Venka Ki Chitthi ICSE Hindi

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वेनका की चिट्ठी अंतोन चेखव वेनका की चिट्ठी कहानी का सारांश venka ki chitthi icse hindi class 6 nootan gunjan वेनका की चिट्ठी अंतोन चेखव पाठ के प्रश्न

वेनका की चिट्ठी अंतोन चेखव

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वेनका की चिट्ठी कहानी का सारांश 

प्रस्तुत पाठ या कहानी  वेनका की चिट्ठी , लेखक अंतोन चेखव जी के द्वारा लिखित है ⃒ प्रस्तुत पाठ बाल श्रमिक के जीवन पर आधारित है ⃒ महज़ नौ वर्षीय बालक वेनका जुकोव अपनों से दूर रहकर, मालिकों की यातना सहता है तथा वह अपने दादा जी को पत्र लिखकर अपनी इच्छा व्यक्त करता है कि वह भी दूसरे बालकों की तरह सामान्य जीवनयापन करना चाहता है ⃒ इस पाठ के अनुसार, क्रिसमस से पहली शाम थी ⃒ वेनका जुकोव दिनभर के काम के बाद भी बैठा इंतज़ार कर रहा था ⃒ उसका मालिक पेशे से मोची था, जिसका नाम आलियाखिन था ⃒ आलियाखिन पत्नी के साथ गिरजाघर में प्रार्थना सुनने जाने के लिए तैयार हो रहे थे ⃒ मालिक के जाते ही वेनका ने अलमारी से स्याही की दवात, घिसी निबवाला होल्डर निकाला और कागज़ को ज़मीन पर फैलाकर लिखने बैठ गया – मेरे प्यारे दादा कांस्टेनटाइन, मेरे न पिता हैं न माँ, सब कुछ आप ही हैं ⃒ आपको क्रिसमस की शुभकामनाएँ !  दादा जी, मास्को बड़ा शहर है, यहाँ सब प्रतिष्ठित लोगों के घर हैं ⃒ फिर भी सब सज्जन और सौम्य नहीं ⃒ यहाँ बहुत घोड़े हैं और शायद एक भी भेड़ नहीं ⃒ यहाँ पर किसी को भी समूह-गान में गाने की आज्ञा नहीं है ⃒ यहाँ बच्चे वॉयलिन लेकर दिनभर नहीं घूमते ⃒ 

Venka Ki Chitthi ICSE Hindi

खाने को सुबह-शाम थोड़ी-सी रोटी मिलती है ⃒ रातभर मालिक का बेटा रोता है ⃒ वह मुझे सोने नहीं देता ⃒ मुझे बार-बार उसका पालना हिलाना पड़ता है ⃒ मेरे प्यारे दादा जी ! आप मुझे यहाँ से ले जाइए ⃒ दादा जी, यहाँ मेरी उम्र के बच्चे सुबह-सुबह बसते लटकाकर स्कूल जाते हैं ⃒ उनकी माँ उन्हें दूर तक जाते हुए देखती हैं ⃒ उनके बस्तों में रंगीन किताबें होती हैं ⃒ मेरी मालकिन भी अपने लाड़ले के लिए चित्रोंवाली कई किताबें लाई हैं ⃒ आप जब मुझे ले जाएँगे तो मैं भी स्कूल जाऊँगा ⃒ काश ! मेरी भी माँ होती जो मुझे स्कूल जाते हुए देखती तो मेरा भी कायापलट हो जाता ⃒
 


इतने में लिखते-लिखते वेनका की आँखों से गिरने लगे ⃒ उसने अपनी आँखें पोंछीं, नाक साफ़ की और फिर से लिखने लगा – 


दादा जी !  मेरे पास जूते नहीं हैं ⃒ बिना जूतों के मैं बर्फ़ पर नहीं चल सकता ⃒ मैं गाँव आ जाना चाहता हूँ, पर रास्ता नहीं पता ⃒ आप मुझे यहाँ से ले जाइए ⃒ मैं आपकी सब बात मानूँगा ⃒ आपके लिए शोरबा बना दूँगा ⃒ मैं ईश्वर से प्रार्थना करूँगा कि मुझे गाँव में ही काम मिल जाए ताकि मैं आपकी देखभाल कर सकूँ ⃒ 

प्यारे दादा जी, गाँव में जब मालिक लोग क्रिसमस का पेड़ लगाएँगे तो एक सुनहरा अखरोट ले लेना और मेरे हरे बक्से में रख देना ⃒ मालिक की बेटी ओल्गा मेरे लिए अखरोट अवश्य देगी ⃒ 


बालक वेनका ने अब लंबी सांसे ली ⃒ अचानक से उसे याद आया कि वह अपने दादा जी के साथ क्रिसमस पेड़ लाने जंगल जाता था ⃒ वहाँ चारों ओर बर्फ़ होती थी ⃒ जब भी कभी वेनका बर्फ़ में लुढ़क जाता तो उसके दादा जी ज़ोर का ठहाका लगाते और फिर उसे लपककर गोद में उठा लेते थे ⃒ दोनों एक-दूसरे को खूब हँसते-हँसाते रहते थे ⃒ कभी खरगोश को पकड़ने वेनका उसके पीछे-पीछे दौड़ लगाता ⃒ दादा जी क्रिसमस पेड़ मालिक के घर तक लाते ⃒ वेनका अपने मित्र और दादा जी के साथ और मालिक की लड़की के साथ पेड़ सजाने में जुट जाते ⃒ उन दिनों वेनका की माँ जिंदा थी ⃒ वह उसी घर में नौकरानी का काम किया करती थी ⃒ मालिक की लड़की ओल्गा ने वेनका को खूब मिठाइयाँ खिलाया करती थी ⃒ ओल्गा ने ही वेनका को पढ़ना-लिखना सिखाया था ⃒ जब वेनका की माँ स्वर्ग सिधार गई तो उसके दादा जी ने उसे मास्को आलियाखिन के पास भेज दिया ⃒ 


वेनका पुनः लिखना शुरू किया – दादा जी, ईश्वर के लिए मुझे ले जाओ ⃒ अब और नहीं लिखा जाता ⃒ मेरा हाथ दर्द कर रहा है ⃒ अब आपका इंतज़ार है ⃒ आपका पोता..... ⃒ 


बालक वेनका ने कागज़ की चार तहें लगाईं ⃒ उसे लिफ़ाफ़े में डालकर ऊपर पता लिखा – गाँव को, मेरे दादा कोंस्टेनटाइन के पास ⃒ 


इस प्रकार वेनका चिट्ठी डालने वाली लाल डिब्बे में अपनी चिट्ठी डालकर ख़ुशी से भर उठा ⃒ 


वेनका की चिट्ठी अंतोन चेखव पाठ के प्रश्न उत्तर

 

प्रश्न-1 आलियाखिन और उसकी पत्नी क्यों तैयार हो रहे थे ? 

उत्तर-  आलियाखिन और उसकी पत्नी गिरजाघर में प्रार्थना सुनने जाने के लिए तैयार हो रहे थे ⃒ 

  

प्रश्न-2 वेनका ने अपनी उम्र के बच्चों के बारे में दादा जी को क्या लिखा ? 

उत्तर- वेनका ने अपनी उम्र के बच्चों के बारे में दादा जी को यह लिखा कि उसकी उम्र के बच्चे सुबह-सुबह बसते लटकाकर स्कूल जाते हैं ⃒ उनकी माँ उन्हें दूर तक जाते हुए देखती हैं ⃒ उनके बस्तों में रंगीन किताबें होती हैं ⃒ 


प्रश्न-3 वेनका ने चिट्ठी को लाल डिब्बे में क्यों डाला ? 

उत्तर- वेनका ने चिट्ठी को लाल डिब्बे में इसलिए डाला, क्योंकि मुर्गी की दुकान पर बैठे आदमी ने उसे बताया था कि लाल डिब्बे में डाली गई चिट्ठियां सही आदमी तक पहुँचा दी जाती हैं ⃒ 


प्रश्न-4 वेनका के दादा जी कैसे थे ? 

उत्तर- वेनका के दादा जी छोटा-सा दुबला-पतला पैंसठ साल का वृद्ध आदमी थे ⃒ 


प्रश्न-5 वेनका ने मास्को शहर के बारे में दादा जी को क्या लिखा ? 

उत्तर- वेनका ने मास्को शहर के बारे में दादा जी को लिखा कि – दादा जी, मास्को बड़ा शहर है, यहाँ सब प्रतिष्ठित लोगों के घर हैं ⃒ फिर भी सब सज्जन और सौम्य नहीं ⃒ यहाँ बहुत घोड़े हैं और शायद एक भी भेड़ नहीं ⃒ यहाँ पर किसी को भी समूह-गान में गाने की आज्ञा नहीं है ⃒ यहाँ बच्चे वॉयलिन लेकर दिनभर नहीं घूमते ⃒ 


प्रश्न-6 – पाठ के आधार पर वाक्यों के आगे हाँ या नहीं लिखिए – 

उत्तर- निम्नलिखित उत्तर है -

  • वेनका मास्को के प्रतिष्ठित स्कूल में पढ़ता था ⃒ नहीं 

  • कोंस्टेनटाइन 65 साल का वृद्ध था ⃒ हाँ 

  • वेनका दादा जी को चिट्ठी लिख रहा था ⃒ हाँ 

  • ओल्गा वेनका के मालिक की नौकरानी थी ⃒ नहीं 

  • आलियाखिन पेशे से मोची था ⃒ हाँ 



भाषा से... 

 

प्रश्न-7 – विलोम शब्द लिखिए – 

उत्तर- निम्नलिखित उत्तर है -

  • स्पष्ट – अस्पष्ट 

  • परिश्रम – आलस्य 

  • प्रतिष्ठित – अप्रतिष्ठित  

  • सज्जन – दुर्जन 

  • आज्ञा – अवज्ञा 

  • जीवित – मृत 


प्रश्न-8 – नीचे लिखे सामासिक शब्दों का विग्रह कीजिए – 

उत्तर-  निम्नलिखित उत्तर है -

  • सुबह-शाम – सुबह और शाम 

  • पढ़ना-लिखना – पढ़ना और लिखना 

  • सुख-दुःख – सुख या दुःख 

  • भाई-बहन – भाई और बहन 

  • दिन-रात – दिन और रात 

  • घर-बाहर – घर या बाहर 

  • नर-नारी – नर और नारी 

  • पाप-पुण्य – पाप और पुण्य 

  • काला-सफ़ेद – काला या सफ़ेद 

  • हार-जीत – हार या जीत 




वेनका की चिट्ठी अंतोन चेखव पाठ से संबंधित शब्दार्थ


  • पेशे – व्यवसाय या धंधा 

  • होल्डर – लकड़ी की कलम जिसमें निब लगी होती है 

  • विस्फारित – फैली हुई या डरी हुई 

  • आभास – महसूस होना 

  • मुस्तैदी – चुस्ती से या फुर्ती से 

  • निमग्न – डूबा हुआ 

  • कर्मनिष्ठ – निष्ठा से काम करने वाला 

  • चौकन्ना – सतर्क 

  • सुरम्यता – सुन्दरता 

  • सौम्य – सुंदर, शांत 

  • कायापलट – बड़े पैमाने पर परिवर्तन 

  • शोरबा – तरकारी का रस   

  • सहसा – एकाएक, अचानक ⃒ 



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