माखनलाल चतुर्वेदी का जीवन परिचय माखनलाल चतुर्वेदी का जीवन परिचय इन हिंदी माखनलाल चतुर्वेदी का व्यक्तित्व एवं कृतित्व माखनलाल चतुर्वेदी का जीवन परिचय बताइए माखनलाल चतुर्वेदी रचना संचयन माखनलाल चतुर्वेदी की राष्ट्रीय चेतना माखनलाल चतुर्वेदी के काव्य की विशेषता makhanlal chaturvedi ka vyaktitva makhanlal chaturvedi ki jivani hindi mai makhanlal chaturvedi ki rashtriya chetna makhanlal chaturvedi ka janm makhanlal chaturvedi ki kavyagat visheshta makhanlal chaturvedi ki mata ka naam makhanlal chaturvedi ki jivan parichay makhanlal chaturvedi ji ki jivani माखनलाल चतुर्वेदी का उपनाम माखनलाल चतुर्वेदी की काव्यगत विशेषताएँ माखनलाल चतुर्वेदी की माता का नाम
माखनलाल चतुर्वेदी का जीवन परिचय
माखनलाल चतुर्वेदी का जीवन परिचय इन हिंदी माखनलाल चतुर्वेदी का व्यक्तित्व एवं कृतित्व माखनलाल चतुर्वेदी का जीवन परिचय बताइए माखनलाल चतुर्वेदी रचना संचयन माखनलाल चतुर्वेदी की राष्ट्रीय चेतना माखनलाल चतुर्वेदी के काव्य की विशेषता makhanlal chaturvedi ka vyaktitva makhanlal chaturvedi ki jivani hindi mai makhanlal chaturvedi ki rashtriya chetna makhanlal chaturvedi ka janm makhanlal chaturvedi ki kavyagat visheshta makhanlal chaturvedi ki mata ka naam makhanlal chaturvedi ki jivan parichay makhanlal chaturvedi ji ki jivani माखनलाल चतुर्वेदी का उपनाम माखनलाल चतुर्वेदी की काव्यगत विशेषताएँ माखनलाल चतुर्वेदी की माता का नाम - आधुनिक हिंदी काव्य की राष्ट्रीय सांस्कृतिक चेतना के कवियों में माखनलाल चतुर्वेदी जी का प्रमुख स्थान है। आपका जन्म ४ अप्रैल ,१८८९ ई. को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के बाबई गाँव में तथा देहावसान सन १९६७ ई. में हुआ।इनके पिता का नाम नंदलाल चतुर्वेदी था ,जो की अध्यापक थे।आपको बचपन से ही निर्धनता तथा अभावों से संघर्ष करना पड़ा ,लेकिन जीवन से कभी भी निराश नहीं हुए। अपनी रचनाओं के माध्यम से आपने लोगों का ध्यान देश की दुर्दशा की ओर खींचा और उनके मन में देश के लिए मर मिटने का भाव जाग्रत किया।स्वाधीनता संग्राम में निरंतर सहयोग देने के कारण इन्हें कई बार जेल यात्रा भी करनी पड़ी। आपकी रचनाओं में आपका जीवन संघर्ष प्रतिबिंबित हुआ है।
आपकी प्रतिभा बहुमुखी है। आपने कविता के साथ साथ गद्य में भी अपने भावों को व्यक्त किया है।आपके सरल तथा निश्चल जीवन की तरह आपका साहित्य भी सरल है। आपकी भाषा का स्वरुप व्यावाहारिक खड़ी बोली है। यह कहा जा सकता है कि देश प्रेम और राष्ट्रीय चेतना जाग्रत करने वाले साहित्यकारों में आपका मुख्य स्थान है। चतुर्वेदी जी को उस युग के व्यक्ति ,समाज एवं राष्ट्र के जीवन परिवेश ने समग्र रूप से प्रभावित किया ,इसीलिए उन्हें एक भारतीय आत्मा कहा जाता है।
माखनलाल चतुर्वेदी के काव्य की विशेषता
माखनलाल चतुर्वेदी जी के काव्य में पौरुष गुण है। सिद्धांत रूप में ये गांधी जी की विचारधारा के समर्थक होते हुए भी कायरता के विरोधी थे। चतुर्वेदी जी ने अपनी रचनाओं द्वारा भारत के युवकों को विद्रोह एवं जन संघर्ष की राह दिखाई। वे युवकों में क्रांति का स्वर फूँक कर उन्हें दमन ,अन्याय ,अत्याचार ,शोषण के विरुद्ध संघर्ष करने के लिए प्रेरित करते हैं। इनकी कविताओं में ओजस्वी वाणी का स्फीत प्रवाह है। देश के लिए स्वयं का समर्पण कर देने की भावना उनकी कविताओं का मूल स्वर है।
माखनलाल चतुर्वेदी की भाषा शैली
माखनलाल चतुर्वेदी जी की भाषा का रूप व्यावाहारिक खड़ी बोली है। इसमें कहीं भी कृत्रिमता का आभास नहीं मिलता है। इनकी भाषा में नए प्रयोग देखने के लिए मिलते हैं। सरल ,स्पष्ट एवं ओज भरी भाषा है ,जिसमें सदैव प्रेरणा के स्वर दिए होते हैं।भावों की अभिव्यक्ति में समर्थता इनकी भाषा की विशेषता है। कहीं कहीं पर भाषिक अस्पष्टता उनकी भाषा का दोष कहा जा सकता है। इनकी शैली प्रसाद गुण से युक्त है।
माखनलाल चतुर्वेदी की रचनाएँ
माखनलाल चतुर्वेदी की प्रमुख रचनाओं का वर्णन निम्नलिखित हैं - हिमकिरीटनी ,हिमतरंगिनी ,माता ,समर्पण ,मरण ज्वर ,बिजुरी काजल आज रही और वेणु लो गूंजे धरा। कला का अनुवाद कहानी संग्रह है। समय के पाँव ,चिन्तक की लाचारी ,अमीर इरादे गरीब इरादे इनके निबंध संग्रह है। कृष्णार्जुन युद्ध नाटक और साहित्य देवता में गद्य गीत संकलित हैं।
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