गारो लोक कथा Garo Ncert Class 7 Hindi Durva Solutions

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गारो लोक कथा


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गारो लोक कथा पाठ का सारांश

गारो पाठ में गारो जनजाति के बारे में बताया गया है। गारो जनजाति मेघालय की प्रमुख जनजाति है और ये स्वभाव से ही शांतिप्रिय परिश्रमी और प्रक्रितिप्रिय है। इस समुदाय में दो महापुरुष हुए जालिन पा और बुंगी पा। गारो का मेघालय में निवास करने की एक कथा प्रचलित है। पहले ये चीन और तिब्बत में रहा करते थे। गारो को भोजन के लिए  जंगली जानवरों का सामना करना पड़ता था। जालिन पा और बुंगी पा आदि ने गारो समुदाय को अच्छे स्थान पर ले जाने का फैसला किया। उन्होंने गारो लोगों को एकत्रित किया। सभी ने उनकी बात मानकर आगे बढ़ने का फैसला किया। दोनों ने अपने साथियों का मार्गदर्शन करते ,सहज बोध और विवेक द्वारा आगे बढ़ने का अनुमान करते रहते थे। 
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गारो लोक कथा


गारो लोग ,एक साथ हिमालय की तराई को पार करते हुए ब्रह्मपुत्र नदी घाटी की तरफ बढे। वे अपने साथ घोड़े ,जानवर ,संपत्ति आदि लिए हुए थे। इस प्रकार ,वे वर्षों आगे बढ़ते रहे। कई वर्षों की कठिन यात्रा के बाद गारो लोग असम के मैदानी जंगलों में आ पहुंचे। कूचविहार पहुँचने पर ,वहां के राजा नने उन्हें आगे बढ़ने से रोका। लेकिन उन्होंने शांतिप्रिय ढंग से राजा से बातचीत करके उन्हें सहमत कर लिया। गारो समाज के कुछ लोग कूचविहार क्षेत्र में बस गए। इसके बाद जालिन पा और बुंगी पा ,अपने लोगों को गारो पहाड़ी की घाटियों की ओर चलने की सलाह दी। यहाँ पर उन्हें पहाड़ी झरने ,जंगली फूल फल ,जडीबुटी और पशु पक्षी वातावरण को अधिक आकर्षक बना रहे थे। अब यही क्षेत्र गारो समुदाय का मूल निवास बन गया और अपने पारम्परिक हुनर को कायम रखा। गारो समाज की संस्कृति भारत का गौरव है। ये लोग आज भी जालिन पा और बुंगी पा को बड़ी श्रद्धा के साथ स्मरण करते हैं। 


गारो लोक कथा पाठ के प्रश्न उत्तर 


२. पाठ सम्बन्धी प्रश्न 
क. पाठ के आधार पर गारो जनजाति के बारे में कुछ पंक्तियाँ लिखो। 

क. गारो समुदाय ,मूल रूप से चीन और तिब्बत के  निवासी थे। ये लोग स्वभाव से ही शांतिप्रिय परिश्रमी और प्रकृति को प्यार करने वाले होते थे। ये लोग प्रारंभ से ही प्रकृति के विभिन्न प्रकार के संसाधनों की तलाश करना ही अपना मनोरंजन मानते हैं। जंगलो में घूमना ,फल फूलों ,अन्न ,कंद मूल आदि की खोज करना ,खेती के लिए उपजाऊ भूमि की पहचान करना आदि इनका रुचिकर कार्य है। गारो समाज और उनकी संस्कृति ,भारत का गौरव है। 

ख. गारो लोग एक स्थान पर क्यों बस जाना चाहते थे ?

ख. गारो लोग पूर्व में तिब्बत या चीन में रहा करते थे। वहां उन्हें भोजन की कठिनाई होती थी। भोजनं की तलाश में भटकने के अतिरिक्त गारो लोगों को विषम मौसम और जंगली जानवरों का भी सामना करना पड़ता था। यही कारण है कि गारो लोग परेशान होकर ,किसी सुरक्षित स्थान पर बस जाना चाहते थे। 

ग.जा पा जालिन पा और सुक पा बुंगी पा का नाम आदर से क्यों लिया जाता है ?

ग. जा पा जालिन पा और सुक पा बुंगी पा ,गारो समुदाय के दो महापुरुष थे। इन्होने गारो समुदाय को एकत्रित करके उन्हें सुरक्षित स्थान पर बसाने का फैसला किया। उन्हें हिमालय की तराई पार करा कर असम के मैदानी भागों  में ले आये। गारो पहाड़ी की घाटियों की ओर पहुँचकर वहां पर बसने का विचार किया। इस प्रकार ,इन् दोनों महापुरुषों को गारो समुदाय बड़ी श्रद्धा और आदर के साथ याद करते हैं। 

३.सोचो और जबाब दो 

क. जंगलों से हमें कौन कौन सी चीज़ें प्राप्त होती हैं ?

३.क. जंगलो से ढेरों उपयोगी वस्तुएं फल फूल ,जड़ी बूटियां ,पशु पक्षियाँ ,लकड़ियाँ आदि प्राप्त होती हैं। 

५. बार बार बोलो 

वर्षों तक इस प्रकार यात्रा होती रही। 
वर्षों तक इस प्रकार यात्रा होती ही रही। 
नीचे लिखे गए वाक्यों में सही जगह पर ही लगाकर बोलो - 

क. सुधा सुबह तक पढ़ती रही। 
५. क.  सुधा ,सुबह तक पढ़ती ही रही। 

ख. यह पंखा हमेशा आवाज करता रहता है। 
ख. यह पंखा हमेशा आवाज करता ही रहता है। 

ग. गारों लोगों का खानाबदोश जीवन कई सालों तक चलता रहा। 
ग. गारो लोगों का खानाबदोश जीवन कई सालों तक चलता ही रहा। 

घ. सुशील थककर सो गया। 
घ. सुशील थककर सो ही गया।

ङ दो घंटे बाद बस चल पड़ी। 
दो घंटे बाद बस चल ही पड़ी। 

६. सही - सही। 
नीचे लिखे शब्दों में सही अक्षर भरो - 
स ,श ,ष

उ. उत्तर निम्नलिखित है - 
विषय ,साहस ,आकर्षक ,पुरुष 
शेष ,विष ,विषम ,शत्रु 
पष्टकोण ,वर्षा ,वर्ष ,समुन्द्र। 
सहज। 

गारो लोक कथा पाठ के शब्दार्थ 


स्वभाव - व्यवहार 
सुदूर - बहुत दूर 
विषम - कठिन 
प्रोत्साहित - बढ़ावा देना। 
सहमत - राजी होना 
अनुमान - अंदाजा 
पारम्परिक - बहुत समय से चला आ रहा। 
प्रचलित - चलन में 
कायम - स्थायी 
पड़ाव - मुकाम ,यात्रियों के रातभर या कुछ समय के लिए ठहरने का स्थान। 
हुनर - कारीगरी ,कौशल। 


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