प्रथम जागरण साहित्य सृजन और कृति सम्मान में उत्कृष्ट हिंदी लेखन का गौरवपूर्ण सम्मान सम्मान साहित्य जगत के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इसके माध्यम से जा
प्रथम जागरण साहित्य सृजन और कृति सम्मान में उत्कृष्ट हिंदी लेखन का गौरवपूर्ण सम्मान
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर, 2025, दैनिक जागरण ने अपने पूर्व प्रधान संपादक श्री नरेंद्र मोहन की स्मृति में पहली बार ‘जागरण साहित्य सृजन सम्मान’ का भव्य आयोजन किया। हिंदी साहित्य में उत्कृष्ट योगदान को पहचान देने और उसे प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आरंभ की गई यह पहल, दैनिक जागरण की ‘हिंदी हैं हम’ अभियान के अंतर्गत नई दिल्ली में संपन्न हुई।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने प्रख्यात लेखक श्री महेंद्र मधुकर को ‘जागरण साहित्य सृजन सम्मान’ तथा नौ अन्य साहित्यकारों को ‘जागरण कृति सम्मान’ से सम्मानित किया।
इस समारोह में वर्ष 2024 में प्रकाशित विशिष्ट हिन्दी साहित्यिक कृतियों को विभिन्न श्रेणियों में सम्मानित किया गया।मुख्य सम्मान ‘जागरण साहित्य सृजन सम्मान’ उत्कृष्ट और मौलिक हिन्दी साहित्य के लिए प्रदान किया गया, जिसके अंतर्गत ₹11,00,000 की पुरस्कार राशि दी गई। इसके अतिरिक्त, ‘दैनिक जागरण कृति सम्मान’ के तहत तीन श्रेणियों — ‘हिंदी बेस्टसेलर’, ‘उत्तम में सर्वोत्तम’ और ‘नवांकुर’ — में कुल चार वर्गों के अंतर्गत 9 रचनाकारों को सम्मानित किया गया। प्रत्येक विजेता को ₹50,000 की राशि प्रदान की गई।
दैनिक जागरण कृति सम्मान प्राप्त करने वालों में प्रमुख नाम रहे— इतिहासकार विक्रम संपत, अभिनेता-संगीतकार-लेखक पियूष मिश्रा, कवि शकील आज़मी, लेखक डॉ. ओमेंद्र रत्नू, नवोदित लेखक अतुल कुमार राय और लेखक अक्षत गुप्ता ।इन सभी लेखकों का चयन मौलिकता, साहित्यिक गुणवत्ता, पठनीयता और विषय की प्रासंगिकता जैसे मापदंडों के आधार पर किया गया।‘जागरण साहित्य सृजन सम्मान’ के निर्णायक मंडल में हिन्दी साहित्य और कला जगत की प्रतिष्ठित हस्तियाँ शामिल थीं — केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) के अध्यक्ष श्री प्रसून जोशी, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी, और सुप्रसिद्ध लेखक-कवि शरण कुमार लिंबाले।वहीं ‘जागरण कृति सम्मान’ के लिए निर्णायक मंडल में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा की कुलपति प्रो. कुमुद शर्मा, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) की डॉ. कौशल पंवार, तथा राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD) के निदेशक श्री चित्तरणजन त्रिपाठी शामिल थे।
‘जागरण साहित्य सृजन सम्मान’ के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सम्मानित लेखक श्री महेंद्र मधुकर ने कहा,“यह सम्मान साहित्य जगत के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इसके माध्यम से जागरण उन आवाज़ों और दिशाओं तक पहुँचा है, जिन्हें अब तक पर्याप्त पहचान नहीं मिली थी।” अपनी लेखन यात्रा को याद करते हुए उन्होंने बताया कि उन्होंने आठ वर्ष की आयु में कविताएँ लिखना शुरू किया और आगे चलकर पुराण-आधारित उपन्यासों की ओर अग्रसर हुए। अब तक वे 18 से अधिक उपन्यास लिख चुके हैं। उनका उपनाम ‘मधुकर’ स्वयं रामधारी सिंह ‘दिनकर’ ने दिया था। उनके उपन्यास ‘वक्रतुण्ड’ की प्रेरणा भारतीय परंपरा और आध्यात्मिकता की गहरी सांस्कृतिक जड़ों से मिली है — वे तत्व जो आज के साहित्य में अब भी कम खोजे गए हैं।
निर्णायक मंडल के अध्यक्ष श्री प्रसून जोशी ने ‘जागरण साहित्य सृजन सम्मान’ की चयन प्रक्रिया पर विचार साझा करते हुए कहा कि,“हमें गर्व है कि इस सम्मान के माध्यम से हम एक ऐसी उत्कृष्ट कृति को सामने ला पाए हैं, जो हमारे मौलिक स्वर और पहचान को अभिव्यक्त करती है। आज जब परंपराओं के भंजन को ही रचनात्मकता माना जाने लगा है, ऐसे समय में अपनी भाषा में रची सृजनशीलता और मूल चिंतन को सम्मान देना हमारी सांस्कृतिक जिम्मेदारी है।”
इस अवसर पर दैनिक जागरण के ब्रांड एवं स्ट्रेटिजी विभाग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री बसंत राठौड़ ने कहा कि यह पहल केवल आर्थिक पुरस्कार तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य हिन्दी साहित्य की उल्लेखनीय रचनाओं को बढ़ावा देने की दिशा में एक सार्थक प्रयास है।हिंदी केवल एक भाषा नहीं है — यह हमारे राष्ट्र की धड़कन है। दैनिक जागरण कृति सम्मान के माध्यम से हमारा उद्देश्य हिंदी साहित्य के उन स्वरों को सम्मानित करना है, जिनकी असाधारण रचनाएँ पाठकों के हृदय तक पहुँच बनाती हैं और लेखकों की नई पीढ़ी को प्रेरित करती हैं।
यह पुरस्कार श्री नरेंद्र मोहन की स्मृति में दिया गया, जिन्होंने 37 वर्षों तक दैनिक जागरण के प्रधान संपादक रहते हुए पत्रकारिता के उच्च मानक स्थापित किए। आपातकाल में सेंसरशिप के विरोध में खाली संपादकीय छापने का उनका साहस स्वतंत्र प्रेस की मिसाल बना। उनका स्तंभ ‘विचार प्रवाह’ और भारतीय चिंतन पर लेखन उनकी वैचारिक प्रतिबद्धता का प्रतीक था। वे राज्यसभा सदस्य और कई संसदीय समितियों के सक्रिय सदस्य भी रहे।
यह समारोह ‘हिंदी हैं हम’ अभियान के तहत दैनिक जागरण की हिन्दी साहित्य के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस पहल के माध्यम से कथा, गद्य, कविता और अनुवाद जैसे विभिन्न विधाओं में तिमाही बेस्टसेलर सूचियों को व्यवस्थित रूप से विकसित किया गया है, जो हिन्दी साहित्यिक उपलब्धियों को लगातार मान्यता देते हैं और गुणवत्तापूर्ण हिन्दी लेखन को बढ़ावा देने का कार्य करते हैं।
पुरस्कार विजेता
जागरण साहित्य सृजन सम्मान- नरेन्द्र मोहन जी की स्मृति में।
सम्मानित लेखक- श्री महेन्द्र मधुकर
कृति- वक्रतुण्ड
विधा- उपन्यास
प्रकाशक राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली
जागरण कृति सम्मान
जागरण हिंदी बेस्टसेलर- नवांकुर (किसी भी लेखक की प्रथम कृति पर दिया जानेवाला पुरस्कार)
चांदपुर की चंदा
अतुल कुमार राय
हिंद युग्म, दिल्ली
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दैनिक जागरण हिंदी बेस्टसेलर
कथा
यूपीएससी वाला लव, कलेक्टर साहिबा
लेखक- कैलाश मांजू विश्नोई
मंजुल प्रकाशन, भोपाल
कथेतर
महाराणा- सहस्त्र वर्षों का धर्मयुद्ध
डा ओमेन्द्र रत्नू
प्रभात प्रकाशन , नई दिल्ली
अनुवाद
द हिडन हिंदू भाग 1
अक्षत गुप्ता
प्रभात प्रकाशन, नई दिल्ली
कविता
चाय सी मोहब्बत
परितोष त्रिपाठी
हिंद युग्म, नई दिल्ली
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जागरण हिंदी बेस्टसेलर
उत्तम में सर्वोत्तम
कथा
तुम्हारी औकात क्या है
पीयूष मिश्रा
राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली
कथेतर
भारतवर्ष के आक्रांताओं की कलंक कथाएं
मेजर (डा) परशुराम गुप्त
प्रभात प्रकाशन, नई दिल्ली
कविता
बनवास
शकील आजमी
मंजुल प्रकाशन, भोपाल
अनुवाद
सावरकर एक भूली बिसरी अतीत की गूंज 1883-1924
विक्रम संपत
पेग्विन, नई दिल्ली
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- संतोष कुमार
M -9990937676

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