बचपन के दिन बड़े अनोखे और आनंदमय होते हैं

SHARE:

बचपन के दिन बड़े अनोखे और आनंदमय होते हैं बचपन, जीवन का वह सुनहरा काल है जब हर पल एक नया अनुभव होता है। यह वह समय होता है जब हम बिना किसी चिंता के, बि

बचपन के दिन बड़े अनोखे और आनंदमय होते हैं


चपन, जीवन का वह सुनहरा काल है जब हर पल एक नया अनुभव होता है। यह वह समय होता है जब हम बिना किसी चिंता के, बिना किसी बोझ के, खुलकर जीते हैं। बचपन के दिनों में हमारी दुनिया सीमित होती है, फिर भी वह दुनिया हमारे लिए बहुत बड़ी और रोमांचक होती है।

हमारे बचपन के दिनों में खेलना, कूदना, दोस्तों के साथ मस्ती करना, कहानियां सुनना, किताबें पढ़ना और तरह-तरह की कल्पनाएं करना हमारा सबसे बड़ा शौक होता है। हमारी दुनिया में कोई फर्क नहीं होता है कि हम अमीर हैं या गरीब, शहर में रहते हैं या गांव में। हर बच्चा अपनी दुनिया में एक राजा या रानी होता है।

मनुष्य का जीवन मुख्यतया तीन अवस्थाओं से गुज़रते हुए व्यतीत होता है। पहली अवस्था बचपन (बाल्यावस्था) है, दूसरी युवावस्था तथा तीसरी अवस्था वृद्धावस्था होती है। यदि हम किसी भी व्यक्ति से यह पूछें कि उसे अपने जीवन की सबसे अच्छी अवस्था कौन सी लगती है तो निःसन्देह उसका उत्तर यही होगा कि बाल्यावस्था अथवा बचपन ही उसके जीवन का सबसे स्मरणीय समय है। फिर चाहें तो हम स्वयं से भी प्रश्न करके देखें कि हमें अपने जीवन के सबसे अच्छे दिन कौन से लगते हैं तो हम भी अपने बचपन को ही प्राथमिकता देंगे।
 
बचपन के दिन बड़े अनोखे और आनन्दमय होते हैं। वह उम्र ही ऐसी होती है कि हमें किसी बात की न तो परवाह होती है और न ही किसी चीज़ की चिन्ता। आज तक मेरे हृदय पर बचपन की मधुर स्मृतियों की गहरी छाप अंकित है। उन मीठी यादों में डूबकर मेरा मन एक अनोखी खुशी से भर जाता है और फिर कह उठता है - 
 
बार-बार आती है मुझको, 
मधुर याद बचपन तेरी, गया, ले गया तू जीवन की, 
सबसे मस्त खुशी मेरी,  - सुभद्रा कुमारी चौहान 

बचपन के दिनों में हमारी जिंदगी बहुत खूबसूरत होती है। यह वह समय होता है जब हम सबसे ज्यादा खुश होते हैं। यह वह समय होता है जब हम सबसे ज्यादा स्वतंत्र होते हैं। यह वह समय होता है जब हम सबसे ज्यादा सीखते हैं।बचपन के दिनों को हम कभी नहीं भूल सकते। ये दिन हमारी जिंदगी की सबसे कीमती यादें हैं। ये दिन हमें हमेशा खुश रखते हैं। ये दिन हमें हमेशा प्रेरित करते हैं।बचपन के दिनों में हमने जो कुछ भी सीखा, वह हमारी जिंदगी भर हमारे काम आता है। बचपन के दिनों में हमने जो कुछ भी अनुभव किया, वह हमें मजबूत बनाता है। बचपन के दिनों में हमने जो कुछ भी सीखा, वह हमें सफल बनाता है।

बचपन के दिन बड़े अनोखे और आनंदमय होते हैं
बचपन के दिनों को दोबारा नहीं लाया जा सकता है, लेकिन हम अपनी यादों में इन दिनों को हमेशा के लिए जिंदा रख सकते हैं। हम अपने बच्चों को भी एक खुशहाल बचपन दे सकते हैं। हम अपने बच्चों को भी वह सब कुछ दे सकते हैं जो हम अपने बचपन में चाहते थे।मैंने अपना बचपन कश्मीर की वादियों में बिताया। हमारे परिवार के लोग वहीं पर अपना व्यापार चलाते थे। मेरे पिता का फूलों तथा सजावट का कारोबार था और बड़े भाई हाउसबोट तथा शिकारे किराए पर चलाया करते थे। मैं और मेरी अम्मी (माँ) दिनभर घर में रहकर हर तरह की मौज-मस्ती किया करते थे। पिता और बड़े भइया मुझे बहुत प्यार किया करते थे। शाम को घर वापस आने पर वह अक्सर मुझे घुमाने ले जाया करते थे। शिकारे पर बैठकर डल झील की सैर करना मुझे बहुत भाता था। चारों ओर पानी ही पानी और बीच में तैरती हुई नाव मुझे आश्चर्य में भर देती थी। घर लौटते समय हम कुछ न कुछ खाने की चीजें जरूर साथ ले कर जाते। मुझे याद है कि पिता जी मेरी हर इच्छा पूरी कर देते थे। 

मेरे जन्मदिन पर घर में बड़ी चहल-पहल रहती थी। दो-तीन दिन पहले से ही अम्मी की खरीददारी शुरू हो जाती। मेरे लिए सुन्दर से कपड़े सिलवाए जाते और अम्मी उन पर स्वयं क़सीदाकारी कर दिया करती थी। घर को मेरी पसन्द की चीज़ों से सजा दिया जाता। आस-पास के सारे बच्चों को मैं कई दिन पहले से बुलाना शुरू कर देती थी। और मेरे जन्मदिन पर अम्मी सभी बच्चों को अच्छी-सी दावत दिया करती थी। 

चार साल पूरे होने पर मेरा दाखिला पास ही के एक स्कूल में करवा दिया गया था। अपनी नयी पोशाक और किताबों को लेकर मैं कितनी उत्साहित हुई थी, यह मुझे अब भी याद है। स्कूल से लौटने पर माँ मुझसे मेरे दिन भर का हाल पूछती और फिर मुझे और ज़्यादा प्यार मिलता। वह अपने हाथों से मुझे खाना खिलाती, रात को मुझे कहानी सुनाया करती थी और मेरी हर छोटी-बड़ी बात पर वह कितनी खुश होती थी, यह बात याद करके मुझे अब हैरानी होती है।
 
आज मैं बड़ी हो गयी हूँ। पढ़-लिख कर देश के एक महानगर में एक बैंक के बड़े पद पर कार्यरत हूँ। बचपन कहीं पीछे छूट गया है, पर आज भी वह याद आता है, और तब मुँह से अपने-आप ये शब्द निकल पड़ते हैं- काश! वे दिन फिर लौट आते!" 

COMMENTS

Leave a Reply

You may also like this -

Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका