हिंदी दिवस पर संक्षिप्त भाषण हिंदी में Hindi Diwas Speech for Students

SHARE:

हिंदी दिवस पर संक्षिप्त भाषण हिंदी में Hindi Diwas Speech for Students माननीय प्रधानाचार्य जी, सभी शिक्षकगण और मेरे प्यारे सहपाठियों,आप सभी को मेरा

हिंदी दिवस पर संक्षिप्त भाषण हिंदी में Hindi Diwas Speech for Students



माननीय प्रधानाचार्य जी, सभी शिक्षकगण और मेरे प्यारे सहपाठियों,
आप सभी को मेरा नमस्कार। आज हम सभी यहाँ एक बहुत ही विशेष अवसर, 'हिन्दी दिवस' के उपलक्ष्य में एकत्रित हुए हैं। इस पावन अवसर पर मुझे आप सभी के सामने कुछ शब्द रखने का अवसर प्राप्त हुआ है, इसके लिए मैं आपका आभारी हूँ।

चौदह सितंबर का दिन हमारे लिए और हमारे राष्ट्र के लिए एक ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण दिन है। सन् 1949 में इसी दिन भारत की संविधान सभा ने हिन्दी भाषा को भारत संघ की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था। इस निर्णय के महत्व को समझाने और हिन्दी के प्रति जनजागृति लाने के उद्देश्य से सन् 1953 से पूरे भारत में प्रतिवर्ष इस दिन को 'हिन्दी दिवस' के रूप में मनाया जाने लगा। यह दिवस कोई उत्सव मात्र नहीं है, बल्कि यह हमारी राष्ट्रीय अस्मिता, सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक एकता के प्रतीक हमारी मातृभाषा के प्रति सम्मान, चिंतन और संकल्प का दिन है।

हिंदी दिवस पर संक्षिप्त भाषण हिंदी में Hindi Diwas Speech for Students
हिन्दी केवल एक भाषा नहीं है; यह हमारे अस्तित्व की पहचान है। यह वह स्नेहिल सूत्र है जो देश के कोने-कोने में बसे करोड़ों लोगों की भावनाओं को जोड़ती है। यह वह माध्यम है जिसने हमारे स्वतंत्रता संग्राम की अग्नि को प्रज्वलित किया, जिसने देशभक्ति के गीत गाए और जिसने एक नए राष्ट्र के निर्माण का स्वप्न देखा। हिन्दी की सरलता, सहजता और समृद्धि इसे विश्व की सबसे सशक्त भाषाओं में से एक बनाती है। यह गर्व की बात है कि आज विश्व के कोने-कोने में हिन्दी बोली, पढ़ी और समझी जाती है और इसके प्रति लोगों का आकर्षण निरंतर बढ़ रहा है।

किंतु, इस गौरव के साथ एक चिंता भी जुड़ी हुई है। आज का युग वैश्वीकरण का युग है, जहाँ पाश्चात्य संस्कृति और अंग्रेजी भाषा का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में हम अपनी इस अमूल्य धरोहर को उपेक्षा की दृष्टि से देखने लगे हैं। आज अनेक युवाओं के मन में यह भ्रांति घर कर गई है कि अंग्रेजी बोलना ही प्रगति और आधुनिकता की पहचान है, जबकि हिन्दी का प्रयोग एक साधारण और पिछड़ेपन का प्रतीक है। यह सोच अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। किसी भी भाषा को सीखना एक गुण है, परंतु अपनी मातृभाषा से विमुख होना एक अवगुण है। हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि जिस पेड़ की जड़ें मजबूत नहीं होती, वह कभी ऊँचा नहीं उठ सकता। हिन्दी हमारी जड़ है, हमारी नींव है।

अतः, हिन्दी दिवस का वास्तविक उद्देश्य केवल एक दिन का समारोह नहीं है। इसका उद्देश्य है कि हम इस दिन अपने दैनिक जीवन में हिन्दी के महत्व को याद करें और इसे आत्मसात करें। हमें गर्व होना चाहिए कि हम उस देश के नागरिक हैं जहाँ की भाषा इतनी समृद्ध और वैज्ञानिक है। हमें प्रण लेना चाहिए कि हम हिन्दी का अधिक से अधिक प्रयोग करेंगे, चाहे वह बोलचाल हो, व्यवसाय हो या फिर तकनीक का क्षेत्र। हमें अपने बच्चों को हिन्दी की विरासत सौंपनी चाहिए और उन्हें इसके गौरव से अवगत कराना चाहिए।

आइए, आज के इस पावन दिवस पर हम सभी यह संकल्प लें कि हम हिन्दी को केवल एक रीति रिवाज तक सीमित न रखें, बल्कि इसे अपने जीवन, अपने विचारों और अपने कर्मों में उतारेंगे। हम अपनी इस राष्ट्रभाषा के गौरव को सदैव बनाए रखेंगे और इसे विश्व पटल पर और ऊँचाइयों तक ले जाने में अपना योगदान देंगे।

जय हिन्द! जय हिन्दी !

धन्यवाद।

विडियो के रूप मे देखिये -



COMMENTS

Leave a Reply

You may also like this -

Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका