हिन्द को फिर से आजाद करो हर वर्ष का एक दिन चौदह सितंबर राजभाषा हिन्दी को समर्पित हिन्दी दिवस हिन्दी के नाम! हिन्दी पखवाड़ा मनाना काम चौदह सितंबर से
हिन्द को फिर से आजाद करो
हर वर्ष का एक दिन
चौदह सितंबर राजभाषा हिन्दी को
समर्पित हिन्दी दिवस हिन्दी के नाम!
हिन्दी पखवाड़ा मनाना काम
चौदह सितंबर से अठाईस तक
हिन्दी में काम करना/कराना
पुरस्कार देना/पाना फिर अगले वर्ष तक
हिन्दी को भूल जाना है
हिन्दी का वार्षिक अपमान !
अच्छा होता हिन्दी दिवस के बजाय
राजभाषा दिवस मनाया जाता
हिन्दी को राजभाषा का
संवैधानिक दर्जा पाने के नाम!
आज राजभाषा हिन्दी की
स्थिति ऐसी है कि हिन्दी हो गई
एक दिन का मेहमान!
हिन्दी पखवाड़ा का आना
हिन्दी का भाग्य जग जाना
बड़े-बड़े अंग्रेजीदां अधिकारी का
हिन्दी का हिमायती बन जाना
हिन्दी में टिप्पणी लिखना/लिखाना
हिन्दी में हस्ताक्षर करना/कराना
हिन्दी में अटक-अटक बातें करना
शटअप-शटअप नहीं करना
लगता है एक वार्षिक अनुष्ठान!
हिन्दी पखवाड़ा जब आता
बांछे खिल जाती केन्द्रीय कर्मियों की
क और ख क्षेत्र के लिए
सारी चिट्ठियां हिन्दी में लिखी जाती
ग क्षेत्र में अंग्रेजी में लिखकर
हिन्दी भर्षण विल फौलो लिखी जाती
फिर हिन्दी अनुवादक/अधिकारी पद
रिक्त बताकर हिन्दी भर्षण विल फौलो
विल फौलो ही रह जाती
संविधान के अनुसार गैर हिन्दी क्षेत्र के
अहिन्दी भाषियों को प्रोत्साहित करना,
हिन्दी लेखन में किसी को दक्ष
किसी को प्रवीण बनाना
हिन्दी कार्यशाला आयोजित करना
हिन्दी के अकादमिक विद्वान को
बुलाकर भाषण दिलाना
ऐ हिंद देश के भाईयों/बहनों
हम हिन्दी हैं,हिन्दी भाषा ने
राजभाषा की दर्जा पाई,
हे भारतवंशी फर्ज हमारा
हिन्दी में काम करना
अंग्रेजी की गुलामी से आजादी पाना
लगता है कोई कर्मकाण्ड!
अंग्रेज चले गए अंग्रेजी छोड़कर
हमें भाषाई गुलामी में जकड़कर
गुलामी की मानसिकता ऐसी
कि हम हिन्दी हैं कहते/नारा लगाते
पर अंग्रेजी पढ़ते,अंग्रेजी की दुहाई देते
अंग्रेजी लिखते, बोलते, इतराते
भारत की गंभीर भाषाई गुलामी ऐसी
कि आजाद, भगत, असफाक,
बिस्मिल,खुदीराम,सुभाष, सुखदेव,
तिलका, विरसा,कुंवर सिंह,
रानी लक्ष्मीबाई, रानी किट्टूर चेन्नमा,
अल्लुरी सीताराम राजू,
वीओ चितंबरम पिल्ले जैसे शहीद
वीरों-वीरांगनाओं की रुह को
जुबानी कैद से रिहा नहीं करा पाते
उनकी गला को घोंटा जिन अंग्रेजों ने
उन हत्यारे की जुबां से गलकंठी करते
जरा याद करो जलियांवाला बाग में
कसाई डायर के फायर में जो शहीद हुए
वे हिन्दी थे, उनकी चीखें हिन्दी थी
वे अंग्रेजी नही बोलते थे,मूक हो गए
देश की समग्र आजादी खातिर
हो गए बलिदान!
याद करो दक्षिण का जलियांवाला बाग़
विदुरश्वत्था के ध्वज सत्याग्रह के
नेता पट्टाभि सीतारमैया,नागी रेड्डी,
सुब्बाराव,सिद्ध लिंगैया
एवं बत्तीस वीर शहीदों को
जो शहीद हुए अंग्रेजों की गोली से
उन शहीदों की आत्मा को मुक्ति दो
उनकी लव को खोलो,
जुबां आजाद करो,उनकी सुध लो,
उनसे संवाद करो,
भाषाई गुलामी को छोड़ो
हिन्दी-अहिन्दी के नाम घृणा क्यों
भाईयों से मुख मत मोड़ो
हिन्द को फिर से आजाद करो
स्वदेशी भाषा को आबाद करो
अमर शहीदों का यही अरमान!
- विनय कुमार विनायक
दुमका, झारखण्ड
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