Budhi Amma Ki Baat Class 8 Hindi

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बूढ़ी अम्मा की बात लोककथा


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बूढ़ी अम्मा की बात पाठ का सारांश

प्रस्तुत पाठ बूढ़ी अम्मा की बात से लिया गया है। यह एक लोककथा है। एक गाँव में गोमा मोरी नाम का किसान था। उसके पास जीवन-यापन करने लायक खेत था। एक गाय, एक जोड़ी बैल और बीस बकरियाँ भी थी। एक छोटा सा घर था | घर के सामने ही पशुओं को बांधने का बाड़ा था। उस गाँव में पिछले तीन साल से वर्षा नही हुई थी इस साल भी आषाढ़ के महीने में सुखा पड़ा था। न अनाज था न जानवरों के लिए चारा था। गोमा खेत जोतने के लिए जाता तो था, लेकिन यह सोच कर वापस आ जाता कि बिना बारिश के खेत जोतकर क्या करूँ और बैलों को घर ले आता है। अगले दिन फिर उसने सुबह उठ कर बैलों के लेकर खेत जोतने जाने की सोची। उसकी पत्नी गाय और बकरियों को लेकर चराने चली गई। लोगों ने फिर बोला कि खेत जोतकर क्या करेगा उसकी उम्मीद टूटने लगी, लेकिन हिम्मत करके वह खेत की ओर फिर चला गया। उसने आकाश की ओर निहारा सूरज आग की तरह जल रहा था। नीचे देखा तो जमीन में दरारे पड़ गई थी। और बैलों को देख गोमा को चिंता हो रही थी | भूख-प्यास सहन करते-करते वह दुबले पतले हो गए थे। बैलों की दशा देख उसे दया आ गई और वह खेत की मेड़ के नीचे बैठ गया। और सोचने लगा कि अब क्या होगा, कैसे करेंगे ? खेत जोते या यूँ ही बंजर छोड़ दें। वह उदास मन से उठा और घर की ओर चल दिया। और उसने निर्णय किया कि अब जब बारिश होगी तभी खेत की जुताई करेगा। 

                         दूसरे दिन वह फिर गया उस दिन धूप और तेज थी उसकी हिम्मत टूटने लगी न घर वापस जा सकता था ना ही आगे बढ़ने की हिम्मत हो रही थी | गोमा रास्ते में ही बैलों को रोककर एक पेड़ के नीचे बैठ गया। एक बूढ़ी अम्मा भी उसी पेड़ के नीचे आकर बैठी। गोमा ने उससे पूछा अरे ओ बूढ़ी अम्मा इतनी तेज धूप में तुम कहाँ से आ रही हो और कहाँ जाना है ? अम्मा ने बोला मैं पास के गाँव में अपनी नातिन से मिलने जा रही हूँ, लेकिन तुम क्यों यहाँ बैठे हो यह समय तो खेत में हल जोतने का है। लेकिन तुम यहाँ आराम कर रहे हो, क्या तुम बीमार हो या तुम्हारे बैल बीमार है। या फिर तुम्हारे हल टूट गए हैं। अम्मा को जवाब देते हुए गोमा बोला नहीं अम्मा, न तो मैं बीमार हूँ और न ही मेरे बैल | मेरे हल भी नहीं टूटे हैं। टूट तो मैं गया हूँ। अम्मा तुम तो जानती हो पिछले तीन साल से वर्षा नहीं हुई है और इस वर्ष भी आषाढ़ सूखा है तो ऐसे में खेत जोत कर क्या करूँगा। बूढ़ी अम्मा ने गोमा को समझाते हुए कहा देखो बेटा यह सब तुम प्रकृति पर छोड़ दो तुम खेत जोतकर तैयार रखो बारिश अवश्य होगी। 

            गोमा ने बूढ़ी अम्मा को निराश मन से कहा खेत बहुत कठोर हो गए हैं। बैल बहुत कमजोर है | उन्हें पेट भर चारा तक नहीं मिलता। पेड़ के पत्ते भी खत्म हो गए हैं | पानी की भी बहुत समस्या है | पीने के लिए भी पानी नहीं है।
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यहाँ सब खत्म हो गया है | बारिश की आशा हो तो हिम्मत भी बंधे |  गोमा ने अम्मा को अपना दुख बताया। बूढ़ी अम्मा ने गोमा से कहा बहुत खूब कहा तुमने की पेड़ में पत्ते नहीं है, पत्ते कहाँ से आएँगे जब पेड़ ही नहीं बचे सब लोग तो जंगलों को काटने में लगे हैं | पेड़ को काटकर प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर रहें हैं। अगर पेड़ होते तो हरियाली होती | हरियाली होती तो वर्षा भी होती लेकिन सब नष्ट हो रहा है। अब तो तुमलोग पेड़ों को सहेज कर रखो नए पेड़ लगाओ। अब जो हुआ सो हुआ तुम जाओ और खेत जोत कर तैयार करो इस मौसम में एक दिन बारिश जरूर होगी यह कहकर अम्मा उठ गई और लाठी टेकती हुई चली गई। गोमा ने बूढ़ी अम्मा के कहे अनुसार अगले दिन पूरी उत्साह से खेत में जाकर हल जोतने लगा चार दिन तक लगातार हल जोतने के बाद खेत बहुत अच्छी तरह से जोत चुका था। गोमा बहुत प्रसन्न था | अब वह बैलों को हाँकते हुए घर चला गया। उस रात गोमा को बहुत अच्छी नींद आयी। जब सुबह वह सोकर उठा तो गाय रंभा रही थी। बकरियाँ मिमिया रही थी। सुबह-सुबह अपने पशुओं की यह आवाज सुनने के लिए गोमा के कान तरस गए थे। वह खुशी-खुशी उठा उसकी पत्नि ने आवाज लगाई  अजी सुनते हो बाहर आओ देखो वर्षा होने वाली। गोमा झट से उठकर बाहर आया देखा तो आकाश में बादल घुमड़ रहे थे उसे ऐसा लग रहा था मानो बादलों के बीच बूढ़ी अम्मा की तस्वीर दिख रही हो। उसे बूढ़ी अम्मा की बात याद आ रही थी उनका कहना बिल्कुल सत्य था तुम समय पर अपना काम करो बारिश जरूर होगी। बारिश होने लगी आँगन भीग चुका था वह अम्मा से कुछ कहना चाहता था लेकिन बारिश तेज हो गई। इस तरह से बूढ़ी अम्मा ने गोमा को सही सिख दिया कि अपना काम समय पर कर लेना चाहिए...|| 


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बूढ़ी अम्मा की बात पाठ के प्रश्न उत्तर 


प्रश्न-1 लोककथा में गोमा बिना खेत जोते अपने बैलों को हाँहकर घर की ओर क्यों चल पड़ा ? 

उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, पिछले तीन साल से गाँव में सुखा पड़ा था। और यह आषाढ़ का महीना भी सूखा है। बारिश हो नहीं रही है, इसलिए गोमा ने सोचा खेत जोतकर क्या करूँगा | इसलिए लोककथा में गोमा बिना खेत जोते अपने बैलों को हाँहकर घर की ओर चल पड़ा।

प्रश्न-2 गोमा को पेड़ के नीचे बैठा देखकर बूढ़ी अम्मा ने उससे क्या कहा ? 

उत्तर- गोमा को पेड़ के नीचे बैठा देखकर बूढ़ी अम्मा ने उससे कहा यह समय तो खेत जोतने का है और तुम आराम कर रहे हो। क्या तुम बीमार हो या तुम्हारे बैल बीमार हैं या तुम्हारे हल टूट गए हैं | 

प्रश्न-3 गोमा ने अपने खेतों को क्यों जोता ? 

उत्तर- गोमा ने अपने खेतों को बूढ़ी अम्मा के कहने पर जोता क्योंकि उसे समझ आ गया था कि अपना काम समय पर करना चाहिए। प्रकृति भी अपना काम जरूर करेगी। 

प्रश्न-4 क्या होता अगर --- 

(क) गोमा खेतों को तैयार न करता ? 

उत्तर- खेतों को तैयार नहीं करता तो खेत में पानी नहीं सोखता और खेत से नमी चली जाती | 

(ख) गोमा को बूढ़ी अम्मा नहीं मिलती ? 

उत्तर- अगर गोमा को बूढ़ी अम्मा नहीं मिलती तो वह खेत की जुताई नहीं करता | 

(ग) बूढ़ी अम्मा की बात पर गोमा ध्यान न देता ? 

उत्तर- यदि गोमा बूढ़ी अम्मा की बात पर ध्यान न देता तो वर्षा का जल खेतों को अच्छी तरह से नहीं मिलता।

(घ) इस साल भी वर्षा न होती ? 

उत्तर- यदि इस साल भी वर्षा न होती तो सूखा पड़ जाता। अकाल पड़ जाता। लोग अनाज नहीं उगा पाते |  जानवर और आदमियों के लिए जीना मुश्किल हो जाता | 


प्रश्न-5 वर्षा कैसे हो - 

(क) बूढ़ी अम्मा ने वर्षा न होने का क्या कारण बताया था ? 

उत्तर- बूढ़ी अम्मा ने बताया था कि पेडों को काट दिया जा रहा है, जंगल नष्ट होने लगे हैं, हरियाली ही नहीं है तो वर्षा कैसे होगी | 

(ख) क्या तुम बूढ़ी अम्मा की बात से सहमत होते ? अपने उत्तर का कारण भी बताओ | 

उत्तर - जी हाँ मैं बूढ़ी अम्मा की बात से सहमत होता,  क्योंकि उन्होंने सही बात बताई थी हमें अपना काम सही समय पर कर लेना चाहिए |  

प्रश्न-6 “सवेरे-सवेरे अपने पशुओं की ये आवाज़ें सुनने के लिए उसके कान तरस गए थे।”

गोमा ने बहुत समय बाद अपने पशुओं की वे आवाज़ें सुनी थीं। क्यों ? 

उत्तर- गोमा ने यह आवाज़ें बहुत दिनों बाद सुनी थी क्योंकि गाँव में वर्षा न होने के कारण जनवरों को पेट भर चारा नहीं मिलता था। बादलों को देखकर गाय खुशी के मारे रंभाने लगी थी। बकरियाँ मिमियाने लगी थीं। वे सब बहुत खुश थे | 

प्रश्न-7 बूढ़ी अम्मा ने कहा, “वर्षा अवश्य होगी।”

तुम्हारे विचार से बूढ़ी अम्मा ने गोमा से यह बात क्यों कही ? 

उत्तर- बूढ़ी अम्मा ने गोमा से यह बात कही क्योंकि बूढ़ी अम्मा अनुभवी थी और चाहती थी कि गोमा मेहनत करे | उदास न हो | 


प्रश्न-8 नीचे लिखे वाक्यों को अपने ढंग से सार्थक रूप में तुम जिस तरह भी लिख सकते हो वैसे लिखो।

(क)- उसने बादलों को जी भर निहारा।

उत्तर- जी भर उसने बादलों को निहारा।

(ख)- वर्षा की कोई आशा नहीं बँध रही थी।

उत्तर- वर्षा की कोई आशा  बन्ध ही नहीं रही थी।

(ग)- गोमा ने फिर हिम्मत बटोरी।

उत्तर- गोमा ने फिर से हिम्मत जुटाई ।

(घ)- उसने घर की राह पकड़ ली।

उत्तर- उसने घर की राह ले ली ।

(ङ)- वर्षा बरसाना तुम्हारे हाथ में नहीं है।

उत्तर- वर्षा का होना तुम्हारे हाथ में नहीं है।

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बूढ़ी अम्मा की बात पाठ से संबंधित शब्दार्थ 


निहारना - गौर से देखना
हाँकना - चलाना
हल जोतना - खेत जोतना
आस - उम्मीद, आशा
घुमड़ना - बहुत से बादलों का आसमान में छा जाना
तर-बतर - भीगा हुआ, सराबोर
डाँवाडोल - अस्थिर, 
मेंड़ - खेत की हदबन्दी, सिंचाई आदि के लिए उसके उसके इर्द-गिर्द बनाया हुआ मिट्टी का घेर
नातिन - बेटी की बेटी
निर्भर - आश्रित, सहारे पर टिका हुआ | 

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