जिसके पास बुद्धि है उसके पास बल है पर हिंदी कहानी लेखन

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जिसके पास बुद्धि है उसके पास बल है पर हिंदी कहानी लेखन बुद्धि कैसे हमें अपने जीवन में सफल होने और दुनिया में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद कर सकती है

जिसके पास बुद्धि है उसके पास बल है पर हिंदी कहानी लेखन

 
जिसके पास बुद्धि है उसके पास बल है पर हिंदी कहानी लेखन जिसके पास बुद्धि है, उसी के पास बल है, यह एक प्राचीन भारतीय नीतिवचन है। इस नीतिवचन का अर्थ है कि बुद्धि ही वास्तविक शक्ति है। शारीरिक शक्ति, धन, या अन्य भौतिक संसाधनों से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।

बुद्धि हमें अपने आसपास की दुनिया को समझने और उसमें अनुकूल होने की क्षमता देती है। यह हमें समस्याओं को हल करने, निर्णय लेने, और दूसरों के साथ प्रभावी ढंग से बातचीत करने में मदद करती है।

बुद्धि हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और अपने जीवन में सफल होने के लिए आवश्यक है। यह हमें चुनौतियों का सामना करने और कठिनाइयों को दूर करने की शक्ति देती है।

बुद्धि का विकास 

बुद्धि के कई अलग-अलग पहलू हैं। इसमें तार्किक सोच, विश्लेषणात्मक क्षमता, समस्या-समाधान कौशल, रचनात्मकता, और निर्णय लेने की क्षमता शामिल है। बुद्धिमान लोग इन सभी क्षेत्रों में अच्छे होते हैं।

बुद्धि का विकास किया जा सकता है। हम अपने बुद्धि को बढ़ाने के लिए पढ़ाई, सीखना, और चुनौतियों का सामना करके काम कर सकते हैं।जिसके पास बुद्धि है, उसी के पास बल है अर्थात् जिसके पास बुद्धि है वह बड़े से बड़े शक्तिशाली को भी पराजित कर सकता है।इसी विषय पर एक नीतिपूर्ण कहानी निम्नलिखित है - 
 

हिंदी कहानी लेखन बुद्धि पर 

जिसके पास बुद्धि है उसके पास बल है पर हिंदी कहानी लेखन
एक जंगल में भासुरक नामक शेर रहता था। वह रोज़ अनेक पशुओं का शिकार करता था जिससे जंगल में जानवरों की संख्या कम होती जा रही थी। एक दिन सभी जानवरों ने मिलकर शेर से प्रार्थना की कि हे राजन्, “आप रोज़ अनेक पशुओं को मारते हो, उन्हें मत मारो क्योंकि हम चाहते हैं कि बारी-बारी से रोज़ एक पशु आपके पास स्वयं आ जाया करेगा। उसे खाकर आप अपनी भूख मिटा लिया करना।" शेर इस बात पर राजी हो गया।
 
तब से रोज़ एक पशु शेर के पास आता और शेर उसे खा जाता। एक दिन खरगोश की बारी थी। वह कुछ सोचता हुआ जा रहा था कि तभी उसे एक कुआँ दिखाई दिया। उसने कुछ सोचा और थोड़ी देर से शेर के पास पहुँचा। खरगोश को देर से आया देखकर शेर ने क्रोधित होकर उससे देरी का कारण पूछा। खरगोश बोला, "हे जंगल के राजा, नाराज़ मत होइए। मुझे वन एक दूसरा शेर मिला। वह कहता है कि जंगल का राजा मैं हूँ भासुरक नहीं इसीलिए मुझे देर हो गई।" 

बुद्धि ही बल है

भासुरक क्रोध से भर गया और बोला, “मुझे उसके पास ले चलो।" तब खरगोश उसे एक कुएँ पर ले गया और बोला, "इसी में वह दूसरा शेर रहता है।" भासुरक ने कुएँ में अपनी परछाईं को देखकर उसे दूसरा शेर समझा और उसे मारने के लिए कुएँ में कूद पड़ा और मर गया। इस प्रकार खरगोश ने अपनी बुद्धि के बल पर एक शक्तिशाली शेर को मारकर अपनी तथा अन्य जानवरों की जान बचाई।
 
तभी तो किसी ने कहा है-"जिसके पास बुद्धि है उसी के पास बल है।" 

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