स्त्री को समझे बगैर ईश्वर समझे नहीं जा सकते

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स्त्री ईश्वर की स्थिर रचना, स्त्री रहस्यमयी होती स्त्री को समझे बगैर ईश्वर समझे नहीं जा सकते स्त्री ईश्वर की पूर्ण रचना है संपूर्णता लेकर आती!

स्त्री को समझे बगैर ईश्वर समझे नहीं जा सकते


स्त्री ईश्वर की स्थिर रचना, स्त्री रहस्यमयी होती 
स्त्री को समझे बगैर ईश्वर समझे नहीं जा सकते 
स्त्री ईश्वर की पूर्ण रचना है संपूर्णता लेकर आती!
 
स्त्री सेल के तेईस जोड़े गुणसूत्र में समानता होती 
पुरुष के बाईस जोड़े गुणसूत्र समान दो विषम होते 
स्त्री माँ पिता से तेईस-तेईस समान गुणसूत्र पाती! 

स्त्री माता के गर्भ से संपूर्ण अविकल देह लेके आती 
स्त्री गर्भ से प्राप्त काया में कुछ नहीं जोड़ती घटाती 
पुरुष जन्मतः स्त्रैण है दाढ़ी मूँछ बाद में उग आती! 

स्त्री को समझे बगैर ईश्वर समझे नहीं जा सकते
नारी ईश्वर की स्थिर कृति प्राकृतिक शांत चित्त वृत्ति 
ईश्वर अवतार राम कृष्ण बुद्ध जिनेन्द्र स्त्रैण आकृति 
स्त्री स्वभाव से आक्रामक हिंस्र बलात्कारी नहीं होती! 

स्त्री प्रेम करती मगर प्रेमी से प्रेम निवेदन नहीं करती 
स्त्री की प्रकृति नकारात्मक में सकारात्मकता दिखाती 
स्त्री अपने आप में संतुष्ट होती वो विक्षुब्ध नहीं होती!

स्त्री प्यार में हमेशा नहीं कहती मगर तात्पर्य हाँ होता 
स्त्री आजन्म प्रतीक्षा कर सकती पर पुरुष बेचैन रहता 
स्त्री वेश्या विधवा हो रहती,पुरुष वेश्या विधुर ना रहता! 

स्त्री की रचना कोमल सुडौल पर पुरुष बेडौल आक्रामक 
स्त्री का जन्म दर कम मगर पुरुष का मृत्यु दर अधिक 
स्त्री में प्रजनन ऊर्जा बल प्रबल मगर पुरुष होते निर्बल! 

स्त्रीशक्ति ‘या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरुपेण संस्थिता’ होती
स्त्री से ही दया ममता करुणा अहिंसा मानव जाति पाती 
स्त्री के कारण परमात्मा आत्मा को प्रदान करते आकृति! 

यदि ईश्वर होंगे कोई तो सृष्टि के खातिर बने स्त्री योनि 
बगैर साँचा निर्माण किए कोई मूर्ति गढ़ी नहीं जा सकती 
सृष्टि हेतु ईश्वर पहले बने स्त्री,फिर बीज बने हों खुद ही!

पुरुष की न्यूनता है कि विवाहिता स्त्री होती उम्र में छोटी 
स्त्री में मातृत्व की पराकाष्ठा होती,स्त्री सबकी माता जैसी 
स्त्री देह से पुरुष जन्मता,स्त्री पति को पुत्र रुप में जनती!

स्त्री स्वाभाविक रूप से बलवती होती, जिसे दबानी होती 
स्त्री अपने स्वभाव में रहती तो किसी से कभी ना दबती 
स्त्री बचपन पिता यौवन पति वार्धक्य पुत्र अधीन रहती! 

मनुस्मृति में लाख प्रक्षेपण हो पर ये आचरण की कसौटी 
मनुस्मृति की नीति पर चलके मानवता बचाई जा सकती 
मनुस्मृति में पिता मनु की हिदायतों से बचेगी रोटी बेटी!


- विनय कुमार विनायक

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