माँ

SHARE:

मेरा परिवार बहुत छोटा था। मैं, पत्नी और हम दोनों के प्यार की निशानी एक छोटी सी नन्ही सी बच्ची।माँ, माँ थी वह। जो मरने के बाद भी अपने बच्ची की फ़िक्र कर रही थी।

माँ

तक़रीबन दो-ढाई साल पहले मैं अपने आप में बहुत व्यस्त रहा करता था। मुझे मार्केटिंग लाइन में नौकरी मिली थी।मैं सुबह 9 बजे के आस पास घर से निकल जाता था और शाम में कब वापस आता इसकी किसी को कोई खबर नही रहती थी। हालाकि मुझे मार्केटिंग लाइन में पैसे अच्छे मिलते थे इसलिए मैं इस नौकरी को छोड़ना भी नही चाहता था। मुझे पता था कि मैं अपने परिवार के साथ समय नही बिता पाता।
मेरा परिवार बहुत छोटा था। मैं, पत्नी और हम दोनों के प्यार की निशानी एक छोटी सी नन्ही सी बच्ची।
माँ
बच्ची अभी एक साल की नही हुई थी। मेरे घर से सुबह निकलने के बाद से शाम को वापस आने तक मेरी पत्नी उसकी देखभाल करती थी।मेरे आते है मेरी नन्ही सी गुड़िया मुझे देख के किलकारी लगाके हँसने लगती ।
उसकी किलकारी सुनके मेरी दिन भर की थकान गायब हो जाती।
शाम को मैं घर पर आने के बाद उसको गोद में लेके घर के ऊपर की छत पर चला जाया करता था। सायद यही वजह थी की मेरी नन्ही सी गुड़िया मुझे देखते ही किलकारी लगा कर उचकने लगती थी। जैसे की उसको आभास था कि मैं उसको छत पर घूमाने जरूर ले जाऊंगा। 
 मैं अपनी पत्नी के साथ समय नही गुजार पाता इसकी चिंता मुझे होती थी पर मैं बेबस हो जाता था। उसके लिए मैं समय निकालने की कोशिस में था।
मेरे गाँव के घर पर माँ और बाबू जी ही रहते थे। मां को चलने में तकलीफ होती थी। उनकी कमर और पैर की दवा लगभग हमेशा चला करती थी। बाबू जी महीने में एक आध बार दो चार घंटे के लिए आ जाया करते थे तो सबका दिल बहल जाता था।
काफी समय तक़रीबन एक साल बाद मुझे पांच दिन की लगातार छुट्टी मिलने वाली थी । हम लोगो ने बहुत से प्लानिंग किये।
पर मैं अपनी प्लानिंग अपनी पत्नी के अनुसार बदल लेता था।आखिर इतने दिनों के बाद उसके लिए कुछ समय जो निकाल पाया था।
मुझे पांच दिन की लगातार छुट्टी मिलने वाली है ये बात मॉ और बाबू जी किसी को नही पता थी।
 जब मैं घर पर बात करता तो माँ और बाबू जी एक साथ बैठे होते थे।मेरा फ़ोन स्पीकर पर कर देते थे। और दोनों लोग एक साथ बोला करते थे।तब कुछ पल के लिए ऐसा प्रतीत होता था कि मानो सब एक साथ में हो।
छुट्टी मिलने के एक दिन पहले मैंने बहुत ख़ुशी से घर पर फ़ोन करके बोला कि बाबू जी मुझे पांच दिन की छुट्टी मिली है,यह सुनते ही माँ तुरन्त बोल उठी । बहुत अच्छा है बेटा ,तुम बहू और बेटी को लेके घर घूम जाओ। दो साल होने को है 
तुमसे नही मिली।अब तो मेरी बच्ची के भी दो साल पूरे होने को है। मेरे चेहरे पर की ख़ुशी उतर चुकी थी।
मेरे कुछ बोलने से पहले ही जैसे माँ को आभास हो गया था कि मेरा कुछ और प्लान था। माँ ने तुरंत पूछा - कही जाना है क्या?  मैंने धीरे से बोला ,हां माँ नैनीताल जाने का सोच रहे थे। माँ ने जैसेे अपनी इच्छा तुरंत मार ली और बोली ठीक है बेटा जाओ घूम आओ। 
अगले दिन मैं सुबह घर से निकला । शाम तक नैनीताल पहुच गया। वहां पर पहुच कर मैंने होटल का एक कमरा किराये पर लिया। और जैसे मैं कमरे में बैठा तुरंत माँ का फ़ोन आया , पहुँच गए बेटा , कमरा लिया रहने के लिए, कुछ खाया पिया, बहू और बच्ची को कुछ खिलाया?
 मैंने कहा- हां माँ !
कमरा भी किराये पर ले लिया और सबको खिलाया पिलाया भी। 
मेरी बेटी दो साल की होने वाली थी । बहुत चंचल थी । वह अपने बिस्तर से ही चिल्ला के बोली - दादी माँ , यहाँ मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। पता है आपको यहाँ पर हमारे कमरे की खिड़की से बहुत सुंदर पहाड़ दिखाई देता है।
हम लोग जब सुबह हो जायेगी तब पहाड़ पर घूमने जायेंगे। और बहुत सारी सेल्फी लेंगे। उसकी बातें सुनके उसकी दादी माँ बहुत खुश हो रही थी। 
पर मुझे अंदर से प्रतीत हो रहा था कि माँ हम लोगो को देखना चाहती थी। मैं घूमने तो आया था पर माँ की बात टलने का मुझे थोड़ा सा अफ़सोस भी था।
अगली दिन सुबह हम लोग मॉल रोड से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लवर्स पॉइंट पर गए।वह पर बड़े बड़े पत्थरो के बीच में बहुत गहरी खाई थी जो की लोहे के जाल से घिरी हुई थी ।वहाँ पर सामने बहुत ही अच्छा प्राकृतिक नजारा दिखाई दे रहा था।हवा बहुत ही ठंढी और मनोहारी चल रही थी। हम लोगों ने वहाँ पर जलपान किया । और बहुत ढेर सारी फोटो खींची।
उसके बाद वही से थोड़ी दूरी पर स्थित ऊपर पहाड़ की ऊँचाई पर  टिफिन टॉप नाम की जगह है जहाँ पर घोड़े खच्चर की सहायता से पगडंडियों के रास्ते से जंगली परिवेश का मजा लेते हुए  गये। ये ऊपर पहाड़ी पर स्थित एक खुला हरियाली का परिवेश है। जहाँ की सुंदरता वाकई में काबिलेतारीफ है।
शाम होने वाली थी । वहां से हम लोग वापस अपने कमरे पर आ गए थे। कमरे पर आने के बाद हम लोग भोजन करके सो गए।
सुबह हुई ,हम लोग तैयार हुये और नास्ता करने के बाद
हम लोग खुरपाताल गए। यह नैनीताल क्षेत्र में स्थित झीलों और तालो में सबसे छोटा ताल हैं । ऊपर से देखने पर इसका आकार बैल के खुर जैसा दिखता हैं, इसलिए इसे खुरपा ताल के नाम से जाना जाता हैं ।
यहाँ का रास्ता बहुत ही घुमावदार था।
मौसम बहुत अच्छा हो रहा था। हम लोग वहाँ से होकर दूसरी तरफ बढ़ रहे थे। तभी बहुत तेज बारिश होने लगी।
मेरी कार की स्पीड बहुत ही कम थी ।
पूरे रास्ते पर धुंध सा छाया था।
तभी अचानक मुझे मेरे कार के सामने एक सफ़ेद साड़ी में उलझे बालो वाली युवती दिखाई पड़ी।
वह बीच रास्ते में खड़ी होके हाथ हिला रही थी।
उसके आस पास  कोई भी दिखाई नही दे रहा था। उसको देख के हम लोग भयभीत हो गए थे। वो युवती मेरे कार के पास आई और कुछ बोली ।
मेरे कार का शीशा बंद था इसलिए आवाज बिलकुल नही सुनाई दी।
पर मुझे ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वह मदद मांग रही थी।
मेरी पत्नी भी बहुत डरी हुई थी। वह दरवाजा खोलने से  मना कर रही थी। पर युवती के बार बार बोलने से मैंने बहुत ही डर से दरवाजा खोला।
तब युवती ने मुझसे मदद मांगी। वह हाथ जोड़ कर बोली कि पास के खाई में मेरी कार गिर गई है ,उसमें मेरी बच्ची है। उसको बचा लो। मै कार से नीचे उतरा और उसके साथ उसके  कार के पास गया तो मुझे दिखा कि कार में एक छोटी सी बच्ची किसी मरी औरत के गोद में रो रही थी। और उसके बाद जो देखा मेरे रोम रोम खड़े हो गए।
मैंने देखा कि आगे के चालक के सीट पर एक युवक मरा हुआ पड़ा था और उसके बगल वाली सीट पर एक युवती।जिसके गोद में वह नन्ही से बच्ची रो रही थी।और वह औरत और कोई नही बल्कि वही थी जिसने उससे मदद मांगी थी। 
मैं उस बच्ची को अपने कार के पास ले आया । तब पत्नी ने पूछा - कौन थी वह औरत? 
तब मेरे मुंह से सिर्फ एक बात निकली।
माँ, 
माँ थी वह।
जो मरने के बाद भी अपने बच्ची की फ़िक्र कर रही थी।

__________________________________________


                           Written by- अभिनव कुमार त्रिपाठी

COMMENTS

Leave a Reply

You may also like this -

Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका