मजदूर दिवस पर भाषण | Labour Day Speech in Hindi

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Labour Day Speech in Hindi Speech on Labour Day for Students and Children मजदूर दिवस पर भाषण मजदूर समाज की रीढ़ की हड्डी हैं। वे दिन-रात मेहनत करके ह

मजदूर दिवस पर भाषण


भी आदरणीय अतिथिगण, शिक्षकगण, और मेरे प्यारे साथियों, 
आज हम सभी यहां एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिवस, मजदूर दिवस यानी अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस को मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। यह दिन दुनिया भर के मेहनतकश श्रमिकों और कामगारों के समर्पण, संघर्ष और अधिकारों को समर्पित है। इस अवसर पर मैं आप सभी के सामने मजदूरों के योगदान और उनके महत्व पर कुछ शब्द रखना चाहता हूँ।  

मजदूर दिवस पर भाषण
मजदूर समाज की रीढ़ की हड्डी हैं। वे दिन-रात मेहनत करके हमारे जीवन को सुगम और सुखद बनाते हैं। चाहे वह किसान हो जो हमारे लिए अन्न उगाता है, मजदूर हो जो ईंट-गारे से हमारे घर और इमारतें बनाता है, फैक्ट्री का कर्मचारी हो जो हमारे उपयोग की वस्तुओं का निर्माण करता है, या सफाई कर्मचारी हो जो हमारे आसपास की स्वच्छता बनाए रखता है—हर कोई अपने-अपने तरीके से समाज के विकास में योगदान दे रहा है।  

लेकिन क्या हम कभी इन मजदूरों के संघर्ष के बारे में सोचते हैं? अक्सर इन्हें उचित मजदूरी नहीं मिलती, काम के लंबे घंटे और कठिन परिस्थितियों में काम करना पड़ता है, और कई बार उनके मूलभूत अधिकारों तक का हनन होता है। मजदूर दिवस का इतिहास भी ऐसे ही संघर्षों से जुड़ा है। 1 मई, 1886 को अमेरिका के शिकागो शहर में मजदूरों ने काम के घंटे 8 से ज्यादा न रखने की मांग को लेकर हड़ताल की थी। इस हड़ताल के दौरान कई मजदूरों ने अपनी जान गंवाई, लेकिन उनके बलिदान के बाद ही आज दुनिया भर में कामगारों के लिए बेहतर नियम बन पाए।  

भारत में भी मजदूर आंदोलनों का एक लंबा इतिहास रहा है। महात्मा गांधी जी ने कहा था कि "किसी देश की तरक्की का अंदाजा वहां के मजदूरों की हालत से लगाया जा सकता है।" आज भी हमारे देश में मजदूरों को उनके हक दिलाने के लिए कानून बने हुए हैं, जैसे न्यूनतम मजदूरी कानून, कार्यस्थल पर सुरक्षा के नियम, और महिला श्रमिकों के अधिकार। लेकिन सिर्फ कानून बना देने से काम नहीं चलता, हम सभी को इन्हें लागू करने और मजदूरों के प्रति संवेदनशील होने की जरूरत है।  

आज के इस दिन हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम मजदूरों के सम्मान और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक रहेंगे। उनके काम की कद्र करेंगे और उन्हें उचित सम्मान देंगे। चाहे वह हमारे घर में काम करने वाला कोई व्यक्ति हो, सड़क पर सफाई करने वाला कर्मचारी हो, या किसी फैक्ट्री में पसीना बहाने वाला मजदूर—हर किसी को इंसानियत और समानता का हक है।  

अंत में, मैं सभी मजदूर भाइयों और बहनों के अथक परिश्रम और संघर्ष को नमन करता हूँ और आशा करता हूँ कि एक दिन ऐसा आएगा जब उन्हें उनका पूरा हक और सम्मान मिलेगा। आइए, हम सभी मिलकर एक न्यायपूर्ण और समानता वाले समाज का निर्माण करें।  

जय हिन्द, जय मजदूर!

धन्यवाद।


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