मीरा मगन भई मीराबाई मीरा मगन भई समरी इन हिंदी मीरा मगन भई का भावार्थ व्याख्या मीरा मगन भई कविता के प्रश्न उत्तर Meera Magan Bhyi kavita ke Prashnott
मीरा मगन भई - मीराबाई
मीरा मगन भई समरी इन हिंदी
प्रस्तुत पाठ या पद्य मीरा मगन भई , कवयित्री मीराबाई के द्वारा रचित है ⃒ प्रथम पद्य में कवयित्री श्रीकृष्ण की महिमा का गुणगान करते हुए यह बताती हैं कि ईश्वर सदा अपने भक्तों की विपत्तियों का नाश कर उनकी सहायता करते हैं ⃒ तथा दूसरे पद्य में ईश्वर-नाम-स्मरण-महिमा का वर्णन है ⃒ इसके साथ ही गुरु की महत्ता तथा भौतिक सुखों के प्रति वैराग्य प्रकट किया गया है ⃒ कवयित्री के अनुसार, मनुष्य गुरु की कृपा से ही भक्ति की राह पर चलकर ईश्वर प्राप्ति कर जीवन सार्थक कर सकता है.. ⃒ ⃒
मीरा मगन भई का भावार्थ व्याख्या
मीरा मगन भई हरि के गुण गाय ⃒
साँप पिटारा राणा भेज्यो, मीरा हाथ दियो जाय ⃒
न्हाय धोय जब देखन लागी, सालिगराम गई पाय ⃒⃒
ज़हर का प्याला राणा भेज्यो, अमृत दीन्ह बनाय ⃒
हाथ धोय जब पीवण लागी, हो गई अमर आँचय ⃒⃒
सूल-सेज राणा ने भेजी, दीज्यो मीरा सुलाय ⃒
साँझ भई मीरा सोवण लागी, मानो फूल बिछाय ⃒⃒
मीरा के प्रभु सदा सहाई, राखे बिघन हटाय ⃒
भजन भाव में मस्त डोलती गिरिधर पै बलि जाय ⃒⃒
भावार्थ - प्रस्तुत पंक्तियाँ कवयित्री मीरा बाई द्वारा रचित पद्य से उद्धृत हैं ⃒ इन पंक्तियों के माध्यम से कवयित्री मीरा बाई की अनन्य भक्ति भावना और उसके प्रभाव को चित्रित किया गया है ⃒ प्रस्तुत पंक्तियों के अनुसार, मीरा कृष्ण भक्ति में इतना लीन हो गई है कि वह अपना सुधबुध खो बैठी है तथा उसे संसार का कुछ ध्यान नहीं रहा ⃒ मीरा की भक्ति भावना, नाचना-गाना, भजन करना इत्यादि राणा सांगा को पसंद नहीं था ⃒ इसलिए वो मीरा को कई बार मारने की कोशिश भी करता है ⃒ मीरा को मारने के लिए जब साँप का पिटारा भेजा गया, तब जैसे ही मीरा ने उस पिटारे को खोला तो पूजा का विशेष पत्थर-सालिग्राम उसमें पाया ⃒ इसके पश्चात् राणा ने मीरा को मारने के लिए ज़हर का प्याला भेजता है, जिसे मीरा पी जाती है, लेकिन फिर भी उसकी मृत्यु नहीं होती ⃒ मीरा की अनन्य भक्ति भावना से ज़हर भी अमृत में बदल जाता है, जिसे पीकर वह अमरत्व को प्राप्त हो जाती है ⃒ तत्पश्चात् राणा ने चाल चलते हुए सूल का एक सेज मीरा के लिए भेजता है, लेकिन जैसे ही शाम के वक़्त मीरा उसपर सोती है तो वह पूरा सेज ऐसा लगता है मानो किसी ने फूलों को बिछाया हो ⃒ अपने अंतिम पंक्ति में मीरा कहती हैं कि ईश्वर उनके मददगार हैं तथा विपत्तियों से सदा उनकी रक्षा करते हैं ⃒ वह तो बस अपने कृष्ण की भक्ति में लीन रहती हैं ⃒
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ⃒
जनम-जनम की पूँजी पाई, जग में सभी खोवायो ⃒
खरचैं नहिं, कोई चोर न लेवै, दिन-दिन बढ़त सवायो ⃒⃒
सत की नाव, खेवटिया सतगुरु, भवसागर तर आयो ⃒
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर, हरख-हरख जस गायो ⃒⃒
भावार्थ - प्रस्तुत पंक्तियाँ कवयित्री मीरा बाई द्वारा रचित पद्य से उद्धृत हैं ⃒ इन पंक्तियों के माध्यम से कवयित्री मीरा बाई ने अपने गुरु के द्वारा दिखाए मार्ग पर चलते हुए प्राप्त आलौकिक धन व ज्ञान के बारे में चित्रण किया है ⃒ प्रस्तुत पंक्तियों के द्वारा कवयित्री मीराबाई राम-नाम रूपी अमूल्य रत्न को हासिल कर अपनी ख़ुशी व्यक्त कर रही है ⃒ वह कहती है कि ईश्वर जैसा अमूल्य रत्न उसे गुरु की कृपा से ही प्राप्त हुआ है ⃒ वह इस अमूल्य उपलब्धि को जीवनभर की पूँजी मानती है ⃒ मीरा सांसारिक संपत्ति को इस धन के सामने कुछ नहीं समझती है ⃒ वह कहती है कि यह एक ऐसा धन है जो खर्च करने पर घटता नहीं, चोर इसे चुरा नहीं सकता ⃒ यह तो ऐसा धन जो दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जाता है ⃒ कवयित्री का मानना है कि वह सत्य के नाव पर बैठी है और गुरु उस नाव को चला रहे हैं ⃒ वह सत्य के सहारे गुरु के मार्गदर्शन में इस संसार से मोक्ष प्राप्त कर लेंगी ⃒ कवयित्री का मानना है कि उसने सच्चे गुरु के मार्गदर्शन से ब्रह्म को पा लिया है ⃒ मीराबाई अपने प्रभु श्रीकृष्ण के यश गान में लीन रहती है ⃒
मीरा मगन भई कविता के प्रश्न उत्तर
प्रश्नोत्तर
प्रश्न-1 – मीरा ने किसका गुणगान किया है ?
उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, मीरा ने श्रीकृष्ण का गुणगान किया है ⃒
प्रश्न-2 – राणा ने पिटारा क्यों भेजा ?
उत्तर- राणा ने पिटारा इसलिए भेजा ताकि साँप के द्वारा मीरा को मार सके ⃒
प्रश्न-3 – ज़हर किसमें बदल गया ? उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, ज़हर अमृत में बदल गया ⃒
प्रश्न-4 – मीरा किस प्रकार कृष्ण-भक्ति में लीन हो जाती हैं ?
उत्तर- मीरा मगन होकर प्रसन्नता से हरि (कृष्ण) का भजन गाते हुए भक्ति में लीन हो जाती हैं ⃒
प्रश्न-5 राम-नाम रूपी धन की दो मुख्य विशेषताएँ क्या है ?
उत्तर- राम-नाम रूपी धन की दो मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –
यह एक ऐसा धन है, जो कभी खर्च नहीं होता ⃒
यह एक ऐसा धन है, जिसे कोई चोर चुरा नहीं सकता ⃒
प्रश्न-6 – सही उत्तर चुनकर √ लगाइए –
उत्तर- निम्नलिखित उत्तर है -
मीरा के पद किसका गुणगान करते हैं ?
(कृष्ण (हरी) का )
मीरा ने ‘जनम-जनम की पूँजी’ किसे कहा है ?
(राम-नाम को)
मीराबाई ने कौन सा धन प्राप्त कर लिया है ?
(ईश्वर भक्ति)
भाषा से...
प्रश्न-7 – नीचे लिखे शब्दों के मानक रूप लिखिए –
उत्तर- निम्नलिखित उत्तर है -
मगन – मग्न
अमोलक – अमूल्य
सेज – शय्या
रतन – रत्न
सूल – शूल
जस – यश
सत – सत्य
खरच – खर्च
प्रश्न-8 – विशेषण शब्दों के लिए उचित विशेष्य लिखिए –
उत्तर- निम्नलिखित उत्तर है -
अपार – धन
अमूल्य – उपहार
कोमल – पत्ता
दिव्य – दृष्टि
प्रश्न-9 – इन शब्दों के विलोम लिखिए –
उत्तर- निम्नलिखित उत्तर है -
कोमल – कठोर
खोना – पाना
फूल – काँटा
अमृत – विष , ज़हर
गुण – अवगुण
यश – अपयश
मीरा मगन भई कविता से संबंधित शब्दार्थ
मगन – आनंद में डूबा
न्हाय – नहाकर
सालिगराम – एक पवित्र पत्थर जिसे भगवान विष्णु का रूप माना जाता है
बनाय – बना दिया
सूल-सेज – काँटों की शय्या
सोवण – सोने
बिघन – विघ्न या मुसीबत
अमोलक – जिसका मूल्य न लगाया जा सके
सवायो – खो दिया
खेवटिया – नाविक
भवसागर – संसार रूपी सागर
तर – पार हो जाना
हरख – हर्षित होकर ⃒
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