वह चिड़िया जो कविता वह चिड़िया जो कविता वह चिड़िया जो का भावार्थ वह चिड़िया जो ncert वह चिड़िया जो पाठ योजना वह चिड़िया जो का सारांश वह चिड़िया जो का भावार्थ वह चिड़िया जो question answer vah chidiya jo summary in hindi vah chidiya jo question answer vah chidiya jo lesson plan vah chidiya jo ke prashn uttar meaning of vah chidiya jo vah chidiya jo extra questions वह चिड़िया जो प्रश्न उत्तर वह चिड़िया जो के प्रश्न उत्तर वह चिड़िया जो कविता का सारांश वह चिड़िया जो कविता का उद्देश्य
वह चिड़िया जो कविता
वह चिड़िया जो कविता वह चिड़िया जो का भावार्थ वह चिड़िया जो ncert वह चिड़िया जो पाठ योजना वह चिड़िया जो का सारांश वह चिड़िया जो का भावार्थ वह चिड़िया जो question answer vah chidiya jo summary in hindi vah chidiya jo question answer vah chidiya jo lesson plan vah chidiya jo ke prashn uttar meaning of vah chidiya jo vah chidiya jo extra questions वह चिड़िया जो प्रश्न उत्तर वह चिड़िया जो के प्रश्न उत्तर वह चिड़िया जो कविता का सारांश वह चिड़िया जो कविता का उद्देश्य
वह चिड़िया जो -
चोंच मार कर
दूध-भरे जुंडी के दाने
रुचि से, रस से खा लेती है
वह छोटी संतोषी चिड़िया
नीले पंखों वाली मैं हूँ
मुझे अन्न से बहुत प्यार है।
व्याख्या - प्रस्तुत कविता में कवि ने नीले पंखों वाली चिड़ियाँ के बारे में बताया है। चिड़िया जुंडी के दाने जिसमें दूध भरे हुए है ,उसे बहुत ही रूचि से खाती है। उसे जो कुछ मिलता है ,उसी में संतोष कर लेती है। नीले पंखों वाली चिड़ियाँ कहती है कि उसे अन्न से बहुत प्यार है।
वह चिड़िया जो-
कंठ खोल कर
बूढ़े वन-बाबा के खातिर
रस उँडेल कर गा लेती है
वह छोटी मुँह बोली चिड़िया
नीले पंखों वाली मैं हूँ
मुझे विजन से बहुत प्यार है।
व्याख्या - प्रस्तुत पंक्तियों में कवि केदारनाथ अग्रवाल जी ने नीले पंखों वाली चिड़ियाँ के गायक रूप का वर्णन किया है। वह बूढ़े वन अर्थात बरगद पर बैठकर अपना मधुर गीत गाती है। वह इन गीतों में रस उड़ेल देती है। वह नीले पंखों वाली छोटे मुंह की चिड़िया है ,जो एकांत में भी उमंग भरी विजन से बहुत प्यार करती है।
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वह चिड़िया जो |
वह चिड़िया जो-
चोंच मार कर
चढ़ी नदी का दिल टटोल कर
जल का मोती ले जाती है
वह छोटी गरबीली चिड़िया
नीले पंखों वाली मैं हूँ
मुझे नदी से बहुत प्यार है।
व्याख्या - प्रस्तुत पन्क्तियों में कवि ने नीले पंखों वाली एक ऐसी चिड़िया का वर्णन किया है ,जो उफनती नदी के बीचों बीच जाकर जल के मोती सी बूंदों को चोंच में भर लेती है। चिड़िया को स्वयं पर बहुत ही गर्व रहता है। नीले पंखों वाली चिड़ियाँ को नदी से बहुत प्यार रहता है।
वह चिड़िया जो कविता का सारांश
वह चिड़िया जो कविता कवि केदारनाथ अग्रवाल जी की प्रसिद्ध कविता है। इसमें आपने नीले पंखों वाली चिड़िया के स्वभाव के बारे में बताया है। वह संतोषी है ,अन्न से बहुत प्यार करती है ,वह अपनेपन के साथ कंठ खोलकर पुराने घने वन में बेरोक गाती है ,मुंहबोली है ,एकांत में भी उमंग से रहती है। वह उफनती नदी के विषय में जानकार भी जल के मोती सी बूंदों को चोंच में भर लाती है। उसे स्वयं पर गर्व है।वह साहसी है। उसे नदी से लगाव है।कवि ने अपने भीतर की कल्पित चिड़ियाँ के माध्यम से मनुष्य के महत्वपूर्ण गुणों को उजागर किया है।
वह चिड़िया जो question answer
प्र.१. कविता पढ़कर तुम्हारे मन में चिड़ियाँ का जो चित्र उभरता है उस चित्र को कागज़ पर बनाओ।
उ. कविता पढ़कर जो चित्र मन में उभरता है ,उस चित्र का चित्रण निम्नलिखित है -
- चिड़ियाँ बहुत ही आकर्षक नीले पंखों वाली है।
- वह बहुत ही साहसी है ,जो उफनती नदी में जाकर जल का मोती ले आती है।
- वह बूढ़े बरगद पर बैठकर गीत गाती है।
- वह अन्न ,विजन और नदी से प्यार करती है।
प्र.२. तुम्हे कविता का कोई और शीर्षक देना हो तो क्या शीर्षक देना चाहोगे ?उपयुक्त शीर्षक सोचकर लिखो।
उ. प्रस्तुत कविता के कई शीर्षक बन सकते हैं ,जिनमें मुझे नीले पंखों वाली चिड़ियाँ शीर्षक बहुत पसंद है।
प्र.३. इस कविता के आधार पर बताओ कि चिड़ियाँ को किन किन चीज़ों से प्यार है ?
उ. कविता पढने पर हमें यह ज्ञात होता है कि नीले पंखों वाली चिड़ियाँ को अन्न ,विजन और नदी से बहुत प्यार है। वह दूध भरे झुंडी के दानों को प्यार से खाती है। वह बरगद पर बैठकर बहुत ही सुरीली रूप से गीत गाती है। उफनती नदी के बीचोंबीच जाकर जल की मोती सी बूंदों को चोँच में भर लेती है। अतः चिड़ियाँ में एक प्रकार की संतोषी प्रवृत्ति भी है।
प्र.४. आशय स्पष्ट करो -
उ. क. रस उड़ेल कर गा लेती है - चिड़ियाँ बहुत ही मधुर स्वर में अपनेपन के साथ कंठ खोलकर पुराने घने वन में बेरोक गाती है।
ख. चढ़ी नदी का दिल टटोलकर जल का मोती ले जाती है।
ख. चिड़ियाँ बहुत ही साहसी है। वह उफनती नदी के विषय में जानकार भी जल की मोती सी बूंदों को चोंच में भर लेती है। ऐसा प्रतीत होता है कि वह नदी के ह्रदय में से मोती निकाल लेती है।
kavita me kavi ne chidiya ko sahasi va muh boli kyo kaha hai
जवाब देंहटाएंChidiya ke visheshtaye bataiye
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