Bus Ki Sair Class 8 Hindi Durva Chapter 10

SHARE:

Bus Ki Sair Summary in Hindi ncert solutions ncert book hindi class 8 chapter 10 Class 8 Hindi Question Answers Bus Ki Sair Question Answer in Hindi

बस की सैर - वल्ली कानन


स की सैर वल्ली कानन bus ki ser ncert solutions Class 8 Hindi Chapter 10 Explanation Bus Ki Sair Summary in Hindi hindi class 8 chapter 10 explanation ncert book hindi class 8 chapter 10 hindi class 8 chapter 10 summary Class 8 Hindi Chapter 10 Question Answers Bus Ki Sair Question Answer in Hindi class 8 hindi chapter 10 question answer ncert Bus Ki Sair Summary in Hindi Class 8 Hindi Chapter 10 Explanation 



बस की सैर कहानी का सारांश

Bus Ki Sair Summary in Hindi प्रस्तुत पाठ बस की सैर  लेखक वल्ली कानन जी के द्वारा लिखित है, जिसका अनुवाद बालक राम नागर जी ने किया है। यह एक कहानी है जिसे वल्ली जी ने बहुत सुन्दर और आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया है। इस पाठ में नायिका का नाम भी वल्ली है, जिस पर पूरी कहानी आधारित है। वल्ली आठ वर्ष की बच्ची है। जो गाँव में रहती है और उसे सड़क का दृश्य देखना, सड़क में आते-जाते लोगों को गाड़ियों, बसों को देखना बहुत अच्छा लगता है। वह अपने घर के दरवाजे में खड़ी होकर सड़क को देखती रहती है। और क्या भी करती क्योंकि उसकी माँ ने सड़क की ओर जाने से बिल्कुल मना किया है। वह रोज बस स्टॉप में बस से उतरते-चढ़ते लोगों को देखती। रोज वह बस नई-नई सवारी से लदी इधर-उधर जाती | ये सब देख वल्ली के लिए कभी ना खत्म होने वाली इच्छा थी। अब वल्ली के मन में भी छोटी सी इच्छा जागने लगती है। उसके नन्हें दिमाग में, बस में सैर करने की इच्छा प्रकट होती है। अब उसकी यह इच्छा बड़ी और बड़ी होती चली गई | जब भी वल्ली को कोई उसके सहेली बस में यात्रा करने की कहानी सुनाती थी तो वल्ली जल-भून जाती थी। कोई शहरों की बात कर डींग हाँकते थे तो वल्ली घमंडी-घमंडी चिल्लाने लगती थी | 

Bus Ki Sair Class 8 Hindi Durva Chapter 10
बस की सैर
अब उसकी इच्छा और भी बढ़ने लगी थी । वह अब अपनी सहेलियों और शहर जाने वाले गाँव के लोगों से पूछ-पूछ के बस यात्रा की छोटी-छोटी जानकारियां हासिल करने लगी थी। उसके गाँव से शहर लगभग दस किलोमीटर दूर था। एक ओर का  बस किराया तीस पैसे थे। मतलब आने जाने का साठ पैसा होगा। गाँव से शहर पहुँचने में लगभग पौन घण्टा लगता था। तो उसने सोचा अगर उसी बस में जाकर वापस आ जाऊँ तो गाँव से दोपहर एक बजे शहर जाकर उसी बस में तीस पैसे देकर वापस आ जाऊँगी तीन बजे तक | वल्ली ने इस तरह से हिसाब लगाकर योजना बनाई उसे बस में सैर करने की इतनी तीव्र इक्छा थी की एक दिन ऐसा आया जब बस गाँव की सीमा पार करके बड़ी सड़क पर मुड़ी तब एक आवाज सुनाई पड़ी | बस रोको-बस रोको एक नन्हा सा हाथ हिल रहा था | 

बस रुक गई। कंडक्टर ने बाहर झाक कर तेज आवाज में बोला कौन चढ़ना चाहता है, उसे बोलो  जल्दी करे | तब वल्ली बोली मैं तो बस इतना जानती हूँ कि मुझे शहर तक जाना है | और बोली ये लो तुम्हारे तीस पैसे। कंडक्टर ने बोला ठीक है और उसे धीरे से उठा कर बस में चढ़ाया। वह बोलने लगी मैं खुद ही चढ़ जाऊँगी तुम क्यों मुझे चढ़ा रहे हो। कंडक्टर भी बड़ा मजाकिया मिजाज का था। उसने बोला अरे मेम साहब नाराज क्यूँ होती हो | आओ इधर पधारो बैठो रास्ता दो मेम साहब तशरीफ ला रही है। वल्ली बस में एक कोने वाली सीट में बैठ गई। बस चलने लगी खिड़की में पर्दे लगे होने के कारण वल्ली को कुछ दिखाई नहीं दे रहा था तो वो सीट में खड़ी हो गई और बाहर के दृश्य देख कर बहुत खुश हो रही थी। बस नहर किराने तंग रास्ते से गुजर रही थी। नीला आसमान, घास के मैदान, नहर के उस पार ताड़ के वृक्ष, सुन्दर पहाड़ियाँ, दूसरे तरफ एक खाई थी और आस-पास चारों तरफ हरी-भरी खेत हरियाली ही हरियाली नजर आ रही थी । वाह ये नाजारा अद्भुत था। फिर अचानक किसी ने कहा सुनो बच्ची तुम खड़ी क्यों हो बैठ जाओ एक उम्रदराज आदमी उससे कह रहा था। लेकिन वह चीढ़ गई और बोली यहाँ कोई बच्ची नहीं है, मैंने पूरा किराया दिया है तभी कंडक्टर बोला ये बड़ी मेम साहिबा है। वल्ली ने गुस्से से बोला मैं मेम साहिब नही हूँ और तुमने अभी तक मुझे टिकट नहीं दिया है। कंडक्टर ने उसे एक टिकट फाड़ कर दिया और बोला, आराम से बैठो टिकट लेकर बस में कोई खड़ा रहे अच्छा नहीं लगता। तुम गिर जाओगी उससे तुम्हें चोट लग सकता है बच्ची बैठ जाओ |  वल्ली बोली मैं बच्ची नहीं हूँ, मैं आठ साल की हूँ। कंडक्टर ने हँसते हुए बोला अरे हाँ तुम बच्ची नहीं हो। मैं भी कैसा बुद्धु हूँ। तभी बस रुकी और नए सवारी बैठे एक बड़ी उम्र की औरत बल्ली के पास आकर बैठ गई बस चलने लगा | औरत ने वल्ली से पूछा शहर जा रही हो अकेले ! तुम्हें पता भी है कहाँ जाना है ? वल्ली बोली मैंने टिकट लिया है, बस का और मुझे सब पता है आप मेरी चिंता ना करें | 

यह बस यात्रा उसकी पहली यात्रा थी | इसके लिए उसने कितनी कठिनाई से योजना बनाई थी | अपनी छोटी-छोटी खुशियों को भूल कर उसने इस यात्रा के लिए तैयारी की थी | जैसे मिठी गोली नहीं खाना है, खिलौनें, गुब्बारे नहीं खरीदना है और जब गाँव में मेला लगा था तो उसने अपनी पसंद की झूले तक नहीं झूले। सच में कितना बड़ा संयम था ओ | और माँ ने मना कर रखा था बाहर जाने को, आखिर घर से बाहर कैसे निकलेगी। इन सब समस्याओं से निपट कर उसने यह यात्रा की थी।  बस रेलवे फाटक के पास पहुँच गई | रेल देखकर वल्ली बहुत खुश हुई | अब बस शहर पहुँच गई। सारे यात्री उतर गए वल्ली बस में ही बैठी थी। कंडक्टर ने पूछा तुम नहीं उतरोगी उसने कहा नहीं मैं इसी बस से वापस जाऊँगी, ये लो तीस पैसे। कंडक्टर को वल्ली की हरकतें बहुत अच्छी लगती थी | उसने पूछा कुछ खाओगी वल्ली बोली मेरे पास उसके लिए पैसे नही हैं। कंडक्टर ने कहा कोई बात नहीं मैं पैसे दे दूँगा। वल्ली बोली नहीं रहने दो। बस फिर नियत समय पर वापस लौट रही थी | वल्ली अभी भी सारे दृश्य देख कर प्रसन्न हो रही थी, लेकिन रास्ते में उसने एक बछड़े को देखा जिसे बहुत चोट लगी थी | वह खून से लतपथ थी । वल्ली को यह दृश्य देखकर बहुत बुरा लगा, वह दुःखी हो गई और चुप-चाप बैठ गई। बस तीन बजकर चालीस मिनट पर गाँव पहुँच गई | वल्ली जमहाई लेते हुए उठी और बोली अलविदा कंडक्टर साहब फिर मिलेंगे। इस कहानी में वल्ली ने अपने इच्छा को पूरा करने के लिए संयम से धैर्य पूर्वक योजना बनाई और उसे पूरा किया नहीं तो इतनी छोटी बच्ची आवेश में आकर कुछ गलत भी कर सकती थी | लेकिन वल्ली ने बहुत समझदारी से काम किया। कोई भी काम मन लगाकर करने से वह जरूर पूरी होती है...|| 

---------------------------------------------------------


          

बस की सैर पाठ के प्रश्न उत्तर


प्रश्न-1 शहर की ओर जाते हुए वल्ली ने बस की खिड़की से बाहर क्या-क्या देखा ? 

उत्तर- 
प्रस्तुत पाठ के अनुसार, शहर की ओर जाते हुए वल्ली ने नहर पार करते हुए, नहर के उस पार ताड़ के वृक्ष देखे, आस-पास घास के मैदान, सुदंर पहाड़ियाँ, नीला आकाश और गहरी खाई देखी। जहाँ तक नजर गई दूर-दूर तक हरी-भरी खेत, हरियाली ही हरियाली देखी | 

प्रश्न-2 "अब तो उसकी खिड़की से बाहर देखने की इच्छा भी खत्म हो गई थी |” वापसी में वल्ली ने खिड़की के बाहर देखना बंद क्यों कर दिया ? 

उत्तर- 
वल्ली ने लौटते समय रास्ते में एक मृत पड़ा बछड़े को देखा जिसे उसने जाते समय उल्लास से दौड़ते हुए देखा था। उसे किसी गाड़ी ने टक्कर मार दी थी | वह खून से लतपथ रास्ते में पड़ी थी। ये सब देख वल्ली बहुत दुःखी हुई और उसका चंचल मन उदास हो गया | इसलिए ओ चुप-चाप बैठ गई। खिड़की से बाहर देखना बंद कर दिया | 

प्रश्न-3 वल्ली ने बस के टिकट के लिए पैसों का प्रबंध कैसे किया ? 

उत्तर- वल्ली ने छोटी-छोटी रेजगारी इकट्टी की। अपनी मीठी गोलियाँ खरीदना, गुब्बारे, खिलौने लेना सभी इच्छा को दबा कर उसने संयम से काम लिया।  वल्ली ने यात्रा के लिए पैसे इकट्ठे करने के लिए गाँव में लगे मेले में जाकर भी गोल घूमने वाले झूले पर भी नहीं बैठी। इस तरह से उसने टिकट के पैसों का प्रबंध किया | 

प्रश्न-4 क्या होता अगर, वल्ली की माँ जाग जाती और वल्ली को घर पर न पाती ? 

उत्तर- 
यदि वल्ली की माँ जाग जाती और वल्ली को घर पर न पाती तो बहुत परेशान हो जाती और  घबराकर उसे इधर-उधर गाँव में ढूँढ़ने निकल जाती | 

प्रश्न-5 क्या होता अगर, वल्ली शहर देखने के लिए बस से उतर जाती और बस वापिस चली जाती ? 

उत्तर- 
यदि वल्ली शहर देखने के लिए बस से उतर जाती और बस वापिस चली जाती तो वह छोटी सी आठ साल की बच्ची शहर में खो जाती और बहुत बड़ा अनर्थ हो जाता | 

प्रश्न-6 “ऐसी छोटी बच्ची का अकेले सफ़र करना ठीक नहीं |” क्या तुम इस बात से सहमत हो ? अपने उत्तर का कारण भी बताओ।

उत्तर- मैं इस बात से सहमत हूँ, छोटी बच्ची का इस तरह सफर करना उचित नहीं । कुछ भी हो सकता था | वह गुम हो सकती थी। एक्सीडेंट हो सकता था। कोई बहला-फुसलाकर अगवा भी कर सकते थे। 

प्रश्न-7 वल्ली ने यह यात्रा घर के बड़ों से छिपकर की थी। तुम्हारे विचार से उसने ठीक किया या गलत ? क्यों ? 
उत्तर- 
उसने यह  गलत काम किया था। इससे वह अपने परिवार से अलग भी हो सकती थी | उसके माता-पिता को बहुत परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता था | 

प्रश्न-8 तुम्हारे विचार से घमंडी का क्या अर्थ होता है ? 

उत्तर- 
जरूरत से ज्यादा डींग हाकना और अपने बात के सामने किसी और की बात को नजरअंदाज करना ही घमंडी होता है | 

---------------------------------------------------------


बस की सैर पाठ से संबंधित शब्दार्थ 


• ताकीद - निर्देश
• भाड़ा - किराया
• मुसाफिर - यात्री
• बछड़ा - गाय का छोटा बच्चा
• उम्रदराज - लम्बी उम्र का 
• बुद्धू - मुर्ख | 


COMMENTS

Leave a Reply
नाम

अंग्रेज़ी हिन्दी शब्दकोश,3,अकबर इलाहाबादी,11,अकबर बीरबल के किस्से,62,अज्ञेय,35,अटल बिहारी वाजपेयी,1,अदम गोंडवी,3,अनंतमूर्ति,3,अनौपचारिक पत्र,16,अन्तोन चेख़व,2,अमीर खुसरो,7,अमृत राय,1,अमृतलाल नागर,1,अमृता प्रीतम,5,अयोध्यासिंह उपाध्याय "हरिऔध",6,अली सरदार जाफ़री,3,अष्टछाप,3,असगर वज़ाहत,11,आनंदमठ,4,आरती,11,आर्थिक लेख,7,आषाढ़ का एक दिन,17,इक़बाल,2,इब्ने इंशा,27,इस्मत चुगताई,3,उपेन्द्रनाथ अश्क,1,उर्दू साहित्‍य,179,उर्दू हिंदी शब्दकोश,1,उषा प्रियंवदा,2,एकांकी संचय,7,औपचारिक पत्र,32,कक्षा 10 हिन्दी स्पर्श भाग 2,17,कबीर के दोहे,19,कबीर के पद,1,कबीरदास,15,कमलेश्वर,6,कविता,1413,कहानी लेखन हिंदी,13,कहानी सुनो,2,काका हाथरसी,4,कामायनी,5,काव्य मंजरी,11,काव्यशास्त्र,4,काशीनाथ सिंह,1,कुंज वीथि,12,कुँवर नारायण,1,कुबेरनाथ राय,2,कुर्रतुल-ऐन-हैदर,1,कृष्णा सोबती,2,केदारनाथ अग्रवाल,3,केशवदास,4,कैफ़ी आज़मी,4,क्षेत्रपाल शर्मा,52,खलील जिब्रान,3,ग़ज़ल,138,गजानन माधव "मुक्तिबोध",14,गीतांजलि,1,गोदान,6,गोपाल सिंह नेपाली,1,गोपालदास नीरज,10,गोरख पाण्डेय,3,गोरा,2,घनानंद,2,चन्द्रधर शर्मा गुलेरी,2,चमरासुर उपन्यास,7,चाणक्य नीति,5,चित्र शृंखला,1,चुटकुले जोक्स,15,छायावाद,6,जगदीश्वर चतुर्वेदी,17,जयशंकर प्रसाद,30,जातक कथाएँ,10,जीवन परिचय,73,ज़ेन कहानियाँ,2,जैनेन्द्र कुमार,5,जोश मलीहाबादी,2,ज़ौक़,4,तुलसीदास,25,तेलानीराम के किस्से,7,त्रिलोचन,3,दाग़ देहलवी,5,दादी माँ की कहानियाँ,1,दुष्यंत कुमार,7,देव,1,देवी नागरानी,23,धर्मवीर भारती,6,नज़ीर अकबराबादी,3,नव कहानी,2,नवगीत,1,नागार्जुन,23,नाटक,1,निराला,35,निर्मल वर्मा,2,निर्मला,38,नेत्रा देशपाण्डेय,3,पंचतंत्र की कहानियां,42,पत्र लेखन,175,परशुराम की प्रतीक्षा,3,पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र',4,पाण्डेय बेचन शर्मा,1,पुस्तक समीक्षा,133,प्रयोजनमूलक हिंदी,24,प्रेमचंद,40,प्रेमचंद की कहानियाँ,91,प्रेरक कहानी,16,फणीश्वर नाथ रेणु,4,फ़िराक़ गोरखपुरी,9,फ़ैज़ अहमद फ़ैज़,24,बच्चों की कहानियां,86,बदीउज़्ज़माँ,1,बहादुर शाह ज़फ़र,6,बाल कहानियाँ,14,बाल दिवस,3,बालकृष्ण शर्मा 'नवीन',1,बिहारी,5,बैताल पचीसी,2,बोधिसत्व,7,भक्ति साहित्य,138,भगवतीचरण वर्मा,7,भवानीप्रसाद मिश्र,3,भारतीय कहानियाँ,61,भारतीय व्यंग्य चित्रकार,7,भारतीय शिक्षा का इतिहास,3,भारतेन्दु हरिश्चन्द्र,10,भाषा विज्ञान,13,भीष्म साहनी,7,भैरव प्रसाद गुप्त,2,मंगल ज्ञानानुभाव,22,मजरूह सुल्तानपुरी,1,मधुशाला,7,मनोज सिंह,16,मन्नू भंडारी,5,मलिक मुहम्मद जायसी,4,महादेवी वर्मा,19,महावीरप्रसाद द्विवेदी,2,महीप सिंह,1,महेंद्र भटनागर,73,माखनलाल चतुर्वेदी,3,मिर्ज़ा गालिब,39,मीर तक़ी 'मीर',20,मीरा बाई के पद,22,मुल्ला नसरुद्दीन,6,मुहावरे,4,मैथिलीशरण गुप्त,11,मैला आँचल,4,मोहन राकेश,12,यशपाल,14,रंगराज अयंगर,43,रघुवीर सहाय,6,रणजीत कुमार,29,रवीन्द्रनाथ ठाकुर,22,रसखान,11,रांगेय राघव,2,राजकमल चौधरी,1,राजनीतिक लेख,20,राजभाषा हिंदी,66,राजिन्दर सिंह बेदी,1,राजीव कुमार थेपड़ा,4,रामचंद्र शुक्ल,2,रामधारी सिंह दिनकर,25,रामप्रसाद 'बिस्मिल',1,रामविलास शर्मा,8,राही मासूम रजा,8,राहुल सांकृत्यायन,2,रीतिकाल,3,रैदास,2,लघु कथा,118,लोकगीत,1,वरदान,11,विचार मंथन,60,विज्ञान,1,विदेशी कहानियाँ,33,विद्यापति,6,विविध जानकारी,1,विष्णु प्रभाकर,1,वृंदावनलाल वर्मा,1,वैज्ञानिक लेख,7,शमशेर बहादुर सिंह,5,शमोएल अहमद,5,शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय,1,शरद जोशी,3,शिक्षाशास्त्र,6,शिवमंगल सिंह सुमन,5,शुभकामना,1,शेख चिल्ली की कहानी,1,शैक्षणिक लेख,53,शैलेश मटियानी,2,श्यामसुन्दर दास,1,श्रीकांत वर्मा,1,श्रीलाल शुक्ल,1,संयुक्त राष्ट्र संघ,1,संस्मरण,28,सआदत हसन मंटो,10,सतरंगी बातें,33,सन्देश,39,समसामयिक हिंदी लेख,222,समीक्षा,1,सर्वेश्वरदयाल सक्सेना,19,सारा आकाश,17,साहित्य सागर,22,साहित्यिक लेख,70,साहिर लुधियानवी,5,सिंह और सियार,1,सुदर्शन,3,सुदामा पाण्डेय "धूमिल",9,सुभद्राकुमारी चौहान,7,सुमित्रानंदन पन्त,20,सूरदास,15,सूरदास के पद,21,स्त्री विमर्श,10,हजारी प्रसाद द्विवेदी,2,हरिवंशराय बच्चन,28,हरिशंकर परसाई,24,हिंदी कथाकार,12,हिंदी निबंध,356,हिंदी लेख,504,हिंदी व्यंग्य लेख,4,हिंदी समाचार,164,हिंदीकुंज सहयोग,1,हिन्दी,7,हिन्दी टूल,4,हिन्दी आलोचक,7,हिन्दी कहानी,32,हिन्दी गद्यकार,4,हिन्दी दिवस,86,हिन्दी वर्णमाला,3,हिन्दी व्याकरण,45,हिन्दी संख्याएँ,1,हिन्दी साहित्य,9,हिन्दी साहित्य का इतिहास,21,हिन्दीकुंज विडियो,11,aaroh bhag 2,14,astrology,1,Attaullah Khan,2,baccho ke liye hindi kavita,70,Beauty Tips Hindi,3,bhasha-vigyan,1,Class 10 Hindi Kritika कृतिका Bhag 2,5,Class 11 Hindi Antral NCERT Solution,3,Class 9 Hindi Kshitij क्षितिज भाग 1,17,Class 9 Hindi Sparsh,15,English Grammar in Hindi,3,formal-letter-in-hindi-format,143,Godan by Premchand,6,hindi ebooks,5,Hindi Ekanki,18,hindi essay,348,hindi grammar,52,Hindi Sahitya Ka Itihas,102,hindi stories,656,hindi-gadya-sahitya,7,hindi-kavita-ki-vyakhya,15,ICSE Hindi Gadya Sankalan,11,icse-bhasha-sanchay-8-solutions,18,informal-letter-in-hindi-format,59,jyotish-astrology,14,kavyagat-visheshta,22,Kshitij Bhag 2,10,lok-sabha-in-hindi,18,love-letter-hindi,3,mb,72,motivational books,10,naya raasta icse,9,NCERT Class 10 Hindi Sanchayan संचयन Bhag 2,3,NCERT Class 11 Hindi Aroh आरोह भाग-1,20,ncert class 6 hindi vasant bhag 1,14,NCERT Class 9 Hindi Kritika कृतिका Bhag 1,5,NCERT Hindi Rimjhim Class 2,13,NCERT Rimjhim Class 4,14,ncert rimjhim class 5,19,NCERT Solutions Class 7 Hindi Durva,12,NCERT Solutions Class 8 Hindi Durva,17,NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan वितान भाग 1,3,NCERT Solutions for class 12 Humanities Hindi Antral Bhag 2,4,NCERT Solutions Hindi Class 11 Antra Bhag 1,19,NCERT Vasant Bhag 3 For Class 8,12,NCERT/CBSE Class 9 Hindi book Sanchayan,6,Nootan Gunjan Hindi Pathmala Class 8,18,Notifications,5,nutan-gunjan-hindi-pathmala-6-solutions,17,nutan-gunjan-hindi-pathmala-7-solutions,18,political-science-notes-hindi,1,question paper,19,quizzes,8,Rimjhim Class 3,14,Sankshipt Budhcharit,5,Shayari In Hindi,16,sponsored news,10,Syllabus,7,top-classic-hindi-stories,41,UP Board Class 10 Hindi,4,Vasant Bhag - 2 Textbook In Hindi For Class - 7,11,vitaan-hindi-pathmala-8-solutions,16,VITAN BHAG-2,5,vocabulary,19,
ltr
item
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika: Bus Ki Sair Class 8 Hindi Durva Chapter 10
Bus Ki Sair Class 8 Hindi Durva Chapter 10
Bus Ki Sair Summary in Hindi ncert solutions ncert book hindi class 8 chapter 10 Class 8 Hindi Question Answers Bus Ki Sair Question Answer in Hindi
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgsPxkhBXs6paLfW975DJ-enJQnX6UZ_HR5a_XHtSKWuBbluuYxYIdlZGk9BfyDCcRrUI81QWrUdSXIdiFQoFAzPc00QWk1H50e5t_c44qNfP-mYpwz80FjWnI0_wg-RRJQQyzxN9c5Zx3u/s16000/bas-ki-sair.jpg
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgsPxkhBXs6paLfW975DJ-enJQnX6UZ_HR5a_XHtSKWuBbluuYxYIdlZGk9BfyDCcRrUI81QWrUdSXIdiFQoFAzPc00QWk1H50e5t_c44qNfP-mYpwz80FjWnI0_wg-RRJQQyzxN9c5Zx3u/s72-c/bas-ki-sair.jpg
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika
https://www.hindikunj.com/2021/04/bus-ki-sair-class-8-hindi-durva-chapter.html
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/2021/04/bus-ki-sair-class-8-hindi-durva-chapter.html
true
6755820785026826471
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका