अपनी तकनीकों का दम्भ भरने वालो, मत भूलो कि कभी हम भी आर्यभट्ट हुआ करते थे । मैं बीमार हूँ यह कहकर परिहास करने वालो, मत भूलो कि कभी हम भी चरक हुआ करते थे ।
देशप्रेमी
मेरे वतन का तन मैं हूँमेरे वतन का मन मैं हूँ
मेरे वतन का धन मैं हूँ
मेरे वतन का जन-जन में हूँ
मेरे वतन की हर संवेदना मेरी है
मेरे वतन की हर पीड़ा मेरी है
खून के आँसुओं से मुझे इतना रुलाने वालो,
मत भूलो कि कभी हम भी हँसा करते थे ।
बात बात पर मुझे इतना तरसाने वालो,
मत भूलो कि कभी हम भी हर जिद मनवाया करते थे ।
जाकर पूछ लेना मेरे बचपन से किसी दिन,
कि कभी हम भी लाड़ले हुआ करते थे ।
मेरे ज़ख्मों को यूँ तिल-तिल कुरेदने वालो,
मत भूलो कि कभी हम भी कोहनूर हुआ करते थे ।
बंद मुठ्ठी से मुझे रेत-रेत गिराने वालो,
मत भूलो कि कभी हम भी प्राचीर हुआ करते थे ।
अपनी तकनीकों का दम्भ भरने वालो,
मत भूलो कि कभी हम भी आर्यभट्ट हुआ करते थे ।
मैं बीमार हूँ यह कहकर परिहास करने वालो,
मत भूलो कि कभी हम भी चरक हुआ करते थे ।
मेरे वतन की शांति-सहिष्णुता पर प्रश्नचिन्ह लगानेवालो,
मत भूलो कि कभी हम भी विदेशियों का इतिहास हुआ करते थे ।
चंद शब्दों की लकीरों से साहित्यकार कहलाने वालो,
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डॉ. शुभ्रता मिश्रा |
हर नीति-व्यवस्था से असंतोष जताने वालो,
मत भूलो कि कभी हम भी कौटिल्य हुआ करते थे ।
हमारी गरीबी को देख वतन को सस्ता बताने वालो,
मत भूलो कि लोग कभी हमें "सोने की चिड़िया" कहते थे ।
हर बात समय-समय की होती है,
तुला कब संतुलित रह पाती है,
भारी पलड़े पर बैठे राष्ट्र का अपमान करने वालो,
मत भूलो कि देशप्रेमी ही राष्ट्र का उत्थान किया करते हैं ।
मत भूलो कि देशप्रेमी ही राष्ट्र का गुणगान किया करते हैं ।
मत भूलो कि देशप्रेमी ही राष्ट्र का सम्मान किया करते हैं ।
मत भूलो कि देशप्रेमी ही राष्ट्र का कल्याण किया करते हैं ।
मत भूलो कि देशप्रेमी ही राष्ट्र पर बलिदान हुआ करते हैं ।
डॉ. शुभ्रता मिश्रा वर्तमान में गोवा में हिन्दी के क्षेत्र में सक्रिय लेखन कार्य कर रही हैं । उनकी पुस्तक "भारतीय अंटार्कटिक संभारतंत्र" को राजभाषा विभाग के "राजीव गाँधी ज्ञान-विज्ञान मौलिक पुस्तक लेखन पुरस्कार-2012" से सम्मानित किया गया है । उनकी पुस्तक "धारा 370 मुक्त कश्मीर यथार्थ से स्वप्न की ओर" देश के प्रतिष्ठित वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली से प्रकाशित हुई है । इसके अलावा जे एम डी पब्लिकेशन (दिल्ली) द्वारा प्रकाशक एवं संपादक राघवेन्द्र ठाकुर के संपादन में प्रकाशनाधीन महिला रचनाकारों की महत्वपूर्ण पुस्तक "भारत की प्रतिभाशाली कवयित्रियाँ" और काव्य संग्रह "प्रेम काव्य सागर" में भी डॉ. शुभ्रता की कविताओं को शामिल किया गया है । मध्यप्रदेश हिन्दी प्रचार प्रसार परिषद् और जे एम डी पब्लिकेशन (दिल्ली) द्वारा संयुक्तरुप से डॉ. शुभ्रता मिश्रा के साहित्यिक योगदान के लिए उनको नारी गौरव सम्मान प्रदान किया गया है।संपर्क सूत्र - डॉ. शुभ्रता मिश्रा ,स्वतंत्र लेखिका, वास्को-द-गामा, गोवा, मोबाइलः :08975245042,
ईमेलः shubhrataravi@gmail.com
जवाब देंहटाएंशुभ्र्ता जी की सुन्दर देशप्रेम भरी रचना प्रस्तुति हेतु आभार!
bahut badhiya,
जवाब देंहटाएंbharat mata ki jay