आकाशदीप कहानी जयशंकर प्रसाद

SHARE:

आकाशदीप कहानी जयशंकर प्रसाद आकाशदीप कहानी जयशंकर प्रसाद आकाशदीप कहानी का सारांश लिखिए आकाशदीप कहानी आकाशदीप कहानी का प्रकाशन वर्ष आकाशदीप कहानी के नायक का नाम लिखिए आकाशदीप कहानी के नायक नायिका के नाम akashdeep kahani akashdeep kahani pdf download akashdeep kahani ka prakashan varsh akashdeep kahani ki katha vastu jaishankar prasad ki kahani akashdeep ka saransh akashdeep story summary in english akashdeep kahani ka charitra chitran akashdeep story by jaishankar prasad in english आकाशदीप कहानी के नायक नायिका का नाम लिखिए आकाशदीप कहानी के नायक-नायिका का नाम क्या है आकाशदीप कहानी के नायक नायिका का नाम बताइए

आकाशदीप कहानी जयशंकर प्रसाद 


आकाशदीप कहानी जयशंकर प्रसाद आकाशदीप कहानी का सारांश लिखिए आकाशदीप कहानी आकाशदीप कहानी का प्रकाशन वर्ष आकाशदीप कहानी के नायक का नाम लिखिए आकाशदीप कहानी के नायक नायिका के नाम akashdeep kahani akashdeep kahani pdf download akashdeep kahani ka prakashan varsh akashdeep kahani ki katha vastu jaishankar prasad ki kahani akashdeep ka saransh akashdeep story summary in english akashdeep kahani ka charitra chitran akashdeep story by jaishankar prasad in english आकाशदीप कहानी के नायक नायिका का नाम लिखिए आकाशदीप  कहानी के नायक-नायिका का नाम क्या है आकाशदीप कहानी के नायक नायिका का नाम बताइए 

आकाशदीप प्रसिद्ध कहानीकार एवं बहुमुखी प्रतिभा के धनी साहित्यकार जयशंकर प्रसाद की एक चरित्रप्रधान कहानी है।आकाशदीप कहानी सन 1930 के दशक में प्रकाशित हुई थी।उसमें मूलरूप से चम्पा का चरित्र अभिव्यञ्जित है। कहानी कला के प्रमुख तत्त्वों के आधार पर इस कहानी की समीक्षा निम्नांकित बिन्दुओं के आलोक में की जा सकती है -

कथानक / कहानी का सार 

एक समुद्री जलपोत से सम्बद्ध एक नाव में दो बन्दी बैठे हैं, जिनमें एक स्त्री चम्पा और दूसरा पुरुप बुद्धगुप्त है। दोनों रस्सी काटकर अपनी नौका जलपोत से अलग कर लेते हैं। बुद्धगुप्त नौका के नायक को द्वन्द्व युद्ध में परास्त कर नौका पर अधिकार करके नौका का नायक बन जाता है। नौका बाली द्वीप से आगे बढ़ती है। उस स्थान का कोई नाम नहीं है। बुद्धगुप्त चम्पा के नाम पर उसका नामकरण 'चम्पाद्वीप' के नाम से करता है। चम्पा प्रसन्न हो जाती है।वह बुद्धगुप्त की ओर आकृष्ट होती है, किन्तु जब उसे स्मरण आता है कि बुद्धगुप्त उसके पिता का हत्यारा है, तब वह उससे प्यार करती हुई भी घृणा करने लगती है और उससे प्रतिशोध लेना चाहती है।बुद्धगुप्त चम्पा के लिए प्रकाश स्तम्भ बनवाता है,जहाँ से चम्पा अपनी माँ का भाति कण्डीलें जलाकर अपने स्वर्गीय पिता का मार्ग प्रशस्त करती है।एक समारोह में बुद्धगुप्त चम्पा से विवाह का प्रस्ताव करता है। चम्पा उसके प्रस्ताव को ठुकराती हुई साफ इन्कार कर देती है।वह हृदय से छुपायी कटार निकालकर समुद्र में फेंक देती है, किन्तु बुद्धगुप्त से कहती है कि वह भारत लौट जाय मगर उसे जीवन-पर्यन्त गरीबों की सेवा करने के लिए उसे यहीं पर छोड़ दे।बुद्धगुप्त स्वदेश (भारत) वापस जाता है, मगर चम्पा जीवनपर्यन्त चम्पाद्वीप के निवासियों की सेवा करती है।

चरित्र-चित्रण
आकाशदीप कहानी
आकाशदीप कहानी

आकाशदीप कहानी में केवल दो-तीन पात्र हैं - चम्पा, बुद्धगुप्त और जया।एक पात्र नायक भी है, किन्तु इसमें चम्पा और बुद्धगुप्त दो ही महत्त्वपूर्ण हैं।बुद्धगुप्त एक जलदस्यु है और चम्पा की दृष्टि में चम्पा के पिता का हत्यारा है, किन्तु वह अत्यन्त साहसी और पराक्रमी है।वह जरा-सी देर में नायक को परास्त कर देता है। पहले वह नितान्त क्रूर-कठोर स्वभाव का था, किन्तु चम्पा के प्यार ने उसे कोमल हृदय वाला बना दिया। चम्पा अत्यन्त भावुक, साहसी, निभीक और दृढ़ निश्चयी है।उसे पता है कि उसके पिता की हत्या जलदस्यु बुद्धगुप्त और उसके साथियों ने की है, इसीलिए वह बुद्धगुप्त को प्यार करके भी घृणा करती है।उसके मन में बदले की भावना विद्यमान है, किन्तु जब उसका भावूक हृदय उसे धोखा दे देता है, तब वह बुद्धगुप्त को प्यार करने लगती है, तो चम्पा अपनी कटार निकालकर समुद्र में फेंक देती है। किन्तु विवाह का प्रस्ताव करने वाले बुद्धगुप्त को वह साफ इन्कार कर देती है और स्पष्ट शब्दों में कहती है- "मैं तुमसे घृणा करती हूँ, फिर भी तुम्हारे लिए मर सकती हैं।"


कथोपकथन

आकाशदीप कहानी में संवादों का अत्यन्त महत्त्व है, क्योंकि इस कहानी की शुरुआत ही संवादों के द्वारा होती है।इसके संवाद संक्षिप्त, रोचक, कौतूहलवर्द्धक एवं सजीव तथा कथानक को विस्तार देने वाले हैं। इनके द्वारा पात्रों के चरित्र पर व्यापक प्रकाश भी पड़ता है। कहानी के प्रारम्भ में ही लेखक ने नाटकीय संवादों की योजना किया है  -

'बंदी। 'क्या है? सोने दो।' 'मुक्त होना चाहते हो?' 'अभी नहीं, निद्रा खुलने पर, चुप रहो।' ‘फिर अवसर न मिलेगा।' 'बड़ी शीत है। कहीं से एक कम्बल डालकर कोई शीत से मुक्त करता।' 'आँधी की सम्भावना है; यही अवसर है। आज मेरे बन्धन शिथिल हैं।' 'तो क्या तुम भी बंदी हो।' 'हाँ, धीरे बोलो, इस नाव पर केवल दस नाविक और प्रहरी है।' 'शस्त्र मिलेगा?' 'मिल जायेगा। पोत से सम्बद्ध रज्जु काट सकोगे?' 
'हाँ।' 
हिलोरें उठने लगीं। दोनों बंदी आपस में टकराने लगे।' 

वातावरण 

आकाशदीप कहानी में प्रसाद जी ने प्राचीन काल के ऐतिहासिक घटना वातावरण का सृजन किया है। इस कहानी में प्राचीन काल में भारतीय जलयानों की समुद्री का वर्णन और दूरस्थ 'बालीद्वीप','चम्पाद्वीप' आदि का उल्लेख अत्यन्त सजीवता के साथ कसा है, उस समय आधिकांश समुद्री यात्राएँ होती थी। यातायात और व्यापार के लिए भी समुद्री अथवा जलीय मार्ग का प्रयोग किया जाता था और उसमें प्राय: लडाई-झगड़े भी होते रहते थे। जलदस्यओं के आक्रमण बराबर हुआ करते थे. जिससे लोग सतर्क रहते थे। इन सारे तथ्यों को प्रसाद जी ने इस कहानी के वातावरण में कुशलतापूर्वक सँजोया है। 

भाषा शैली

आकाशदीप कहानी की भाषा तत्सम प्रधान खड़ी बोली है, जिसमें साहित्यिक शब्दावलियों का प्रचुर प्रयोग हुआ है। इसमें प्रसाद जी ने नाटकीय एवं भावात्मक दोनों प्रकार की शैलियों का प्रयोग किया है। कहानी के प्रारम्भ में दोनों बन्दियों के बीच में होने वाला संवाद नाटकीय शैली का सुन्दर उदाहरण है। भावात्मक शैली का एक उदाहरण यहाँ प्रस्तुत है- "तारक खचित नील अम्बर' और नील समुद्र के अवकाश में पवन ऊधम मचा रहा था। अन्धकार से मिलकर पवन दुष्ट हो रहा था। समुद्र में आन्दोलन था। नौका लहरों में विकल थी।" इस प्रकार हम देखते हैं कि भाषा-शैली की दृष्टि से 'आकाशदीप प्रसाद जी की सफल कहानी है। भावों एवं प्रसंगों की अनुरूपता उसकी निजी विशेषता है।

उद्देश्य

आकाशदीप कहानी का शीर्षक अत्यन्त संक्षिप्त एवं सार्थक है।वह स्वयं में उद्देश्यपूर्ण है।चम्पा कण्डील सजाकर द्वीप स्तम्भ पर रखती है।यह उसका कर्त्तव्य है।उसकी माँ भी उसके पिता का मार्ग प्रशस्त करने के लिए दीपदान किया करती थी।चम्पा उसी का अनुसरण करती है।इस कहानी का उद्देश्य वैयक्तिक चरित्र की स्थापना करना है।चम्पा बुद्धगुप्त को प्यार करती है, किन्तु अपने पिता के हत्यारे से वह प्यार करके भी घृणा करती है। यह उसकी चारित्रिक विशेषता है, जिसे स्थापित करने में प्रसाद जी को पूर्णत: सफलता मिली है। 

अत: उपर्युक्त विश्लेषण के आधार पर कहा जा सकता है कि कहानी-कला के तत्त्वों के आधार पर समीक्षा करने के उपरान्त 'आकाशदीप प्रसाद जो की एक चरित्रप्रधान सशक्त एवं सफल कहानी दृष्टिगोचर होती है। 


विडियो के रूप में देखें - 


COMMENTS

Leave a Reply: 8
  1. चम्पा ने क्यू भूध गुप्त को मरना चाहा और फिर मारने का विचार छोङ दिया?

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. बेनामीमई 10, 2023 7:12 pm

      Champa wanted to kill Bhudh Gupt as he had killed her father . She didnt have anyone in her family except her father . Champa had lost everything , her family , her reputation . She could not live alone as she couldnt do anything. She then gave up the idea of killing him as she developed a sense of love towards him . Not only this, he did many things to impress her and gain her trust back. Bhud gupt also knew she always kept a Knife with her as she didnt trust him . Its only after 5 years that she accepts his proposal and agrees to stay with him .

      हटाएं
  2. आकाशदीप का भावार्थ क्या h

    जवाब देंहटाएं
आपकी मूल्यवान टिप्पणियाँ हमें उत्साह और सबल प्रदान करती हैं, आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है !
टिप्पणी के सामान्य नियम -
१. अपनी टिप्पणी में सभ्य भाषा का प्रयोग करें .
२. किसी की भावनाओं को आहत करने वाली टिप्पणी न करें .
३. अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .

You may also like this -

Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका