विजयादशमी दशहरा पर भाषण हिंदी Dussehra Speech In Hindi नमस्ते, आदरणीय अतिथिगण, गुरुजन, और मेरे प्यारे मित्रों, आज हम सभी यहाँ एकत्रित हुए हैं एक ऐस
विजयादशमी दशहरा पर भाषण हिंदी Dussehra Speech In Hindi
नमस्ते, आदरणीय अतिथिगण, गुरुजन, और मेरे प्यारे मित्रों,
आज हम सभी यहाँ एकत्रित हुए हैं एक ऐसे पर्व को मनाने के लिए, जो न केवल हमारी संस्कृति का गौरव है, बल्कि हमारे जीवन में सत्य, धर्म और अच्छाई की जीत का प्रतीक भी है—विजयादशमी, जिसे हम दशहरा के नाम से जानते हैं। यह पर्व हमें उन मूल्यों की याद दिलाता है, जो हमें इंसान बनाते हैं और हमें प्रेरित करते हैं कि हम अपने जीवन में हमेशा सही रास्ते पर चलें।
विजयादशमी का पर्व भारत के हर कोने में उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह वह दिन है जब प्रभु श्रीराम ने रावण का वध कर अधर्म पर धर्म की, असत्य पर सत्य की और बुराई पर अच्छाई की विजय प्राप्त की थी। रामायण की यह कथा केवल एक कहानी नहीं है, बल्कि यह हमारे लिए एक जीवन दर्शन है। यह हमें सिखाती है कि कितनी भी कठिन परिस्थितियाँ क्यों न हों, यदि हम सत्य और धर्म के मार्ग पर चलते हैं, तो अंत में जीत हमारी ही होती है। प्रभु राम का जीवन हमें धैर्य, करुणा, और कर्तव्यनिष्ठा का पाठ पढ़ाता है। उन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में यह दिखाया कि जीवन में चुनौतियों का सामना कैसे करना चाहिए।
दशहरा केवल रावण के पतन का उत्सव नहीं है, बल्कि यह हमारे भीतर की बुराइयों पर विजय पाने का भी प्रतीक है। रावण कोई साधारण व्यक्ति नहीं था; वह विद्वान, शक्तिशाली और एक महान तपस्वी था। लेकिन उसकी अहंकार, लोभ और अधर्म की भावना ने उसे पतन की ओर ले गया। यह हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि हमारे अंदर भी कई बार ऐसी कमियाँ आ सकती हैं—क्रोध, लालच, अहंकार—जो हमें गलत रास्ते पर ले जाती हैं। विजयादशमी हमें प्रेरणा देती है कि हम अपने भीतर के इन रावणों का दहन करें और अपने जीवन को सत्य, प्रेम और करुणा से भर दें।
इस पर्व का उत्साह केवल धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित नहीं है। यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक उत्सव भी है। गलियों में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का दहन, रामलीला का मंचन, मेले, नाच-गाना और मिठाइयों का आदान-प्रदान—यह सब इस पर्व को एक अनूठा रंग देता है। भारत के अलग-अलग हिस्सों में दशहरा अलग-अलग रूपों में मनाया जाता है। कहीं माँ दुर्गा की पूजा के साथ नवरात्रि का समापन होता है, तो कहीं शस्त्र पूजन के साथ शक्ति और साहस का उत्सव मनाया जाता है। यह विविधता ही भारत की सुंदरता है, जो हमें एकता के सूत्र में बांधती है।
विजयादशमी का यह पर्व हमें यह भी सिखाता है कि जीवन में विजय तभी संभव है, जब हम एकजुट हों। प्रभु राम ने अकेले रावण का वध नहीं किया था। उनके साथ थे हनुमान, सुग्रीव, विभीषण और उनकी पूरी सेना। यह हमें बताता है कि समाज में एकता और सहयोग कितना महत्वपूर्ण है। आज के समय में, जब हम कई सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, यह पर्व हमें प्रेरित करता है कि हम सब मिलकर इन समस्याओं का सामना करें और एक बेहतर समाज का निर्माण करें।
आज के दिन हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने जीवन में सत्य, धर्म और अच्छाई को अपनाएंगे। हमें अपने आसपास के लोगों के प्रति प्रेम और करुणा का भाव रखना चाहिए। यह पर्व हमें यह भी याद दिलाता है कि हर बुराई का अंत होता है, और अच्छाई हमेशा जीतती है। तो आइए, हम इस विजयादशमी पर न केवल उत्सव मनाएं, बल्कि अपने जीवन को और बेहतर बनाने का प्रण लें।
अंत में, मैं आप सभी को विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ। आशा करता हूँ कि यह पर्व आपके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाए।
जय श्री राम !
धन्यवाद!
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