता है। 

COMMENTS

Leave a Reply
नाम

अंग्रेज़ी हिन्दी शब्दकोश,3,अकबर इलाहाबादी,11,अकबर बीरबल के किस्से,62,अज्ञेय,35,अटल बिहारी वाजपेयी,1,अदम गोंडवी,3,अनंतमूर्ति,3,अनौपचारिक पत्र,16,अन्तोन चेख़व,2,अमीर खुसरो,7,अमृत राय,1,अमृतलाल नागर,1,अमृता प्रीतम,5,अयोध्यासिंह उपाध्याय "हरिऔध",7,अली सरदार जाफ़री,3,अष्टछाप,3,असगर वज़ाहत,11,आनंदमठ,4,आरती,11,आर्थिक लेख,7,आषाढ़ का एक दिन,22,इक़बाल,2,इब्ने इंशा,27,इस्मत चुगताई,3,उपेन्द्रनाथ अश्क,1,उर्दू साहित्‍य,179,उर्दू हिंदी शब्दकोश,1,उषा प्रियंवदा,2,एकांकी संचय,7,औपचारिक पत्र,32,कक्षा 10 हिन्दी स्पर्श भाग 2,17,कबीर के दोहे,19,कबीर के पद,1,कबीरदास,19,कमलेश्वर,6,कविता,1438,कहानी लेखन हिंदी,17,कहानी सुनो,2,काका हाथरसी,4,कामायनी,6,काव्य मंजरी,11,काव्यशास्त्र,27,काशीनाथ सिंह,1,कुंज वीथि,12,कुँवर नारायण,1,कुबेरनाथ राय,2,कुर्रतुल-ऐन-हैदर,1,कृष्णा सोबती,2,केदारनाथ अग्रवाल,4,केशवदास,6,कैफ़ी आज़मी,4,क्षेत्रपाल शर्मा,52,खलील जिब्रान,3,ग़ज़ल,138,गजानन माधव "मुक्तिबोध",15,गीतांजलि,1,गोदान,7,गोपाल सिंह नेपाली,1,गोपालदास नीरज,10,गोरख पाण्डेय,3,गोरा,2,घनानंद,3,चन्द्रधर शर्मा गुलेरी,2,चमरासुर उपन्यास,7,चाणक्य नीति,5,चित्र शृंखला,1,चुटकुले जोक्स,15,छायावाद,6,जगदीश्वर चतुर्वेदी,17,जयशंकर प्रसाद,33,जातक कथाएँ,10,जीवन परिचय,74,ज़ेन कहानियाँ,2,जैनेन्द्र कुमार,5,जोश मलीहाबादी,2,ज़ौक़,4,तुलसीदास,26,तेलानीराम के किस्से,7,त्रिलोचन,4,दाग़ देहलवी,5,दादी माँ की कहानियाँ,1,दुष्यंत कुमार,7,देव,1,देवी नागरानी,23,धर्मवीर भारती,6,नज़ीर अकबराबादी,3,नव कहानी,2,नवगीत,1,नागार्जुन,25,नाटक,1,निराला,38,निर्मल वर्मा,2,निर्मला,42,नेत्रा देशपाण्डेय,3,पंचतंत्र की कहानियां,42,पत्र लेखन,192,परशुराम की प्रतीक्षा,3,पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र',4,पाण्डेय बेचन शर्मा,1,पुस्तक समीक्षा,134,प्रयोजनमूलक हिंदी,37,प्रेमचंद,41,प्रेमचंद की कहानियाँ,91,प्रेरक कहानी,16,फणीश्वर नाथ रेणु,4,फ़िराक़ गोरखपुरी,9,फ़ैज़ अहमद फ़ैज़,24,बच्चों की कहानियां,86,बदीउज़्ज़माँ,1,बहादुर शाह ज़फ़र,6,बाल कहानियाँ,14,बाल दिवस,3,बालकृष्ण शर्मा 'नवीन',1,बिहारी,8,बैताल पचीसी,2,बोधिसत्व,7,भक्ति साहित्य,139,भगवतीचरण वर्मा,7,भवानीप्रसाद मिश्र,3,भारतीय कहानियाँ,61,भारतीय व्यंग्य चित्रकार,7,भारतीय शिक्षा का इतिहास,3,भारतेन्दु हरिश्चन्द्र,10,भाषा विज्ञान,13,भीष्म साहनी,7,भैरव प्रसाद गुप्त,2,मंगल ज्ञानानुभाव,22,मजरूह सुल्तानपुरी,1,मधुशाला,7,मनोज सिंह,16,मन्नू भंडारी,5,मलिक मुहम्मद जायसी,7,महादेवी वर्मा,20,महावीरप्रसाद द्विवेदी,2,महीप सिंह,1,महेंद्र भटनागर,73,माखनलाल चतुर्वेदी,3,मिर्ज़ा गालिब,39,मीर तक़ी 'मीर',20,मीरा बाई के पद,22,मुल्ला नसरुद्दीन,6,मुहावरे,4,मैथिलीशरण गुप्त,12,मैला आँचल,4,मोहन राकेश,13,यशपाल,14,रंगराज अयंगर,43,रघुवीर सहाय,6,रणजीत कुमार,29,रवीन्द्रनाथ ठाकुर,22,रसखान,11,रांगेय राघव,2,राजकमल चौधरी,1,राजनीतिक लेख,20,राजभाषा हिंदी,66,राजिन्दर सिंह बेदी,1,राजीव कुमार थेपड़ा,4,रामचंद्र शुक्ल,3,रामधारी सिंह दिनकर,25,रामप्रसाद 'बिस्मिल',1,रामविलास शर्मा,9,राही मासूम रजा,8,राहुल सांकृत्यायन,2,रीतिकाल,3,रैदास,4,लघु कथा,122,लोकगीत,1,वरदान,11,विचार मंथन,60,विज्ञान,1,विदेशी कहानियाँ,34,विद्यापति,7,विविध जानकारी,1,विष्णु प्रभाकर,1,वृंदावनलाल वर्मा,1,वैज्ञानिक लेख,7,शमशेर बहादुर सिंह,6,शमोएल अहमद,5,शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय,1,शरद जोशी,3,शिक्षाशास्त्र,6,शिवमंगल सिंह सुमन,6,शुभकामना,1,शेख चिल्ली की कहानी,1,शैक्षणिक लेख,54,शैलेश मटियानी,2,श्यामसुन्दर दास,1,श्रीकांत वर्मा,1,श्रीलाल शुक्ल,1,संयुक्त राष्ट्र संघ,1,संस्मरण,30,सआदत हसन मंटो,10,सतरंगी बातें,33,सन्देश,39,समसामयिक हिंदी लेख,242,समीक्षा,1,सर्वेश्वरदयाल सक्सेना,19,सारा आकाश,18,साहित्य सागर,22,साहित्यिक लेख,76,साहिर लुधियानवी,5,सिंह और सियार,1,सुदर्शन,3,सुदामा पाण्डेय "धूमिल",10,सुभद्राकुमारी चौहान,7,सुमित्रानंदन पन्त,23,सूरदास,16,सूरदास के पद,21,स्त्री विमर्श,10,हजारी प्रसाद द्विवेदी,4,हरिवंशराय बच्चन,28,हरिशंकर परसाई,24,हिंदी कथाकार,12,हिंदी निबंध,403,हिंदी लेख,514,हिंदी व्यंग्य लेख,12,हिंदी समाचार,170,हिंदीकुंज सहयोग,1,हिन्दी,7,हिन्दी टूल,4,हिन्दी आलोचक,7,हिन्दी कहानी,32,हिन्दी गद्यकार,4,हिन्दी दिवस,87,हिन्दी वर्णमाला,3,हिन्दी व्याकरण,45,हिन्दी संख्याएँ,1,हिन्दी साहित्य,9,हिन्दी साहित्य का इतिहास,21,हिन्दीकुंज विडियो,11,aaroh bhag 2,14,astrology,1,Attaullah Khan,2,baccho ke liye hindi kavita,70,Beauty Tips Hindi,3,bhasha-vigyan,1,chitra-varnan-hindi,3,Class 10 Hindi Kritika कृतिका Bhag 2,5,Class 11 Hindi Antral NCERT Solution,3,Class 9 Hindi Kshitij क्षितिज भाग 1,17,Class 9 Hindi Sparsh,15,English Grammar in Hindi,3,formal-letter-in-hindi-format,143,Godan by Premchand,6,hindi ebooks,5,Hindi Ekanki,19,hindi essay,395,hindi grammar,52,Hindi Sahitya Ka Itihas,104,hindi stories,668,hindi-bal-ram-katha,12,hindi-gadya-sahitya,8,hindi-kavita-ki-vyakhya,19,hindi-notes-university-exams,36,ICSE Hindi Gadya Sankalan,11,icse-bhasha-sanchay-8-solutions,18,informal-letter-in-hindi-format,59,jyotish-astrology,17,kavyagat-visheshta,25,Kshitij Bhag 2,10,lok-sabha-in-hindi,18,love-letter-hindi,3,mb,72,motivational books,10,naya raasta icse,9,NCERT Class 10 Hindi Sanchayan संचयन Bhag 2,3,NCERT Class 11 Hindi Aroh आरोह भाग-1,20,ncert class 6 hindi vasant bhag 1,14,NCERT Class 9 Hindi Kritika कृतिका Bhag 1,5,NCERT Hindi Rimjhim Class 2,13,NCERT Rimjhim Class 4,14,ncert rimjhim class 5,19,NCERT Solutions Class 7 Hindi Durva,12,NCERT Solutions Class 8 Hindi Durva,17,NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan वितान भाग 1,3,NCERT Solutions for class 12 Humanities Hindi Antral Bhag 2,4,NCERT Solutions Hindi Class 11 Antra Bhag 1,19,NCERT Vasant Bhag 3 For Class 8,12,NCERT/CBSE Class 9 Hindi book Sanchayan,6,Nootan Gunjan Hindi Pathmala Class 8,18,Notifications,5,nutan-gunjan-hindi-pathmala-6-solutions,17,nutan-gunjan-hindi-pathmala-7-solutions,18,political-science-notes-hindi,1,question paper,19,quizzes,8,Rimjhim Class 3,14,samvad-lekhan-in-hindi,5,Sankshipt Budhcharit,5,Shayari In Hindi,16,sponsored news,10,Syllabus,7,top-classic-hindi-stories,43,UP Board Class 10 Hindi,4,Vasant Bhag - 2 Textbook In Hindi For Class - 7,11,vitaan-hindi-pathmala-8-solutions,16,VITAN BHAG-2,5,vocabulary,19,
ltr
item
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika: लाटी कहानी की समीक्षा सारांश उद्देश्य प्रश्न उत्तर | Lati Kahani Shivani
लाटी कहानी की समीक्षा सारांश उद्देश्य प्रश्न उत्तर | Lati Kahani Shivani
लाटी कहानी की समीक्षा सारांश उद्देश्य प्रश्न उत्तर Lati Kahani Shivani lati kahani class 12th लाटी कहानी कथा लेखिका शिवानी की एक घटनाप्रधान कहानी
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhM8RI1HcIBYP-vYsUdHfO3CA8AEDs2g6ZoZ3SrWl2e2u8qAWSwGPeHRWNmQhjoAXEl9U_NDJV7wyGsDKp7QECIhe6_S9mkieZmClCxSQxhLIh8x5GQDl4dult_NxuKDfN7uGM17mkd4g8DqoIxCBUxlOLdN4QoV7oWOXOtUv6svn3i6qetkY63T3ymFLXz/w320-h208/laati-kahani-shivani.jpg
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhM8RI1HcIBYP-vYsUdHfO3CA8AEDs2g6ZoZ3SrWl2e2u8qAWSwGPeHRWNmQhjoAXEl9U_NDJV7wyGsDKp7QECIhe6_S9mkieZmClCxSQxhLIh8x5GQDl4dult_NxuKDfN7uGM17mkd4g8DqoIxCBUxlOLdN4QoV7oWOXOtUv6svn3i6qetkY63T3ymFLXz/s72-w320-c-h208/laati-kahani-shivani.jpg
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika
https://www.hindikunj.com/2023/07/lati-kahani-shivani.html
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/2023/07/lati-kahani-shivani.html
true
6755820785026826471
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका