पहलगाम आतंकी हमला: कश्मीर की शांति पर कायराना वार

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आतंक की आग में झुलसा पहलगाम निर्दोषों का नरसंहार जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। यह एक ऐ

आतंक की आग में झुलसा पहलगाम निर्दोषों का नरसंहार


म्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। यह एक ऐसा हमला था, जिसने न केवल निर्दोष पर्यटकों की जान ली, बल्कि कश्मीर की खूबसूरत वादियों में बरसों से चली आ रही शांति और आतिथ्य की परंपरा को भी गहरी चोट पहुंचाई। पहलगाम, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, हरे-भरे मैदानों और बर्फ से ढके पहाड़ों के लिए "मिनी स्विट्जरलैंड" के नाम से जाना जाता है, उस दिन खून से लथपथ हो गया। यह घटना न केवल भारत के लिए, बल्कि विश्व समुदाय के लिए भी एक दुखद और चिंताजनक क्षण बन गई, क्योंकि इस हमले में कई निर्दोष लोगों की जान चली गई और दर्जनों घायल हुए।

आतंक की आग में झुलसा पहलगाम निर्दोषों का नरसंहार
पहलगाम का बैसरन इलाका, जहां यह हमला हुआ, पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय है। यह एक ऐसा स्थान है जहां लोग परिवार और दोस्तों के साथ प्रकृति की गोद में समय बिताने आते हैं। घुड़सवारी, पिकनिक और खुली हवा में सुकून भरे पल बिताना यहाँ की खासियत है। उस दिन भी सैकड़ों पर्यटक, जिनमें स्थानीय और विदेशी दोनों शामिल थे, बैसरन की खूबसूरत घाटियों में घूम रहे थे। दोपहर करीब ढाई से तीन बजे के बीच, जब लोग घुड़सवारी का आनंद ले रहे थे या रेस्तरां के आसपास समय बिता रहे थे, अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट ने माहौल को दहशत में बदल दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दो से चार आतंकी, जो सेना या पुलिस की वर्दी में थे, जंगल से निकलकर आए और उन्होंने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। आतंकियों ने पहले पर्यटकों से उनके नाम पूछे और हिंदू पहचान वाले लोगों को चुन-चुनकर निशाना बनाया। कुछ पीड़ितों को कथित तौर पर "कलमा" पढ़ने के लिए कहा गया, और जो ऐसा नहीं कर सके, उन्हें गोली मार दी गई। यह सुनियोजित और क्रूर हमला था, जिसका मकसद न केवल जान-माल का नुकसान करना, बल्कि धार्मिक आधार पर भेदभाव और भय पैदा करना भी था।

हमले में 26 से अधिक लोगों के मारे जाने की खबर है, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। मृतकों में भारत के विभिन्न राज्यों के लोग, कुछ विदेशी पर्यटक, और स्थानीय नागरिक शामिल हैं। दर्जनभर से ज्यादा लोग घायल हुए, जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई गई। घायलों को तुरंत अनंतनाग के सरकारी अस्पताल और श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में भर्ती कराया गया। स्थानीय लोगों ने भी इस संकट की घड़ी में मानवता का परिचय दिया। कई घायलों को स्थानीय निवासियों ने अपने खच्चरों और टट्टुओं पर लादकर अस्पताल पहुंचाया। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि उसने तीन घायलों को बचाया और अस्पताल पहुंचाया, लेकिन इस तरह की घटना पहलगाम में पहले कभी नहीं देखी गई थी। हमले के बाद इलाके में भगदड़ मच गई। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहे थे, और कई परिवार अपने प्रियजनों को ढूंढने के लिए चीख रहे थे। एक महिला ने बताया कि उसके बेटे को गोली लगी, और वह उसे बचाने के लिए बिलख रही थी। इस हमले ने न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक घाव भी दिए, जिन्हें भरने में लंबा वक्त लगेगा।

इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है। खुफिया एजेंसियों के अनुसार, यह हमला पाकिस्तान समर्थित आतंकियों द्वारा सुनियोजित था, और इसके पीछे कश्मीर में अशांति फैलाने और पर्यटन को नुकसान पहुंचाने का मकसद था। कुछ सूत्रों ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर के हालिया भड़काऊ बयानों ने आतंकियों को इस हमले के लिए उकसाया हो सकता है। टीआरएफ ने अपने बयान में कहा कि वे जम्मू-कश्मीर में गैर-स्थानीय लोगों को बसाने के खिलाफ हैं और ऐसे हमले जारी रखेंगे। यह बयान न केवल आतंकी मानसिकता को दर्शाता है, बल्कि कश्मीर में शांति और विकास की कोशिशों पर हमला है।

हमले के तुरंत बाद सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया और आतंकियों की तलाश में व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया। सीआरपीएफ की क्विक रिएक्शन टीम और अन्य सुरक्षा बल मौके पर पहुंचे। पूरे जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तत्काल श्रीनगर का दौरा किया और सुरक्षा एजेंसियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। उन्होंने कहा कि इस जघन्य कृत्य में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें सुरक्षा बलों की कठोर कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो उस समय सऊदी अरब के दौरे पर थे, ने दौरा बीच में छोड़कर भारत लौटने का फैसला किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर इस हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि हमलावरों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इस घटना को अक्षम्य बताया और पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की।

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस हमले को हाल के वर्षों में नागरिकों पर सबसे बड़ा हमला बताया। उन्होंने कहा कि वे इस घटना से स्तब्ध हैं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी हमलावरों को कड़ी सजा देने का आश्वासन दिया। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस हमले को कायराना और दिल दहलाने वाला बताते हुए सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर ने हमेशा पर्यटकों का गर्मजोशी से स्वागत किया है, और इस तरह की घटना इस परंपरा के खिलाफ है। उन्होंने इसकी गहन जांच की मांग की।

इस हमले ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का भी ध्यान खींचा। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, जो उस समय भारत के दौरे पर थे, ने पीड़ितों के प्रति शोक जताया। इजरायल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में इजरायल भारत के साथ है। विश्व मुस्लिम लीग, ईरान, यूएई और अन्य देशों ने भी इस हमले की निंदा की।

पहलगाम का यह हमला कश्मीर में पर्यटन और शांति की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाता है। पिछले कुछ वर्षों में कश्मीर में पर्यटकों की संख्या बढ़ी थी। 2024 में 35 लाख से ज्यादा पर्यटक कश्मीर आए थे, और भारत सरकार इसे स्कीइंग और गर्मियों की छुट्टियों के लिए बढ़ावा दे रही थी। 2023 में श्रीनगर में जी20 पर्यटन बैठक हुई थी, जिसे शांति की वापसी का प्रतीक बताया गया था। लेकिन इस हमले ने इन कोशिशों को झटका दिया है। हमले के बाद कई पर्यटकों में डर का माहौल है, और कुछ ने कश्मीर छोड़ने का फैसला किया। स्थानीय व्यापारियों और चैंबर ऑफ कॉमर्स ने इस घटना के खिलाफ बंद का आह्वान किया।

यह हमला एक बार फिर याद दिलाता है कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। यह न केवल जान-माल का नुकसान करता है, बल्कि लोगों के दिलों में डर और नफरत बोता है। कश्मीर, जो अपनी खूबसूरती और मेहमाननवाजी के लिए जाना जाता है, इस तरह की हिंसा का हकदार नहीं है। सरकार और सुरक्षा बलों को इस हमले के दोषियों को जल्द से जल्द पकड़कर कड़ी सजा देनी होगी। साथ ही, कश्मीर में पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। यह समय एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ने और कश्मीर की शांति को बहाल करने का है, ताकि यह स्वर्ग फिर से बिना डर के सबके लिए खुल सके।

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