डॉक्टर मुत्तुलक्ष्मी रेड्डी

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मुत्तुलक्ष्मी रेड्डी Doctor first indian woman doctor डॉ. मुत्तुलक्ष्मी रेड्डी पाठ का सारांश डॉ. मुत्तुलक्ष्मी रेड्डी पाठ से संबंधित शब्दार्थ medicine

डॉक्टर मुत्तुलक्ष्मी रेड्डी 


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डॉ. मुत्तुलक्ष्मी रेड्डी पाठ का सारांश

प्रस्तुत पाठ या जीवनी  डॉ. मुत्तुलक्ष्मी रेड्डी  के जीवन पर आधारित है ⃒ समाज में महिलाओं की दशा सुधारने और उन्हें शिक्षा का अधिकार दिलाने के लिए किए गए डॉ. मुत्तुलक्ष्मी रेड्डी की कोशिशें आज भी बेहद प्रेरणाप्रद हैं ⃒ 

प्रस्तुत जीवनी के अनुसार, जब भव्या ने अपने पापा को संबोधित करते हुए उत्साहित होकर कहा कि इस वर्ष पंद्रह प्रतिशत लड़कियों ने आई.ए.एस. की परीक्षा पास की है और अब लड़कियाँ किसी भी क्षेत्र में लड़कों से पीछे नहीं हैं, तो इस पर भव्या के पापा दीक्षित जी ने जवाब दिया – तुम बिलकुल ठीक कहती हो बेटी ⃒ क्या तुम जानती हो, लड़कियों ने समाज में यह स्थान प्राप्त करने के लिए किन-किन कठिनाइयों का सामना किया है ?  जब भव्या ने अपने पापा की तरफ़ जिज्ञासा भरी दृष्टि से देखा तो दीक्षित जी ने कहा – आज से तक़रीबन सौ वर्ष पहले महिलाओं के लिए सामान्य पढ़ाई-लिखाई भी आसान नहीं थी ⃒ सुनो, मैं तुम्हें चिकित्सा के क्षेत्र में स्नातक की उपाधि पाने वाली पहली भारतीय महिला डॉ. मुत्तुलक्ष्मी रेड्डी के जीवन के बारे में बताता हूँ ⃒ 

डॉक्टर मुत्तुलक्ष्मी रेड्डी
30 जुलाई, 1886 को तमिलनाडु की रियासत पुदुकोट्टे में जन्मी मुत्तुलक्ष्मी उन भारतीय नारियों में से एक हैं, जिन्होंने अपनी इच्छा-शक्ति और दृढ़-निश्चय से इतिहास में अपने लिए विशेष स्थान बनाया ⃒ लगभग नौ-दस वर्ष के उम्र में ही दमा जैसी बीमारी से ग्रस्त हो जाने पर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी ⃒ उस वक़्त लड़कियों को पढ़ाने का कोई रिवाज़ नहीं था ⃒ मुत्तुलक्ष्मी के पिता महाराजा कॉलेज के प्राचार्य थे ⃒ पुदुकोट्टे के दीवान के द्वारा लड़कियों की शिक्षा के लिए प्राथमिक पाठशाला की स्थापना की गई तो मुत्तुलक्ष्मी को परदेवाली गाड़ी में बैठकर पाठशाला जाने की अनुमति मिल गई ⃒ यद्यपि बहुत कम बालिकाओं को पाठशाला आने के लिए प्रेरित किया जा सका ⃒ मुत्तुलक्ष्मी के पिता अपनी बेटी की प्रतिभा को पहचानकर उसे आगे पढ़ने को प्रेरित किया ⃒ उस दौर में मैट्रिक की परीक्षा बहुत कठिन होती थी, जिस वर्ष मुत्तुलक्ष्मी ने मैट्रिक की परीक्षा दी, सौ में से केवल दस छात्र परीक्षा में उत्तीर्ण हुए ⃒ मुत्तुलक्ष्मी उनमें अकेली लड़की थी ⃒ तत्पश्चात् इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की और इसी दौरान दमा रोग के जकड़ में भी आ गई ⃒ परिणामस्वरूप, एक वर्ष की पढ़ाई से भी उसे  वंचित होना पड़ा ⃒ 1907 में पुदुकोट्टे के महाराजा ने मद्रास मेडिकल कॉलेज में मुत्तु को प्रवेश दिलाने के लिए न केवल संस्तुति की बल्कि आर्थिक सहायता देने का आश्वासन भी दिया ⃒ कालांतर में मुत्तुलक्ष्मी के अच्छे परीक्षाफल ने सबको चौंका दिया ⃒ वर्ष 1912 में मुत्तुलक्ष्मी डॉक्टर बन गई ⃒ उन्होंने सर्जरी में विशेष योग्यता पाई थी ⃒ किसी भारतीय विश्वविद्यालय से चिकित्सा के क्षेत्र में स्नातक की परीक्षा पास करने वाली मुत्तुलक्ष्मी पहली महिला थी ⃒ इनकी पहली नियुक्ति मद्रास में इग्मोर के महिला एवं बालरोग अस्पताल में सर्जन के रूप में हुई ⃒ वर्ष 1913 में किंग जॉर्ज अस्पताल के सर्जन डॉ. सुंदर रेड्डी से उनका विवाह हुआ ⃒ 

1925 में महिला एवं बालरोगों के क्षेत्र में उच्च अध्ययन के लिए भारत सरकार की छात्रवृत्ति पर उन्होंने पहली विदेश यात्रा की ⃒ 1926 में पेरिस में हुए अंतर्राष्ट्रीय महिला सम्मलेन में डॉ. मुत्तुलक्ष्मी ने भारतीय महिलाओं का प्रतिनिधित्व किया ⃒ इसी वर्ष मद्रास विधान परिषद् की सदस्या भी निर्वाचित हुई ⃒ डॉ. मुत्तुलक्ष्मी विधान परिषद् की वाईस प्रेसिडेंट बनने वाली विश्व की पहली महिला हैं ⃒ 1927 में भारत का प्रथम बाल चिकित्सालय खोलने का श्रेय भी डॉ. मुत्तुलक्ष्मी को जाता है ⃒ सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हुए 1929 में मंदिरों में देवदासी प्रथा के विरुद्ध विधान परिषद् में बिल पास कराकर उन्होंने इस बुराई का उन्मूलन कराया ⃒ महिलाओं और बच्चों की शिक्षा और स्वास्थय-संबंधी अनेक बिलों को पास कराने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है ⃒ वर्ष 1935 में मद्रास मेडिकल कॉलेज के स्वर्ण-जयंती समारोह में डॉ. मुत्तुलक्ष्मी ने कैंसर के रोगियों के लिए एक अस्पताल खोलने की इच्छा प्रकट की ⃒ उनके इस इच्छा का खूब स्वागत किया गया ⃒ 

अंततः 22 जुलाई, 1968 को डॉ. मुत्तुलक्ष्मी का स्वर्गवास हो गया ⃒ बेशक, इनके द्वारा जो प्रकाशमान राह दिखाया गया था, उस राह के सहारे आज भारतीय नारी हर क्षेत्र में उन्नति की सीढ़ियाँ चढ़ रही हैं ⃒ और आखिर में भव्या अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहती है – आप ठीक कहते हैं पापा, डॉ. रेड्डी जैसी महिलाएं हमेशा हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत रहेंगी........ ⃒ ⃒ 



डॉ. मुत्तुलक्ष्मी रेड्डी पाठ के प्रश्न उत्तर


प्रश्न-1 – मुत्तुलक्ष्मी को पाठशाला जाने की अनुमति कब और कैसे मिल गई ? 
उत्तर-  जब पुदुकोट्टे के दीवान के द्वारा लड़कियों की शिक्षा के लिए प्राथमिक पाठशाला की स्थापना की गई तो मुत्तुलक्ष्मी को परदेवाली गाड़ी में बैठकर पाठशाला जाने की अनुमति मिल गई ⃒ 
  
प्रश्न-2 – अध्यापक महोदय ने मुत्तुलक्ष्मी को अंग्रेज़ी क्यों पढ़ा दी ? 
उत्तर- अध्यापक महोदय को मुत्तुलक्ष्मी की प्रतिभा का ज्ञान हो गया था, इसलिए उन्होंने उसे फर्स्ट स्टैण्डर्ड तक अंग्रेज़ी पढ़ा दी ⃒ 

प्रश्न-3 – मुत्तुलक्ष्मी को एक वर्ष के लिए पढ़ाई क्यों छोड़नी पड़ी ? 
उत्तर-  दमा रोग का प्रकोप बढ़ जाने के कारण मुत्तुलक्ष्मी बीमार पड़ गई थी, जिसके कारण उसे एक वर्ष के लिए पढाई छोड़नी पड़ी ⃒ 

प्रश्न-4 – पुदुकोट्टे के महाराजा ने मुत्तुलक्ष्मी की क्या सहायता की ? 
उत्तर- 1907 में पुदुकोट्टे के महाराजा ने मद्रास मेडिकल कॉलेज में मुत्तु को प्रवेश दिलाने के लिए न केवल संस्तुति की बल्कि आर्थिक सहायता देने का आश्वासन भी दिया ⃒ 

प्रश्न-5 – मुत्तुलक्ष्मी की पहली नियुक्ति कहाँ और किस रूप में हुई ? 
उत्तर- मुत्तुलक्ष्मी की पहली नियुक्ति मद्रास में इग्मोर के महिला एवं बालरोग अस्पताल में सर्जन के रूप में हुई ⃒ 


भाषा से... 
प्रश्न-6 – मूल शब्द और प्रत्यय अलग-अलग करके लिखिए – 
उत्तर- निम्नलिखित उत्तर है - 

मूल शब्द प्रत्यय 
भारतीय – भारत ईय 
उत्साहित – उत्साह इत 
प्राथमिक – प्रथम इक
ऐतिहासिक – इतिहास इक 
सामाजिक – समाज इक 

प्रश्न-7 –  विलोम शब्द लिखिए – 

उत्तर-  निम्नलिखित उत्तर है - 
उन्नति – अवनति 
स्वतंत्र – परतंत्र 
उत्तीर्ण – अनुत्तीर्ण 
उच्च – निम्न 
इच्छा – अनिच्छा 
महत्वपूर्ण – महत्वहीन 

प्रश्न-8 – दो-दो पर्यायवाची लिखिए – 

उत्तर- निम्नलिखित उत्तर है - 
इच्छा – चाह , अभिलाषा 
दूध – क्षीर , दुग्ध 
पाठशाला – विद्यालय , स्कूल 
स्वतंत्र – आजाद , स्वाधीन 
महिला – स्त्री , औरत 
विश्व – संसार , दुनिया 


डॉक्टर मुत्तुलक्ष्मी रेड्डी पाठ से संबंधित शब्दार्थ 


रियासत – धनी व्यक्ति के अधीन इलाका 
दमा – साँस की बीमारी 
ग्रस्त – पीड़ित 
चलन – रिवाज़ 
संस्तुति – सिफ़ारिश 
आश्वासन – दिलासा या भरोसा देना 
हतोत्साहित – उत्साह भंग करना 
उन्मूलन – जड़ से उखाड़ना , अंत करना 
ख्याति – प्रसिद्धि 
प्रज्जवलित – जलाई हुई  ⃒ 

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