गोभी का फूल कहानी केशव चंद्र शर्मा

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गोभी का फूल कहानी केशव चंद्र शर्मा


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गोभी का फूल कहानी का सारांश

प्रस्तुत पाठ या हास्य-व्यंग्य कथा  गोभी का फूल , लेखक केशव चंद्र शर्मा जी के द्वारा लिखित है ⃒ प्रस्तुत पाठ के माध्यम से यह बताया गया है कि अपने लाभ के लिए कुछ लोग दूसरों को असुविधा या मुसीबत में डाल देते हैं ⃒ इस हास्य-व्यंग्य कथा में लेखक ने अपने साथ हुई ऐसी ही एक रोचक घटना का वर्णन किया है कि अपने किसी जानने वाले के लिए गोभी के सस्ते फूल लाने के चक्कर में उन्हें कैसी-कैसी मुश्किलों का सामना करना पड़ा ⃒ 


प्रस्तुत पाठ के अनुसार, लेखक बाबू हनुमान प्रसाद के बारे में बताते हुए कहते हैं कि आप तो बाबू हनुमान प्रसाद को भले ही नहीं जानते होंगे, लेकिन बाज़ार के सभी सब्जीवाले उन्हें अच्छी तरह से पहचानते हैं ⃒ हरे धनिए की गड्डी मुफ़्त में माँगना, शलजम के पत्ते तुड़वाकर तुलवाने का आग्रह करना, अरवी धुलवाकर मिट्टी हटाकर लेना, आलू छाँटकर चढ़वाना आदि अनेक ऐसी बातें हैं, जिनके कारण सब्जीमंडी का हर व्यक्ति उन्हें पहचानता है ⃒ बाबू हनुमान प्रसाद सब्जी के एक-एक हिस्से का ज्ञान रखते हैं ⃒ अगर किसी को कहीं बाहर आते-जाते देखते हैं तो मौसमी तरकारी की फरमाइश जरूर कर देते हैं ⃒ 


गोभी का फूल कहानी केशव चंद्र शर्मा
लेखक कहते हैं कि एक रोज मेरे मुँह से सहसा निकल पड़ा कि मैं लखनऊ जा रह हूँ ⃒ फिर क्या था, बाबू हनुमान प्रसाद बोल पड़े – अरे भाई वर्मा साहब, आप लखनऊ जा रहे हैं तो हमारे लिए पाँच फूलगोभी लेते आइएगा ⃒ अभी यहाँ पर गोभी का अच्छा फूल मिलता नहीं है ⃒ लखनऊ में एक-एक रुपया का अच्छा फूल मिल जाता है ⃒  तत्पश्चात् उन्होंने इतना बोलते-बोलते पाँच रूपए मेरे हाथ में रख दिए और अच्छे फूल की विशेषता से संबंधित ज्ञान बांटते हुए बोले कि फूल ज़रा गठा हुआ लीजिएगा ⃒ छितरा फूल जल्दी ख़राब हो जाता है ⃒ पत्तों सहित पूरी फूलगोभी लीजिएगा ⃒ पत्ते में जो कैलोरी होती है, वह फूल में नहीं होती है ⃒ पत्तों के डंठल का अचार बहुत अच्छा होता है ⃒  इतना बोलते-बोलते वे सांसें लिए, फिर बोलना शुरू किए कि अच्छा सुनिए, फूल में कभी-कभी छोटे-छोटे कीड़े लग जाते हैं, उसे ज़रा झड़वा के लीजिएगा ⃒ अच्छे गोभी के फूल में विटामिन ए, बी, डी अधिक रहता है ⃒  आखिरकार, गोभी की सारी विशेषता बताकर ही हनुमान प्रसाद जी ने मुझे छोड़ा ⃒ अनुमान जी का गोभी लेने मैं लखनऊ की तरकारी मंडी में घुसा ⃒ वहाँ पर मामला यह पेश आया कि तरकारीवाले ने गोभी के फूल को दो रूपए से नीचे देने का नाम ही नहीं लिया ⃒ हारकर डेढ़ रूपए के भाव से गोभी के फूल ख़रीदे और दो-चार अपने लिए भी ले लिया ⃒ वास्तव में देखा जाए तो प्लेटफार्म पर अपने सामन भरे अटैची के साथ एक टोकरी गोभी के फूल लेकर सफ़र करनेवाला मैं अपने ढंग का अकेला मुसाफ़िर नज़र आ रहा था ⃒ भीड़ बढ़ती ही जा रही थी ⃒ पूरी तरह से भरी हुई गाड़ी आकर रुकी ⃒ लोग गाड़ी से उतरने-चढ़ने पर धक्का-मुक्की कर रहे थे ⃒ चुनौतियाँ स्वीकार करते हुए जैसे-तैसे मैं गाड़ी के अन्दर घुसा ⃒


भीतर घुसते ही गोभी के फूलों की चिंता हुई ⃒ दरअसल, टोकरी पूरा अन्दर नहीं आ सकता था ⃒ कुली के द्वारा कुछ-कुछ करके गोभी के फूलों को अन्दर लाया जा रहा था ⃒ इसी दौरान दो फूल प्लेटफार्म पर से नीचे गिरकर रेल की पटरी पर पहुँच गए ⃒ मैं कुली पर बिगड़ने लगा ⃒ कुली इनाम माँगने पर अटका हुआ था और मैं गिरी हुई गोभी के दाम पर ⃒ इस प्रकार हम दोनों एक-दूसरे से उलझ गए ⃒ भारी-भरकम भीड़ का सामना करते हुए गोभी का टोकरी वहीं नीचे पड़ा रहा ⃒ जब तक इलाहाबाद स्टेशन न आ गया, मैं अपने गोभी के टोकरी को देख भी नहीं पाया ⃒ भीड़ उस पर लगातार आक्रमण करती रही ⃒ जिस कारण गोभी के गठे हुए पत्तेदार फूल पूर्णतः घायल हो चुका था अर्थात् अपने मूल अस्तित्व में नहीं था ⃒ अब कितने विटामिन उनमें शेष बचे हैं, वह मैं उन्हें बाबू हुनमान प्रसाद तक पहुँचाकर मालूम करना चाहता था, पर मेरी हिम्मत न पड़ी ⃒ यहीं के बाज़ार से दो-दो रूपए के फूल खरीदकर लखनऊ का बताकर उन्हें दे आया, जिसके बदले में लखनऊ में मिलनेवाली सस्ती तरकारी पर उनका एक भाषण भी सुनना पड़ा... ⃒ ⃒   




गोभी का फूल कहानी के प्रश्न उत्तर

प्रश्न-1 बाज़ार के सभी सब्जीवाले बाबू हनुमान प्रसाद को क्यों पहचानते थे ? 

उत्तर- बाज़ार के सभी सब्जीवाले बाबू हनुमान प्रसाद को इसलिए पहचानते थे, क्योंकि घर की साग-सब्ज़ी वे ही बाज़ार से ख़रीदकर लाते थे ⃒ हरे धनिए की गड्डी मुफ़्त में माँगना, शलजम के पत्ते तुड़वाकर तुलवाने का आग्रह करना, अरवी धुलवाकर मिट्टी हटाकर लेना, आलू छाँटकर चढ़वाना आदि अनेक ऐसी बातें हैं, जिनके कारण सब्जीमंडी का हर व्यक्ति उन्हें पहचानता था ⃒ 

 

प्रश्न-2 गोभी का झाबा डिब्बे के अंदर कैसे लाया गया ? 

उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, गोभी का झाबा एक साथ डिब्बे के अंदर नहीं लाया गया ⃒ गोभी के फूल धीरे-धीरे करके अंदर लाए गए ⃒ बल्कि इसी भाग-दौड़ में दो फूल प्लेटफार्म से खिसककर डिब्बे के नीचे गिर गए ⃒ 


प्रश्न-3 लेखक कुली पर क्यों बिगड़ा ? 

उत्तर- लेखक कुली पर इसलिए बिगड़ा क्योंकि कुली झाबा (टोकरी) के फूलगोभी को डिब्बे के अंदर ले जाने में मदद किया था, जिसका पारिश्रमिक माँग रहा था और लेखक प्लेटफार्म पर गिर गए दो फूलगोभी का हिसाब माँग रहा था ⃒ 


प्रश्न-4 इलाहाबाद स्टेशन आने तक गोभी के फूलों की क्या दशा हो गई थी ? 

उत्तर- इलाहाबाद स्टेशन आने तक गोभी के फूलों की दशा बहुत खराब हो चुकी थी ⃒ फूल पहचान में भी नहीं आ रहे थे ⃒ 


प्रश्न-5 पाठ के आधार पर लेखक का चरित्र-चित्रण कीजिए ⃒ 

उत्तर- पाठ के आधार पर लेखक का चरित्र-चित्रण निम्न प्रकार है – 

  • लेखक समय का पालन करने वाले व्यक्ति हैं ⃒ 

  • लेखक अपने वचन के पालन के लिए प्रतिबद्ध हैं ⃒ क्योंकि उन्होंने बाबू हनुमान प्रसाद को दिए वचन का पालन किया था ⃒ जबकि उन्होंने अपने पैसे लगाकर गोभी के फूल ख़रीदे थे ⃒ 

  • लेखक थोड़ा संकोची व्यक्ति थे, क्योंकि वे गोभी के झाबे के साथ सफ़र करने में संकोच करते थे ⃒ 

  • वे परिस्थितियों के अनुकूल काम करने में विश्वास किया करते थे, क्योंकि उन्होंने डिब्बे में विपरीत परिस्थिति होने के बावजूद भी गोभी के झाले का ख्याल रखा ⃒ 

  • लेखक थोड़ा क्रोधी प्रवृति के व्यक्ति हैं, क्योंकि गोभी प्लेटफार्म पर गिर जाने की वजह से उन्होंने कुली पर गुस्सा भी किया था ⃒ 


प्रश्न-6 – कहानी के अनुसार वाक्यों के आगे हाँ या नहीं लिखिए – 

उत्तर- निम्नलिखित उत्तर है -

  • हनुमान प्रसाद जी कंजूस व्यक्ति थे ⃒ (हाँ) 

  • लेखक ने डेढ़ रूपए भाव से गोभी के फूल ख़रीदे ⃒ (हाँ)

  • गोभी का झाबा आराम से डिब्बे में आ गया ⃒ (नहीं) 

  • गोभी के फूल इलाहाबाद आते-आते पहचाने नहीं जा रहे थे ⃒ (हाँ)

  • लेखक ने हनुमान प्रसाद को लखनऊ से गोभी खरीदकर दी ⃒ (नहीं)

 


भाषा से... 

प्रश्न-7 – नीचे लिखे शब्दों के दो-दो पर्यायवाची लिखिए – 

उत्तर- निम्नलिखित उत्तर है -

  • मर्ज़ – रोग , बीमारी 

  • मित्र – दोस्त , साथी 

  • फूल – पुष्प , सुमन 

  • हया – शर्म , लज्जा 

  • प्रयत्न – प्रयास , कोशिश 

  • हिम्मत – साहस , बहादुरी 


प्रश्न-8 – नीचे लिखे वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए – 

उत्तर-  निम्नलिखित उत्तर है -

  • आज मेरा चाचा आया है ⃒ 

(आज मेरे चाचा आए हैं ⃒)

  • तुम तुम्हारी किताब मुझे दे दो ⃒ 

(तुम अपनी किताब मुझे दे दो ⃒)

  • मेरे को अभी जाना है ⃒ 

(मुझे अभी जाना है ⃒)

  • हम आपसे कहे थे ⃒ 

(हमने आपसे कहा था ⃒)

  • मम्मी ने खाना नहीं बनाई ⃒ 

(मम्मी ने खाना नहीं बनाया ⃒)

  • विभोर फुटबॉल मैच जीत लिया ⃒ 

(विभोर फूटबॉल मैच जीत गया ⃒)

  • अध्यापिका कक्षा में पढ़ा रहे हैं ⃒ 

(अध्यापिका कक्षा में पढ़ा रही है ⃒)

  • मैं गृहकार्य कर लिया हूँ ⃒ 

(मैंने गृहकार्य कर लिया है ⃒)

 


गोभी का फूल कहानी केशव चंद्र शर्मा पाठ से संबंधित शब्दार्थ

 

  • मर्ज़ – लत 

  • रिप्लिका – अनुकृति 

  • तरकारी – सब्जी 

  • माहात्म्य – महत्त्व , महिमा 

  • नायाब – बढ़िया 

  • झाबा – टोकरी 

  • संजीदगी – गंभीरता 

  • आश्वासन – तसल्ली 

  • हया – शर्म 

  • तिलभर भी – थोड़ा-सा भी 

  • लातें – पैरों की ठोकरें 

  • उम्मीदवार – चुनाव में खड़ा होने वाला व्यक्ति ⃒ 



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