मै एक छोटी बच्ची हूँ | Hindi Poems for Kids

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मैं इक छोटी बच्ची हूँ फ़ुदक फ़ुदक के चलती हूँ दिन भर जाने कितनी बार गिरती और संभलती हूँ हर पल नई उड़ानों में नए नए रंग भरती हूँ बादल सूरज चाँद स

मै इक छोटी बच्ची हूँ


मैं इक छोटी बच्ची हूँ
फ़ुदक फ़ुदक के चलती हूँ
दिन भर जाने कितनी बार 
गिरती और संभलती हूँ  
  
हर पल नई उड़ानों में 
नए नए रंग भरती हूँ  
बादल सूरज चाँद सितारे 
सब से बातें करती हूँ
मै एक छोटी बच्ची हूँ | Hindi Poems for Kids

कैसे उड़ते गगन में पंछी  
अक्सर सोचा करती हूँ 
कैसे उड़ते जहाज़ हवाई 
हैरानी से तकती हूँ

नाना नानी संग मचल कर 
स्टेशन पर मैं जाती हूँ 
सुन कर गाड़ी की सीटी
खुशी से नाचा करती हूँ  


यहाँ वहाँ हर जगह दौड़ती   
अपनी धुन मे रहती हूँ 
कोई कितना रोके टोके  
न थकती न रुकती हूँ   

चंचल मन को हर मौसम    
नया नया सा लगता है 
भालू बंदर मन बहलाएं                                                      
दुनिया एक अजूबा है !!!


नीली पीली हरी किताबें

नीली पीली हरी किताबें 
सब रंगो से भरी किताबें 
कभी ज़मीं की सैर कराएं  
अंबर छू लें कभी किताबें 

भाँत भाँत के परदेसों की  
बोली बोलें मेरी किताबें 
जाने कितने ही रहस्यों का 
पर्दा खोलें मेरी किताबें 

इनमें राजा इनमें रानी 
जनता की भी कहें कहानी
कुदरत के रंगों से मिल कर  
खुशबू घोलें मेरी किताबें  

हर किताब की बात है न्यारी
अलग अलग फ़ूलों की क्यारी 
पर्वत चमकें, झरने गाएँ 
कोयल सी बोलें मेरी किताबें 

हामिद का चिमटा भी चमके
एलिस वंडरलेण्ड में जाए 
लिलीपुट की कथा अनोखी  
सब की टोह लें मेरी किताबें  

जब भी मेरा मन घबराए  
पास बुलाएँ मेरी किताबें 
मुझे मनाएँ और हँसाएँ 
मन को मोह लें मेरी किताबें!!!


छम छम गिरता पानी                                                      

रिमझिम रिमझिम बूंदें बरसें
छम छम गिरता पानी
पानी देख के नाच उठी है 
नन्हीं बिटिया रानी 

कहाँ से आई नन्हीं बूंदें 
कहाँ से आया पानी 
हैरानी से लगी पूछने 
नन्हीं बिटिया रानी 

बादल से हैं बूंदें आईं
और सागर से पानी 
पानी देख के नाच उठी है  
नन्हीं बिटिया रानी 

मैं भी खेलूँगी बारिश में
खेल रहे सब बच्चे
इधर कूदते उधर भागते 
छम छम छप छप करते

कागज की एक नाव बनाऊँ 
पानी मे उसको तैराऊँ  
वो देखो वो नाव चली है 
सब बच्चों मे होड़ लगी है 
 
रोज़ रोज़ ये क्यों ना बरसे 
रिमझिम रिमझिम पानी
पानी देख के नाच उठी है 

नन्हीं बिटिया रानी !!!





- डॉ मनजीत राठी ( मनजीत मानवी) 
प्रोफेसर , अँग्रेजी विभाग , 
महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय, रोहतक

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