सोहनलाल द्विवेदी जी का जीवन परिचय Sohanlal Dwivedi Biography in hindi सोहनलाल द्विवेदी की कविताएँ सोहनलाल द्विवेदी की काव्यगत विशेषताएं jivani
सोहनलाल द्विवेदी जी का जीवन परिचय
सोहनलाल द्विवेदी Sohanlal Dwivedi Biography in hindi सोहनलाल द्विवेदी की कविताएँ सोहनलाल द्विवेदी की काव्यगत विशेषताएं सोहनलाल द्विवेदी का जीवन परिचय सोहनलाल द्विवेदी का जन्म Sohanlal Dwivedi ki jivani सोहनलाल द्विवेदी का जीवन परिचय हिंदी में Hindi poet sohanlal dviwide ka jeevan parichay सोहनलाल द्विवेदी जी राष्ट्रीयता और गांधीवादी विचारधारा के प्रबल समर्थक थे। इनका जन्म सन १९०५ में उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के बिन्दकी नामक ग्राम में हुआ था। इन्होने एम.ए ,एल.एल.बी तक काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त की और वकालत करने लगे किन्तु इनका मन वकालत में न लगकर साहित्य में रमा रहा। सन १९३८ से सन १९४२ तक इन्होने दैनिक राष्ट्रीय पत्र अधिकार का लखनऊ से संपादन किया। महामना मालवीय जी के सम्पर्क में आने पर इनके ह्रदय में राष्ट्रीयता की भावना जागी और इन्होने राष्ट्रीय भावना प्रधान कहानियाँ लिखनी आरम्भ कर दी। सन १९६९ में भारत सरकार द्वारा इन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सन १९८८ में इनका निधन हो गया।
सोहनलाल द्विवेदी की काव्यगत विशेषताएं
आरम्भ में सोहनलाल द्विवेदी जी बच्चों के लिए मनोरंजक ,सरल और सरस कविताएँ लिखा करते थे। आगे चलकर गांधीवाद से प्रभावित होकर ये राष्ट्रीयता की ओर झुक गए। इसलिए गांधीवादी विचारधारा में आस्था के कारण इनकी कविता में अहिंसा ,प्रेम ,समानता ,देशभक्ति ,शांति और बलिदान आदि भावों की प्रधानता है। काव्य रचना के साथ साथ इन्होने स्वाधीनता आन्दोलन में भी सक्रिय भाग लिया था। इसीलिए इनकी कविताओं का मुख्य विषय देश प्रेम है। इनके अभियान गीत बहुत लोकप्रिय हुए। उनमे उत्साह और प्रेरणा है। छायावाद के बाद हिंदी में जो राष्ट्रीय सांस्कृतिक धारा चली आप उसी धारा के कवि हैं। ग्रामीण जन जीवन के चित्रण में इनकी कविताएँ अधिक सफल रही हैं। ये एक प्रगतिशील कवि थे। राष्ट्रीय कवियों में इनका महत्वपूर्ण स्थान है।![]() |
सोहनलाल द्विवेदी जी की भाषा सरल ,गतिशील खड़ी बोली है। भाषा में सरलता ,सरसता ,स्पष्टता और प्रवाह है। इन्होने एक ओर जहाँ सरल ,मुहावरेदार ,सुबोध बोलचाल की भाषा का प्रयोग किया है ,वहीँ सरल ,तत्सम शब्द प्रधान खड़ी बोली का भी प्रयोग हुआ है। इनकी कविताओं में ओजपूर्णता ,प्रवाहमयता तथा सच्ची संवेदना के दर्शन होते हैं। इनके शब्दों में उत्साह ,वेग और प्रवाह है। ये प्रतीकों का स्वाभविक प्रयोग करते हैं।
सोहनलाल द्विवेदी की कविताएँ / रचना
सोहनलाल द्विवेदी जी द्वारा लिखित निम्नलिखित रचनाएँ हैं -
काव्य संग्रह - भैरवी ,पूजा गीत ,सेवाग्राम ,युगारंभ ,प्रभाती ,चेतना ,जय भारत जय।
प्रबंध काव्य - कुणाल।
आख्यान काव्य - वासवदत्ता और विषपान।
बालउपयोगी रचनाएँ - दूध बतासा ,बाल भारती ,बाँसुरी और झरना ,बच्चों के बापू ,शिशु भारती ,हंसों - हंसाओं और चाचा नेहरु आदि।
COMMENTS