मातृभूमि का मान Mathrubhumi ka Maan मातृभूमि का मान सारांश - मातृभूमि का मान श्री हरिकृष्ण प्रेमी जी द्वारा लिखी गयी एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक एकांकी है ,जो की देश प्रेम तथा देश भक्ति पर आधारित है .
मातृभूमि का मान Mathrubhumi ka Maan
मातृभूमि का मान सारांश - मातृभूमि का मान श्री हरिकृष्ण प्रेमी जी द्वारा लिखी गयी एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक एकांकी है ,जो देश प्रेम तथा देश भक्ति पर आधारित है .
इस एकांकी में हाडा राजपूत वीरसिंह तथा उसके साथियों के बलिदान का चित्रण किया गया है . एकांकी के आरम्भ में ही मेवाड़ के सिसोदिया वंश के शासक महाराणा लाखा चाहते है कि उसके आस - पास के सभी राजा एकजुट हो जाए किन्तु बूंदीगढ़ के शासक राव हेमू ऐसा करने से मना कर देते हैं . उनका कहना है कि वे प्रेम का अनुशासन मानते हैं पर शक्ति का नहीं .उसके लिए वे युद्ध करने के लिए भी तैयार हो जाते हैं . राव हेमू एक बार महाराणा लाखा को पराजित भी कर चुका है .अपनी मातृभूमि बूँदी के नकली दुर्ग की रक्षा को बूँदी के मान -सम्मान और स्वाभिमान से जोड़कर सिपाही वीर सिंह ने जिस तरह अपना बलिदान दिया ,वह देश प्रेम की पराकाष्ठा है .राम हेमू , महाराणा लाखा और वीर सिंह आदि सभी चरित्र ने हमें जन्म भूमि का मान करना सिखाया है तथा यह सन्देश दिया है कि सभी राजपूत अपने देश जाति और वंश की रक्षा के लिए बलिदान करने वाले सैनिक बने .
इस प्रकार वीरसिंह तथा उसके साथियों के बलिदान से सभी राजपूतों को एकजुट होकर रहने का सन्देश दिया गया है .
मातृभूमि का मान शीर्षक की सार्थकता
मातृभूमि का मान श्री हरिकृष्ण प्रेमी जी द्वारा लिखी गयी एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक एकांकी है . प्रस्तुत एकांकी का शीर्षक मातृभूमि का मान पूर्णतया ,सार्थक एवं उचित है .इस एकांकी के माध्यम से राजस्थान जो सदा से ही वीरता और पराक्रम का गढ़ रहा है के बूँदी के वीर हाड़ा वंश का वर्णन किया है . एकांकी में दिखाया है की बूँदी का शासक राव हेमू मेवाड़ शासक महाराणा लाखा की अधीनता स्वीकारने से इनकार कर देता है तब महाराणा उनके हराने और बूँदी पर मेवाड़ का झंडा पहराने की कसम खा लेता है . इस प्रतिज्ञा को पूरा करने के लिए एक चारण के प्रस्ताव पर मेवाड़ में ही नकली युद्ध के लिए बूँदी के दुर्ग के समान एक नकली दुर्ग बनवाया जाता है . लेकिन बूँदी का रहने वाला एक सिपाही वीर सिंह और उसके कई साथी अपनी जन्मभूमि का मान रखने के लिए इस नकली किले की भी रक्षा करना चाहते है . परन्तु मेवाड़ की भारी भरकम सेना के सामने वे ठहर नहीं पाते और उस दुर्ग की रक्षा करते -करते शहीद हो जाते है . मर कर भी वीर सिंह तथा उसके साथी अमर हो जाते है क्योंकि वे मेवाड़ के सैनिक होते हुए भी उन्होंने बूँदी अर्थात अपनी मातृभूमि का मान के सम्मान पर आँच नहीं आने देते है .
मातृभूमि का मान एकांकी का उद्देश्य
मातृभूमि का मान श्री हरिकृष्ण प्रेमी जी द्वारा लिखी गयी एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक एकांकी है .इस एकांकी का प्रमुख उद्देश मातृभूमि के प्रति प्रेम को दिखाना है . राजपूतों की वीरता ,शौर्य ,पराक्रम के साथ - साथ उनकी आन - बान और शान का प्रस्तुतिकरण भी प्रस्तुत एकांकी का उद्देश्य है . मेवाड़ की सेना का एक सिपाही वीरसिंह और उसके साथी ,जो की बूँदी के ही रहने वाले थे ,बूँदी के नकली दुर्ग को अभी अपनी मातृभूमि मान कर उसकी रक्षा करते - करते अपने प्राणों का बलिदान कर देते है .
एकांकीकार ने इन चरित्रों के माध्यम से देशवासियों में एकता अखंडता बनाए रखने ,राष्ट्र के प्रति कर्तव्य का निर्वाह करने के लिए अपनी मातृभूमि से प्रेम ,उसकी रक्षा करते हुए बलिदान की भवन को जगाना ही इस एकांकी का उद्देश्य है .
प्र. १. अभय सिंह कौन हैं ? वह क्या कहते हैं ?
उ. अभयसिंह मेवाड़ के सेनापति हैं .वह कर्तव्यनिष्ठ एवं साहसी है तथा महाराणा के विश्वास पात्र हैं . वह राव हेमू से कहते हैं कि राजपूतों की असंगठित शक्ति बाहरी लोगों का सामना सफलतापूर्वक नहीं कर सकती हैं इसीलिए राजपूतों को एक साथ हो जाना चाहिए और उस संगठित केंद्र को चित्तौड़ के अधीन हो जाना चाहिए .
प्र. २. अभयसिंह किसका संदेस लेकर आये हैं ?
उ. अभयसिंह मेवाड़ के सेनापति हैं . वह महाराणा लाखा का सदेश बूंदी नरेश राव हेमू के लिए लाये हैं . इस सन्देश में यह कहा गया है कि बूँदी राज्य को चित्त्तौड़ की अधीनता स्वीकारी कर लेना चाहिए इससे राजपूतों की शक्ति एक हो जायेगी और यह संगठित केंद्र को चित्तौड़ के अधीन रहेगा .
प्र. ३.राजपूतों को किस बात पर गर्व था ?
उ. राजपूत अग्नि के पुत्र माने जाते हैं और बहुत बहादूर हैं . वह अपने देश के लिए रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान भी दे सकते हैं . राजपूतों को अपने साहस और शक्ति पर नाज़ हैं . वे बड़े से बड़े संकट का भी सामना बड़ी आसानी से कर सकते हैं ,इसी बात के कारण राजपूतों को गर्व था .
प्र. ४. बूँदी और मेवाड़ के युद्ध में किसकी विजय हुई ?
उ. बूँदी के शासक राव हेमू द्वारा महाराणा का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया गया तब महाराणा और राव हेमू के बीच युद्ध हुआ . राव हेमू ने रात्री में अचानक महाराणा के शिविर पर हमला कर दिया जिससे मेवाड़ की सेना हार गयी और महाराणा के पराजय का मुँह देखना पड़ा.
प्र.५. बूँदी के नकली दुर्ग की रक्षा के लिए वीर सिंह क्या कहता है ?
उ. वीरसिंह, बूँदी के दुर्ग की रक्षा के लिए आपने साथियों से कहते है कि हम अग्नि के पुत्र हैं . हम अपने वंश की आभा की खत्म नहीं होने देंगे . हम प्रतिज्ञा करते हैं कि हम इस नकली दुर्ग पर मेवाड़ का अधिकार नहीं होने देंगे
.
प्र.६. महाराणा किसकी वीरता से प्रभावित हैं और क्यों ?
उ. महाराणा वीर सिंह की वीरता से बहुत प्रभावित हुए .उन्होंने अभय सिंह से वीर सिंह और उसके साथियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि निश्चय ही इन वीरों की जन्मभूमि के प्रति आदरभाव सराहनीय हैं . धन्य हैं ऐसे वीर ! धन्य है वह माँ जिसने ऐसे वीर पुत्र को जन्म दिया . धन्य है वह भूमि ! जहाँ पर ऐसे सिंह पैदा होते हैं .
प्र. ७. मातृभूमि का मान एकांकी का उद्देश्य क्या हैं ? इसके माध्यम से एकांकीकार ने क्या कहने का प्रयन्त किया हैं ?
उ. मातृभूमि का मान श्री हरिकृष्ण प्रेमी जी द्वारा लिखी गयी एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक एकांकी है .इस एकांकी का प्रमुख उद्देश मातृभूमि के प्रति प्रेम को दिखाना है . राजपूतों की वीरता ,शौर्य ,पराक्रम के साथ - साथ उनकी आन - बान और शान का प्रस्तुतिकरण भी प्रस्तुत एकांकी का उद्देश्य है . एकांकीकार ने इन चरित्रों के माध्यम से देशवासियों में एकता अखंडता बनाए रखने ,राष्ट्र के प्रति कर्तव्य का निर्वाह करने के लिए अपनी मातृभूमि से प्रेम ,उसकी रक्षा करते हुए बलिदान की भवन को जगाना ही इस एकांकी का उद्देश्य है .
मातृभूमि का मान प्रश्न उत्तर
उ. अभयसिंह मेवाड़ के सेनापति हैं .वह कर्तव्यनिष्ठ एवं साहसी है तथा महाराणा के विश्वास पात्र हैं . वह राव हेमू से कहते हैं कि राजपूतों की असंगठित शक्ति बाहरी लोगों का सामना सफलतापूर्वक नहीं कर सकती हैं इसीलिए राजपूतों को एक साथ हो जाना चाहिए और उस संगठित केंद्र को चित्तौड़ के अधीन हो जाना चाहिए .
प्र. २. अभयसिंह किसका संदेस लेकर आये हैं ?
उ. अभयसिंह मेवाड़ के सेनापति हैं . वह महाराणा लाखा का सदेश बूंदी नरेश राव हेमू के लिए लाये हैं . इस सन्देश में यह कहा गया है कि बूँदी राज्य को चित्त्तौड़ की अधीनता स्वीकारी कर लेना चाहिए इससे राजपूतों की शक्ति एक हो जायेगी और यह संगठित केंद्र को चित्तौड़ के अधीन रहेगा .
प्र. ३.राजपूतों को किस बात पर गर्व था ?
उ. राजपूत अग्नि के पुत्र माने जाते हैं और बहुत बहादूर हैं . वह अपने देश के लिए रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान भी दे सकते हैं . राजपूतों को अपने साहस और शक्ति पर नाज़ हैं . वे बड़े से बड़े संकट का भी सामना बड़ी आसानी से कर सकते हैं ,इसी बात के कारण राजपूतों को गर्व था .
प्र. ४. बूँदी और मेवाड़ के युद्ध में किसकी विजय हुई ?
उ. बूँदी के शासक राव हेमू द्वारा महाराणा का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया गया तब महाराणा और राव हेमू के बीच युद्ध हुआ . राव हेमू ने रात्री में अचानक महाराणा के शिविर पर हमला कर दिया जिससे मेवाड़ की सेना हार गयी और महाराणा के पराजय का मुँह देखना पड़ा.
प्र.५. बूँदी के नकली दुर्ग की रक्षा के लिए वीर सिंह क्या कहता है ?
उ. वीरसिंह, बूँदी के दुर्ग की रक्षा के लिए आपने साथियों से कहते है कि हम अग्नि के पुत्र हैं . हम अपने वंश की आभा की खत्म नहीं होने देंगे . हम प्रतिज्ञा करते हैं कि हम इस नकली दुर्ग पर मेवाड़ का अधिकार नहीं होने देंगे
.
प्र.६. महाराणा किसकी वीरता से प्रभावित हैं और क्यों ?
उ. महाराणा वीर सिंह की वीरता से बहुत प्रभावित हुए .उन्होंने अभय सिंह से वीर सिंह और उसके साथियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि निश्चय ही इन वीरों की जन्मभूमि के प्रति आदरभाव सराहनीय हैं . धन्य हैं ऐसे वीर ! धन्य है वह माँ जिसने ऐसे वीर पुत्र को जन्म दिया . धन्य है वह भूमि ! जहाँ पर ऐसे सिंह पैदा होते हैं .
प्र. ७. मातृभूमि का मान एकांकी का उद्देश्य क्या हैं ? इसके माध्यम से एकांकीकार ने क्या कहने का प्रयन्त किया हैं ?
उ. मातृभूमि का मान श्री हरिकृष्ण प्रेमी जी द्वारा लिखी गयी एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक एकांकी है .इस एकांकी का प्रमुख उद्देश मातृभूमि के प्रति प्रेम को दिखाना है . राजपूतों की वीरता ,शौर्य ,पराक्रम के साथ - साथ उनकी आन - बान और शान का प्रस्तुतिकरण भी प्रस्तुत एकांकी का उद्देश्य है . एकांकीकार ने इन चरित्रों के माध्यम से देशवासियों में एकता अखंडता बनाए रखने ,राष्ट्र के प्रति कर्तव्य का निर्वाह करने के लिए अपनी मातृभूमि से प्रेम ,उसकी रक्षा करते हुए बलिदान की भवन को जगाना ही इस एकांकी का उद्देश्य है .
MCQ Questions with Answers Mathrubhumi Ka Maan
बहुविकल्पीय प्रश्न उत्तर
प्र. १. 'मातृभूमि का मान' एकांकी के लेखक है ?
a. हरिकृष्ण प्रेमी
b. मोहन राकेश
c. राजेन्द्र यादव
d. यशपाल
उ. a. हरिकृष्ण प्रेमी
प्र. २. हरिकृष्ण प्रेमी का जन्म कहाँ हुआ था ?
a. भोपाल
b. इंदौर
c. दिल्ली
d. गुना
उ. d. गुना
प्र. ३. हरिकृष्ण प्रेमी जी किस रचना के कारण प्रसिद्ध है ?
a. उपन्यास
b. नाटक व एकांकी
c. कविता
d. रिपोर्टिंग
उ. b. नाटक व एकांकी
प्र. ४. मातृभूमि का मान एकांकी में महाराणा लाखा को किसने पराजित किया था ?
a. कुषाण वंश
b. मुगलों ने
c. शकों ने
d. कुछ थोड़े से हाडाओं ने
उ. d. कुछ थोड़े से हाडाओं ने
प्र. ५. मेवाड़ का राजा कौन है ?
a. वीर सिंह
b. राव हेमू
c. चारनी
d. महाराणा लाखा
उ. d. महाराणा लाखा
प्र. ६. बूंदी राज्य का राजा कौन है ?
a. राव हेमू
b. वीर सिंह
c. अभय सिंह
d. महाराणा लाखा
उ. b. राव हेमू
प्र. ७. महाराणा लाखा ने क्या ग्रहण न करने की प्रतिज्ञा की थी ?
a. भोजन
b. मिठाई
c. शहद
d. अन्न - जल
उ. d. अन्न - जल
प्र. 8. हाडाओं ने मेवाड़ पर किस समय आक्रमण किया था ?
a. भोर के समय
b. दोपहर के समय
c. रात के समय
d. शाम के समय
उ. c. रात के समय
प्र. ९. मेवाड़ राज्य को कठिन समय में कौन सहायता करता रहा है ?
a. सिसोदिया वंश
b. शक वंश
c. मुग़ल वंश
d. हाड़ा वंश
उ. d. हाड़ा वंश
प्र. १०. मातृभूमि का मान एकांकी में कौन मुख्य पात्र है ?
a. वीर सिंह
b. चारनी
c. महाराणा लाखा
d. अभय सिंह
उ. a. वीर सिंह
प्र. 11. राव हेमू ने किसकी गुलामी स्वीकार करने से इनकार कर दिया ?
a. बूंदी
b. अभय सिंह
c. वीर सिंह
d. महाराणा लाखा
उ. d. महाराणा लाखा
प्र. १२. वीर सिंह कहाँ का रहने वाला था ?
a. चित्तौड़
b. बूंदी
c. मेवाड़
d. दिल्ली
उ. b. बूंदी
प्र. १३. 'प्राण जाए पर वचन न जाए ' - कथन का वक्ता कौन है ?
a. महाराणा लाखा
b. वीर सिंह
c. अभय सिंह
d. राव हेमू
उ. a. महाराणा लाखा
प्र. १४. एकांकी में नकली दुर्ग बनाने का सुझाव किसने दिया था ?
a. स्वयं लाखा
b. चारणी ने
c. राव हेमू ने
d. वीर सिंह ने
उ. b. चारणी ने
प्र. १५. एकांकी में वीर सिंह नकली दुर्ग में किससे युद्ध करता है ?
a. मुगलों से
b. हाडाओं से
c. सिसौदियों से
d. शको से
उ. c. सिसौदियों से
प्र. १६. महाराणा लाखा की युद्ध की योजना किस प्रकार की थी ?
a. विवेकपूर्ण
b. अविवेकपूर्ण
c. बहकावे में आकर
d. उपयुक्त में से कोई नहीं
उ. b. अविवेकपूर्ण
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जवाब देंहटाएंEven i am also searching the same thing for my project I also need help
हटाएंHey kid i am in 10th grade too...
हटाएंBut u should do your work on your own
Bahut tej ho rahe ho
हटाएंplease please
जवाब देंहटाएंThanks for the notes.its help me lot in my examination. 👌
जवाब देंहटाएंMaharana lakkha ka chrit chitran bhatho
जवाब देंहटाएंबहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी धन्यवाद
जवाब देंहटाएंअमर बलिदान का उद्देश्य और मूलांकआन के बारे मे कुछ दीजिए Please...... मेरी परीक्षा है और ये questions मुझे नहीं मिल रही hai
जवाब देंहटाएंPlease add objective questions for matribhumi Ka maan plzzz fast!!!
जवाब देंहटाएंBhai same nahi hai
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