आग लगने की घटना पर निबंध हिंदी में | Fire Accident Essay

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अग्नि दुर्घटना पर निबंध


ग लगने की घटना पर निबंध हिंदी में अग्नि दुर्घटना पर निबंध - मानव जीवन अनेक प्रकार की घटनाओं से पूर्ण है। इनमें से कुछ घटनाएँ तो समय के प्रवाह में धुलकर साफ हो जाती हैं किन्तु कुछ ऐसी घटनाएँ होती हैं जिनके गहरे प्रभाव तथा घाव को समय की धारा और मरहम भी नहीं भर पाते। ऐसी ही एक घटना है जिसके स्मरण मात्र से मेरा अन्तर्मन आज भी सिहर उठता है। वह घटना आज से 5 वर्ष पूर्व की है जबकि मैं अपने 30 अन्य मित्रों के साथ भयानक आग में घिर गया था ।

दिल्ली घूमने की योजना

आग लगने की घटना पर निबंध हिंदी में | Fire Accident Essay
बात सन् 2019 की है, जबकि हम मित्रों का एक समूह सितम्बर माह के अन्त में दिल्ली घूमने गया। हम सभी राजधानी के एक तीन सितारा होटल में ठहरे हुए थे। तीन दिन के प्रवास के दौरान पहले दिन हमने नगर के लगभग सभी प्रसिद्ध स्थल देख लिये थे। 

दूसरे दिन 2 अक्टूबर था। स्व. गाँधीजी तथा शास्त्रीजी का जन्म दिवस । इस दिन सुबह नाश्ते के बाद हम कुछ मित्र अपने साथी राजीव के चाचाजी से मिलने, उनके आग्रह पर उनके घर गये। वे दिल्ली की एक बहुमंजिली इमारत की 7वीं मंजिल पर अपने परिवार के साथ रहते थे । 

इमारत में आग

हम सब वहाँ पहुँचे । चाचाजी ने हमारा स्नेह से स्वागत किया। हम वहाँ लगभग 2 घण्टे रुके। उस समय 11:30 बजे थे। हम सभी बातों में व्यस्त थे कि अचानक कुछ घुटन-सी अनुभव हुई। आरम्भ में तो किसी ने ध्यान नहीं दिया। जब नहीं रहा गया और द्वार खोलकर बाहर देखा तो जो कुछ देखा उससे होश फाख्ता हो गये। उस इमारत की चौथी मंजिल के 24वें फ्लैट की रसोई में से धुआँ निकल रहा था। इससे पहले कि कोई समझे, आग ने भयानक रूप धारण कर लिया। जब तक अग्नि शमन दल (Fire Brigade) को सूचित करते आग ने पूरी इमारत को अपनी चपेट में ले लिया। जल्दी ही सारा वातावरण घबराहट, भागदौड़ और अफरा-तफरी एवं चीख-पुकार से भर गया। 

आग की लपटों में लोगों की चीख पुकार

किसी व्यक्ति द्वारा दी गई सूचना पर शीघ्र ही पुलिस व फायर बिग्रेड आ गयी। पुलिस ने भीड़ को पीछे किया और सारा क्षेत्र घेर लिया। माइक से बार-बार सभी से धैर्य धारण कर शान्त रहने की प्रार्थना की जा रही थी। इमारत में घबराहट, अब पागलपन का रूप ले चुकी थी । लोग खिड़कियों से कूदने का प्रयास कर रहे थे। उन्हें बड़ी कठिनाई से रोका जा सका। बड़ी सीढ़ी लगाने के साथ पूरी इमारत के चारों ओर जाल फैला दिया गया। जिससे कूदने वाले लोगों को कूदने पर भी कोई शारीरिक हानि न हो।
 
सभी एक-दूसरे को धैर्य देकर अपनी घबराहट दूर करने का प्रयास कर रहे थे। चाचाजी ने हम सबसे कहा कि हमें घबराने के स्थान पर फँसे हुए लोगों की सहायता करनी चाहिए। 

अग्निशमन दल ने गैस और पानी की तेज धार का प्रयोग करके दो घण्टे में आग पर काबू पा लिया। ऊपर से कूदने के प्रयत्न में दो व्यक्ति बुरी तरह घायल हुए। एक व्यक्ति की आँखें चली गयीं। लाखों रुपये की हानि हुई। लगभग 3 घण्टे बाद हमें उस संकट से छुटकारा मिला। 


विडियो के रूप में देखें - 



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